رِّزْقًا لِّلْعِبَادِۙ وَاَحْيَيْنَا بِهٖ بَلْدَةً مَّيْتًاۗ كَذٰلِكَ الْخُرُوْجُ ١١
- riz'qan
- رِّزْقًا
- रिज़्क़ है
- lil'ʿibādi
- لِّلْعِبَادِۖ
- बन्दों के लिए
- wa-aḥyaynā
- وَأَحْيَيْنَا
- और ज़िन्दा किया हमने
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- baldatan
- بَلْدَةً
- शहर
- maytan
- مَّيْتًاۚ
- मुर्दा को
- kadhālika
- كَذَٰلِكَ
- इसी तरह होगा
- l-khurūju
- ٱلْخُرُوجُ
- निकलना
बन्दों की रोजी के लिए। और हमने उस (पानी) के द्वारा निर्जीव धरती को जीवन प्रदान किया। इसी प्रकार निकलना भी हैं ([५०] काफ: 11)Tafseer (तफ़सीर )
كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوْحٍ وَّاَصْحٰبُ الرَّسِّ وَثَمُوْدُ ١٢
- kadhabat
- كَذَّبَتْ
- झुठलाया
- qablahum
- قَبْلَهُمْ
- उनसे क़ब्ल
- qawmu
- قَوْمُ
- क़ौमे
- nūḥin
- نُوحٍ
- नूह
- wa-aṣḥābu
- وَأَصْحَٰبُ
- और असहाबे-रस
- l-rasi
- ٱلرَّسِّ
- और असहाबे-रस
- wathamūdu
- وَثَمُودُ
- और समूद ने
उनसे पहले नूह की क़ौम, 'अर्-रस' वाले, समूद, ([५०] काफ: 12)Tafseer (तफ़सीर )
وَعَادٌ وَّفِرْعَوْنُ وَاِخْوَانُ لُوْطٍۙ ١٣
- waʿādun
- وَعَادٌ
- और आद
- wafir'ʿawnu
- وَفِرْعَوْنُ
- और फ़िरऔन
- wa-ikh'wānu
- وَإِخْوَٰنُ
- और लूत के भाइयों ने
- lūṭin
- لُوطٍ
- और लूत के भाइयों ने
आद, फ़िरऔन , लूत के भाई, ([५०] काफ: 13)Tafseer (तफ़सीर )
وَّاَصْحٰبُ الْاَيْكَةِ وَقَوْمُ تُبَّعٍۗ كُلٌّ كَذَّبَ الرُّسُلَ فَحَقَّ وَعِيْدِ ١٤
- wa-aṣḥābu
- وَأَصْحَٰبُ
- और असहाबे ऐका(जंगल वालों)
- l-aykati
- ٱلْأَيْكَةِ
- और असहाबे ऐका(जंगल वालों)
- waqawmu
- وَقَوْمُ
- और क़ौमे तुब्बअ ने
- tubbaʿin
- تُبَّعٍۚ
- और क़ौमे तुब्बअ ने
- kullun
- كُلٌّ
- सब ने
- kadhaba
- كَذَّبَ
- झुठलाया
- l-rusula
- ٱلرُّسُلَ
- रसूलों को
- faḥaqqa
- فَحَقَّ
- तो साबित हो गई
- waʿīdi
- وَعِيدِ
- वईद मेरी
'अल-ऐका' वाले और तुब्बा के लोग भी झुठला चुके है। प्रत्येक ने रसूलों को झुठलाया। अन्ततः मेरी धमकी सत्यापित होकर रही ([५०] काफ: 14)Tafseer (तफ़सीर )
اَفَعَيِيْنَا بِالْخَلْقِ الْاَوَّلِۗ بَلْ هُمْ فِيْ لَبْسٍ مِّنْ خَلْقٍ جَدِيْدٍ ࣖ ١٥
- afaʿayīnā
- أَفَعَيِينَا
- क्या भला थक गए हम
- bil-khalqi
- بِٱلْخَلْقِ
- पहली तख़लीक़ से
- l-awali
- ٱلْأَوَّلِۚ
- पहली तख़लीक़ से
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- hum
- هُمْ
- वो
- fī
- فِى
- शक में हैं
- labsin
- لَبْسٍ
- शक में हैं
- min
- مِّنْ
- नई पैदाइश से
- khalqin
- خَلْقٍ
- नई पैदाइश से
- jadīdin
- جَدِيدٍ
- नई पैदाइश से
क्या हम पहली बार पैदा करने से असमर्थ रहे? नहीं, बल्कि वे एक नई सृष्टि के विषय में सन्देह में पड़े है ([५०] काफ: 15)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ وَنَعْلَمُ مَا تُوَسْوِسُ بِهٖ نَفْسُهٗ ۖوَنَحْنُ اَقْرَبُ اِلَيْهِ مِنْ حَبْلِ الْوَرِيْدِ ١٦
