وَكَيْفَ تَأْخُذُوْنَهٗ وَقَدْ اَفْضٰى بَعْضُكُمْ اِلٰى بَعْضٍ وَّاَخَذْنَ مِنْكُمْ مِّيْثَاقًا غَلِيْظًا ٢١
- wakayfa
- وَكَيْفَ
- और किस तरह
- takhudhūnahu
- تَأْخُذُونَهُۥ
- तुम ले सकते हो उसे
- waqad
- وَقَدْ
- हालाँकि तहक़ीक़
- afḍā
- أَفْضَىٰ
- पहुँच चुका
- baʿḍukum
- بَعْضُكُمْ
- बाज़ तुम्हारा
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ बाज़ के
- baʿḍin
- بَعْضٍ
- तरफ़ बाज़ के
- wa-akhadhna
- وَأَخَذْنَ
- और वो ले चुकीं
- minkum
- مِنكُم
- तुम से
- mīthāqan
- مِّيثَٰقًا
- अहद
- ghalīẓan
- غَلِيظًا
- पुख़्ता
और तुम उसे किस तरह ले सकते हो, जबकि तुम एक-दूसरे से मिल चुके हो और वे तुमसे दृढ़ प्रतिज्ञा भी ले चुकी है? ([४] अन-निसा: 21)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَا تَنْكِحُوْا مَا نَكَحَ اٰبَاۤؤُكُمْ مِّنَ النِّسَاۤءِ اِلَّا مَا قَدْ سَلَفَ ۗ اِنَّهٗ كَانَ فَاحِشَةً وَّمَقْتًاۗ وَسَاۤءَ سَبِيْلًا ࣖ ٢٢
- walā
- وَلَا
- और ना
- tankiḥū
- تَنكِحُوا۟
- तुम निकाह करो
- mā
- مَا
- जिनसे
- nakaḥa
- نَكَحَ
- निकाह कर चुके
- ābāukum
- ءَابَآؤُكُم
- बाप तुम्हारे
- mina
- مِّنَ
- औरतों में से
- l-nisāi
- ٱلنِّسَآءِ
- औरतों में से
- illā
- إِلَّا
- मगर
- mā
- مَا
- जो
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- salafa
- سَلَفَۚ
- गुज़र चुका
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- kāna
- كَانَ
- है वो
- fāḥishatan
- فَٰحِشَةً
- बेहयाई का काम
- wamaqtan
- وَمَقْتًا
- और क़ाबिले नफ़रत
- wasāa
- وَسَآءَ
- और बहुत ही बुरा
- sabīlan
- سَبِيلًا
- रास्ता
और उन स्त्रियों से विवाह न करो, जिनसे तुम्हारे बाप विवाह कर चुके हों, परन्तु जो पहले हो चुका सो हो चुका। निस्संदेह यह एक अश्लील और अत्यन्त अप्रिय कर्म है, और बुरी रीति है ([४] अन-निसा: 22)Tafseer (तफ़सीर )
حُرِّمَتْ عَلَيْكُمْ اُمَّهٰتُكُمْ وَبَنٰتُكُمْ وَاَخَوٰتُكُمْ وَعَمّٰتُكُمْ وَخٰلٰتُكُمْ وَبَنٰتُ الْاَخِ وَبَنٰتُ الْاُخْتِ وَاُمَّهٰتُكُمُ الّٰتِيْٓ اَرْضَعْنَكُمْ وَاَخَوٰتُكُمْ مِّنَ الرَّضَاعَةِ وَاُمَّهٰتُ نِسَاۤىِٕكُمْ وَرَبَاۤىِٕبُكُمُ الّٰتِيْ فِيْ حُجُوْرِكُمْ مِّنْ نِّسَاۤىِٕكُمُ الّٰتِيْ دَخَلْتُمْ بِهِنَّۖ فَاِنْ لَّمْ تَكُوْنُوْا دَخَلْتُمْ بِهِنَّ فَلَا جُنَاحَ عَلَيْكُمْ ۖ وَحَلَاۤىِٕلُ اَبْنَاۤىِٕكُمُ الَّذِيْنَ مِنْ اَصْلَابِكُمْۙ وَاَنْ تَجْمَعُوْا بَيْنَ الْاُخْتَيْنِ اِلَّا مَا قَدْ سَلَفَ ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ۔ ٢٣
- ḥurrimat
- حُرِّمَتْ
- हराम कर दी गईं
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- तुम पर
- ummahātukum
- أُمَّهَٰتُكُمْ
- माँऐं तुम्हारी
- wabanātukum
- وَبَنَاتُكُمْ
- और बेटियाँ तुम्हारी
- wa-akhawātukum
- وَأَخَوَٰتُكُمْ
- और बहनें तुम्हारी
- waʿammātukum
- وَعَمَّٰتُكُمْ
- और फूफियाँ तुम्हारी
- wakhālātukum
- وَخَٰلَٰتُكُمْ
- और ख़ालाऐं तुम्हारी
- wabanātu
- وَبَنَاتُ
