اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْكٰفِرُوْنَ حَقًّا ۚوَاَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِيْنَ عَذَابًا مُّهِيْنًا ١٥١
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- humu
- هُمُ
- वो
- l-kāfirūna
- ٱلْكَٰفِرُونَ
- जो काफ़िर हैं
- ḥaqqan
- حَقًّاۚ
- हक़ीकी
- wa-aʿtadnā
- وَأَعْتَدْنَا
- और तैयार कर रखा है हमने
- lil'kāfirīna
- لِلْكَٰفِرِينَ
- काफ़िरों के लिए
- ʿadhāban
- عَذَابًا
- अज़ाब
- muhīnan
- مُّهِينًا
- रुस्वा करने वाला
वही लोग पक्के इनकार करनेवाले है और हमने इनकार करनेवालों के लिए अपमानजनक यातना तैयार कर रखी है ([४] अन-निसा: 151)Tafseer (तफ़सीर )
وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا بِاللّٰهِ وَرُسُلِهٖ وَلَمْ يُفَرِّقُوْا بَيْنَ اَحَدٍ مِّنْهُمْ اُولٰۤىِٕكَ سَوْفَ يُؤْتِيْهِمْ اُجُوْرَهُمْ ۗوَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ࣖ ١٥٢
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए
- bil-lahi
- بِٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- warusulihi
- وَرُسُلِهِۦ
- और उसके रसूलों पर
- walam
- وَلَمْ
- और नहीं
- yufarriqū
- يُفَرِّقُوا۟
- उन्होंने तफ़रीक़ की
- bayna
- بَيْنَ
- दर्मियान
- aḥadin
- أَحَدٍ
- किसी एक के
- min'hum
- مِّنْهُمْ
- उनमें से
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- sawfa
- سَوْفَ
- अनक़रीब
- yu'tīhim
- يُؤْتِيهِمْ
- वो देगा उन्हें
- ujūrahum
- أُجُورَهُمْۗ
- अजर उनका
- wakāna
- وَكَانَ
- और है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- ghafūran
- غَفُورًا
- बहुत बख़्शने वाला
- raḥīman
- رَّحِيمًا
- निहायत रहम करने वाला
रहे वे लोग जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान रखते है और उनमें से किसी को उस सम्बन्ध में पृथक नहीं करते जो उनके बीच पाया जाता है, ऐसे लोगों को अल्लाह शीघ्र ही उनके प्रतिदान प्रदान करेगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है ([४] अन-निसा: 152)Tafseer (तफ़सीर )
يَسْـَٔلُكَ اَهْلُ الْكِتٰبِ اَنْ تُنَزِّلَ عَلَيْهِمْ كِتٰبًا مِّنَ السَّمَاۤءِ فَقَدْ سَاَلُوْا مُوْسٰٓى اَكْبَرَ مِنْ ذٰلِكَ فَقَالُوْٓا اَرِنَا اللّٰهَ جَهْرَةً فَاَخَذَتْهُمُ الصَّاعِقَةُ بِظُلْمِهِمْۚ ثُمَّ اتَّخَذُوا الْعِجْلَ مِنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَتْهُمُ الْبَيِّنٰتُ فَعَفَوْنَا عَنْ ذٰلِكَ ۚ وَاٰتَيْنَا مُوْسٰى سُلْطٰنًا مُّبِيْنًا ١٥٣
- yasaluka
- يَسْـَٔلُكَ
- सवाल करते हैं आप से
- ahlu
- أَهْلُ
- अहले किताब
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- अहले किताब
- an
- أَن
- कि
- tunazzila
- تُنَزِّلَ
- आप उतार लाऐं
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- kitāban
- كِتَٰبًا
- एक किताब
- mina
- مِّنَ
- आसमान से
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِۚ
- आसमान से
- faqad
- فَقَدْ
- पस तहक़ीक़
- sa-alū
- سَأَلُوا۟
- उन्होंने सवाल किया था
- mūsā
- مُوسَىٰٓ
- मूसा से
- akbara
- أَكْبَرَ
- ज़्यादा बड़ा
- min
- مِن
- इससे
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- इससे
- faqālū
- فَقَالُوٓا۟
- पस उन्होंने कहा था
- arinā
- أَرِنَا
- दिखा हमें
