Skip to content

सूरा अल-माइदा - Page: 2

Al-Ma'idah

(मेज़)

११

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اذْكُرُوْا نِعْمَتَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ هَمَّ قَوْمٌ اَنْ يَّبْسُطُوْٓا اِلَيْكُمْ اَيْدِيَهُمْ فَكَفَّ اَيْدِيَهُمْ عَنْكُمْۚ وَاتَّقُوا اللّٰهَ ۗوَعَلَى اللّٰهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُوْنَ ࣖ ١١

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
udh'kurū
ٱذْكُرُوا۟
याद करो
niʿ'mata
نِعْمَتَ
नेअमत को
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
जो तुम पर है
idh
إِذْ
जब
hamma
هَمَّ
इरादा किया
qawmun
قَوْمٌ
एक क़ौम ने
an
أَن
कि
yabsuṭū
يَبْسُطُوٓا۟
वो बढ़ाऐं
ilaykum
إِلَيْكُمْ
तरफ़ तुम्हारे
aydiyahum
أَيْدِيَهُمْ
हाथ अपने
fakaffa
فَكَفَّ
तो उसने रोक दिए
aydiyahum
أَيْدِيَهُمْ
हाथ उनके
ʿankum
عَنكُمْۖ
तुमसे
wa-ittaqū
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
l-laha
ٱللَّهَۚ
अल्लाह से
waʿalā
وَعَلَى
और अल्लाह ही पर
l-lahi
ٱللَّهِ
और अल्लाह ही पर
falyatawakkali
فَلْيَتَوَكَّلِ
पस चाहिए कि तवक्कल करें
l-mu'minūna
ٱلْمُؤْمِنُونَ
ईमान वाले
ऐ ईमान लेनेवालो! अल्लाह के उस अनुग्रह को याद करो जो उसने तुमपर किया है, जबकि कुछ लोगों ने तुम्हारी ओर हाथ बढ़ाने का निश्चय कर लिया था तो उसने उनके हाथ तुमसे रोक दिए। अल्लाह का डर रखो, और ईमानवालों को अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिए ([५] अल-माइदा: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

۞ وَلَقَدْ اَخَذَ اللّٰهُ مِيْثَاقَ بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَۚ وَبَعَثْنَا مِنْهُمُ اثْنَيْ عَشَرَ نَقِيْبًاۗ وَقَالَ اللّٰهُ اِنِّيْ مَعَكُمْ ۗ لَىِٕنْ اَقَمْتُمُ الصَّلٰوةَ وَاٰتَيْتُمُ الزَّكٰوةَ وَاٰمَنْتُمْ بِرُسُلِيْ وَعَزَّرْتُمُوْهُمْ وَاَقْرَضْتُمُ اللّٰهَ قَرْضًا حَسَنًا لَّاُكَفِّرَنَّ عَنْكُمْ سَيِّاٰتِكُمْ وَلَاُدْخِلَنَّكُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُۚ فَمَنْ كَفَرَ بَعْدَ ذٰلِكَ مِنْكُمْ فَقَدْ ضَلَّ سَوَاۤءَ السَّبِيْلِ ١٢

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
akhadha
أَخَذَ
लिया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
mīthāqa
مِيثَٰقَ
पुख़्ता अहद
banī
بَنِىٓ
बनी इस्राईल से
is'rāīla
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल से
wabaʿathnā
وَبَعَثْنَا
और मुक़र्रर किए हमने
min'humu
مِنْهُمُ
उनमें से
ith'nay
ٱثْنَىْ
बारह
ʿashara
عَشَرَ
बारह
naqīban
نَقِيبًاۖ
निगरान
waqāla
وَقَالَ
और कहा
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
innī
إِنِّى
बेशक मैं
maʿakum
مَعَكُمْۖ
साथ हूँ तुम्हारे
la-in
لَئِنْ
अलबत्ता अगर
aqamtumu
أَقَمْتُمُ
क़ायम की तुमने
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
waātaytumu
وَءَاتَيْتُمُ
और दी तुमने
l-zakata
ٱلزَّكَوٰةَ
ज़कात
waāmantum
وَءَامَنتُم
और ईमान लाए तुम
birusulī
بِرُسُلِى
मेरे रसूलों पर
waʿazzartumūhum
وَعَزَّرْتُمُوهُمْ
और मदद की तुमने उनकी
wa-aqraḍtumu
وَأَقْرَضْتُمُ
और क़र्ज़ दिया तुमने
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह को
qarḍan
قَرْضًا
क़र्ज़
ḥasanan
حَسَنًا
अच्छा
la-ukaffiranna
لَّأُكَفِّرَنَّ
अलबत्ता मैं ज़रूर दूर कर दूँगा
ʿankum
عَنكُمْ
तुम से
sayyiātikum
سَيِّـَٔاتِكُمْ
बुराईयाँ तुम्हारी
wala-ud'khilannakum
وَلَأُدْخِلَنَّكُمْ
और अलबत्ता मैं ज़रूर दाख़िल करुँगा
jannātin
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
tajrī
تَجْرِى
बहती हैं
min
مِن
उनके नीचे से
taḥtihā
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
l-anhāru
ٱلْأَنْهَٰرُۚ
नहरें
faman
فَمَن
तो जिसने
kafara
كَفَرَ
कुफ़्र किया
baʿda
بَعْدَ
बाद
dhālika
ذَٰلِكَ
इसके
minkum
مِنكُمْ
तुम में से
faqad
فَقَدْ
तो तहक़ीक़
ḍalla
ضَلَّ
वो भटक गया
sawāa
سَوَآءَ
सीधे
l-sabīli
ٱلسَّبِيلِ
रास्ते से
अल्लाह ने इसराईल की सन्तान से वचन लिया था और हमने उनमें से बारह सरदार नियुक्त किए थे। और अल्लाह ने कहा, 'मैं तुम्हारे साथ हूँ, यदि तुमने नमाज़ क़ायम रखी, ज़कात देते रहे, मेरे रसूलों पर ईमान लाए और उनकी सहायता की और अल्लाह को अच्छा ऋण दिया तो मैं अवश्य तुम्हारी बुराइयाँ तुमसे दूर कर दूँगा और तुम्हें निश्चय ही ऐसे बाग़ों में दाख़िल करूँगा, जिनके नीचे नहरें बह रही होगी। फिर इसके पश्चात तुमनें से जिनसे इनकार किया, तो वास्तव में वह ठीक और सही रास्ते से भटक गया।' ([५] अल-माइदा: 12)
Tafseer (तफ़सीर )
१३

فَبِمَا نَقْضِهِمْ مِّيْثَاقَهُمْ لَعَنّٰهُمْ وَجَعَلْنَا قُلُوْبَهُمْ قٰسِيَةً ۚ يُحَرِّفُوْنَ الْكَلِمَ عَنْ مَّوَاضِعِهٖۙ وَنَسُوْا حَظًّا مِّمَّا ذُكِّرُوْا بِهٖۚ وَلَا تَزَالُ تَطَّلِعُ عَلٰى خَاۤىِٕنَةٍ مِّنْهُمْ اِلَّا قَلِيْلًا مِّنْهُمْ ۖ فَاعْفُ عَنْهُمْ وَاصْفَحْ ۗاِنَّ اللّٰهَ يُحِبُّ الْمُحْسِنِيْنَ ١٣

