اَمْ اٰتَيْنٰهُمْ كِتٰبًا مِّنْ قَبْلِهٖ فَهُمْ بِهٖ مُسْتَمْسِكُوْنَ ٢١
- am
- أَمْ
- या
- ātaynāhum
- ءَاتَيْنَٰهُمْ
- दी हमने उन्हें
- kitāban
- كِتَٰبًا
- कोई किताब
- min
- مِّن
- इससे पहले
- qablihi
- قَبْلِهِۦ
- इससे पहले
- fahum
- فَهُم
- तो वो
- bihi
- بِهِۦ
- उसे
- mus'tamsikūna
- مُسْتَمْسِكُونَ
- मज़बूत पकड़े हुए हैं
(क्या हमने इससे पहले उनके पास कोई रसूल भेजा है) या हमने इससे पहले उनको कोई किताब दी है तो वे उसे दृढ़तापूर्वक थामें हुए है? ([४३] अज-जुखरूफ: 21)Tafseer (तफ़सीर )
بَلْ قَالُوْٓا اِنَّا وَجَدْنَآ اٰبَاۤءَنَا عَلٰٓى اُمَّةٍ وَّاِنَّا عَلٰٓى اٰثٰرِهِمْ مُّهْتَدُوْنَ ٢٢
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- qālū
- قَالُوٓا۟
- उन्होंने कहा
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- wajadnā
- وَجَدْنَآ
- पाया हमने
- ābāanā
- ءَابَآءَنَا
- अपने आबा ओ अजदाद को
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- एक तरीक़े पर
- ummatin
- أُمَّةٍ
- एक तरीक़े पर
- wa-innā
- وَإِنَّا
- और बेशक हम
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- उन्हीं के नक़्शे क़दम पर
- āthārihim
- ءَاثَٰرِهِم
- उन्हीं के नक़्शे क़दम पर
- muh'tadūna
- مُّهْتَدُونَ
- राह पाने वाले हैं
नहीं, बल्कि वे कहते है, 'हमने तो अपने बाप-दादा को एक तरीक़े पर पाया और हम उन्हीं के पद-चिन्हों पर हैं, सीधे मार्ग पर चल रहे है।' ([४३] अज-जुखरूफ: 22)Tafseer (तफ़सीर )
وَكَذٰلِكَ مَآ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ فِيْ قَرْيَةٍ مِّنْ نَّذِيْرٍۙ اِلَّا قَالَ مُتْرَفُوْهَآ ۙاِنَّا وَجَدْنَآ اٰبَاۤءَنَا عَلٰٓى اُمَّةٍ وَّاِنَّا عَلٰٓى اٰثٰرِهِمْ مُّقْتَدُوْنَ ٢٣
- wakadhālika
- وَكَذَٰلِكَ
- और इसी तरह
- mā
- مَآ
- नहीं
- arsalnā
- أَرْسَلْنَا
- भेजा हमने
- min
- مِن
- आपसे क़ब्ल
- qablika
- قَبْلِكَ
- आपसे क़ब्ल
- fī
- فِى
- किसी बस्ती में
- qaryatin
- قَرْيَةٍ
- किसी बस्ती में
- min
- مِّن
- कोई डराने वाला
- nadhīrin
- نَّذِيرٍ
- कोई डराने वाला
- illā
- إِلَّا
- मगर
- qāla
- قَالَ
- कहा
- mut'rafūhā
- مُتْرَفُوهَآ
- उसके ख़ुशहाल लोगों ने
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- wajadnā
- وَجَدْنَآ
- पाया हमने
- ābāanā
- ءَابَآءَنَا
- अपने आबा ओ अजदाद को
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- एक तरीक़े पर
- ummatin
- أُمَّةٍ
- एक तरीक़े पर
- wa-innā
- وَإِنَّا
- और बेशक हम
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- उन्हीं के नक़्शे क़दम पर