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- jahratan
- جَهْرَةً
- सामने
- fa-akhadhathumu
- فَأَخَذَتْهُمُ
- तो पकड़ लिया उन्हें
- l-ṣāʿiqatu
- ٱلصَّٰعِقَةُ
- बिजली की कड़क ने
- biẓul'mihim
- بِظُلْمِهِمْۚ
- बवजह उनके ज़ुल्म के
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- ittakhadhū
- ٱتَّخَذُوا۟
- उन्होंने बना लिया
- l-ʿij'la
- ٱلْعِجْلَ
- बछड़े को (माबूद)
- min
- مِنۢ
- बाद उसके
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद उसके
- mā
- مَا
- जो
- jāathumu
- جَآءَتْهُمُ
- आ गईं उनके पास
- l-bayinātu
- ٱلْبَيِّنَٰتُ
- वाज़ेह निशानियाँ
- faʿafawnā
- فَعَفَوْنَا
- पस दरगुज़र किया हमने
- ʿan
- عَن
- उससे
- dhālika
- ذَٰلِكَۚ
- उससे
- waātaynā
- وَءَاتَيْنَا
- और दिया हमने
- mūsā
- مُوسَىٰ
- मूसा को
- sul'ṭānan
- سُلْطَٰنًا
- ग़लबा
- mubīnan
- مُّبِينًا
- वाज़ेह
किताबवालों की तुमसे माँग है कि तुम उनपर आकाश से कोई किताब उतार लाओ, तो वे तो मूसा से इससे भी बड़ी माँग कर चुके है। उन्होंने कहा था, 'हमें अल्लाह को प्रत्यक्ष दिखा दो,' तो उनके इस अपराध पर बिजली की कड़क ने उन्हें आ दबोचा। फिर वे बछड़े को अपना उपास्य बना बैठे, हालाँकि उनके पास खुली-खुली निशानियाँ आ चुकी थी। फिर हमने उसे भी क्षमा कर दिया और मूसा का स्पष्टा बल एवं प्रभाव प्रदान किया ([४] अन-निसा: 153)Tafseer (तफ़सीर )
وَرَفَعْنَا فَوْقَهُمُ الطُّوْرَ بِمِيْثَاقِهِمْ وَقُلْنَا لَهُمُ ادْخُلُوا الْبَابَ سُجَّدًا وَّقُلْنَا لَهُمْ لَا تَعْدُوْا فِى السَّبْتِ وَاَخَذْنَا مِنْهُمْ مِّيْثَاقًا غَلِيْظًا ١٥٤
- warafaʿnā
- وَرَفَعْنَا
- और उठाया हमने
- fawqahumu
- فَوْقَهُمُ
- उन पर
- l-ṭūra
- ٱلطُّورَ
- तूर को
- bimīthāqihim
- بِمِيثَٰقِهِمْ
- उनसे पुख़्ता अहद लेने के लिए
- waqul'nā
- وَقُلْنَا
- और कहा हमने
- lahumu
- لَهُمُ
- उन्हें
- ud'khulū
- ٱدْخُلُوا۟
- दाख़िल हो जाओ
- l-bāba
- ٱلْبَابَ
- दरवाज़े में
- sujjadan
- سُجَّدًا
- सजदा करते हुए
- waqul'nā
- وَقُلْنَا
- और कहा हमने
- lahum
- لَهُمْ
- उन्हें
- lā
- لَا
- ना तुम ज़्यादती करो
- taʿdū
- تَعْدُوا۟
- ना तुम ज़्यादती करो
- fī
- فِى
- सब्त में
- l-sabti
- ٱلسَّبْتِ
- सब्त में
- wa-akhadhnā
- وَأَخَذْنَا
- और लिया हमने
- min'hum
- مِنْهُم
- उनसे
- mīthāqan
- مِّيثَٰقًا
- अहद
- ghalīẓan
- غَلِيظًا
- पक्का
और उन लोगों से वचन लेने के साथ (तूर) पहाड़ को उनपर उठा दिया और उनसे कहा, 'दरवाज़े में सजदा करते हुए प्रवेश करो।' और उनसे कहा, 'सब्त (सामूहिक इबादत का दिन) के विषय में ज़्यादती न करना।' और हमने उनसे बहुत-ही दृढ़ वचन लिया था ([४] अन-निसा: 154)Tafseer (तफ़सीर )
فَبِمَا نَقْضِهِمْ مِّيْثَاقَهُمْ وَكُفْرِهِمْ بِاٰيٰتِ اللّٰهِ وَقَتْلِهِمُ الْاَنْۢبِيَاۤءَ بِغَيْرِ حَقٍّ وَّقَوْلِهِمْ قُلُوْبُنَا غُلْفٌ ۗ بَلْ طَبَعَ اللّٰهُ عَلَيْهَا بِكُفْرِهِمْ فَلَا يُؤْمِنُوْنَ اِلَّا قَلِيْلًاۖ ١٥٥
- fabimā
- فَبِمَا
- पस बवजह
- naqḍihim
- نَقْضِهِم
- उनके तोड़ने के
- mīthāqahum
- مِّيثَٰقَهُمْ
- अपने अहद को
- wakuf'rihim
- وَكُفْرِهِم
- और उनके कुफ़्र के
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- साथ आयात के
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की
- waqatlihimu
- وَقَتْلِهِمُ