fabimā
فَبِمَا
तो बवजह
naqḍihim
نَقْضِهِم
उनके तोड़ने के
mīthāqahum
مِّيثَٰقَهُمْ
अपने पुख़्ता अहद को
laʿannāhum
لَعَنَّٰهُمْ
लानत की हमने उन पर
wajaʿalnā
وَجَعَلْنَا
और कर दिया हमने
qulūbahum
قُلُوبَهُمْ
उनके दिलों को
qāsiyatan
قَٰسِيَةًۖ
सख़्त
yuḥarrifūna
يُحَرِّفُونَ
वो तब्दील कर देते हैं
l-kalima
ٱلْكَلِمَ
अलफ़ाज़ को
ʿan
عَن
उनकी जगहों से
mawāḍiʿihi
مَّوَاضِعِهِۦۙ
उनकी जगहों से
wanasū
وَنَسُوا۟
और वो भूल गए हैं
ḥaẓẓan
حَظًّا
बड़ा हिस्सा
mimmā
مِّمَّا
उसमें से जो
dhukkirū
ذُكِّرُوا۟
वो नसीहत किए गए थे
bihi
بِهِۦۚ
जिसकी
walā
وَلَا
और हमेशा
tazālu
تَزَالُ
और हमेशा
taṭṭaliʿu
تَطَّلِعُ
आप इत्तिला पाते रहते हैं
ʿalā
عَلَىٰ
किसी ना किसी ख़यानत पर
khāinatin
خَآئِنَةٍ
किसी ना किसी ख़यानत पर
min'hum
مِّنْهُمْ
उनकी तरफ़ से
illā
إِلَّا
मगर
qalīlan
قَلِيلًا
बहुत थोड़े
min'hum
مِّنْهُمْۖ
उनमें से
fa-uʿ'fu
فَٱعْفُ
पस माफ़ कर दीजिए
ʿanhum
عَنْهُمْ
उन्हें
wa-iṣ'faḥ
وَٱصْفَحْۚ
और दरगुज़र कीजिए
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
yuḥibbu
يُحِبُّ
वो मोहब्बत करता है
l-muḥ'sinīna
ٱلْمُحْسِنِينَ
एहसान करने वालों से
फिर उनके बार-बार अपने वचन को भंग कर देने के कारण हमने उनपर लानत की और उनके हृदय कठोर कर दिए। वे शब्दों को उनके स्थान से फेरकर कुछ का कुछ कर देते है और जिनके द्वारा उन्हें याद दिलाया गया था, उसका एक बड़ा भाग वे भुला बैठे। और तुम्हें उनके किसी न किसी विश्वासघात का बराबर पता चलता रहेगा। उनमें ऐसा न करनेवाले थोड़े लोग है, तो तुम उन्हें क्षमा कर दो और उन्हें छोड़ो। निश्चय ही अल्लाह को वे लोग प्रिय है जो उत्तमकर्मी है ([५] अल-माइदा: 13)
Tafseer (तफ़सीर )
१४

وَمِنَ الَّذِيْنَ قَالُوْٓا اِنَّا نَصٰرٰٓى اَخَذْنَا مِيْثَاقَهُمْ فَنَسُوْا حَظًّا مِّمَّا ذُكِّرُوْا بِهٖۖ فَاَغْرَيْنَا بَيْنَهُمُ الْعَدَاوَةَ وَالْبَغْضَاۤءَ اِلٰى يَوْمِ الْقِيٰمَةِ ۗ وَسَوْفَ يُنَبِّئُهُمُ اللّٰهُ بِمَا كَانُوْا يَصْنَعُوْنَ ١٤

