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सूरा अन-निसा - Page: 3

An-Nisa

(औरत)

२१

وَكَيْفَ تَأْخُذُوْنَهٗ وَقَدْ اَفْضٰى بَعْضُكُمْ اِلٰى بَعْضٍ وَّاَخَذْنَ مِنْكُمْ مِّيْثَاقًا غَلِيْظًا ٢١

wakayfa
وَكَيْفَ
और किस तरह
takhudhūnahu
تَأْخُذُونَهُۥ
तुम ले सकते हो उसे
waqad
وَقَدْ
हालाँकि तहक़ीक़
afḍā
أَفْضَىٰ
पहुँच चुका
baʿḍukum
بَعْضُكُمْ
बाज़ तुम्हारा
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ बाज़ के
baʿḍin
بَعْضٍ
तरफ़ बाज़ के
wa-akhadhna
وَأَخَذْنَ
और वो ले चुकीं
minkum
مِنكُم
तुम से
mīthāqan
مِّيثَٰقًا
अहद
ghalīẓan
غَلِيظًا
पुख़्ता
और तुम उसे किस तरह ले सकते हो, जबकि तुम एक-दूसरे से मिल चुके हो और वे तुमसे दृढ़ प्रतिज्ञा भी ले चुकी है? ([४] अन-निसा: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

وَلَا تَنْكِحُوْا مَا نَكَحَ اٰبَاۤؤُكُمْ مِّنَ النِّسَاۤءِ اِلَّا مَا قَدْ سَلَفَ ۗ اِنَّهٗ كَانَ فَاحِشَةً وَّمَقْتًاۗ وَسَاۤءَ سَبِيْلًا ࣖ ٢٢

walā
وَلَا
और ना
tankiḥū
تَنكِحُوا۟
तुम निकाह करो
مَا
जिनसे
nakaḥa
نَكَحَ
निकाह कर चुके
ābāukum
ءَابَآؤُكُم
बाप तुम्हारे
mina
مِّنَ
औरतों में से
l-nisāi
ٱلنِّسَآءِ
औरतों में से
illā
إِلَّا
मगर
مَا
जो
qad
قَدْ
तहक़ीक़
salafa
سَلَفَۚ
गुज़र चुका
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
kāna
كَانَ
है वो
fāḥishatan
فَٰحِشَةً
बेहयाई का काम
wamaqtan
وَمَقْتًا
और क़ाबिले नफ़रत
wasāa
وَسَآءَ
और बहुत ही बुरा
sabīlan
سَبِيلًا
रास्ता
और उन स्त्रियों से विवाह न करो, जिनसे तुम्हारे बाप विवाह कर चुके हों, परन्तु जो पहले हो चुका सो हो चुका। निस्संदेह यह एक अश्लील और अत्यन्त अप्रिय कर्म है, और बुरी रीति है ([४] अन-निसा: 22)
Tafseer (तफ़सीर )
२३

حُرِّمَتْ عَلَيْكُمْ اُمَّهٰتُكُمْ وَبَنٰتُكُمْ وَاَخَوٰتُكُمْ وَعَمّٰتُكُمْ وَخٰلٰتُكُمْ وَبَنٰتُ الْاَخِ وَبَنٰتُ الْاُخْتِ وَاُمَّهٰتُكُمُ الّٰتِيْٓ اَرْضَعْنَكُمْ وَاَخَوٰتُكُمْ مِّنَ الرَّضَاعَةِ وَاُمَّهٰتُ نِسَاۤىِٕكُمْ وَرَبَاۤىِٕبُكُمُ الّٰتِيْ فِيْ حُجُوْرِكُمْ مِّنْ نِّسَاۤىِٕكُمُ الّٰتِيْ دَخَلْتُمْ بِهِنَّۖ فَاِنْ لَّمْ تَكُوْنُوْا دَخَلْتُمْ بِهِنَّ فَلَا جُنَاحَ عَلَيْكُمْ ۖ وَحَلَاۤىِٕلُ اَبْنَاۤىِٕكُمُ الَّذِيْنَ مِنْ اَصْلَابِكُمْۙ وَاَنْ تَجْمَعُوْا بَيْنَ الْاُخْتَيْنِ اِلَّا مَا قَدْ سَلَفَ ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ۔ ٢٣