- walaqad
- وَلَقَدْ
- और अलबत्ता तहक़ीक़
- khalaqnā
- خَلَقْنَا
- पैदा किया हमने
- l-insāna
- ٱلْإِنسَٰنَ
- इन्सान को
- wanaʿlamu
- وَنَعْلَمُ
- और हम जानते हैं
- mā
- مَا
- जो
- tuwaswisu
- تُوَسْوِسُ
- वस्वसा डालता है
- bihi
- بِهِۦ
- उसे
- nafsuhu
- نَفْسُهُۥۖ
- नफ़्स उसका
- wanaḥnu
- وَنَحْنُ
- और हम
- aqrabu
- أَقْرَبُ
- ज़्यादा क़रीब हैं
- ilayhi
- إِلَيْهِ
- उसके
- min
- مِنْ
- शह रग से
- ḥabli
- حَبْلِ
- शह रग से
- l-warīdi
- ٱلْوَرِيدِ
- शह रग से
हमने मनुष्य को पैदा किया है और हम जानते है जो बातें उसके जी में आती है। और हम उससे उसकी गरदन की रग से भी अधिक निकट है ([५०] काफ: 16)Tafseer (तफ़सीर )
اِذْ يَتَلَقَّى الْمُتَلَقِّيٰنِ عَنِ الْيَمِيْنِ وَعَنِ الشِّمَالِ قَعِيْدٌ ١٧
- idh
- إِذْ
- जब
- yatalaqqā
- يَتَلَقَّى
- ले लेते हैं
- l-mutalaqiyāni
- ٱلْمُتَلَقِّيَانِ
- दो लेने वाले
- ʿani
- عَنِ
- दाईं तरफ़ से
- l-yamīni
- ٱلْيَمِينِ
- दाईं तरफ़ से
- waʿani
- وَعَنِ
- और बाईं तरफ़ से
- l-shimāli
- ٱلشِّمَالِ
- और बाईं तरफ़ से
- qaʿīdun
- قَعِيدٌ
- बैठे हुए
जब दो प्राप्त करनेवाले (फ़रिशते) प्राप्त कर रहे होते है, दाएँ से और बाएँ से वे लगे बैठे होते है ([५०] काफ: 17)Tafseer (तफ़सीर )
مَا يَلْفِظُ مِنْ قَوْلٍ اِلَّا لَدَيْهِ رَقِيْبٌ عَتِيْدٌ ١٨
- mā
- مَّا
- नहीं
- yalfiẓu
- يَلْفِظُ
- वो बोलता
- min
- مِن
- कोई बात
- qawlin
- قَوْلٍ
- कोई बात
- illā
- إِلَّا
- मगर
- ladayhi
- لَدَيْهِ
- उसके पास है
- raqībun
- رَقِيبٌ
- एक मुहाफ़िज़/निगरान
- ʿatīdun
- عَتِيدٌ
- तैयार
कोई बात उसने कही नहीं कि उसके पास एक निरीक्षक तैयार रहता है ([५०] काफ: 18)Tafseer (तफ़सीर )
وَجَاۤءَتْ سَكْرَةُ الْمَوْتِ بِالْحَقِّ ۗذٰلِكَ مَا كُنْتَ مِنْهُ تَحِيْدُ ١٩
- wajāat
- وَجَآءَتْ
- और आ गई
- sakratu
- سَكْرَةُ
- बेहोशी
- l-mawti
- ٱلْمَوْتِ
- मौत की
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۖ
- साथ हक़ के
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- यही है
- mā
- مَا
- वो जो
- kunta
- كُنتَ
- था तू
- min'hu
- مِنْهُ
- उस से
- taḥīdu
- تَحِيدُ
- तू भागता
और मौत की बेहोशी ले आई अविश्व नीय चीज़! यही वह चीज़ है जिससे तू कतराता था ([५०] काफ: 19)Tafseer (तफ़सीर )
وَنُفِخَ فِى الصُّوْرِۗ ذٰلِكَ يَوْمُ الْوَعِيْدِ ٢٠
- wanufikha
- وَنُفِخَ
- और फूँका जाएगा
- fī
- فِى
- सूर में
- l-ṣūri
- ٱلصُّورِۚ
- सूर में
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- yawmu
- يَوْمُ
- दिन है
- l-waʿīdi
- ٱلْوَعِيدِ
- वादे का
और नरसिंघा फूँक दिया गया। यही है वह दिन जिसकी धमकी दी गई थी ([५०] काफ: 20)Tafseer (तफ़सीर )