وَالَّذِيْ نَزَّلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءًۢ بِقَدَرٍۚ فَاَنْشَرْنَا بِهٖ بَلْدَةً مَّيْتًا ۚ كَذٰلِكَ تُخْرَجُوْنَ ١١
- wa-alladhī
- وَٱلَّذِى
- और वो जिसने
- nazzala
- نَزَّلَ
- उतारा
- mina
- مِنَ
- आसमान से
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- आसमान से
- māan
- مَآءًۢ
- पानी
- biqadarin
- بِقَدَرٍ
- साथ एक अंदाज़े के
- fa-ansharnā
- فَأَنشَرْنَا
- फिर ज़िन्दा किया हमने
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- baldatan
- بَلْدَةً
- शहर
- maytan
- مَّيْتًاۚ
- मुर्दा को
- kadhālika
- كَذَٰلِكَ
- इसी तरह
- tukh'rajūna
- تُخْرَجُونَ
- तुम निकाले जाओगे
और जिसने आकाश से एक अन्दाज़े से पानी उतारा। और हमने उसके द्वारा मृत भूमि को जीवित कर दिया। इसी तरह तुम भी (जीवित करके) निकाले जाओगे ([४३] अज-जुखरूफ: 11)Tafseer (तफ़सीर )
وَالَّذِيْ خَلَقَ الْاَزْوَاجَ كُلَّهَا وَجَعَلَ لَكُمْ مِّنَ الْفُلْكِ وَالْاَنْعَامِ مَا تَرْكَبُوْنَۙ ١٢
- wa-alladhī
- وَٱلَّذِى
- और वो जिसने
- khalaqa
- خَلَقَ
- बनाए
- l-azwāja
- ٱلْأَزْوَٰجَ
- जोड़े
- kullahā
- كُلَّهَا
- सारे के सारे
- wajaʿala
- وَجَعَلَ
- और उसने बनाया
- lakum
- لَكُم
- तुम्हारे लिए
- mina
- مِّنَ
- कश्तियों
- l-ful'ki
- ٱلْفُلْكِ
- कश्तियों
- wal-anʿāmi
- وَٱلْأَنْعَٰمِ
- और मवेशियों को
- mā
- مَا
- जिन पर
- tarkabūna
- تَرْكَبُونَ
- तुम सवारी करते हो
और जिसने विभिन्न प्रकार की चीज़े पैदा कीं, और तुम्हारे लिए वे नौकाएँ और जानवर बनाए जिनपर तुम सवार होते हो ([४३] अज-जुखरूफ: 12)Tafseer (तफ़सीर )
لِتَسْتَوٗا عَلٰى ظُهُوْرِهٖ ثُمَّ تَذْكُرُوْا نِعْمَةَ رَبِّكُمْ اِذَا اسْتَوَيْتُمْ عَلَيْهِ وَتَقُوْلُوْا سُبْحٰنَ الَّذِيْ سَخَّرَ لَنَا هٰذَا وَمَا كُنَّا لَهٗ مُقْرِنِيْنَۙ ١٣
- litastawū
- لِتَسْتَوُۥا۟
- ताकि तुम जम कर बैठो
- ʿalā
- عَلَىٰ
- उनकी पुश्तों पर
- ẓuhūrihi
- ظُهُورِهِۦ
- उनकी पुश्तों पर
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- tadhkurū
- تَذْكُرُوا۟
- तुम याद करो
- niʿ'mata
- نِعْمَةَ
- नेअमत
- rabbikum
- رَبِّكُمْ
- अपने रब की
- idhā
- إِذَا
- जब
- is'tawaytum
- ٱسْتَوَيْتُمْ
- तुम जम कर बैठ जाओ
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उन पर
- wataqūlū
- وَتَقُولُوا۟
- और तुम कहो
- sub'ḥāna
- سُبْحَٰنَ
- पाक है
- alladhī
- ٱلَّذِى
- वो जिसने
- sakhara
- سَخَّرَ
- मुसख़्खर किया
- lanā
- لَنَا
- हमारे लिए
- hādhā
- هَٰذَا
- उसे
- wamā
- وَمَا
- और ना
- kunnā
- كُنَّا
- थे हम
- lahu
- لَهُۥ
- उसे
- muq'rinīna
- مُقْرِنِينَ
- क़ाबू में लाने वाले