- āthārihim
- ءَاثَٰرِهِم
- उन्हीं के नक़्शे क़दम पर
- muq'tadūna
- مُّقْتَدُونَ
- पीछे चलने वाले हैं
इसी प्रकार हमने जिस किसी बस्ती में तुमसे पहले कोई सावधान करनेवाला भेजा तो वहाँ के सम्पन्न लोगों ने बस यही कहा कि 'हमने तो अपने बाप-दादा को एक तरीक़े पर पाया और हम उन्हीं के पद-चिन्हों पर है, उनका अनुसरण कर रहे है।' ([४३] अज-जुखरूफ: 23)Tafseer (तफ़सीर )
۞ قٰلَ اَوَلَوْ جِئْتُكُمْ بِاَهْدٰى مِمَّا وَجَدْتُّمْ عَلَيْهِ اٰبَاۤءَكُمْۗ قَالُوْٓا اِنَّا بِمَآ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ ٢٤
- qāla
- قَٰلَ
- उसने कहा
- awalaw
- أَوَلَوْ
- क्या भला अगर
- ji'tukum
- جِئْتُكُم
- लाया हूँ मैं तुम्हारे पास
- bi-ahdā
- بِأَهْدَىٰ
- ज़्यादा हिदायत वाला(तरीक़ा)
- mimmā
- مِمَّا
- उससे जो
- wajadttum
- وَجَدتُّمْ
- पाया तुमने
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- ābāakum
- ءَابَآءَكُمْۖ
- अपने आबा ओ अजदाद को
- qālū
- قَالُوٓا۟
- उन्होंने कहा
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- bimā
- بِمَآ
- उसका जो
- ur'sil'tum
- أُرْسِلْتُم
- भेजे गए तुम
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- kāfirūna
- كَٰفِرُونَ
- इन्कार करने वाले हैं
उसने कहा, 'क्या यदि मैं उससे उत्तम मार्गदर्शन लेकर आया हूँ, जिसपर तूने अपने बाप-दादा को पाया है, तब भी (तुम अपने बाप-दादा के पद-चिह्मों का ही अनुसरण करोगं)?' उन्होंने कहा, 'तुम्हें जो कुछ देकर भेजा गया है, हम तो उसका इनकार करते है।' ([४३] अज-जुखरूफ: 24)Tafseer (तफ़सीर )
فَانْتَقَمْنَا مِنْهُمْ فَانْظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِيْنَ ࣖ ٢٥
- fa-intaqamnā
- فَٱنتَقَمْنَا
- पस इन्तक़ाम लिया हमने
- min'hum
- مِنْهُمْۖ
- उनसे
- fa-unẓur
- فَٱنظُرْ
- तो देखो
- kayfa
- كَيْفَ
- किस तरह
- kāna
- كَانَ
- हुआ
- ʿāqibatu
- عَٰقِبَةُ
- अंजाम
- l-mukadhibīna
- ٱلْمُكَذِّبِينَ
- झुठलाने वालों का
अन्ततः हमने उनसे बदला लिया। तो देख लो कि झुठलानेवालों का कैसा परिणाम हुआ? ([४३] अज-जुखरूफ: 25)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذْ قَالَ اِبْرٰهِيْمُ لِاَبِيْهِ وَقَوْمِهٖٓ اِنَّنِيْ بَرَاۤءٌ مِّمَّا تَعْبُدُوْنَۙ ٢٦
- wa-idh
- وَإِذْ
- और जब
- qāla
- قَالَ
- कहा
- ib'rāhīmu
- إِبْرَٰهِيمُ
- इब्राहीम ने
- li-abīhi
- لِأَبِيهِ
- अपने बाप से
- waqawmihi
- وَقَوْمِهِۦٓ
- और अपनी क़ौम से
- innanī
- إِنَّنِى
- बेशक मैं
- barāon
- بَرَآءٌ
- बेज़ार हूँ
- mimmā
- مِّمَّا
