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सूरा अद-दुखान - शब्द द्वारा शब्द

Ad-Dukhan

(धुँआ)

bismillaahirrahmaanirrahiim

حٰمۤ ۚ ١

hha-meem
حمٓ
ح م
हा॰ मीम॰ ([४४] अद-दुखान: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

وَالْكِتٰبِ الْمُبِيْنِۙ ٢

wal-kitābi
وَٱلْكِتَٰبِ
क़सम है वाज़ेह किताब की
l-mubīni
ٱلْمُبِينِ
क़सम है वाज़ेह किताब की
गवाह है स्पष्ट किताब ([४४] अद-दुखान: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّآ اَنْزَلْنٰهُ فِيْ لَيْلَةٍ مُّبٰرَكَةٍ اِنَّا كُنَّا مُنْذِرِيْنَ ٣

innā
إِنَّآ
बेशक हम
anzalnāhu
أَنزَلْنَٰهُ
नाज़िल किया हमने उसे
فِى
एक रात में
laylatin
لَيْلَةٍ
एक रात में
mubārakatin
مُّبَٰرَكَةٍۚ
बरकत वाली
innā
إِنَّا
बेशक हम
kunnā
كُنَّا
हैं हम
mundhirīna
مُنذِرِينَ
डराने वाले
निस्संदेह हमने उसे एक बरकत भरी रात में अवतरित किया है। - निश्चय ही हम सावधान करनेवाले है।- ([४४] अद-दुखान: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

فِيْهَا يُفْرَقُ كُلُّ اَمْرٍ حَكِيْمٍۙ ٤

fīhā
فِيهَا
उसमें
yuf'raqu
يُفْرَقُ
फ़ैसला किया जाता है
kullu
كُلُّ
हर
amrin
أَمْرٍ
काम
ḥakīmin
حَكِيمٍ
मोहकम का
उस (रात) में तमाम तत्वदर्शिता युक्त मामलों का फ़ैसला किया जाता है, ([४४] अद-दुखान: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اَمْرًا مِّنْ عِنْدِنَاۗ اِنَّا كُنَّا مُرْسِلِيْنَۖ ٥

amran
أَمْرًا
एक हुक्म का
min
مِّنْ
हमारे पास से
ʿindinā
عِندِنَآۚ
हमारे पास से
innā
إِنَّا
बेशक हम
kunnā
كُنَّا
थे हम
mur'silīna
مُرْسِلِينَ
भेजने वाले
हमारे यहाँ से आदेश के रूप में। निस्संदेह रसूलों को भेजनेवाले हम ही है। - ([४४] अद-दुखान: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

رَحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَ ۗاِنَّهٗ هُوَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُۗ ٦

raḥmatan
رَحْمَةً
बतौर रहमत
min
مِّن
आपके रब की तरफ़ से
rabbika
رَّبِّكَۚ
आपके रब की तरफ़ से
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक
huwa
هُوَ
वो ही है
l-samīʿu
ٱلسَّمِيعُ
ख़ूब सुनने वाला
l-ʿalīmu
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब इल्म वाला
तुम्हारे रब की दयालुता के कारण। निस्संदेह वही सब कुछ सुननेवाला, जाननेवाला है ([४४] अद-दुखान: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَاۘ اِنْ كُنْتُمْ مُّوْقِنِيْنَ ٧

rabbi
رَبِّ
रब है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन का
wamā
وَمَا
और जो
baynahumā
بَيْنَهُمَآۖ
दर्मियान है उन दोनों के
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُم
हो तुम
mūqinīna
مُّوقِنِينَ
यक़ीन करने वाले
आकाशों और धरती का रब और जो कुछ उन दोनों के बीच है उसका भी, यदि तुम विश्वास रखनेवाले हो (तो विश्वास करो कि किताब का अवतरण अल्लाह की दयालुता है) ([४४] अद-दुखान: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ يُحْيٖ وَيُمِيْتُ ۗرَبُّكُمْ وَرَبُّ اٰبَاۤىِٕكُمُ الْاَوَّلِيْنَ ٨

لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَ
वो ही
yuḥ'yī
يُحْىِۦ
वो ज़िन्दा करता है
wayumītu
وَيُمِيتُۖ
और वो मौत देता है
rabbukum
رَبُّكُمْ
रब तुम्हारा
warabbu
وَرَبُّ
और रब
ābāikumu
ءَابَآئِكُمُ
तुम्हारे आबा ओ अजदाद का
l-awalīna
ٱلْأَوَّلِينَ
जो पहले थे
उसके अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं; वही जीवित करता और मारता है; तुम्हारा रब और तुम्हारे अगले बाप-दादों का रब है ([४४] अद-दुखान: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

بَلْ هُمْ فِيْ شَكٍّ يَّلْعَبُوْنَ ٩

bal
بَلْ
बल्कि
hum
هُمْ
वो
فِى
शक में
shakkin
شَكٍّ
शक में
yalʿabūna
يَلْعَبُونَ
वो खेल रहे हैं
बल्कि वे संदेह में पड़े रहे हैं ([४४] अद-दुखान: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

فَارْتَقِبْ يَوْمَ تَأْتِى السَّمَاۤءُ بِدُخَانٍ مُّبِيْنٍ ١٠

fa-ir'taqib
فَٱرْتَقِبْ
पस इन्तज़ार कीजिए
yawma
يَوْمَ
जिस दिन
tatī
تَأْتِى
आएगा
l-samāu
ٱلسَّمَآءُ
आसमान
bidukhānin
بِدُخَانٍ
साथ धुएँ के
mubīnin
مُّبِينٍ
खुले
अच्छा तो तुम उस दिन की प्रतीक्षा करो, जब आकाश प्रत्यक्ष धुँआ लाएगा। ([४४] अद-दुखान: 10)
Tafseer (तफ़सीर )