تَنْزِيْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِيْزِ الْحَكِيْمِ ١
- tanzīlu
- تَنزِيلُ
- नाज़िल करना हैं
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब का
- mina
- مِنَ
- अल्लाह की तरफ़ से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की तरफ़ से
- l-ʿazīzi
- ٱلْعَزِيزِ
- जो बहुत ज़बरदस्त है
- l-ḥakīmi
- ٱلْحَكِيمِ
- ख़ूब हिकमत वाला है
इस किताब का अवतरण अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी की ओर से है ([३९] अज-ज़ुमर: 1)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّآ اَنْزَلْنَآ اِلَيْكَ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ فَاعْبُدِ اللّٰهَ مُخْلِصًا لَّهُ الدِّيْنَۗ ٢
- innā
- إِنَّآ
- बेशक हम
- anzalnā
- أَنزَلْنَآ
- नाज़िल की हमने
- ilayka
- إِلَيْكَ
- तरफ़ आपके
- l-kitāba
- ٱلْكِتَٰبَ
- किताब
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّ
- साथ हक़ के
- fa-uʿ'budi
- فَٱعْبُدِ
- पस इबादत कीजिए
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह की
- mukh'liṣan
- مُخْلِصًا
- ख़ालिस करते हुए
- lahu
- لَّهُ
- उसके लिए
- l-dīna
- ٱلدِّينَ
- दीन को
निस्संदेह हमने यह किताब तुम्हारी ओर सत्य के साथ अवतरित की है ([३९] अज-ज़ुमर: 2)Tafseer (तफ़सीर )
اَلَا لِلّٰهِ الدِّيْنُ الْخَالِصُ ۗوَالَّذِيْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖٓ اَوْلِيَاۤءَۘ مَا نَعْبُدُهُمْ اِلَّا لِيُقَرِّبُوْنَآ اِلَى اللّٰهِ زُلْفٰىۗ اِنَّ اللّٰهَ يَحْكُمُ بَيْنَهُمْ فِيْ مَا هُمْ فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ەۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يَهْدِيْ مَنْ هُوَ كٰذِبٌ كَفَّارٌ ٣
- alā
- أَلَا
- ख़बरदार
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह ही के लिए है
- l-dīnu
- ٱلدِّينُ
- दीन
- l-khāliṣu
- ٱلْخَالِصُۚ
- ख़ालिस
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जिन्होंने
- ittakhadhū
- ٱتَّخَذُوا۟
- बना रखे हैं
- min
- مِن
- उसके सिवा
- dūnihi
- دُونِهِۦٓ
- उसके सिवा
- awliyāa
- أَوْلِيَآءَ
- सरपरस्त
- mā
- مَا
- नहीं
- naʿbuduhum
- نَعْبُدُهُمْ
- हम इबादत करते उनकी
- illā
- إِلَّا
- मगर
- liyuqarribūnā
- لِيُقَرِّبُونَآ
- ताकि वो क़रीब कर दें हमें
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ अल्लाह के
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- तरफ़ अल्लाह के
- zul'fā
- زُلْفَىٰٓ
- क़रीब करना
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- yaḥkumu
- يَحْكُمُ
- वो फ़ैसला करेगा
- baynahum
- بَيْنَهُمْ
- दर्मियान उनके
- fī
- فِى
- उसमें जो
- mā
- مَا
- उसमें जो
- hum
