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सूरा अन-निसा - Page: 17

An-Nisa

(औरत)

१६१

وَّاَخْذِهِمُ الرِّبٰوا وَقَدْ نُهُوْا عَنْهُ وَاَكْلِهِمْ اَمْوَالَ النَّاسِ بِالْبَاطِلِ ۗوَاَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِيْنَ مِنْهُمْ عَذَابًا اَلِيْمًا ١٦١

wa-akhdhihimu
وَأَخْذِهِمُ
और (बवजह) उनके लेने के
l-riba
ٱلرِّبَوٰا۟
सूद को
waqad
وَقَدْ
हालाँकि तहक़ीक़
nuhū
نُهُوا۟
वो रोके गए थे
ʿanhu
عَنْهُ
उससे
wa-aklihim
وَأَكْلِهِمْ
और (बवजह) उनके खाने के
amwāla
أَمْوَٰلَ
माल
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
लोगों के
bil-bāṭili
بِٱلْبَٰطِلِۚ
बातिल (तरीक़े) से
wa-aʿtadnā
وَأَعْتَدْنَا
और तैयार कर रखा है हमने
lil'kāfirīna
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
min'hum
مِنْهُمْ
उनमें से
ʿadhāban
عَذَابًا
अज़ाब
alīman
أَلِيمًا
दर्दनाक
और उनके ब्याज लेने के कारण, जबकि उन्हें इससे रोका गया था। और उनके अवैध रूप से लोगों के माल खाने के कारण ऐसा किया गया और हमने उनमें से जिन लोगों ने इनकार किया उनके लिए दुखद यातना तैयार कर रखी है ([४] अन-निसा: 161)
Tafseer (तफ़सीर )
१६२

لٰكِنِ الرَّاسِخُوْنَ فِى الْعِلْمِ مِنْهُمْ وَالْمُؤْمِنُوْنَ يُؤْمِنُوْنَ بِمَآ اُنْزِلَ اِلَيْكَ وَمَآ اُنْزِلَ مِنْ قَبْلِكَ وَالْمُقِيْمِيْنَ الصَّلٰوةَ وَالْمُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَالْمُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِۗ اُولٰۤىِٕكَ سَنُؤْتِيْهِمْ اَجْرًا عَظِيْمًا ࣖ ١٦٢

lākini
لَّٰكِنِ
लेकिन
l-rāsikhūna
ٱلرَّٰسِخُونَ
जो रासिख़ हैं
فِى
इल्म में
l-ʿil'mi
ٱلْعِلْمِ
इल्म में
min'hum
مِنْهُمْ
उनमें से
wal-mu'minūna
وَٱلْمُؤْمِنُونَ
और जो ईमान लाने वाले हैं
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
वो ईमान लाते हैं
bimā
بِمَآ
उस पर जो
unzila
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
wamā
وَمَآ
और जो
unzila
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
min
مِن
आपसे पहले
qablika
قَبْلِكَۚ
आपसे पहले
wal-muqīmīna
وَٱلْمُقِيمِينَ
और जो क़ायम करने वाले हैं
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَۚ
नमाज़
wal-mu'tūna
وَٱلْمُؤْتُونَ
और जो देने वाले हैं
l-zakata
ٱلزَّكَوٰةَ
ज़कात
wal-mu'minūna
وَٱلْمُؤْمِنُونَ
और जो ईमान लाने वाले हैं
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
wal-yawmi
وَٱلْيَوْمِ
और आख़िरी दिन पर
l-ākhiri
ٱلْءَاخِرِ
और आख़िरी दिन पर
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
sanu'tīhim
سَنُؤْتِيهِمْ
अनक़रीब हम देंगे उन्हें
ajran
أَجْرًا
अजर
ʿaẓīman
عَظِيمًا
बहुत बड़ा
परन्तु उनमें से जो लोग ज्ञान में पक्के है और ईमानवाले हैं, वे उस पर ईमान रखते है जो तुम्हारी ओर उतारा गया है और जो तुमसे पहले उतारा गया था, और जो विशेष रूप से नमाज़ क़ायम करते है, ज़कात देते और अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान रखते है। यही लोग है जिन्हें हम शीघ्र ही बड़ी प्रतिदान प्रदान करेंगे ([४] अन-निसा: 162)
Tafseer (तफ़सीर )
१६३