wamina
وَمِنَ
और उनमें से जिन्होंने
alladhīna
ٱلَّذِينَ
और उनमें से जिन्होंने
qālū
قَالُوٓا۟
कहा
innā
إِنَّا
बेशक हम
naṣārā
نَصَٰرَىٰٓ
नस्रानी हैं
akhadhnā
أَخَذْنَا
लिया हमने
mīthāqahum
مِيثَٰقَهُمْ
पुख़्ता अहद उनका
fanasū
فَنَسُوا۟
तो वो भूल गए
ḥaẓẓan
حَظًّا
एक हिस्सा
mimmā
مِّمَّا
उसमें से जो
dhukkirū
ذُكِّرُوا۟
वो नसीहत किए गए थे
bihi
بِهِۦ
जिसकी
fa-aghraynā
فَأَغْرَيْنَا
तो डाल दिया हमने
baynahumu
بَيْنَهُمُ
दर्मियान उनके
l-ʿadāwata
ٱلْعَدَاوَةَ
अदावत
wal-baghḍāa
وَٱلْبَغْضَآءَ
और बुग़्ज़ को
ilā
إِلَىٰ
क़यामत के दिन तक
yawmi
يَوْمِ
क़यामत के दिन तक
l-qiyāmati
ٱلْقِيَٰمَةِۚ
क़यामत के दिन तक
wasawfa
وَسَوْفَ
और अनक़रीब
yunabbi-uhumu
يُنَبِّئُهُمُ
ख़बर देगा उन्हें
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
bimā
بِمَا
उसकी जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yaṣnaʿūna
يَصْنَعُونَ
वो करते/बनाते
और हमने उन लोगों से भी दृढ़ वचन लिया था, जिन्होंने कहा था कि हम नसारा (ईसाई) हैं, किन्तु जो कुछ उन्हें जिसके द्वारा याद कराया गया था उसका एक बड़ा भाग भुला बैठे। फिर हमने उनके बीच क़ियामत तक के लिए शत्रुता और द्वेष की आग भड़का दी, और अल्लाह जल्द उन्हें बता देगा, जो कुछ वे बनाते रहे थे ([५] अल-माइदा: 14)
Tafseer (तफ़सीर )
१५

يٰٓاَهْلَ الْكِتٰبِ قَدْ جَاۤءَكُمْ رَسُوْلُنَا يُبَيِّنُ لَكُمْ كَثِيْرًا مِّمَّا كُنْتُمْ تُخْفُوْنَ مِنَ الْكِتٰبِ وَيَعْفُوْا عَنْ كَثِيْرٍەۗ قَدْ جَاۤءَكُمْ مِّنَ اللّٰهِ نُوْرٌ وَّكِتٰبٌ مُّبِيْنٌۙ ١٥

yāahla
يَٰٓأَهْلَ
ऐ अहले किताब
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
ऐ अहले किताब
qad
قَدْ
तहक़ीक़
jāakum
جَآءَكُمْ
आ गया तुम्हारे पास
rasūlunā
رَسُولُنَا
रसूल हमारा
yubayyinu
يُبَيِّنُ
जो वाज़ेह करता है
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
kathīran
كَثِيرًا
बकसरत
mimmā
مِّمَّا
उसमें से जो
kuntum
كُنتُمْ
थे तुम
tukh'fūna
تُخْفُونَ
तुम छुपाते
mina
مِنَ
किताब में से
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब में से
wayaʿfū
وَيَعْفُوا۟
और वो दरगुज़र करता है
ʿan
عَن
बहुत सी (बातों) से
kathīrin
كَثِيرٍۚ
बहुत सी (बातों) से
qad
قَدْ
तहक़ीक़
jāakum
جَآءَكُم
आ गया तुम्हारे पास
mina
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
nūrun
نُورٌ
एक नूर
wakitābun
وَكِتَٰبٌ
और किताब
mubīnun
مُّبِينٌ
वाज़ेह
ऐ किताबवालों! हमारा रसूल तुम्हारे पास आ गया है। किताब की जो बातें तुम छिपाते थे, उसमें से बहुत-सी बातें वह तुम्हारे सामने खोल रहा है और बहुत-सी बातों को छोड़ देता है। तुम्हारे पास अल्लाह की ओर से प्रकाश और एक स्पष्ट किताब आ गई है, ([५] अल-माइदा: 15)
Tafseer (तफ़सीर )
१६