ḥurrimat
حُرِّمَتْ
हराम कर दी गईं
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
ummahātukum
أُمَّهَٰتُكُمْ
माँऐं तुम्हारी
wabanātukum
وَبَنَاتُكُمْ
और बेटियाँ तुम्हारी
wa-akhawātukum
وَأَخَوَٰتُكُمْ
और बहनें तुम्हारी
waʿammātukum
وَعَمَّٰتُكُمْ
और फूफियाँ तुम्हारी
wakhālātukum
وَخَٰلَٰتُكُمْ
और ख़ालाऐं तुम्हारी
wabanātu
وَبَنَاتُ
और बेटियाँ
l-akhi
ٱلْأَخِ
भाई की
wabanātu
وَبَنَاتُ
और बेटियाँ
l-ukh'ti
ٱلْأُخْتِ
बहन की
wa-ummahātukumu
وَأُمَّهَٰتُكُمُ
और माँऐं तुम्हारी
allātī
ٱلَّٰتِىٓ
वो जिन्होंने
arḍaʿnakum
أَرْضَعْنَكُمْ
दूध पिलाया तुम्हें
wa-akhawātukum
وَأَخَوَٰتُكُم
और बहनें तुम्हारी
mina
مِّنَ
रज़ाअत से
l-raḍāʿati
ٱلرَّضَٰعَةِ
रज़ाअत से
wa-ummahātu
وَأُمَّهَٰتُ
और माँऐं
nisāikum
نِسَآئِكُمْ
तुम्हारी बीवियों की
warabāibukumu
وَرَبَٰٓئِبُكُمُ
और बेटियाँ तुम्हारी बीवियों की
allātī
ٱلَّٰتِى
वो जो
فِى
तुम्हारी गोदों में हैं
ḥujūrikum
حُجُورِكُم
तुम्हारी गोदों में हैं
min
مِّن
तुम्हारी बीवियों में से
nisāikumu
نِّسَآئِكُمُ
तुम्हारी बीवियों में से
allātī
ٱلَّٰتِى
वो जो
dakhaltum
دَخَلْتُم
दख़ूल किया तुमने
bihinna
بِهِنَّ
उनसे
fa-in
فَإِن
फिर अगर
lam
لَّمْ
ना
takūnū
تَكُونُوا۟
हो तुम
dakhaltum
دَخَلْتُم
दख़ूल कर चुके तुम
bihinna
بِهِنَّ
उनसे
falā
فَلَا
तो नहीं
junāḥa
جُنَاحَ
कोई गुनाह
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
waḥalāilu
وَحَلَٰٓئِلُ
और बीवियाँ
abnāikumu
أَبْنَآئِكُمُ
तुम्हारे बेटों की
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
min
مِنْ
तुम्हारी पुश्तों से हैं
aṣlābikum
أَصْلَٰبِكُمْ
तुम्हारी पुश्तों से हैं
wa-an
وَأَن
और ये कि
tajmaʿū
تَجْمَعُوا۟
तुम जमा करो
bayna
بَيْنَ
दर्मियान
l-ukh'tayni
ٱلْأُخْتَيْنِ
दो बहनों के
illā
إِلَّا
मगर
مَا
जो
qad
قَدْ
तहक़ीक़
salafa
سَلَفَۗ
गुज़र चुका
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
kāna
كَانَ
है
ghafūran
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
raḥīman
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला
तुम्हारे लिए हराम है तुम्हारी माएँ, बेटियाँ, बहनें, फूफियाँ, मौसियाँ, भतीतियाँ, भाँजिया, और तुम्हारी वे माएँ जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया हो और दूध के रिश्ते से तुम्हारी बहनें और तुम्हारी सासें और तुम्हारी पत्ऩियों की बेटियाँ जिनसे तुम सम्भोग कर चुक हो। परन्तु यदि सम्भोग नहीं किया है तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं - और तुम्हारे उन बेटों की पत्ऩियाँ जो तुमसे पैदा हों और यह भी कि तुम दो बहनों को इकट्ठा करो; जो पहले जो हो चुका सो हो चुका। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है ([४] अन-निसा: 23)
Tafseer (तफ़सीर )
२४