ताकि तुम उनकी पीठों पर जमकर बैठो, फिर याद करो अपने रब की अनुकम्पा को जब तुम उनपर बैठ जाओ और कहो, 'कितना महिमावान है वह जिसने इसको हमारे वश में किया, अन्यथा हम तो इसे क़ाबू में कर सकनेवाले न थे ([४३] अज-जुखरूफ: 13)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِنَّآ اِلٰى رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُوْنَ ١٤
- wa-innā
- وَإِنَّآ
- और बेशक हम
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अपने रब के
- rabbinā
- رَبِّنَا
- तरफ़ अपने रब के
- lamunqalibūna
- لَمُنقَلِبُونَ
- यक़ीनन पलटने वाले हैं
और निश्चय ही हम अपने रब की ओर लौटनेवाले है।' ([४३] अज-जुखरूफ: 14)Tafseer (तफ़सीर )
وَجَعَلُوْا لَهٗ مِنْ عِبَادِهٖ جُزْءًا ۗاِنَّ الْاِنْسَانَ لَكَفُوْرٌ مُّبِيْنٌ ۗ ࣖ ١٥
- wajaʿalū
- وَجَعَلُوا۟
- और उन्होंने बना दिया
- lahu
- لَهُۥ
- उसके लिए
- min
- مِنْ
- उसके बन्दों में से
- ʿibādihi
- عِبَادِهِۦ
- उसके बन्दों में से
- juz'an
- جُزْءًاۚ
- एक जुज़(औलाद)
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-insāna
- ٱلْإِنسَٰنَ
- इन्सान
- lakafūrun
- لَكَفُورٌ
- यक़ीनन बहुत नाशुक्रा है
- mubīnun
- مُّبِينٌ
- खुल्लम-खुल्ला
उन्होंने उसके बन्दों में से कुछ को उसका अंश ठहरा दिया! निश्चय ही मनुष्य खुला कृतघ्न है ([४३] अज-जुखरूफ: 15)Tafseer (तफ़सीर )
اَمِ اتَّخَذَ مِمَّا يَخْلُقُ بَنٰتٍ وَّاَصْفٰىكُمْ بِالْبَنِيْنَ ۗ ١٦
- ami
- أَمِ
- या
- ittakhadha
- ٱتَّخَذَ
- उसने बना लीं
- mimmā
- مِمَّا
- उसमें से जो
- yakhluqu
- يَخْلُقُ
- वो पैदा करता है
- banātin
- بَنَاتٍ
- बेटियाँ
- wa-aṣfākum
- وَأَصْفَىٰكُم
- और चुन लिया तुम्हें
- bil-banīna
- بِٱلْبَنِينَ
- बेटों के लिए
(क्या किसी ने अल्लाह को इससे रोक दिया है कि वह अपने लिए बेटे चुनता) या जो कुछ वह पैदा करता है उसमें से उसने स्वयं ही अपने लिए तो बेटियाँ लीं और तुम्हें चुन लिया बेटों के लिए? ([४३] अज-जुखरूफ: 16)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذَا بُشِّرَ اَحَدُهُمْ بِمَا ضَرَبَ لِلرَّحْمٰنِ مَثَلًا ظَلَّ وَجْهُهٗ مُسْوَدًّا وَّهُوَ كَظِيْمٌ ١٧
- wa-idhā
- وَإِذَا
- हालाँकि जब
- bushira
- بُشِّرَ
- ख़ुशख़बरी दी जाती है
- aḥaduhum
- أَحَدُهُم
- उनमें से किसी एक को
- bimā
- بِمَا
- साथ उसके जो
- ḍaraba
- ضَرَبَ
- उसने बयान की
- lilrraḥmāni
- لِلرَّحْمَٰنِ
- रहमान के लिए
- mathalan
- مَثَلًا
- मिसाल
- ẓalla
- ظَلَّ
- हो जाता है
- wajhuhu
- وَجْهُهُۥ
- चेहरा उसका
- mus'waddan
- مُسْوَدًّا
- सियाह
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- kaẓīmun
- كَظِيمٌ
- ग़म से भरा होता है