يَّهْدِيْ بِهِ اللّٰهُ مَنِ اتَّبَعَ رِضْوَانَهٗ سُبُلَ السَّلٰمِ وَيُخْرِجُهُمْ مِّنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِ بِاِذْنِهٖ وَيَهْدِيْهِمْ اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ١٦

yahdī
يَهْدِى
हिदायत देता है
bihi
بِهِ
साथ उसके
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
mani
مَنِ
उसको जो
ittabaʿa
ٱتَّبَعَ
पैरवी करे
riḍ'wānahu
رِضْوَٰنَهُۥ
उसकी रज़ामन्दी की
subula
سُبُلَ
रास्तों की (तरफ़)
l-salāmi
ٱلسَّلَٰمِ
सलामती के
wayukh'rijuhum
وَيُخْرِجُهُم
और वो निकालता है उन्हें
mina
مِّنَ
अंधेरों से
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِ
अंधेरों से
ilā
إِلَى
तरफ़ रोशनी के
l-nūri
ٱلنُّورِ
तरफ़ रोशनी के
bi-idh'nihi
بِإِذْنِهِۦ
अपने इज़्न से
wayahdīhim
وَيَهْدِيهِمْ
और वो हिदायत देता है उन्हें
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते
ṣirāṭin
صِرَٰطٍ
तरफ़ रास्ते
mus'taqīmin
مُّسْتَقِيمٍ
सीधे के
जिसके द्वारा अल्लाह उस व्यक्ति को जो उसकी प्रसन्नता का अनुगामी है, सलामती की राहें दिखा रहा है और अपनी अनुज्ञा से ऐसे लोगों को अँधेरों से निकालकर उजाले की ओर ला रहा है और उन्हें सीधे मार्ग पर चला रहा है ([५] अल-माइदा: 16)
Tafseer (तफ़सीर )
१७

لَقَدْ كَفَرَ الَّذِيْنَ قَالُوْٓا اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الْمَسِيْحُ ابْنُ مَرْيَمَۗ قُلْ فَمَنْ يَّمْلِكُ مِنَ اللّٰهِ شَيْـًٔا اِنْ اَرَادَ اَنْ يُّهْلِكَ الْمَسِيْحَ ابْنَ مَرْيَمَ وَاُمَّهٗ وَمَنْ فِى الْاَرْضِ جَمِيْعًا ۗوَلِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا ۗ يَخْلُقُ مَا يَشَاۤءُ ۗوَاللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ١٧

laqad
لَّقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
kafara
كَفَرَ
कुफ़्र किया
alladhīna
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
qālū
قَالُوٓا۟
कहा
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
huwa
هُوَ
वो ही
l-masīḥu
ٱلْمَسِيحُ
मसीह इब्ने मरियम है
ub'nu
ٱبْنُ
मसीह इब्ने मरियम है
maryama
مَرْيَمَۚ
मसीह इब्ने मरियम है
qul
قُلْ
कह दीजिए
faman
فَمَن
तो कौन
yamliku
يَمْلِكُ
मालिक होगा
mina
مِنَ
अल्लाह से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह से
shayan
شَيْـًٔا
किसी चीज़ का
in
إِنْ
अगर
arāda
أَرَادَ
उसने इरादा किया
an
أَن
कि
yuh'lika
يُهْلِكَ
वो हलाक कर दे
l-masīḥa
ٱلْمَسِيحَ
मसीह इब्ने मरियम को
ib'na
ٱبْنَ
मसीह इब्ने मरियम को
maryama
مَرْيَمَ
मसीह इब्ने मरियम को
wa-ummahu
وَأُمَّهُۥ
और उसकी माँ को
waman
وَمَن
और जो भी
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
jamīʿan
جَمِيعًاۗ
सबके-सबको
walillahi
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
mul'ku
مُلْكُ
बादशाहत
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन की
wamā
وَمَا
और जो कुछ
baynahumā
بَيْنَهُمَاۚ
दर्मियान है उन दोनों के
yakhluqu
يَخْلُقُ
वो पैदा करता है
مَا
जो
yashāu
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
kulli
كُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ के
qadīrun
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ादिर है
निश्चय ही उन लोगों ने इनकार किया, जिन्होंने कहा, 'अल्लाह तो वही मरयम का बेटा मसीह है।' कहो, 'अल्लाह के आगे किसका कुछ बस चल सकता है, यदि वह मरयम का पुत्र मसीह को और उसकी माँ (मरयम) को और समस्त धरतीवालो को विनष्ट करना चाहे? और अल्लाह ही के लिए है बादशाही आकाशों और धरती की ओर जो कुछ उनके मध्य है उसकी भी। वह जो चाहता है पैदा करता है। और अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है।' ([५] अल-माइदा: 17)
Tafseer (तफ़सीर )
१८