۞ اِنَّآ اَوْحَيْنَآ اِلَيْكَ كَمَآ اَوْحَيْنَآ اِلٰى نُوْحٍ وَّالنَّبِيّٖنَ مِنْۢ بَعْدِهٖۚ وَاَوْحَيْنَآ اِلٰٓى اِبْرٰهِيْمَ وَاِسْمٰعِيْلَ وَاِسْحٰقَ وَيَعْقُوْبَ وَالْاَسْبَاطِ وَعِيْسٰى وَاَيُّوْبَ وَيُوْنُسَ وَهٰرُوْنَ وَسُلَيْمٰنَ ۚوَاٰتَيْنَا دَاوٗدَ زَبُوْرًاۚ ١٦٣

innā
إِنَّآ
बेशक हम
awḥaynā
أَوْحَيْنَآ
वही की हमने
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
kamā
كَمَآ
जैसा कि
awḥaynā
أَوْحَيْنَآ
वही की हमने
ilā
إِلَىٰ
तरफ़
nūḥin
نُوحٍ
नूह के
wal-nabiyīna
وَٱلنَّبِيِّۦنَ
और नबियों के
min
مِنۢ
बाद इसके
baʿdihi
بَعْدِهِۦۚ
बाद इसके
wa-awḥaynā
وَأَوْحَيْنَآ
और वही की हमने
ilā
إِلَىٰٓ
तरफ़
ib'rāhīma
إِبْرَٰهِيمَ
इब्राहीम
wa-is'māʿīla
وَإِسْمَٰعِيلَ
और इस्माईल
wa-is'ḥāqa
وَإِسْحَٰقَ
और इसहाक़
wayaʿqūba
وَيَعْقُوبَ
और याक़ूब
wal-asbāṭi
وَٱلْأَسْبَاطِ
और औलादे याक़ूब के
waʿīsā
وَعِيسَىٰ
और ईसा
wa-ayyūba
وَأَيُّوبَ
और अय्यूब
wayūnusa
وَيُونُسَ
और यूनुस
wahārūna
وَهَٰرُونَ
और हारून
wasulaymāna
وَسُلَيْمَٰنَۚ
और सुलेमान के
waātaynā
وَءَاتَيْنَا
और दी हमने
dāwūda
دَاوُۥدَ
दाऊद को
zabūran
زَبُورًا
ज़बूर
हमने तुम्हारी ओर उसी प्रकार वह्यड की है जिस प्रकार नूह और उसके बाद के नबियों की ओर वह्यु की। और हमने इबराहीम, इसमाईल, इसहाक़ और याक़ूब और उसकी सन्तान और ईसा और अय्यूब और यूनुस और हारून और सुलैमान की ओर भी वह्यक की। और हमने दाउद को ज़बूर प्रदान किया ([४] अन-निसा: 163)
Tafseer (तफ़सीर )
१६४

وَرُسُلًا قَدْ قَصَصْنٰهُمْ عَلَيْكَ مِنْ قَبْلُ وَرُسُلًا لَّمْ نَقْصُصْهُمْ عَلَيْكَ ۗوَكَلَّمَ اللّٰهُ مُوْسٰى تَكْلِيْمًاۚ ١٦٤