और हाल यह है कि जब उनमें से किसी को उसकी मंगल सूचना दी जाती है, जो वह रहमान के लिए बयान करता है, तो उसके मुँह पर कलौंस छा जाती है और वह ग़म के मारे घुटा-घुटा रहने लगता है ([४३] अज-जुखरूफ: 17)Tafseer (तफ़सीर )
اَوَمَنْ يُّنَشَّؤُا فِى الْحِلْيَةِ وَهُوَ فِى الْخِصَامِ غَيْرُ مُبِيْنٍ ١٨
- awaman
- أَوَمَن
- क्या भला जिसे
- yunasha-u
- يُنَشَّؤُا۟
- पाला जाता है
- fī
- فِى
- ज़ेवरात में
- l-ḥil'yati
- ٱلْحِلْيَةِ
- ज़ेवरात में
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- fī
- فِى
- झगड़े में
- l-khiṣāmi
- ٱلْخِصَامِ
- झगड़े में
- ghayru
- غَيْرُ
- ग़ैर
- mubīnin
- مُبِينٍ
- वाज़ेह है
और क्या वह जो आभूषणों में पले और वह जो वाद-विवाद और झगड़े में खुल न पाए (ऐसी अबला को अल्लाह की सन्तान घोषित करते हो)? ([४३] अज-जुखरूफ: 18)Tafseer (तफ़सीर )
وَجَعَلُوا الْمَلٰۤىِٕكَةَ الَّذِيْنَ هُمْ عِبٰدُ الرَّحْمٰنِ اِنَاثًا ۗ اَشَهِدُوْا خَلْقَهُمْ ۗسَتُكْتَبُ شَهَادَتُهُمْ وَيُسْٔـَلُوْنَ ١٩
- wajaʿalū
- وَجَعَلُوا۟
- और उन्होंने बना लिया
- l-malāikata
- ٱلْمَلَٰٓئِكَةَ
- फ़रिश्तों को
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- जो
- hum
- هُمْ
- वो
- ʿibādu
- عِبَٰدُ
- बन्दे हैं
- l-raḥmāni
- ٱلرَّحْمَٰنِ
- रहमान के
- ināthan
- إِنَٰثًاۚ
- औरतें
- ashahidū
- أَشَهِدُوا۟
- क्या वो हाज़िर थे
- khalqahum
- خَلْقَهُمْۚ
- उनकी पैदाइश (के वक़्त )
- satuk'tabu
- سَتُكْتَبُ
- ज़रूर लिखी जाएगी
- shahādatuhum
- شَهَٰدَتُهُمْ
- गवाही उनकी
- wayus'alūna
- وَيُسْـَٔلُونَ
- और वो पूछे जाऐंगे
उन्होंने फ़रिश्तों को, जो रहमान के बन्दे है, स्त्रियाँ ठहरा ली है। क्या वे उनकी संरचना के समय मौजूद थे? उनकी गवाही लिख ली जाएगी और उनसे पूछ होगी ([४३] अज-जुखरूफ: 19)Tafseer (तफ़सीर )
وَقَالُوْا لَوْ شَاۤءَ الرَّحْمٰنُ مَا عَبَدْنٰهُمْ ۗمَا لَهُمْ بِذٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ اِنْ هُمْ اِلَّا يَخْرُصُوْنَۗ ٢٠
- waqālū
- وَقَالُوا۟
- और वो कहते हैं
- law
- لَوْ
- अगर
- shāa
- شَآءَ
- चाहता
- l-raḥmānu
- ٱلرَّحْمَٰنُ
- रहमान
- mā
- مَا
- ना
- ʿabadnāhum
- عَبَدْنَٰهُمۗ
- इबादत करते हम उनकी
- mā
- مَّا
- नहीं
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- bidhālika
- بِذَٰلِكَ
- इसका
- min
- مِنْ
- कोई इल्म
- ʿil'min
- عِلْمٍۖ
- कोई इल्म
- in
- إِنْ
- नहीं
- hum
- هُمْ
- वो
- illā
- إِلَّا
- मगर
- yakhruṣūna
- يَخْرُصُونَ
- वो अंदाज़े लगाते हैं
वे कहते है कि 'यदि रहमान चाहता तो हम उन्हें न पूजते।' उन्हें इसका कुछ ज्ञान नहीं। वे तो बस अटकल दौड़ाते है ([४३] अज-जुखरूफ: 20)Tafseer (तफ़सीर )