۞ وَالْمُحْصَنٰتُ مِنَ النِّسَاۤءِ اِلَّا مَا مَلَكَتْ اَيْمَانُكُمْ ۚ كِتٰبَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ ۚ وَاُحِلَّ لَكُمْ مَّا وَرَاۤءَ ذٰلِكُمْ اَنْ تَبْتَغُوْا بِاَمْوَالِكُمْ مُّحْصِنِيْنَ غَيْرَ مُسَافِحِيْنَ ۗ فَمَا اسْتَمْتَعْتُمْ بِهٖ مِنْهُنَّ فَاٰتُوْهُنَّ اُجُوْرَهُنَّ فَرِيْضَةً ۗوَلَا جُنَاحَ عَلَيْكُمْ فِيْمَا تَرَاضَيْتُمْ بِهٖ مِنْۢ بَعْدِ الْفَرِيْضَةِۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِيْمًا حَكِيْمًا ٢٤

wal-muḥ'ṣanātu
وَٱلْمُحْصَنَٰتُ
और वो जो शादी शुदा हैं
mina
مِنَ
औरतों में से
l-nisāi
ٱلنِّسَآءِ
औरतों में से
illā
إِلَّا
मगर
مَا
जिनके
malakat
مَلَكَتْ
मालिक हुए
aymānukum
أَيْمَٰنُكُمْۖ
दाऐं हाथ तुम्हारे
kitāba
كِتَٰبَ
लिखा हुआ है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह का
ʿalaykum
عَلَيْكُمْۚ
तुम पर
wa-uḥilla
وَأُحِلَّ
और हलाल किया गया है
lakum
لَكُم
तुम्हारे लिए
مَّا
वो जो
warāa
وَرَآءَ
अलावा है
dhālikum
ذَٰلِكُمْ
उनके
an
أَن
कि
tabtaghū
تَبْتَغُوا۟
तुम तलाश करो
bi-amwālikum
بِأَمْوَٰلِكُم
साथ अपने मालों के
muḥ'ṣinīna
مُّحْصِنِينَ
निकाह में लाने वाले हो
ghayra
غَيْرَ
ना कि
musāfiḥīna
مُسَٰفِحِينَۚ
बदकारी करने वाले
famā
فَمَا
तो जो
is'tamtaʿtum
ٱسْتَمْتَعْتُم
फ़ायदा उठाया तुमने
bihi
بِهِۦ
साथ उस (निकाह) के
min'hunna
مِنْهُنَّ
उनसे
faātūhunna
فَـَٔاتُوهُنَّ
तो दे दो उन्हें
ujūrahunna
أُجُورَهُنَّ
महर उनके
farīḍatan
فَرِيضَةًۚ
मुक़र्रर किए हुए
walā
وَلَا
और नहीं
junāḥa
جُنَاحَ
कोई गुनाह
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
fīmā
فِيمَا
उसमें जो
tarāḍaytum
تَرَٰضَيْتُم
तुम बाहम राज़ी हो जाओ
bihi
بِهِۦ
जिस पर
min
مِنۢ
बाद
baʿdi
بَعْدِ
बाद
l-farīḍati
ٱلْفَرِيضَةِۚ
मुक़र्रर करने के (महर)
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
kāna
كَانَ
है
ʿalīman
عَلِيمًا
बहुत इल्म वाला
ḥakīman
حَكِيمًا
बहुत हिकमत वाला
और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित है, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों। यह अल्लाह ने तुम्हारे लिए अनिवार्य कर दिया है। इनके अतिरिक्त शेष स्त्रियाँ तुम्हारे लिए वैध है कि तुम अपने माल के द्वारा उन्हें प्राप्त करो उनकी पाकदामनी की सुरक्षा के लिए, न कि यह काम स्वच्छन्द काम-तृप्ति के लिए हो। फिर उनसे दाम्पत्य जीवन का आनन्द लो तो उसके बदले उनका निश्चित किया हुए हक़ (मह्रि) अदा करो और यदि हक़ निश्चित हो जाने के पश्चात तुम आपम में अपनी प्रसन्नता से कोई समझौता कर लो, तो इसमें तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। निस्संदेह अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 24)
Tafseer (तफ़सीर )
२५

