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सूरा अन-निसा - Page: 16

An-Nisa

(औरत)

१५१

اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْكٰفِرُوْنَ حَقًّا ۚوَاَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِيْنَ عَذَابًا مُّهِيْنًا ١٥١

ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
humu
هُمُ
वो
l-kāfirūna
ٱلْكَٰفِرُونَ
जो काफ़िर हैं
ḥaqqan
حَقًّاۚ
हक़ीकी
wa-aʿtadnā
وَأَعْتَدْنَا
और तैयार कर रखा है हमने
lil'kāfirīna
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
ʿadhāban
عَذَابًا
अज़ाब
muhīnan
مُّهِينًا
रुस्वा करने वाला
वही लोग पक्के इनकार करनेवाले है और हमने इनकार करनेवालों के लिए अपमानजनक यातना तैयार कर रखी है ([४] अन-निसा: 151)
Tafseer (तफ़सीर )
१५२

وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا بِاللّٰهِ وَرُسُلِهٖ وَلَمْ يُفَرِّقُوْا بَيْنَ اَحَدٍ مِّنْهُمْ اُولٰۤىِٕكَ سَوْفَ يُؤْتِيْهِمْ اُجُوْرَهُمْ ۗوَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ࣖ ١٥٢

wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
warusulihi
وَرُسُلِهِۦ
और उसके रसूलों पर
walam
وَلَمْ
और नहीं
yufarriqū
يُفَرِّقُوا۟
उन्होंने तफ़रीक़ की
bayna
بَيْنَ
दर्मियान
aḥadin
أَحَدٍ
किसी एक के
min'hum
مِّنْهُمْ
उनमें से
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
sawfa
سَوْفَ
अनक़रीब
yu'tīhim
يُؤْتِيهِمْ
वो देगा उन्हें
ujūrahum
أُجُورَهُمْۗ
अजर उनका
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ghafūran
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
raḥīman
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला
रहे वे लोग जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान रखते है और उनमें से किसी को उस सम्बन्ध में पृथक नहीं करते जो उनके बीच पाया जाता है, ऐसे लोगों को अल्लाह शीघ्र ही उनके प्रतिदान प्रदान करेगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है ([४] अन-निसा: 152)
Tafseer (तफ़सीर )
१५३

يَسْـَٔلُكَ اَهْلُ الْكِتٰبِ اَنْ تُنَزِّلَ عَلَيْهِمْ كِتٰبًا مِّنَ السَّمَاۤءِ فَقَدْ سَاَلُوْا مُوْسٰٓى اَكْبَرَ مِنْ ذٰلِكَ فَقَالُوْٓا اَرِنَا اللّٰهَ جَهْرَةً فَاَخَذَتْهُمُ الصَّاعِقَةُ بِظُلْمِهِمْۚ ثُمَّ اتَّخَذُوا الْعِجْلَ مِنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَتْهُمُ الْبَيِّنٰتُ فَعَفَوْنَا عَنْ ذٰلِكَ ۚ وَاٰتَيْنَا مُوْسٰى سُلْطٰنًا مُّبِيْنًا ١٥٣