warusulan
وَرُسُلًا
और कई रसूल
qad
قَدْ
तहक़ीक़
qaṣaṣnāhum
قَصَصْنَٰهُمْ
ज़िक्र किया हमने उनका
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
min
مِن
इससे पहले
qablu
قَبْلُ
इससे पहले
warusulan
وَرُسُلًا
और कई रसूल
lam
لَّمْ
नहीं
naqṣuṣ'hum
نَقْصُصْهُمْ
हमने ज़िक्र किया उनका
ʿalayka
عَلَيْكَۚ
आप पर
wakallama
وَكَلَّمَ
और कलाम किया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा से
taklīman
تَكْلِيمًا
कलाम करना
और कितने ही रसूल हुए जिनका वृतान्त पहले हम तुमसे बयान कर चुके है और कितने ही ऐसे रसूल हुए जिनका वृतान्त हमने तुमसे बयान नहीं किया। और मूसा से अल्लाह ने बातचीत की, जिस प्रकार बातचीत की जाती है ([४] अन-निसा: 164)
Tafseer (तफ़सीर )
१६५

رُسُلًا مُّبَشِّرِيْنَ وَمُنْذِرِيْنَ لِئَلَّا يَكُوْنَ لِلنَّاسِ عَلَى اللّٰهِ حُجَّةٌ ۢ بَعْدَ الرُّسُلِ ۗوَكَانَ اللّٰهُ عَزِيْزًا حَكِيْمًا ١٦٥

rusulan
رُّسُلًا
रसूल थे (ये)
mubashirīna
مُّبَشِّرِينَ
ख़ुशख़बरी देने वाले
wamundhirīna
وَمُنذِرِينَ
और डराने वाले
li-allā
لِئَلَّا
ताकि ना
yakūna
يَكُونَ
हो
lilnnāsi
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
ḥujjatun
حُجَّةٌۢ
कोई हुज्जत
baʿda
بَعْدَ
बाद
l-rusuli
ٱلرُّسُلِۚ
रसूलों के
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ʿazīzan
عَزِيزًا
बहुत ज़बरदस्त
ḥakīman
حَكِيمًا
ख़ूब हिकमत वाला
रसूल शुभ समाचार देनेवाले और सचेत करनेवाले बनाकर भेजे गए है, ताकि रसूलों के पश्चात लोगों के पास अल्लाह के मुक़ाबले में (अपने निर्दोष होने का) कोई तर्क न रहे। अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 165)
Tafseer (तफ़सीर )
१६६

لٰكِنِ اللّٰهُ يَشْهَدُ بِمَآ اَنْزَلَ اِلَيْكَ اَنْزَلَهٗ بِعِلْمِهٖ ۚوَالْمَلٰۤىِٕكَةُ يَشْهَدُوْنَ ۗوَكَفٰى بِاللّٰهِ شَهِيْدًاۗ ١٦٦

lākini
لَّٰكِنِ
लेकिन
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
yashhadu
يَشْهَدُ
वो गवाही देता है
bimā
بِمَآ
उसकी जो
anzala
أَنزَلَ
उसने नाज़िल किया
ilayka
إِلَيْكَۖ
तरफ़ आपके
anzalahu
أَنزَلَهُۥ
उसने नाज़िल किया है उसे
biʿil'mihi
بِعِلْمِهِۦۖ
अपने इल्म से
wal-malāikatu
وَٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
और फ़रिश्ते
yashhadūna
يَشْهَدُونَۚ
वो गवाही देते हैं
wakafā
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह
shahīdan
شَهِيدًا
गवाह
परन्तु अल्लाह गवाही देता है कि उसके द्वारा जो उसने तुम्हारी ओर उतारा है कि उसे उसने अपने ज्ञान के साथ उतारा है और फ़रिश्ते भी गवाही देते है, यद्यपि अल्लाह का गवाह होना ही काफ़ी है ([४] अन-निसा: 166)
Tafseer (तफ़सीर )
१६७

اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْا عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ قَدْ ضَلُّوْا ضَلٰلًا ۢ بَعِيْدًا ١٦٧