وَمَنْ لَّمْ يَسْتَطِعْ مِنْكُمْ طَوْلًا اَنْ يَّنْكِحَ الْمُحْصَنٰتِ الْمُؤْمِنٰتِ فَمِنْ مَّا مَلَكَتْ اَيْمَانُكُمْ مِّنْ فَتَيٰتِكُمُ الْمُؤْمِنٰتِۗ وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِاِيْمَانِكُمْ ۗ بَعْضُكُمْ مِّنْۢ بَعْضٍۚ فَانْكِحُوْهُنَّ بِاِذْنِ اَهْلِهِنَّ وَاٰتُوْهُنَّ اُجُوْرَهُنَّ بِالْمَعْرُوْفِ مُحْصَنٰتٍ غَيْرَ مُسٰفِحٰتٍ وَّلَا مُتَّخِذٰتِ اَخْدَانٍ ۚ فَاِذَآ اُحْصِنَّ فَاِنْ اَتَيْنَ بِفَاحِشَةٍ فَعَلَيْهِنَّ نِصْفُ مَا عَلَى الْمُحْصَنٰتِ مِنَ الْعَذَابِۗ ذٰلِكَ لِمَنْ خَشِيَ الْعَنَتَ مِنْكُمْ ۗ وَاَنْ تَصْبِرُوْا خَيْرٌ لَّكُمْ ۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ࣖ ٢٥

waman
وَمَن
और जो कोई
lam
لَّمْ
ना
yastaṭiʿ
يَسْتَطِعْ
इस्तिताअत रखे
minkum
مِنكُمْ
तुम में से
ṭawlan
طَوْلًا
वुसअत / माल की
an
أَن
कि
yankiḥa
يَنكِحَ
वो निकाह करे
l-muḥ'ṣanāti
ٱلْمُحْصَنَٰتِ
आज़ाद औरतों से
l-mu'mināti
ٱلْمُؤْمِنَٰتِ
जो मोमिना हों
famin
فَمِن
तो उनसे जिनके
مَّا
तो उनसे जिनके
malakat
مَلَكَتْ
मालिक हुए
aymānukum
أَيْمَٰنُكُم
दाऐं हाथ तुम्हारे
min
مِّن
तुम्हारी लौंडियों में से
fatayātikumu
فَتَيَٰتِكُمُ
तुम्हारी लौंडियों में से
l-mu'mināti
ٱلْمُؤْمِنَٰتِۚ
जो मोमिना हों
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
aʿlamu
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानता है
biīmānikum
بِإِيمَٰنِكُمۚ
तुम्हारे ईमान को
baʿḍukum
بَعْضُكُم
बाज़ तुम्हारे
min
مِّنۢ
बाज़ से हैं
baʿḍin
بَعْضٍۚ
बाज़ से हैं
fa-inkiḥūhunna
فَٱنكِحُوهُنَّ
तो निकाह कर लो उनसे
bi-idh'ni
بِإِذْنِ
इजाज़त से
ahlihinna
أَهْلِهِنَّ
उनके मालिकों की
waātūhunna
وَءَاتُوهُنَّ
और दो उन्हें
ujūrahunna
أُجُورَهُنَّ
महर उनके
bil-maʿrūfi
بِٱلْمَعْرُوفِ
मारूफ़ तरीक़े से
muḥ'ṣanātin
مُحْصَنَٰتٍ
निकाह में महफ़ूज़ होने वालियाँ
ghayra
غَيْرَ
ना
musāfiḥātin
مُسَٰفِحَٰتٍ
बदकारी करने वालियाँ
walā
وَلَا
और ना
muttakhidhāti
مُتَّخِذَٰتِ
बनाने वालियाँ
akhdānin
أَخْدَانٍۚ
छुपे दोस्त
fa-idhā
فَإِذَآ
तो जब
uḥ'ṣinna
أُحْصِنَّ
वो निकाह में लाई जाऐं
fa-in
فَإِنْ
फिर अगर
atayna
أَتَيْنَ
वो आऐं
bifāḥishatin
بِفَٰحِشَةٍ
किसी बेहयाई को
faʿalayhinna
فَعَلَيْهِنَّ
तो उन पर है
niṣ'fu
نِصْفُ
आधी
مَا
वो जो
ʿalā
عَلَى
पाकदामन औरतों पर है
l-muḥ'ṣanāti
ٱلْمُحْصَنَٰتِ
पाकदामन औरतों पर है
mina
مِنَ
सज़ा में से
l-ʿadhābi
ٱلْعَذَابِۚ
सज़ा में से
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
liman
لِمَنْ
उसके लिए है जो
khashiya
خَشِىَ
डरे
l-ʿanata
ٱلْعَنَتَ
गुनाह से
minkum
مِنكُمْۚ
तुम में से
wa-an
وَأَن
और ये कि
taṣbirū
تَصْبِرُوا۟
तुम सब्र करो
khayrun
خَيْرٌ
बेहतर है
lakum
لَّكُمْۗ
तुम्हारे लिए
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ghafūrun
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
raḥīmun
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है
और तुममें से जिस किसी की इतनी सामर्थ्य न हो कि पाकदामन, स्वतंत्र, ईमानवाली स्त्रियों से विवाह कर सके, तो तुम्हारी वे ईमानवाली जवान लौडियाँ ही सही जो तुम्हारे क़ब्ज़े में हो। और अल्लाह तुम्हारे ईमान को भली-भाँति जानता है। तुम सब आपस में एक ही हो, तो उनके मालिकों की अनुमति से तुम उनसे विवाह कर लो और सामान्य नियम के अनुसार उन्हें उनका हक़ भी दो। वे पाकदामनी की सुरक्षा करनेवाली हों, स्वच्छन्द काम-तृप्ति न करनेवाली हों और न वे चोरी-छिपे ग़ैरो से प्रेम करनेवाली हों। फिर जब वे विवाहिता बना ली जाएँ और उसके पश्चात कोई अश्लील कर्म कर बैठें, तो जो दंड सम्मानित स्त्रियों के लिए है, उसका आधा उनके लिए होगा। यह तुममें से उस व्यक्ति के लिए है, जिसे ख़राबी में पड़ जाने का भय हो, और यह कि तुम धैर्य से काम लो तो यह तुम्हारे लिए अधिक अच्छा है। निस्संदेह अल्लाह बहुत क्षमाशील, दयावान है ([४] अन-निसा: 25)
Tafseer (तफ़सीर )
२६