- هُمْ
- वो
- fīhi
- فِيهِ
- जिस में
- yakhtalifūna
- يَخْتَلِفُونَۗ
- वो इख़्तिलाफ़ करते हैं
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- lā
- لَا
- नहीं वो हिदायत देता
- yahdī
- يَهْدِى
- नहीं वो हिदायत देता
- man
- مَنْ
- उसे जो है
- huwa
- هُوَ
- वो
- kādhibun
- كَٰذِبٌ
- झूठा
- kaffārun
- كَفَّارٌ
- बहुत नाशुक्रा
जान रखो कि विशुद्ध धर्म अल्लाह ही के लिए है। रहे वे लोग जिन्होंने उससे हटकर दूसरे समर्थक औऱ संरक्षक बना रखे है (कहते है,) 'हम तो उनकी बन्दगी इसी लिए करते है कि वे हमें अल्लाह का सामीप्य प्राप्त करा दें।' निश्चय ही अल्लाह उनके बीच उस बात का फ़ैसला कर देगा जिसमें वे विभेद कर रहे है। अल्लाह उसे मार्ग नहीं दिखाता जो झूठा और बड़ा अकृतज्ञ हो ([३९] अज-ज़ुमर: 3)Tafseer (तफ़सीर )
لَوْ اَرَادَ اللّٰهُ اَنْ يَّتَّخِذَ وَلَدًا لَّاصْطَفٰى مِمَّا يَخْلُقُ مَا يَشَاۤءُ ۙ سُبْحٰنَهٗ ۗهُوَ اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ٤
- law
- لَّوْ
- अगर
- arāda
- أَرَادَ
- चाहता
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- an
- أَن
- कि
- yattakhidha
- يَتَّخِذَ
- वो बना ले
- waladan
- وَلَدًا
- औलाद
- la-iṣ'ṭafā
- لَّٱصْطَفَىٰ
- अलबत्ता वो चुन लेता
- mimmā
- مِمَّا
- उसमें से जो
- yakhluqu
- يَخْلُقُ
- वो पैदा करता है
- mā
- مَا
- जो
- yashāu
- يَشَآءُۚ
- वो चाहता
- sub'ḥānahu
- سُبْحَٰنَهُۥۖ
- पाक है वो
- huwa
- هُوَ
- वो
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- l-wāḥidu
- ٱلْوَٰحِدُ
- एक है
- l-qahāru
- ٱلْقَهَّارُ
- बहुत ज़बरदस्त है
यदि अल्लाह अपनी कोई सन्तान बनाना चाहता तो वह उसमें से, जिन्हें पैदा कर रहा है, चुन लेता। महान और उच्च है वह! वह अल्लाह है अकेला, सब पर क़ाबू रखनेवाला ([३९] अज-ज़ुमर: 4)Tafseer (तफ़सीर )
خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّۚ يُكَوِّرُ الَّيْلَ عَلَى النَّهَارِ وَيُكَوِّرُ النَّهَارَ عَلَى الَّيْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَۗ كُلٌّ يَّجْرِيْ لِاَجَلٍ مُّسَمًّىۗ اَلَا هُوَ الْعَزِيْزُ الْغَفَّارُ ٥
- khalaqa
- خَلَقَ
- उसने पैदा किया
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍa
- وَٱلْأَرْضَ
- और ज़मीन को
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۖ
- साथ हक़ के
- yukawwiru
- يُكَوِّرُ
- वो लपेटता है
- al-layla
- ٱلَّيْلَ
- रात को
- ʿalā
- عَلَى
- दिन पर
- l-nahāri
- ٱلنَّهَارِ
- दिन पर
- wayukawwiru
- وَيُكَوِّرُ
- और वो लपेटता है
- l-nahāra
- ٱلنَّهَارَ
- दिन को
- ʿalā
- عَلَى
- रात पर
- al-layli
- ٱلَّيْلِۖ
- रात पर
- wasakhara
- وَسَخَّرَ
- और उसने मुसख़्खर कर रखा है
- l-shamsa
- ٱلشَّمْسَ