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
waṣaddū
وَصَدُّوا۟
और उन्होंने रोका
ʿan
عَن
अल्लाह के रास्ते से
sabīli
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
qad
قَدْ
तहक़ीक़
ḍallū
ضَلُّوا۟
वो गुमराह हो गए
ḍalālan
ضَلَٰلًۢا
गुमराह होना
baʿīdan
بَعِيدًا
दूर का
निश्चय ही, जिन लोगों ने इनकार किया और अल्लाह के मार्ग से रोका, वे भटककर बहुत दूर जा पड़े ([४] अन-निसा: 167)
Tafseer (तफ़सीर )
१६८

اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَظَلَمُوْا لَمْ يَكُنِ اللّٰهُ لِيَغْفِرَ لَهُمْ وَلَا لِيَهْدِيَهُمْ طَرِيْقًاۙ ١٦٨

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
waẓalamū
وَظَلَمُوا۟
और ज़ुल्म किया
lam
لَمْ
नहीं
yakuni
يَكُنِ
है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
liyaghfira
لِيَغْفِرَ
कि वो बख़्श दे
lahum
لَهُمْ
उन्हें
walā
وَلَا
और ना
liyahdiyahum
لِيَهْدِيَهُمْ
कि वो हिदायत दे उन्हें
ṭarīqan
طَرِيقًا
रास्ते की
जिन लोगों ने इनकार किया और ज़ुल्म पर उतर आए, उन्हें अल्लाह कदापि क्षमा नहीं करेगा और न उन्हें कोई मार्ग दिखाएगा ([४] अन-निसा: 168)
Tafseer (तफ़सीर )
१६९

اِلَّا طَرِيْقَ جَهَنَّمَ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًا ۗوَكَانَ ذٰلِكَ عَلَى اللّٰهِ يَسِيْرًا ١٦٩

illā
إِلَّا
सिवाय
ṭarīqa
طَرِيقَ
रास्ते के
jahannama
جَهَنَّمَ
जहन्नम के
khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
fīhā
فِيهَآ
उसमें
abadan
أَبَدًاۚ
अब्द तक/हमेशा-हमेशा
wakāna
وَكَانَ
और है
dhālika
ذَٰلِكَ
ये बात
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
yasīran
يَسِيرًا
बहुत आसान
सिवाय जहन्नम के मार्ग के, जिसमें वे सदैव पड़े रहेंगे। और यह अल्लाह के लिए बहुत-ही सहज बात है ([४] अन-निसा: 169)
Tafseer (तफ़सीर )
१७०

يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ قَدْ جَاۤءَكُمُ الرَّسُوْلُ بِالْحَقِّ مِنْ رَّبِّكُمْ فَاٰمِنُوْا خَيْرًا لَّكُمْ ۗوَاِنْ تَكْفُرُوْا فَاِنَّ لِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ وَكَانَ اللّٰهُ عَلِيْمًا حَكِيْمًا ١٧٠

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
लोगो
qad
قَدْ
तहक़ीक़
jāakumu
جَآءَكُمُ
आ गया है तुम्हारे पास
l-rasūlu
ٱلرَّسُولُ
रसूल
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ है
min
مِن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
rabbikum
رَّبِّكُمْ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
faāminū
فَـَٔامِنُوا۟
पस ईमान ले आओ
khayran
خَيْرًا
बेहतर है
lakum
لَّكُمْۚ
तुम्हारे लिए
wa-in
وَإِن
और अगर
takfurū
تَكْفُرُوا۟
तुम कुफ़्र करोगे
fa-inna
فَإِنَّ
तो बेशक
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन में
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ʿalīman
عَلِيمًا
बहुत इल्म वाला
ḥakīman
حَكِيمًا
बहुत हिकमत वाला
ऐ लोगों! रसूल तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से सत्य लेकर आ गया है। अतः तुम उस भलाई को मानो जो तुम्हारे लिए जुटाई गई। और यदि तुम इनकार करते हो तो आकाशों और धरती में जो कुछ है, वह अल्लाह ही का है। और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 170)
Tafseer (तफ़सीर )