yasaluka
يَسْـَٔلُكَ
सवाल करते हैं आप से
ahlu
أَهْلُ
अहले किताब
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब
an
أَن
कि
tunazzila
تُنَزِّلَ
आप उतार लाऐं
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
kitāban
كِتَٰبًا
एक किताब
mina
مِّنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِۚ
आसमान से
faqad
فَقَدْ
पस तहक़ीक़
sa-alū
سَأَلُوا۟
उन्होंने सवाल किया था
mūsā
مُوسَىٰٓ
मूसा से
akbara
أَكْبَرَ
ज़्यादा बड़ा
min
مِن
इससे
dhālika
ذَٰلِكَ
इससे
faqālū
فَقَالُوٓا۟
पस उन्होंने कहा था
arinā
أَرِنَا
दिखा हमें
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
jahratan
جَهْرَةً
सामने
fa-akhadhathumu
فَأَخَذَتْهُمُ
तो पकड़ लिया उन्हें
l-ṣāʿiqatu
ٱلصَّٰعِقَةُ
बिजली की कड़क ने
biẓul'mihim
بِظُلْمِهِمْۚ
बवजह उनके ज़ुल्म के
thumma
ثُمَّ
फिर
ittakhadhū
ٱتَّخَذُوا۟
उन्होंने बना लिया
l-ʿij'la
ٱلْعِجْلَ
बछड़े को (माबूद)
min
مِنۢ
बाद उसके
baʿdi
بَعْدِ
बाद उसके
مَا
जो
jāathumu
جَآءَتْهُمُ
आ गईं उनके पास
l-bayinātu
ٱلْبَيِّنَٰتُ
वाज़ेह निशानियाँ
faʿafawnā
فَعَفَوْنَا
पस दरगुज़र किया हमने
ʿan
عَن
उससे
dhālika
ذَٰلِكَۚ
उससे
waātaynā
وَءَاتَيْنَا
और दिया हमने
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा को
sul'ṭānan
سُلْطَٰنًا
ग़लबा
mubīnan
مُّبِينًا
वाज़ेह
किताबवालों की तुमसे माँग है कि तुम उनपर आकाश से कोई किताब उतार लाओ, तो वे तो मूसा से इससे भी बड़ी माँग कर चुके है। उन्होंने कहा था, 'हमें अल्लाह को प्रत्यक्ष दिखा दो,' तो उनके इस अपराध पर बिजली की कड़क ने उन्हें आ दबोचा। फिर वे बछड़े को अपना उपास्य बना बैठे, हालाँकि उनके पास खुली-खुली निशानियाँ आ चुकी थी। फिर हमने उसे भी क्षमा कर दिया और मूसा का स्पष्टा बल एवं प्रभाव प्रदान किया ([४] अन-निसा: 153)
Tafseer (तफ़सीर )
१५४

وَرَفَعْنَا فَوْقَهُمُ الطُّوْرَ بِمِيْثَاقِهِمْ وَقُلْنَا لَهُمُ ادْخُلُوا الْبَابَ سُجَّدًا وَّقُلْنَا لَهُمْ لَا تَعْدُوْا فِى السَّبْتِ وَاَخَذْنَا مِنْهُمْ مِّيْثَاقًا غَلِيْظًا ١٥٤

warafaʿnā
وَرَفَعْنَا
और उठाया हमने
fawqahumu
فَوْقَهُمُ
उन पर
l-ṭūra
ٱلطُّورَ
तूर को
bimīthāqihim
بِمِيثَٰقِهِمْ
उनसे पुख़्ता अहद लेने के लिए
waqul'nā
وَقُلْنَا
और कहा हमने
lahumu
لَهُمُ
उन्हें
ud'khulū
ٱدْخُلُوا۟
दाख़िल हो जाओ
l-bāba
ٱلْبَابَ
दरवाज़े में
sujjadan
سُجَّدًا
सजदा करते हुए
waqul'nā
وَقُلْنَا
और कहा हमने
lahum
لَهُمْ
उन्हें
لَا
ना तुम ज़्यादती करो
taʿdū
تَعْدُوا۟
ना तुम ज़्यादती करो
فِى
सब्त में
l-sabti
ٱلسَّبْتِ
सब्त में
wa-akhadhnā
وَأَخَذْنَا
और लिया हमने
min'hum
مِنْهُم
उनसे
mīthāqan
مِّيثَٰقًا
अहद
ghalīẓan
غَلِيظًا
पक्का
और उन लोगों से वचन लेने के साथ (तूर) पहाड़ को उनपर उठा दिया और उनसे कहा, 'दरवाज़े में सजदा करते हुए प्रवेश करो।' और उनसे कहा, 'सब्त (सामूहिक इबादत का दिन) के विषय में ज़्यादती न करना।' और हमने उनसे बहुत-ही दृढ़ वचन लिया था ([४] अन-निसा: 154)
Tafseer (तफ़सीर )
१५५

فَبِمَا نَقْضِهِمْ مِّيْثَاقَهُمْ وَكُفْرِهِمْ بِاٰيٰتِ اللّٰهِ وَقَتْلِهِمُ الْاَنْۢبِيَاۤءَ بِغَيْرِ حَقٍّ وَّقَوْلِهِمْ قُلُوْبُنَا غُلْفٌ ۗ بَلْ طَبَعَ اللّٰهُ عَلَيْهَا بِكُفْرِهِمْ فَلَا يُؤْمِنُوْنَ اِلَّا قَلِيْلًاۖ ١٥٥