- और बेटियाँ
- l-akhi
- ٱلْأَخِ
- भाई की
- wabanātu
- وَبَنَاتُ
- और बेटियाँ
- l-ukh'ti
- ٱلْأُخْتِ
- बहन की
- wa-ummahātukumu
- وَأُمَّهَٰتُكُمُ
- और माँऐं तुम्हारी
- allātī
- ٱلَّٰتِىٓ
- वो जिन्होंने
- arḍaʿnakum
- أَرْضَعْنَكُمْ
- दूध पिलाया तुम्हें
- wa-akhawātukum
- وَأَخَوَٰتُكُم
- और बहनें तुम्हारी
- mina
- مِّنَ
- रज़ाअत से
- l-raḍāʿati
- ٱلرَّضَٰعَةِ
- रज़ाअत से
- wa-ummahātu
- وَأُمَّهَٰتُ
- और माँऐं
- nisāikum
- نِسَآئِكُمْ
- तुम्हारी बीवियों की
- warabāibukumu
- وَرَبَٰٓئِبُكُمُ
- और बेटियाँ तुम्हारी बीवियों की
- allātī
- ٱلَّٰتِى
- वो जो
- fī
- فِى
- तुम्हारी गोदों में हैं
- ḥujūrikum
- حُجُورِكُم
- तुम्हारी गोदों में हैं
- min
- مِّن
- तुम्हारी बीवियों में से
- nisāikumu
- نِّسَآئِكُمُ
- तुम्हारी बीवियों में से
- allātī
- ٱلَّٰتِى
- वो जो
- dakhaltum
- دَخَلْتُم
- दख़ूल किया तुमने
- bihinna
- بِهِنَّ
- उनसे
- fa-in
- فَإِن
- फिर अगर
- lam
- لَّمْ
- ना
- takūnū
- تَكُونُوا۟
- हो तुम
- dakhaltum
- دَخَلْتُم
- दख़ूल कर चुके तुम
- bihinna
- بِهِنَّ
- उनसे
- falā
- فَلَا
- तो नहीं
- junāḥa
- جُنَاحَ
- कोई गुनाह
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- तुम पर
- waḥalāilu
- وَحَلَٰٓئِلُ
- और बीवियाँ
- abnāikumu
- أَبْنَآئِكُمُ
- तुम्हारे बेटों की
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- min
- مِنْ
- तुम्हारी पुश्तों से हैं
- aṣlābikum
- أَصْلَٰبِكُمْ
- तुम्हारी पुश्तों से हैं
- wa-an
- وَأَن
- और ये कि
- tajmaʿū
- تَجْمَعُوا۟
- तुम जमा करो
- bayna
- بَيْنَ
- दर्मियान
- l-ukh'tayni
- ٱلْأُخْتَيْنِ
- दो बहनों के
- illā
- إِلَّا
- मगर
- mā
- مَا
- जो
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- salafa
- سَلَفَۗ
- गुज़र चुका
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- kāna
- كَانَ
- है
- ghafūran
- غَفُورًا
- बहुत बख़्शने वाला
- raḥīman
- رَّحِيمًا
- निहायत रहम करने वाला
तुम्हारे लिए हराम है तुम्हारी माएँ, बेटियाँ, बहनें, फूफियाँ, मौसियाँ, भतीतियाँ, भाँजिया, और तुम्हारी वे माएँ जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया हो और दूध के रिश्ते से तुम्हारी बहनें और तुम्हारी सासें और तुम्हारी पत्ऩियों की बेटियाँ जिनसे तुम सम्भोग कर चुक हो। परन्तु यदि सम्भोग नहीं किया है तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं - और तुम्हारे उन बेटों की पत्ऩियाँ जो तुमसे पैदा हों और यह भी कि तुम दो बहनों को इकट्ठा करो; जो पहले जो हो चुका सो हो चुका। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है ([४] अन-निसा: 23)Tafseer (तफ़सीर )
۞ وَالْمُحْصَنٰتُ مِنَ النِّسَاۤءِ اِلَّا مَا مَلَكَتْ اَيْمَانُكُمْ ۚ كِتٰبَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ ۚ وَاُحِلَّ لَكُمْ مَّا وَرَاۤءَ ذٰلِكُمْ اَنْ تَبْتَغُوْا بِاَمْوَالِكُمْ مُّحْصِنِيْنَ غَيْرَ مُسَافِحِيْنَ ۗ فَمَا اسْتَمْتَعْتُمْ بِهٖ مِنْهُنَّ فَاٰتُوْهُنَّ اُجُوْرَهُنَّ فَرِيْضَةً ۗوَلَا جُنَاحَ عَلَيْكُمْ فِيْمَا تَرَاضَيْتُمْ بِهٖ مِنْۢ بَعْدِ الْفَرِيْضَةِۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِيْمًا حَكِيْمًا ٢٤