- उनसे जिनकी
- taʿbudūna
- تَعْبُدُونَ
- तुम इबादत करते हो
याद करो, जबकि इबराहीम ने अपने बाप और अपनी क़ौम से कहा, 'तुम जिनको पूजते हो उनसे मेरा कोई सम्बन्ध नहीं, ([४३] अज-जुखरूफ: 26)Tafseer (तफ़सीर )
اِلَّا الَّذِيْ فَطَرَنِيْ فَاِنَّهٗ سَيَهْدِيْنِ ٢٧
- illā
- إِلَّا
- सिवाय
- alladhī
- ٱلَّذِى
- उसके जिसने
- faṭaranī
- فَطَرَنِى
- पैदा किया मुझे
- fa-innahu
- فَإِنَّهُۥ
- तो बेशक वो
- sayahdīni
- سَيَهْدِينِ
- वो ज़रूर हिदायत देगा मुझे
सिवाय उसके जिसने मुझे पैदा किया। अतः निश्चय ही वह मुझे मार्ग दिखाएगा।' ([४३] अज-जुखरूफ: 27)Tafseer (तफ़सीर )
وَجَعَلَهَا كَلِمَةً ۢ بَاقِيَةً فِيْ عَقِبِهٖ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُوْنَۗ ٢٨
- wajaʿalahā
- وَجَعَلَهَا
- और उसने बना दिया उसे
- kalimatan
- كَلِمَةًۢ
- एक बात
- bāqiyatan
- بَاقِيَةً
- बाक़ी रहने वाली
- fī
- فِى
- अपने पिछलों में
- ʿaqibihi
- عَقِبِهِۦ
- अपने पिछलों में
- laʿallahum
- لَعَلَّهُمْ
- ताकि वो
- yarjiʿūna
- يَرْجِعُونَ
- वो रुजूअ करें
और यही बात वह अपने पीछे (अपनी सन्तान में) बाक़ी छोड़ गया, ताकि वे रुजू करें ([४३] अज-जुखरूफ: 28)Tafseer (तफ़सीर )
بَلْ مَتَّعْتُ هٰٓؤُلَاۤءِ وَاٰبَاۤءَهُمْ حَتّٰى جَاۤءَهُمُ الْحَقُّ وَرَسُوْلٌ مُّبِيْنٌ ٢٩
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- mattaʿtu
- مَتَّعْتُ
- सामाने ज़िन्दगी दिया मैं ने
- hāulāi
- هَٰٓؤُلَآءِ
- उन्हें
- waābāahum
- وَءَابَآءَهُمْ
- और उनके आबा ओ अजदाद को
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- यहाँ तक कि
- jāahumu
- جَآءَهُمُ
- आ गया उनके पास
- l-ḥaqu
- ٱلْحَقُّ
- हक़
- warasūlun
- وَرَسُولٌ
- और रसूल
- mubīnun
- مُّبِينٌ
- वाज़ेह करने वाला
नहीं,बल्कि मैं उन्हें और उनके बाप-दादा को जीवन-सुख प्रदान करता रहा, यहाँ तक कि उनके पास सत्य और खोल-खोलकर बतानेवाला रसूल आ गया ([४३] अज-जुखरूफ: 29)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَمَّا جَاۤءَهُمُ الْحَقُّ قَالُوْا هٰذَا سِحْرٌ وَّاِنَّا بِهٖ كٰفِرُوْنَ ٣٠
- walammā
- وَلَمَّا
- और जब
- jāahumu
- جَآءَهُمُ
- आ गया उनके पास
- l-ḥaqu
- ٱلْحَقُّ
- हक़
- qālū
- قَالُوا۟
- उन्होंने कहा
- hādhā
- هَٰذَا
- ये
- siḥ'run
- سِحْرٌ
- जादू है
- wa-innā
- وَإِنَّا
- और बेशक हम
- bihi
- بِهِۦ
- उसका
- kāfirūna
- كَٰفِرُونَ
- इन्कार करने वाले हैं
किन्तु जब वह हक़ लेकर उनके पास आया तो वे कहने लगे, 'यह तो जादू है। और हम तो इसका इनकार करते है।' ([४३] अज-जुखरूफ: 30)Tafseer (तफ़सीर )