يُرِيْدُ اللّٰهُ لِيُبَيِّنَ لَكُمْ وَيَهْدِيَكُمْ سُنَنَ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِكُمْ وَيَتُوْبَ عَلَيْكُمْ ۗ وَاللّٰهُ عَلِيْمٌ حَكِيْمٌ ٢٦

yurīdu
يُرِيدُ
चाहता है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
liyubayyina
لِيُبَيِّنَ
कि वो वाज़ेह कर दे
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
wayahdiyakum
وَيَهْدِيَكُمْ
और वो हिदायत दे तुम्हें
sunana
سُنَنَ
तरीक़ों की
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के जो
min
مِن
तुमसे पहले थे
qablikum
قَبْلِكُمْ
तुमसे पहले थे
wayatūba
وَيَتُوبَ
और वो मेहरबान हो
ʿalaykum
عَلَيْكُمْۗ
तुम पर
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ʿalīmun
عَلِيمٌ
बहुत इल्म वाला है
ḥakīmun
حَكِيمٌ
बहुत हिकमत वाला है
अल्लाह चाहता है कि तुमपर स्पष्ट कर दे और तुम्हें उन लोगों के तरीक़ों पर चलाए, जो तुमसे पहले हुए है और तुमपर दयादृष्टि करे। अल्लाह तो सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 26)
Tafseer (तफ़सीर )
२७

وَاللّٰهُ يُرِيْدُ اَنْ يَّتُوْبَ عَلَيْكُمْ ۗ وَيُرِيْدُ الَّذِيْنَ يَتَّبِعُوْنَ الشَّهَوٰتِ اَنْ تَمِيْلُوْا مَيْلًا عَظِيْمًا ٢٧

wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
yurīdu
يُرِيدُ
चाहता है
an
أَن
कि
yatūba
يَتُوبَ
वो मेहरबान हो
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
wayurīdu
وَيُرِيدُ
और चाहते हैं
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
yattabiʿūna
يَتَّبِعُونَ
पैरवी करते हैं
l-shahawāti
ٱلشَّهَوَٰتِ
ख़्वाहिशात की
an
أَن
कि
tamīlū
تَمِيلُوا۟
तुम झुक जाओ
maylan
مَيْلًا
झुक जाना
ʿaẓīman
عَظِيمًا
बहुत बड़ा
और अल्लाह चाहता है कि जो तुमपर दयादृष्टि करे, किन्तु जो लोग अपनी तुच्छ इच्छाओं का पालन करते है, वे चाहते है कि तुम राह से हटकर बहुत दूर जा पड़ो ([४] अन-निसा: 27)
Tafseer (तफ़सीर )
२८