- wal-muḥ'ṣanātu
- وَٱلْمُحْصَنَٰتُ
- और वो जो शादी शुदा हैं
- mina
- مِنَ
- औरतों में से
- l-nisāi
- ٱلنِّسَآءِ
- औरतों में से
- illā
- إِلَّا
- मगर
- mā
- مَا
- जिनके
- malakat
- مَلَكَتْ
- मालिक हुए
- aymānukum
- أَيْمَٰنُكُمْۖ
- दाऐं हाथ तुम्हारे
- kitāba
- كِتَٰبَ
- लिखा हुआ है
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْۚ
- तुम पर
- wa-uḥilla
- وَأُحِلَّ
- और हलाल किया गया है
- lakum
- لَكُم
- तुम्हारे लिए
- mā
- مَّا
- वो जो
- warāa
- وَرَآءَ
- अलावा है
- dhālikum
- ذَٰلِكُمْ
- उनके
- an
- أَن
- कि
- tabtaghū
- تَبْتَغُوا۟
- तुम तलाश करो
- bi-amwālikum
- بِأَمْوَٰلِكُم
- साथ अपने मालों के
- muḥ'ṣinīna
- مُّحْصِنِينَ
- निकाह में लाने वाले हो
- ghayra
- غَيْرَ
- ना कि
- musāfiḥīna
- مُسَٰفِحِينَۚ
- बदकारी करने वाले
- famā
- فَمَا
- तो जो
- is'tamtaʿtum
- ٱسْتَمْتَعْتُم
- फ़ायदा उठाया तुमने
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उस (निकाह) के
- min'hunna
- مِنْهُنَّ
- उनसे
- faātūhunna
- فَـَٔاتُوهُنَّ
- तो दे दो उन्हें
- ujūrahunna
- أُجُورَهُنَّ
- महर उनके
- farīḍatan
- فَرِيضَةًۚ
- मुक़र्रर किए हुए
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- junāḥa
- جُنَاحَ
- कोई गुनाह
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- तुम पर
- fīmā
- فِيمَا
- उसमें जो
- tarāḍaytum
- تَرَٰضَيْتُم
- तुम बाहम राज़ी हो जाओ
- bihi
- بِهِۦ
- जिस पर
- min
- مِنۢ
- बाद
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद
- l-farīḍati
- ٱلْفَرِيضَةِۚ
- मुक़र्रर करने के (महर)
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- kāna
- كَانَ
- है
- ʿalīman
- عَلِيمًا
- बहुत इल्म वाला
- ḥakīman
- حَكِيمًا
- बहुत हिकमत वाला
और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित है, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों। यह अल्लाह ने तुम्हारे लिए अनिवार्य कर दिया है। इनके अतिरिक्त शेष स्त्रियाँ तुम्हारे लिए वैध है कि तुम अपने माल के द्वारा उन्हें प्राप्त करो उनकी पाकदामनी की सुरक्षा के लिए, न कि यह काम स्वच्छन्द काम-तृप्ति के लिए हो। फिर उनसे दाम्पत्य जीवन का आनन्द लो तो उसके बदले उनका निश्चित किया हुए हक़ (मह्रि) अदा करो और यदि हक़ निश्चित हो जाने के पश्चात तुम आपम में अपनी प्रसन्नता से कोई समझौता कर लो, तो इसमें तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। निस्संदेह अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 24)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَنْ لَّمْ يَسْتَطِعْ مِنْكُمْ طَوْلًا اَنْ يَّنْكِحَ الْمُحْصَنٰتِ الْمُؤْمِنٰتِ فَمِنْ مَّا مَلَكَتْ اَيْمَانُكُمْ مِّنْ فَتَيٰتِكُمُ الْمُؤْمِنٰتِۗ وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِاِيْمَانِكُمْ ۗ بَعْضُكُمْ مِّنْۢ بَعْضٍۚ فَانْكِحُوْهُنَّ بِاِذْنِ اَهْلِهِنَّ وَاٰتُوْهُنَّ اُجُوْرَهُنَّ بِالْمَعْرُوْفِ مُحْصَنٰتٍ غَيْرَ مُسٰفِحٰتٍ وَّلَا مُتَّخِذٰتِ اَخْدَانٍ ۚ فَاِذَآ اُحْصِنَّ فَاِنْ اَتَيْنَ بِفَاحِشَةٍ فَعَلَيْهِنَّ نِصْفُ مَا عَلَى الْمُحْصَنٰتِ مِنَ الْعَذَابِۗ ذٰلِكَ لِمَنْ خَشِيَ الْعَنَتَ مِنْكُمْ ۗ وَاَنْ تَصْبِرُوْا خَيْرٌ لَّكُمْ ۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ࣖ ٢٥
- waman
- وَمَن
- और जो कोई
- lam
- لَّمْ
- ना
- yastaṭiʿ
- يَسْتَطِعْ
- इस्तिताअत रखे
- minkum
- مِنكُمْ
- तुम में से
- ṭawlan
- طَوْلًا
- वुसअत / माल की
- an
- أَن
- कि
- yankiḥa
- يَنكِحَ
- वो निकाह करे
- l-muḥ'ṣanāti
- ٱلْمُحْصَنَٰتِ
- आज़ाद औरतों से
- l-mu'mināti
- ٱلْمُؤْمِنَٰتِ
- जो मोमिना हों
- famin
- فَمِن
- तो उनसे जिनके
- mā
- مَّا
- तो उनसे जिनके
- malakat
- مَلَكَتْ
- मालिक हुए
- aymānukum
- أَيْمَٰنُكُم
- दाऐं हाथ तुम्हारे
- min
- مِّن
- तुम्हारी लौंडियों में से
- fatayātikumu
- فَتَيَٰتِكُمُ
- तुम्हारी लौंडियों में से
- l-mu'mināti
- ٱلْمُؤْمِنَٰتِۚ
- जो मोमिना हों
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानता है
- biīmānikum
- بِإِيمَٰنِكُمۚ
- तुम्हारे ईमान को
- baʿḍukum
- بَعْضُكُم
- बाज़ तुम्हारे
- min
- مِّنۢ
- बाज़ से हैं
- baʿḍin
- بَعْضٍۚ
- बाज़ से हैं
- fa-inkiḥūhunna
- فَٱنكِحُوهُنَّ
- तो निकाह कर लो उनसे
- bi-idh'ni
- بِإِذْنِ
- इजाज़त से
- ahlihinna
- أَهْلِهِنَّ
- उनके मालिकों की
- waātūhunna
- وَءَاتُوهُنَّ
- और दो उन्हें
- ujūrahunna
- أُجُورَهُنَّ
- महर उनके
- bil-maʿrūfi
- بِٱلْمَعْرُوفِ
- मारूफ़ तरीक़े से
- muḥ'ṣanātin
- مُحْصَنَٰتٍ
- निकाह में महफ़ूज़ होने वालियाँ
- ghayra
- غَيْرَ
- ना
- musāfiḥātin
- مُسَٰفِحَٰتٍ
- बदकारी करने वालियाँ
- walā
- وَلَا
- और ना
- muttakhidhāti
- مُتَّخِذَٰتِ
- बनाने वालियाँ
- akhdānin
- أَخْدَانٍۚ
- छुपे दोस्त
- fa-idhā
- فَإِذَآ
- तो जब
- uḥ'ṣinna
- أُحْصِنَّ
- वो निकाह में लाई जाऐं
- fa-in
- فَإِنْ
- फिर अगर
- atayna
- أَتَيْنَ
- वो आऐं
- bifāḥishatin
- بِفَٰحِشَةٍ
- किसी बेहयाई को
- faʿalayhinna
- فَعَلَيْهِنَّ
- तो उन पर है
- niṣ'fu
- نِصْفُ
- आधी
- mā
- مَا
- वो जो
- ʿalā
- عَلَى
- पाकदामन औरतों पर है
- l-muḥ'ṣanāti
- ٱلْمُحْصَنَٰتِ
- पाकदामन औरतों पर है
- mina
- مِنَ
- सज़ा में से
- l-ʿadhābi
- ٱلْعَذَابِۚ
- सज़ा में से
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- liman
- لِمَنْ
- उसके लिए है जो
- khashiya
- خَشِىَ
- डरे
- l-ʿanata
- ٱلْعَنَتَ
- गुनाह से
- minkum
- مِنكُمْۚ
- तुम में से
- wa-an
- وَأَن
- और ये कि
- taṣbirū
- تَصْبِرُوا۟
- तुम सब्र करो
- khayrun
- خَيْرٌ
- बेहतर है
- lakum
- لَّكُمْۗ
- तुम्हारे लिए
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- ghafūrun