- और उनके क़त्ल करने के
- l-anbiyāa
- ٱلْأَنۢبِيَآءَ
- अम्बिया को
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ḥaqqin
- حَقٍّ
- हक़ के
- waqawlihim
- وَقَوْلِهِمْ
- और उनके कहने के
- qulūbunā
- قُلُوبُنَا
- दिल हमारे
- ghul'fun
- غُلْفٌۢۚ
- ग़िलाफ़ हैं
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- ṭabaʿa
- طَبَعَ
- मोहर लगा दी
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- ʿalayhā
- عَلَيْهَا
- उन पर
- bikuf'rihim
- بِكُفْرِهِمْ
- बवजह उनके कुफ़्र के
- falā
- فَلَا
- पस नहीं
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- वो ईमान लाते
- illā
- إِلَّا
- मगर
- qalīlan
- قَلِيلًا
- बहुत थोड़ा
फिर उनके अपने वचन भंग करने और अल्लाह की आयतों का इनकार करने के कारण और नबियों को नाहक़ क़त्ल करने और उनके यह कहने के कारण कि 'हमारे हृदय आवरणों में सुरक्षित है' - नहीं, बल्कि वास्तव में उनके इनकार के कारण अल्लाह ने उनके दिलों पर ठप्पा लगा दिया है। तो ये ईमान थोड़े ही लाते है ([४] अन-निसा: 155)Tafseer (तफ़सीर )
وَّبِكُفْرِهِمْ وَقَوْلِهِمْ عَلٰى مَرْيَمَ بُهْتَانًا عَظِيْمًاۙ ١٥٦
- wabikuf'rihim
- وَبِكُفْرِهِمْ
- और बवजह उनके कुफ़्र के
- waqawlihim
- وَقَوْلِهِمْ
- और उनके कहने (बाँधने) के
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऊपर
- maryama
- مَرْيَمَ
- मरियम के
- buh'tānan
- بُهْتَٰنًا
- बोहतान
- ʿaẓīman
- عَظِيمًا
- बहुत बड़ा
और उनके इनकार के कारण और मरयम के ख़िलाफ ऐसी बात करने पर जो एक बड़ा लांछन था - ([४] अन-निसा: 156)Tafseer (तफ़सीर )
وَّقَوْلِهِمْ اِنَّا قَتَلْنَا الْمَسِيْحَ عِيْسَى ابْنَ مَرْيَمَ رَسُوْلَ اللّٰهِۚ وَمَا قَتَلُوْهُ وَمَا صَلَبُوْهُ وَلٰكِنْ شُبِّهَ لَهُمْ ۗوَاِنَّ الَّذِيْنَ اخْتَلَفُوْا فِيْهِ لَفِيْ شَكٍّ مِّنْهُ ۗمَا لَهُمْ بِهٖ مِنْ عِلْمٍ اِلَّا اتِّبَاعَ الظَّنِّ وَمَا قَتَلُوْهُ يَقِيْنًاۢ ۙ ١٥٧
- waqawlihim
- وَقَوْلِهِمْ
- और उनके कहने के
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- qatalnā
- قَتَلْنَا
- क़त्ल किया हमने
- l-masīḥa
- ٱلْمَسِيحَ
- मसीह
- ʿīsā
- عِيسَى
- ईसा इब्ने मरियम को
- ib'na
- ٱبْنَ
- ईसा इब्ने मरियम को
- maryama
- مَرْيَمَ
- ईसा इब्ने मरियम को
- rasūla
- رَسُولَ
- जो रसूल था
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- wamā
- وَمَا
- हालाँकि नहीं
- qatalūhu
- قَتَلُوهُ
- उन्होंने क़त्ल किया उसे
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- ṣalabūhu
- صَلَبُوهُ
- उन्होंने सलीब/सूली चढ़ाया उसे
- walākin
- وَلَٰكِن
- और लेकिन
- shubbiha
- شُبِّهَ
- वो मुश्तबा कर दिया गया
- lahum
- لَهُمْۚ
- उनके लिए
- wa-inna
- وَإِنَّ
- और बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जिन्होंने
- ikh'talafū
- ٱخْتَلَفُوا۟
- इख़्तिलाफ़ किया
- fīhi
- فِيهِ
- उसमें
- lafī
- لَفِى
- अलबत्ता शक में हैं
- shakkin
- شَكٍّ
- अलबत्ता शक में हैं
- min'hu
- مِّنْهُۚ
- उससे
- mā
- مَا
- नहीं
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- bihi
- بِهِۦ
- उसका
- min
- مِنْ
- कोई इल्म
- ʿil'min
- عِلْمٍ
- कोई इल्म
- illā
- إِلَّا
- मगर
- ittibāʿa
- ٱتِّبَاعَ
- पैरवी करना
- l-ẓani
- ٱلظَّنِّۚ
- गुमान की