fabimā
فَبِمَا
पस बवजह
naqḍihim
نَقْضِهِم
उनके तोड़ने के
mīthāqahum
مِّيثَٰقَهُمْ
अपने अहद को
wakuf'rihim
وَكُفْرِهِم
और उनके कुफ़्र के
biāyāti
بِـَٔايَٰتِ
साथ आयात के
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
waqatlihimu
وَقَتْلِهِمُ
और उनके क़त्ल करने के
l-anbiyāa
ٱلْأَنۢبِيَآءَ
अम्बिया को
bighayri
بِغَيْرِ
बग़ैर
ḥaqqin
حَقٍّ
हक़ के
waqawlihim
وَقَوْلِهِمْ
और उनके कहने के
qulūbunā
قُلُوبُنَا
दिल हमारे
ghul'fun
غُلْفٌۢۚ
ग़िलाफ़ हैं
bal
بَلْ
बल्कि
ṭabaʿa
طَبَعَ
मोहर लगा दी
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
ʿalayhā
عَلَيْهَا
उन पर
bikuf'rihim
بِكُفْرِهِمْ
बवजह उनके कुफ़्र के
falā
فَلَا
पस नहीं
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
वो ईमान लाते
illā
إِلَّا
मगर
qalīlan
قَلِيلًا
बहुत थोड़ा
फिर उनके अपने वचन भंग करने और अल्लाह की आयतों का इनकार करने के कारण और नबियों को नाहक़ क़त्ल करने और उनके यह कहने के कारण कि 'हमारे हृदय आवरणों में सुरक्षित है' - नहीं, बल्कि वास्तव में उनके इनकार के कारण अल्लाह ने उनके दिलों पर ठप्पा लगा दिया है। तो ये ईमान थोड़े ही लाते है ([४] अन-निसा: 155)
Tafseer (तफ़सीर )
१५६

وَّبِكُفْرِهِمْ وَقَوْلِهِمْ عَلٰى مَرْيَمَ بُهْتَانًا عَظِيْمًاۙ ١٥٦

wabikuf'rihim
وَبِكُفْرِهِمْ
और बवजह उनके कुफ़्र के
waqawlihim
وَقَوْلِهِمْ
और उनके कहने (बाँधने) के
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
maryama
مَرْيَمَ
मरियम के
buh'tānan
بُهْتَٰنًا
बोहतान
ʿaẓīman
عَظِيمًا
बहुत बड़ा
और उनके इनकार के कारण और मरयम के ख़िलाफ ऐसी बात करने पर जो एक बड़ा लांछन था - ([४] अन-निसा: 156)
Tafseer (तफ़सीर )
१५७

وَّقَوْلِهِمْ اِنَّا قَتَلْنَا الْمَسِيْحَ عِيْسَى ابْنَ مَرْيَمَ رَسُوْلَ اللّٰهِۚ وَمَا قَتَلُوْهُ وَمَا صَلَبُوْهُ وَلٰكِنْ شُبِّهَ لَهُمْ ۗوَاِنَّ الَّذِيْنَ اخْتَلَفُوْا فِيْهِ لَفِيْ شَكٍّ مِّنْهُ ۗمَا لَهُمْ بِهٖ مِنْ عِلْمٍ اِلَّا اتِّبَاعَ الظَّنِّ وَمَا قَتَلُوْهُ يَقِيْنًاۢ ۙ ١٥٧

waqawlihim
وَقَوْلِهِمْ
और उनके कहने के
innā
إِنَّا
बेशक हम
qatalnā
قَتَلْنَا
क़त्ल किया हमने
l-masīḥa
ٱلْمَسِيحَ
मसीह
ʿīsā
عِيسَى
ईसा इब्ने मरियम को
ib'na
ٱبْنَ
ईसा इब्ने मरियम को
maryama
مَرْيَمَ
ईसा इब्ने मरियम को
rasūla
رَسُولَ
जो रसूल था
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह का
wamā
وَمَا
हालाँकि नहीं
qatalūhu
قَتَلُوهُ
उन्होंने क़त्ल किया उसे
wamā
وَمَا
और नहीं
ṣalabūhu
صَلَبُوهُ
उन्होंने सलीब/सूली चढ़ाया उसे
walākin
وَلَٰكِن
और लेकिन
shubbiha
شُبِّهَ
वो मुश्तबा कर दिया गया
lahum
لَهُمْۚ
उनके लिए
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
ikh'talafū
ٱخْتَلَفُوا۟
इख़्तिलाफ़ किया
fīhi
فِيهِ
उसमें
lafī
لَفِى
अलबत्ता शक में हैं
shakkin
شَكٍّ
अलबत्ता शक में हैं
min'hu
مِّنْهُۚ
उससे
مَا
नहीं
lahum
لَهُم
उनके लिए
bihi
بِهِۦ
उसका
min
مِنْ
कोई इल्म
ʿil'min
عِلْمٍ
कोई इल्म
illā
إِلَّا
मगर
ittibāʿa
ٱتِّبَاعَ
पैरवी करना
l-ẓani
ٱلظَّنِّۚ
गुमान की
wamā
وَمَا
और नहीं
qatalūhu
قَتَلُوهُ
उन्होंने क़त्ल किया उसे
yaqīnan
يَقِينًۢا
यक़ीनी तौर पर
और उनके इस कथन के कारण कि हमने मरयम के बेटे ईसा मसीह, अल्लाह के रसूल, को क़त्ल कर डाला - हालाँकि न तो इन्होंने उसे क़त्ल किया और न उसे सूली पर चढाया, बल्कि मामला उनके लिए संदिग्ध हो गया। और जो लोग इसमें विभेद कर रहे है, निश्चय ही वे इस मामले में सन्देह में थे। अटकल पर चलने के अतिरिक्त उनके पास कोई ज्ञान न था। निश्चय ही उन्होंने उसे (ईसा को) क़त्ल नहीं किया, ([४] अन-निसा: 157)
Tafseer (तफ़सीर )
१५८