وَقَالَتِ الْيَهُوْدُ وَالنَّصٰرٰى نَحْنُ اَبْنٰۤؤُ اللّٰهِ وَاَحِبَّاۤؤُهٗ ۗ قُلْ فَلِمَ يُعَذِّبُكُمْ بِذُنُوْبِكُمْ ۗ بَلْ اَنْتُمْ بَشَرٌ مِّمَّنْ خَلَقَۗ يَغْفِرُ لِمَنْ يَّشَاۤءُ وَيُعَذِّبُ مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَلِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا ۖوَاِلَيْهِ الْمَصِيْرُ ١٨

waqālati
وَقَالَتِ
और कहा
l-yahūdu
ٱلْيَهُودُ
यहूद
wal-naṣārā
وَٱلنَّصَٰرَىٰ
और नसारा ने
naḥnu
نَحْنُ
हम
abnāu
أَبْنَٰٓؤُا۟
बेटे हैं
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
wa-aḥibbāuhu
وَأَحِبَّٰٓؤُهُۥۚ
और उसके प्यारे हैं
qul
قُلْ
कह दीजिए
falima
فَلِمَ
फिर क्यों
yuʿadhibukum
يُعَذِّبُكُم
वो अज़ाब देता है तुम्हें
bidhunūbikum
بِذُنُوبِكُمۖ
बवजह तुम्हारे गुनाहों के
bal
بَلْ
बल्कि
antum
أَنتُم
तुम
basharun
بَشَرٌ
एक इन्सान हो
mimman
مِّمَّنْ
उनमें से जिन्हें
khalaqa
خَلَقَۚ
उसने पैदा किया
yaghfiru
يَغْفِرُ
वो बख़्श देगा
liman
لِمَن
जिसे
yashāu
يَشَآءُ
वो चाहेगा
wayuʿadhibu
وَيُعَذِّبُ
और वो अज़ाब देगा
man
مَن
जिसे
yashāu
يَشَآءُۚ
वो चाहेगा
walillahi
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
mul'ku
مُلْكُ
बादशाहत
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों की
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन की
wamā
وَمَا
और जो
baynahumā
بَيْنَهُمَاۖ
दर्मियान है उन दोनों के
wa-ilayhi
وَإِلَيْهِ
तरफ़ उसी के
l-maṣīru
ٱلْمَصِيرُ
लौटना है
यहूदी और ईसाई कहते है, 'हम तो अल्लाह के बेटे और उसके चहेते है।' कहो, 'फिर वह तुम्हें तुम्हारे गुनाहों पर दंड क्यों देता है? बात यह नहीं है, बल्कि तुम भी उसके पैदा किए हुए प्राणियों में से एक मनुष्य हो। वह जिसे चाहे क्षमा करे और जिसे चाहे दंड दे।' और अल्लाह ही के लिए है बादशाही आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है वह भी, और जाना भी उसी की ओर है ([५] अल-माइदा: 18)
Tafseer (तफ़सीर )
१९