- غَفُورٌ
- बहुत बख़्शने वाला है
- raḥīmun
- رَّحِيمٌ
- निहायत रहम करने वाला है
और तुममें से जिस किसी की इतनी सामर्थ्य न हो कि पाकदामन, स्वतंत्र, ईमानवाली स्त्रियों से विवाह कर सके, तो तुम्हारी वे ईमानवाली जवान लौडियाँ ही सही जो तुम्हारे क़ब्ज़े में हो। और अल्लाह तुम्हारे ईमान को भली-भाँति जानता है। तुम सब आपस में एक ही हो, तो उनके मालिकों की अनुमति से तुम उनसे विवाह कर लो और सामान्य नियम के अनुसार उन्हें उनका हक़ भी दो। वे पाकदामनी की सुरक्षा करनेवाली हों, स्वच्छन्द काम-तृप्ति न करनेवाली हों और न वे चोरी-छिपे ग़ैरो से प्रेम करनेवाली हों। फिर जब वे विवाहिता बना ली जाएँ और उसके पश्चात कोई अश्लील कर्म कर बैठें, तो जो दंड सम्मानित स्त्रियों के लिए है, उसका आधा उनके लिए होगा। यह तुममें से उस व्यक्ति के लिए है, जिसे ख़राबी में पड़ जाने का भय हो, और यह कि तुम धैर्य से काम लो तो यह तुम्हारे लिए अधिक अच्छा है। निस्संदेह अल्लाह बहुत क्षमाशील, दयावान है ([४] अन-निसा: 25)Tafseer (तफ़सीर )
يُرِيْدُ اللّٰهُ لِيُبَيِّنَ لَكُمْ وَيَهْدِيَكُمْ سُنَنَ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِكُمْ وَيَتُوْبَ عَلَيْكُمْ ۗ وَاللّٰهُ عَلِيْمٌ حَكِيْمٌ ٢٦
- yurīdu
- يُرِيدُ
- चाहता है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- liyubayyina
- لِيُبَيِّنَ
- कि वो वाज़ेह कर दे
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हारे लिए
- wayahdiyakum
- وَيَهْدِيَكُمْ
- और वो हिदायत दे तुम्हें
- sunana
- سُنَنَ
- तरीक़ों की
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों के जो
- min
- مِن
- तुमसे पहले थे
- qablikum
- قَبْلِكُمْ
- तुमसे पहले थे
- wayatūba
- وَيَتُوبَ
- और वो मेहरबान हो
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْۗ
- तुम पर
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- ʿalīmun
- عَلِيمٌ
- बहुत इल्म वाला है
- ḥakīmun
- حَكِيمٌ
- बहुत हिकमत वाला है
अल्लाह चाहता है कि तुमपर स्पष्ट कर दे और तुम्हें उन लोगों के तरीक़ों पर चलाए, जो तुमसे पहले हुए है और तुमपर दयादृष्टि करे। अल्लाह तो सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 26)Tafseer (तफ़सीर )
وَاللّٰهُ يُرِيْدُ اَنْ يَّتُوْبَ عَلَيْكُمْ ۗ وَيُرِيْدُ الَّذِيْنَ يَتَّبِعُوْنَ الشَّهَوٰتِ اَنْ تَمِيْلُوْا مَيْلًا عَظِيْمًا ٢٧
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- yurīdu
- يُرِيدُ
- चाहता है
- an
- أَن
- कि
- yatūba
- يَتُوبَ
- वो मेहरबान हो
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- तुम पर
- wayurīdu
- وَيُرِيدُ
- और चाहते हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- yattabiʿūna
- يَتَّبِعُونَ
- पैरवी करते हैं
- l-shahawāti
- ٱلشَّهَوَٰتِ
- ख़्वाहिशात की
- an
- أَن
- कि
- tamīlū
- تَمِيلُوا۟
- तुम झुक जाओ
- maylan
- مَيْلًا
- झुक जाना
- ʿaẓīman
- عَظِيمًا
- बहुत बड़ा
