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सूरा अद-दुखान - Page: 6

Ad-Dukhan

(धुँआ)

५१

اِنَّ الْمُتَّقِيْنَ فِيْ مَقَامٍ اَمِيْنٍۙ ٥١

inna
إِنَّ
बेशक
l-mutaqīna
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोग
فِى
जगह पर होंगे
maqāmin
مَقَامٍ
जगह पर होंगे
amīnin
أَمِينٍ
अमन वाली
निस्संदेह डर रखनेवाले निश्चिन्तता की जगह होंगे, ([४४] अद-दुखान: 51)
Tafseer (तफ़सीर )
५२

فِيْ جَنّٰتٍ وَّعُيُوْنٍ ۙ ٥٢

فِى
बाग़ों में
jannātin
جَنَّٰتٍ
बाग़ों में
waʿuyūnin
وَعُيُونٍ
और चश्मों में
बाग़ों और स्रोतों में ([४४] अद-दुखान: 52)
Tafseer (तफ़सीर )
५३

يَّلْبَسُوْنَ مِنْ سُنْدُسٍ وَّاِسْتَبْرَقٍ مُّتَقٰبِلِيْنَۚ ٥٣

yalbasūna
يَلْبَسُونَ
वो पहनेंगे
min
مِن
बारीक रेशम से
sundusin
سُندُسٍ
बारीक रेशम से
wa-is'tabraqin
وَإِسْتَبْرَقٍ
और मोटे रेशम से
mutaqābilīna
مُّتَقَٰبِلِينَ
आमने-सामने बैठने वाले
बारीक और गाढ़े रेशम के वस्त्र पहने हुए, एक-दूसरे के आमने-सामने उपस्थित होंगे ([४४] अद-दुखान: 53)
Tafseer (तफ़सीर )
५४

كَذٰلِكَۗ وَزَوَّجْنٰهُمْ بِحُوْرٍ عِيْنٍۗ ٥٤

kadhālika
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
wazawwajnāhum
وَزَوَّجْنَٰهُم
और ब्याह देंगे हम उन्हें
biḥūrin
بِحُورٍ
गोरी औरतों से
ʿīnin
عِينٍ
बड़ी आँखों वाली
ऐसा ही उनके साथ मामला होगा। और हम साफ़ गोरी, बड़ी नेत्रोवाली स्त्रियों से उनका विवाह कर देंगे ([४४] अद-दुखान: 54)
Tafseer (तफ़सीर )
५५

يَدْعُوْنَ فِيْهَا بِكُلِّ فَاكِهَةٍ اٰمِنِيْنَۙ ٥٥

yadʿūna
يَدْعُونَ
वो तलब करेंगे
fīhā
فِيهَا
उसमें
bikulli
بِكُلِّ
हर क़िस्म के
fākihatin
فَٰكِهَةٍ
फल
āminīna
ءَامِنِينَ
बेख़ौफ़ हो कर
वे वहाँ निश्चिन्तता के साथ हर प्रकार के स्वादिष्ट फल मँगवाते होंगे ([४४] अद-दुखान: 55)
Tafseer (तफ़सीर )
५६

لَا يَذُوْقُوْنَ فِيْهَا الْمَوْتَ اِلَّا الْمَوْتَةَ الْاُوْلٰىۚ وَوَقٰىهُمْ عَذَابَ الْجَحِيْمِۙ ٥٦

لَا
ना वो चखेंगे
yadhūqūna
يَذُوقُونَ
ना वो चखेंगे
fīhā
فِيهَا
उसमें
l-mawta
ٱلْمَوْتَ
मौत को
illā
إِلَّا
सिवाय
l-mawtata
ٱلْمَوْتَةَ
मौत
l-ūlā
ٱلْأُولَىٰۖ
पहली के
wawaqāhum
وَوَقَىٰهُمْ
और वो बचा लेगा उन्हें
ʿadhāba
عَذَابَ
अज़ाब से
l-jaḥīmi
ٱلْجَحِيمِ
जहन्नम के
वहाँ वे मृत्यु का मज़ा कभी न चखेगे। बस पहली मृत्यु जो हुई, सो हुई। और उसने उन्हें भड़कती हुई आग की यातना से बचा लिया ([४४] अद-दुखान: 56)
Tafseer (तफ़सीर )
५७

فَضْلًا مِّنْ رَّبِّكَۚ ذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُ ٥٧

faḍlan
فَضْلًا
फ़ज़ल है
min
مِّن
आपके रब की तरफ़ से
rabbika
رَّبِّكَۚ
आपके रब की तरफ़ से
dhālika
ذَٰلِكَ
यही
huwa
هُوَ
वो
l-fawzu
ٱلْفَوْزُ
कामयाबी है
l-ʿaẓīmu
ٱلْعَظِيمُ
बहुत बड़ी
यह सब तुम्हारे रब के विशेष उदार अनुग्रह के कारण होगा, वही बड़ी सफलता है ([४४] अद-दुखान: 57)
Tafseer (तफ़सीर )
५८

فَاِنَّمَا يَسَّرْنٰهُ بِلِسَانِكَ لَعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُوْنَ ٥٨

fa-innamā
فَإِنَّمَا
पस बेशक
yassarnāhu
يَسَّرْنَٰهُ
आसान कर दिया हमने उसे
bilisānika
بِلِسَانِكَ
आपकी ज़बान पर
laʿallahum
لَعَلَّهُمْ
शायद कि वो
yatadhakkarūna
يَتَذَكَّرُونَ
वो नसीहत पकड़ें
हमने तो इस (क़ुरआन) को बस तुम्हारी भाषा में सहज एवं सुगम बना दिया है ताकि वे याददिहानी प्राप्त (करें ([४४] अद-दुखान: 58)
Tafseer (तफ़सीर )
५९

فَارْتَقِبْ اِنَّهُمْ مُّرْتَقِبُوْنَ ࣖࣖ ٥٩

fa-ir'taqib
فَٱرْتَقِبْ
पस इन्तज़ार कीजिए
innahum
إِنَّهُم
बेशक वो (भी)
mur'taqibūna
مُّرْتَقِبُونَ
इन्तज़ार करने वाले हैं
अच्छा तुम भी प्रतीक्षा करो, वे भी प्रतीक्षा में हैं ([४४] अद-दुखान: 59)
Tafseer (तफ़सीर )