يٰٓاَهْلَ الْكِتٰبِ قَدْ جَاۤءَكُمْ رَسُوْلُنَا يُبَيِّنُ لَكُمْ عَلٰى فَتْرَةٍ مِّنَ الرُّسُلِ اَنْ تَقُوْلُوْا مَا جَاۤءَنَا مِنْۢ بَشِيْرٍ وَّلَا نَذِيْرٍۗ فَقَدْ جَاۤءَكُمْ بَشِيْرٌ وَّنَذِيْرٌ ۗوَاللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ࣖ ١٩

yāahla
يَٰٓأَهْلَ
ऐ अहले किताब
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
ऐ अहले किताब
qad
قَدْ
तहक़ीक़
jāakum
جَآءَكُمْ
आ गया तुम्हारे पास
rasūlunā
رَسُولُنَا
रसूल हमारा
yubayyinu
يُبَيِّنُ
वो वाज़ेह करता है
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
ʿalā
عَلَىٰ
वक़्फ़े पर
fatratin
فَتْرَةٍ
वक़्फ़े पर
mina
مِّنَ
रसूलों के
l-rusuli
ٱلرُّسُلِ
रसूलों के
an
أَن
कि
taqūlū
تَقُولُوا۟
तुम कहो (ना)
مَا
नहीं
jāanā
جَآءَنَا
आया हमारे पास
min
مِنۢ
कोई ख़ुशखबरी देने वाला
bashīrin
بَشِيرٍ
कोई ख़ुशखबरी देने वाला
walā
وَلَا
और ना
nadhīrin
نَذِيرٍۖ
कोई डराने वाला
faqad
فَقَدْ
पस तहक़ीक़
jāakum
جَآءَكُم
आ गया तुम्हारे पास
bashīrun
بَشِيرٌ
ख़ुशख़बरी देने वाला
wanadhīrun
وَنَذِيرٌۗ
और डराने वाला
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
kulli
كُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ के
qadīrun
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ुदरत रखने वाला है
ऐ किताबवालो! हमारा रसूल ऐसे समय तुम्हारे पास आया है और तुम्हारे लिए (हमारा आदेश) खोल-खोलकर बयान करता है, जबकि रसूलों के आने का सिलसिला एक मुद्दत से बन्द था, ताकि तुम यह न कह सको कि 'हमारे पास कोई शुभ-समाचार देनेवाला और सचेत करनेवाला नहीं आया।' तो देखो! अब तुम्हारे पास शुभ-समाचार देनेवाला और सचेत करनेवाला आ गया है। अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है ([५] अल-माइदा: 19)
Tafseer (तफ़सीर )
२०

وَاِذْ قَالَ مُوْسٰى لِقَوْمِهٖ يٰقَوْمِ اذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ جَعَلَ فِيْكُمْ اَنْۢبِيَاۤءَ وَجَعَلَكُمْ مُّلُوْكًاۙ وَّاٰتٰىكُمْ مَّا لَمْ يُؤْتِ اَحَدًا مِّنَ الْعٰلَمِيْنَ ٢٠

wa-idh
وَإِذْ
और जब
qāla
قَالَ
कहा
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा ने
liqawmihi
لِقَوْمِهِۦ
अपनी क़ौम से
yāqawmi
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
udh'kurū
ٱذْكُرُوا۟
याद करो
niʿ'mata
نِعْمَةَ
नेअमत
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
जो तुम पर (हुई)
idh
إِذْ
जब
jaʿala
جَعَلَ
उसने बनाए
fīkum
فِيكُمْ
तुम में
anbiyāa
أَنۢبِيَآءَ
अम्बिया
wajaʿalakum
وَجَعَلَكُم
और उसने बनाया तुम्हें
mulūkan
مُّلُوكًا
बादशाह
waātākum
وَءَاتَىٰكُم
और उसने दिया तुम्हें
مَّا
वो जो
lam
لَمْ
नहीं
yu'ti
يُؤْتِ
उसने दिया
aḥadan
أَحَدًا
किसी एक को
mina
مِّنَ
तमाम जहान वालों में से
l-ʿālamīna
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों में से
और याद करो जब मूसा ने अपनी क़ौम के लोगों से कहा था, 'ऐ लोगों! अल्लाह की उस नेमत को याद करो जो उसने तुम्हें प्रदान की है। उसनें तुममें नबी पैदा किए और तुम्हें शासक बनाया और तुमको वह कुछ दिया जो संसार में किसी को नहीं दिया था ([५] अल-माइदा: 20)
Tafseer (तफ़सीर )