بَلْ رَّفَعَهُ اللّٰهُ اِلَيْهِ ۗوَكَانَ اللّٰهُ عَزِيْزًا حَكِيْمًا ١٥٨

bal
بَل
बल्कि
rafaʿahu
رَّفَعَهُ
उठा लिया उसे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
ilayhi
إِلَيْهِۚ
अपनी तरफ़
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ʿazīzan
عَزِيزًا
बहुत ज़बरदस्त
ḥakīman
حَكِيمًا
ख़ूब हिकमत वाला
बल्कि उसे अल्लाह ने अपनी ओर उठा लिया। और अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([४] अन-निसा: 158)
Tafseer (तफ़सीर )
१५९

وَاِنْ مِّنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ اِلَّا لَيُؤْمِنَنَّ بِهٖ قَبْلَ مَوْتِهٖ ۚوَيَوْمَ الْقِيٰمَةِ يَكُوْنُ عَلَيْهِمْ شَهِيْدًاۚ ١٥٩

wa-in
وَإِن
और नहीं
min
مِّنْ
अहले किताब में से कोई
ahli
أَهْلِ
अहले किताब में से कोई
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से कोई
illā
إِلَّا
मगर
layu'minanna
لَيُؤْمِنَنَّ
अलबत्ता वो ज़रूर ईमान लाएगा
bihi
بِهِۦ
इस पर
qabla
قَبْلَ
पहले
mawtihi
مَوْتِهِۦۖ
उसकी मौत से
wayawma
وَيَوْمَ
और दिन
l-qiyāmati
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
yakūnu
يَكُونُ
वो होगा
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
shahīdan
شَهِيدًا
गवाह
किताबवालों में से कोई ऐसा न होगा, जो उसकी मृत्यु से पहले उसपर ईमान न ले आए। वह क़ियामत के दिन उनपर गवाह होगा ([४] अन-निसा: 159)
Tafseer (तफ़सीर )
१६०

فَبِظُلْمٍ مِّنَ الَّذِيْنَ هَادُوْا حَرَّمْنَا عَلَيْهِمْ طَيِّبٰتٍ اُحِلَّتْ لَهُمْ وَبِصَدِّهِمْ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ كَثِيْرًاۙ ١٦٠

fabiẓul'min
فَبِظُلْمٍ
पस बवजह ज़ुल्म के
mina
مِّنَ
उन लोगों के जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के जो
hādū
هَادُوا۟
यहूदी बन गए
ḥarramnā
حَرَّمْنَا
हराम कर दीं हमने
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
ṭayyibātin
طَيِّبَٰتٍ
पाकीज़ा चीज़ें
uḥillat
أُحِلَّتْ
जो हलाल की गई थीं
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
wabiṣaddihim
وَبِصَدِّهِمْ
और बवजह उनके रोकने के
ʿan
عَن
रास्ते से
sabīli
سَبِيلِ
रास्ते से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
kathīran
كَثِيرًا
अक्सरियत को
सारांश यह कि यहूदियों के अत्याचार के कारण हमने बहुत-सी अच्छी पाक चीज़े उनपर हराम कर दी, जो उनके लिए हलाल थी और उनके प्रायः अल्लाह के मार्ग से रोकने के कारण; ([४] अन-निसा: 160)
Tafseer (तफ़सीर )