- सूरज
- wal-qamara
- وَٱلْقَمَرَۖ
- और चाँद को
- kullun
- كُلٌّ
- हर एक
- yajrī
- يَجْرِى
- चल रहा है
- li-ajalin
- لِأَجَلٍ
- एक वक़्त के लिए
- musamman
- مُّسَمًّىۗ
- मुक़र्रर
- alā
- أَلَا
- ख़बरदार
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- l-ʿazīzu
- ٱلْعَزِيزُ
- बहुत ज़बरदस्त
- l-ghafāru
- ٱلْغَفَّٰرُ
- बहुत बख़्शिश फ़रमाने वाला
उसने आकाशों और धरती को सत्य के साथ पैदा किया। रात को दिन पर लपेटता है और दिन को रात पर लपेटता है। और उसने सूर्य और चन्द्रमा को वशीभुत कर रखा है। प्रत्येक एक नियत समय को पूरा करने के लिए चल रहा है। जान रखो, वही प्रभुत्वशाली, बड़ा क्षमाशील है ([३९] अज-ज़ुमर: 5)Tafseer (तफ़सीर )
خَلَقَكُمْ مِّنْ نَّفْسٍ وَّاحِدَةٍ ثُمَّ جَعَلَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَاَنْزَلَ لَكُمْ مِّنَ الْاَنْعَامِ ثَمٰنِيَةَ اَزْوَاجٍ ۗ يَخْلُقُكُمْ فِيْ بُطُوْنِ اُمَّهٰتِكُمْ خَلْقًا مِّنْۢ بَعْدِ خَلْقٍ فِيْ ظُلُمٰتٍ ثَلٰثٍۗ ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ لَهُ الْمُلْكُۗ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَۚ فَاَنّٰى تُصْرَفُوْنَ ٦
- khalaqakum
- خَلَقَكُم
- उसने पैदा किया तुम्हें
- min
- مِّن
- जान से
- nafsin
- نَّفْسٍ
- जान से
- wāḥidatin
- وَٰحِدَةٍ
- एक ही
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- jaʿala
- جَعَلَ
- उसने बनाया
- min'hā
- مِنْهَا
- उससे
- zawjahā
- زَوْجَهَا
- जोड़ा उसका
- wa-anzala
- وَأَنزَلَ
- और उसने उतारे
- lakum
- لَكُم
- तुम्हारे लिए
- mina
- مِّنَ
- मवेशियों में से
- l-anʿāmi
- ٱلْأَنْعَٰمِ
- मवेशियों में से
- thamāniyata
- ثَمَٰنِيَةَ
- आठ
- azwājin
- أَزْوَٰجٍۚ
- जोड़े
- yakhluqukum
- يَخْلُقُكُمْ
- वो तख़लीक़ करता है तुम्हारी
- fī
- فِى
- पेटों में
- buṭūni
- بُطُونِ
- पेटों में
- ummahātikum
- أُمَّهَٰتِكُمْ
- तुम्हारी माँओं के
- khalqan
- خَلْقًا
- एक तख़लीक़
- min
- مِّنۢ
- बाद
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद
- khalqin
- خَلْقٍ
- दूसरी (तख़लीक़ के)
- fī
- فِى
- अंधेरों में
- ẓulumātin
- ظُلُمَٰتٍ
- अंधेरों में
- thalāthin
- ثَلَٰثٍۚ
- तीन
- dhālikumu
- ذَٰلِكُمُ
- ये है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- rabbukum
- رَبُّكُمْ
- रब तुम्हारा
- lahu
- لَهُ
- उसी के लिए है
- l-mul'ku
- ٱلْمُلْكُۖ
- बादशाहत
- lā
- لَآ
- नहीं
- ilāha
- إِلَٰهَ
- कोई इलाह (बरहक़)
- illā
- إِلَّا
- मगर
- huwa
- هُوَۖ
- वो ही
- fa-annā
- فَأَنَّىٰ
- तो किस तरह
- tuṣ'rafūna
- تُصْرَفُونَ
- तुम फेरे जाते हो