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- qatalūhu
- قَتَلُوهُ
- उन्होंने क़त्ल किया उसे
- yaqīnan
- يَقِينًۢا
- यक़ीनी तौर पर
और उनके इस कथन के कारण कि हमने मरयम के बेटे ईसा मसीह, अल्लाह के रसूल, को क़त्ल कर डाला - हालाँकि न तो इन्होंने उसे क़त्ल किया और न उसे सूली पर चढाया, बल्कि मामला उनके लिए संदिग्ध हो गया। और जो लोग इसमें विभेद कर रहे है, निश्चय ही वे इस मामले में सन्देह में थे। अटकल पर चलने के अतिरिक्त उनके पास कोई ज्ञान न था। निश्चय ही उन्होंने उसे (ईसा को) क़त्ल नहीं किया, ([४] अन-निसा: 157)Tafseer (तफ़सीर )
بَلْ رَّفَعَهُ اللّٰهُ اِلَيْهِ ۗوَكَانَ اللّٰهُ عَزِيْزًا حَكِيْمًا ١٥٨
- bal
- بَل
- बल्कि
- rafaʿahu
- رَّفَعَهُ
- उठा लिया उसे
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- ilayhi
- إِلَيْهِۚ
- अपनी तरफ़
- wakāna
- وَكَانَ
- और है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- ʿazīzan
- عَزِيزًا
- बहुत ज़बरदस्त
- ḥakīman
- حَكِيمًا
- ख़ूब हिकमत वाला
बल्कि उसे अल्लाह ने अपनी ओर उठा लिया। और अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 158)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِنْ مِّنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ اِلَّا لَيُؤْمِنَنَّ بِهٖ قَبْلَ مَوْتِهٖ ۚوَيَوْمَ الْقِيٰمَةِ يَكُوْنُ عَلَيْهِمْ شَهِيْدًاۚ ١٥٩
- wa-in
- وَإِن
- और नहीं
- min
- مِّنْ
- अहले किताब में से कोई
- ahli
- أَهْلِ
- अहले किताब में से कोई
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- अहले किताब में से कोई
- illā
- إِلَّا
- मगर
- layu'minanna
- لَيُؤْمِنَنَّ
- अलबत्ता वो ज़रूर ईमान लाएगा
- bihi
- بِهِۦ
- इस पर
- qabla
- قَبْلَ
- पहले
- mawtihi
- مَوْتِهِۦۖ
- उसकी मौत से
- wayawma
- وَيَوْمَ
- और दिन
- l-qiyāmati
- ٱلْقِيَٰمَةِ
- क़यामत के
- yakūnu
- يَكُونُ
- वो होगा
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- shahīdan
- شَهِيدًا
- गवाह
किताबवालों में से कोई ऐसा न होगा, जो उसकी मृत्यु से पहले उसपर ईमान न ले आए। वह क़ियामत के दिन उनपर गवाह होगा ([४] अन-निसा: 159)Tafseer (तफ़सीर )
فَبِظُلْمٍ مِّنَ الَّذِيْنَ هَادُوْا حَرَّمْنَا عَلَيْهِمْ طَيِّبٰتٍ اُحِلَّتْ لَهُمْ وَبِصَدِّهِمْ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ كَثِيْرًاۙ ١٦٠
- fabiẓul'min
- فَبِظُلْمٍ
- पस बवजह ज़ुल्म के
- mina
- مِّنَ
- उन लोगों के जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों के जो
- hādū
- هَادُوا۟
- यहूदी बन गए
- ḥarramnā
- حَرَّمْنَا
- हराम कर दीं हमने
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- ṭayyibātin
- طَيِّبَٰتٍ
- पाकीज़ा चीज़ें
- uḥillat
- أُحِلَّتْ
- जो हलाल की गई थीं
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- wabiṣaddihim
- وَبِصَدِّهِمْ
- और बवजह उनके रोकने के
- ʿan
- عَن
- रास्ते से
- sabīli
- سَبِيلِ
- रास्ते से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- kathīran
- كَثِيرًا
- अक्सरियत को
सारांश यह कि यहूदियों के अत्याचार के कारण हमने बहुत-सी अच्छी पाक चीज़े उनपर हराम कर दी, जो उनके लिए हलाल थी और उनके प्रायः अल्लाह के मार्ग से रोकने के कारण; ([४] अन-निसा: 160)Tafseer (तफ़सीर )