يُرِيْدُ اللّٰهُ اَنْ يُّخَفِّفَ عَنْكُمْ ۚ وَخُلِقَ الْاِنْسَانُ ضَعِيْفًا ٢٨

yurīdu
يُرِيدُ
चाहता है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
an
أَن
कि
yukhaffifa
يُخَفِّفَ
वो हल्का कर दे
ʿankum
عَنكُمْۚ
तुम से
wakhuliqa
وَخُلِقَ
और पैदा किया गया है
l-insānu
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
ḍaʿīfan
ضَعِيفًا
कमज़ोर
अल्लाह चाहता है कि तुमपर से बोझ हलका कर दे, क्योंकि इनसान निर्बल पैदा किया गया है ([४] अन-निसा: 28)
Tafseer (तफ़सीर )
२९

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَأْكُلُوْٓا اَمْوَالَكُمْ بَيْنَكُمْ بِالْبَاطِلِ اِلَّآ اَنْ تَكُوْنَ تِجَارَةً عَنْ تَرَاضٍ مِّنْكُمْ ۗ وَلَا تَقْتُلُوْٓا اَنْفُسَكُمْ ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِكُمْ رَحِيْمًا ٢٩

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
لَا
ना तुम खाओ
takulū
تَأْكُلُوٓا۟
ना तुम खाओ
amwālakum
أَمْوَٰلَكُم
अपने मालों को
baynakum
بَيْنَكُم
आपस में
bil-bāṭili
بِٱلْبَٰطِلِ
बातिल तरीक़े से
illā
إِلَّآ
मगर
an
أَن
ये कि
takūna
تَكُونَ
हो
tijāratan
تِجَٰرَةً
तिजारत
ʿan
عَن
बाहमी रज़ामन्दी से
tarāḍin
تَرَاضٍ
बाहमी रज़ामन्दी से
minkum
مِّنكُمْۚ
तुम्हारी
walā
وَلَا
और ना
taqtulū
تَقْتُلُوٓا۟
तुम क़त्ल करो
anfusakum
أَنفُسَكُمْۚ
अपने नफ़्सों को
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
kāna
كَانَ
है
bikum
بِكُمْ
तुम पर
raḥīman
رَحِيمًا
निहायत रहम करने वाला
ऐ ईमान लानेवालो! आपस में एक-दूसरे के माल ग़लत तरीक़े से न खाओ - यह और बात है कि तुम्हारी आपस में रज़ामन्दी से कोई सौदा हो - और न अपनों की हत्या करो। निस्संदेह अल्लाह तुमपर बहुत दयावान है ([४] अन-निसा: 29)
Tafseer (तफ़सीर )
३०

وَمَنْ يَّفْعَلْ ذٰلِكَ عُدْوَانًا وَّظُلْمًا فَسَوْفَ نُصْلِيْهِ نَارًا ۗوَكَانَ ذٰلِكَ عَلَى اللّٰهِ يَسِيْرًا ٣٠

waman
وَمَن
और जो कोई
yafʿal
يَفْعَلْ
करेगा
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
ʿud'wānan
عُدْوَٰنًا
ज़्यादती
waẓul'man
وَظُلْمًا
और ज़ुल्म से
fasawfa
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
nuṣ'līhi
نُصْلِيهِ
हम जलाऐंगे उसे
nāran
نَارًاۚ
आग में
wakāna
وَكَانَ
और है
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
yasīran
يَسِيرًا
निहायत आसान
और जो कोई ज़ुल्म और ज़्यादती से ऐसा करेगा, तो उसे हम जल्द ही आग में झोंक देंगे, और यह अल्लाह के लिए सरल है ([४] अन-निसा: 30)
Tafseer (तफ़सीर )