उसने तुम्हें अकेली जान पैदा किया; फिर उसी से उसका जोड़ा बनाया औऱ तुम्हारे लिए चौपायों में से आठ नर-मादा उतारे। वह तुम्हारी माँओं के पेटों में तीन अँधेरों के भीतर तुम्हें एक सृजनरूप के पश्चात अन्य एक सृजनरूप देता चला जाता है। वही अल्लाह तुम्हारा रब है। बादशाही उसी की है, उसके अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं। फिर तुम कहाँ फिरे जाते हो? ([३९] अज-ज़ुमर: 6)Tafseer (तफ़सीर )
اِنْ تَكْفُرُوْا فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِيٌّ عَنْكُمْ ۗوَلَا يَرْضٰى لِعِبَادِهِ الْكُفْرَۚ وَاِنْ تَشْكُرُوْا يَرْضَهُ لَكُمْۗ وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰىۗ ثُمَّ اِلٰى رَبِّكُمْ مَّرْجِعُكُمْ فَيُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَۗ اِنَّهٗ عَلِيْمٌ ۢبِذَاتِ الصُّدُوْرِ ٧
- in
- إِن
- अगर
- takfurū
- تَكْفُرُوا۟
- तुम नाशुक्री करोगे
- fa-inna
- فَإِنَّ
- तो बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- ghaniyyun
- غَنِىٌّ
- बहुत बेनियाज़ है
- ʿankum
- عَنكُمْۖ
- तुमसे
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- yarḍā
- يَرْضَىٰ
- वो पसंद करता
- liʿibādihi
- لِعِبَادِهِ
- अपने बन्दों के लिए
- l-kuf'ra
- ٱلْكُفْرَۖ
- नाशुक्री को
- wa-in
- وَإِن
- और अगर
- tashkurū
- تَشْكُرُوا۟
- तुम शुक्र करोगे
- yarḍahu
- يَرْضَهُ
- वो पसंद करता है उसे
- lakum
- لَكُمْۗ
- तुम्हारे लिए
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- taziru
- تَزِرُ
- बोझ उठाएगी
- wāziratun
- وَازِرَةٌ
- कोई बोझ उठाने वाली
- wiz'ra
- وِزْرَ
- बोझ
- ukh'rā
- أُخْرَىٰۗ
- दूसरी का
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अपने रब ही के
- rabbikum
- رَبِّكُم
- तरफ़ अपने रब ही के
- marjiʿukum
- مَّرْجِعُكُمْ
- लौटना है तुम्हारा
- fayunabbi-ukum
- فَيُنَبِّئُكُم
- फिर वो बताएगा तुम्हें
- bimā
- بِمَا
- वो जो
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَۚ
- तुम अमल करते
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- ʿalīmun
- عَلِيمٌۢ
- ख़ूब जानने वाला है
- bidhāti
- بِذَاتِ
- सीनों के (भेद)
- l-ṣudūri
- ٱلصُّدُورِ
- सीनों के (भेद)
यदि तुम इनकार करोगे तो अल्लाह तुमसे निस्पृह है। यद्यपि वह अपने बन्दों के लिए इनकार को पसन्द नहीं करता, किन्तु यदि तुम कृतज्ञता दिखाओगे, तो उसे वह तुम्हारे लिए पसन्द करता है। कोई बोझ न उठाएगा। फिर तुम्हारी वापसी अपने रब ही की ओर है। और वह तुम्हे बता देगा, जो कुछ तुम करते रहे होगे। निश्चय ही वह सीनों तक की बातें जानता है ([३९] अज-ज़ुमर: 7)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذَا مَسَّ الْاِنْسَانَ ضُرٌّ دَعَا رَبَّهٗ مُنِيْبًا اِلَيْهِ ثُمَّ اِذَا خَوَّلَهٗ نِعْمَةً مِّنْهُ نَسِيَ مَا كَانَ يَدْعُوْٓا اِلَيْهِ مِنْ قَبْلُ وَجَعَلَ لِلّٰهِ اَنْدَادًا لِّيُضِلَّ عَنْ سَبِيْلِهٖ ۗ قُلْ تَمَتَّعْ بِكُفْرِكَ قَلِيْلًا ۖاِنَّكَ مِنْ اَصْحٰبِ النَّارِ ٨