और अल्लाह चाहता है कि जो तुमपर दयादृष्टि करे, किन्तु जो लोग अपनी तुच्छ इच्छाओं का पालन करते है, वे चाहते है कि तुम राह से हटकर बहुत दूर जा पड़ो ([४] अन-निसा: 27)Tafseer (तफ़सीर )
يُرِيْدُ اللّٰهُ اَنْ يُّخَفِّفَ عَنْكُمْ ۚ وَخُلِقَ الْاِنْسَانُ ضَعِيْفًا ٢٨
- yurīdu
- يُرِيدُ
- चाहता है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- an
- أَن
- कि
- yukhaffifa
- يُخَفِّفَ
- वो हल्का कर दे
- ʿankum
- عَنكُمْۚ
- तुम से
- wakhuliqa
- وَخُلِقَ
- और पैदा किया गया है
- l-insānu
- ٱلْإِنسَٰنُ
- इन्सान
- ḍaʿīfan
- ضَعِيفًا
- कमज़ोर
अल्लाह चाहता है कि तुमपर से बोझ हलका कर दे, क्योंकि इनसान निर्बल पैदा किया गया है ([४] अन-निसा: 28)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَأْكُلُوْٓا اَمْوَالَكُمْ بَيْنَكُمْ بِالْبَاطِلِ اِلَّآ اَنْ تَكُوْنَ تِجَارَةً عَنْ تَرَاضٍ مِّنْكُمْ ۗ وَلَا تَقْتُلُوْٓا اَنْفُسَكُمْ ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِكُمْ رَحِيْمًا ٢٩
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- lā
- لَا
- ना तुम खाओ
- takulū
- تَأْكُلُوٓا۟
- ना तुम खाओ
- amwālakum
- أَمْوَٰلَكُم
- अपने मालों को
- baynakum
- بَيْنَكُم
- आपस में
- bil-bāṭili
- بِٱلْبَٰطِلِ
- बातिल तरीक़े से
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- an
- أَن
- ये कि
- takūna
- تَكُونَ
- हो
- tijāratan
- تِجَٰرَةً
- तिजारत
- ʿan
- عَن
- बाहमी रज़ामन्दी से
- tarāḍin
- تَرَاضٍ
- बाहमी रज़ामन्दी से
- minkum
- مِّنكُمْۚ
- तुम्हारी
- walā
- وَلَا
- और ना
- taqtulū
- تَقْتُلُوٓا۟
- तुम क़त्ल करो
- anfusakum
- أَنفُسَكُمْۚ
- अपने नफ़्सों को
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- kāna
- كَانَ
- है
- bikum
- بِكُمْ
- तुम पर
- raḥīman
- رَحِيمًا
- निहायत रहम करने वाला
ऐ ईमान लानेवालो! आपस में एक-दूसरे के माल ग़लत तरीक़े से न खाओ - यह और बात है कि तुम्हारी आपस में रज़ामन्दी से कोई सौदा हो - और न अपनों की हत्या करो। निस्संदेह अल्लाह तुमपर बहुत दयावान है ([४] अन-निसा: 29)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَنْ يَّفْعَلْ ذٰلِكَ عُدْوَانًا وَّظُلْمًا فَسَوْفَ نُصْلِيْهِ نَارًا ۗوَكَانَ ذٰلِكَ عَلَى اللّٰهِ يَسِيْرًا ٣٠
- waman
- وَمَن
- और जो कोई
- yafʿal
- يَفْعَلْ
- करेगा
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- ʿud'wānan
- عُدْوَٰنًا
- ज़्यादती
- waẓul'man
- وَظُلْمًا
- और ज़ुल्म से
- fasawfa
- فَسَوْفَ
- पस अनक़रीब
- nuṣ'līhi
- نُصْلِيهِ
- हम जलाऐंगे उसे
- nāran
- نَارًاۚ
- आग में
- wakāna
- وَكَانَ
- और है
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- ʿalā
- عَلَى
- अल्लाह पर
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- yasīran
- يَسِيرًا
- निहायत आसान
और जो कोई ज़ुल्म और ज़्यादती से ऐसा करेगा, तो उसे हम जल्द ही आग में झोंक देंगे, और यह अल्लाह के लिए सरल है ([४] अन-निसा: 30)Tafseer (तफ़सीर )