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- massa
- مَسَّ
- पहुँचती है
- l-insāna
- ٱلْإِنسَٰنَ
- इन्सान को
- ḍurrun
- ضُرٌّ
- कोई तक्लीफ़
- daʿā
- دَعَا
- वो पुकारता है
- rabbahu
- رَبَّهُۥ
- अपने रब को
- munīban
- مُنِيبًا
- रुजूअ करते हुए
- ilayhi
- إِلَيْهِ
- तरफ़ उसके
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- idhā
- إِذَا
- जब
- khawwalahu
- خَوَّلَهُۥ
- वो अता कर देता है उसे
- niʿ'matan
- نِعْمَةً
- कोई नेअमत
- min'hu
- مِّنْهُ
- अपने पास से
- nasiya
- نَسِىَ
- वो भूल जाता है
- mā
- مَا
- उसे जो
- kāna
- كَانَ
- था वो
- yadʿū
- يَدْعُوٓا۟
- वो पुकारता
- ilayhi
- إِلَيْهِ
- तरफ़ उसके
- min
- مِن
- उससे पहले
- qablu
- قَبْلُ
- उससे पहले
- wajaʿala
- وَجَعَلَ
- और वो बना देता है
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के लिए
- andādan
- أَندَادًا
- कुछ शरीक
- liyuḍilla
- لِّيُضِلَّ
- ताकि वो भटका दे
- ʿan
- عَن
- उसके रास्ते से
- sabīlihi
- سَبِيلِهِۦۚ
- उसके रास्ते से
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- tamattaʿ
- تَمَتَّعْ
- फ़ायदा उठा ले
- bikuf'rika
- بِكُفْرِكَ
- साथ अपने कुफ़्र के
- qalīlan
- قَلِيلًاۖ
- थोड़ा सा
- innaka
- إِنَّكَ
- बेशक तू
- min
- مِنْ
- आग वालों में से है
- aṣḥābi
- أَصْحَٰبِ
- आग वालों में से है
- l-nāri
- ٱلنَّارِ
- आग वालों में से है
जब मनुष्य को कोई तकलीफ़ पहुँचती है तो वह अपने रब को उसी की ओर रुजू होकर पुकारने लगता है, फिर जब वह उसपर अपनी अनुकम्पा करता है, तो वह उस चीज़ को भूल जाता है जिसके लिए पहले पुकार रहा था और (दूसरो को) अल्लाह के समकक्ष ठहराने लगता है, ताकि इसके परिणामस्वरूप वह उसकी राह से भटका दे। कह दो, 'अपने इनकार का थोड़ा मज़ा ले लो। निस्संदेह तुम आगवालों में से हो।' ([३९] अज-ज़ुमर: 8)Tafseer (तफ़सीर )
اَمَّنْ هُوَ قَانِتٌ اٰنَاۤءَ الَّيْلِ سَاجِدًا وَّقَاۤىِٕمًا يَّحْذَرُ الْاٰخِرَةَ وَيَرْجُوْا رَحْمَةَ رَبِّهٖۗ قُلْ هَلْ يَسْتَوِى الَّذِيْنَ يَعْلَمُوْنَ وَالَّذِيْنَ لَا يَعْلَمُوْنَ ۗ اِنَّمَا يَتَذَكَّرُ اُولُوا الْاَلْبَابِ ࣖ ٩
- amman
- أَمَّنْ
- क्या भला वो जो
- huwa
- هُوَ
- क्या भला वो जो
- qānitun
- قَٰنِتٌ
- बन्दगी करने वाला है
- ānāa
- ءَانَآءَ
- घड़ियों में
- al-layli
- ٱلَّيْلِ
- रात की
- sājidan
- سَاجِدًا
- सजदा करने वाला है
- waqāiman
- وَقَآئِمًا
- और क़याम करने वाला है
- yaḥdharu
- يَحْذَرُ
- डरता है
- l-ākhirata
- ٱلْءَاخِرَةَ
- आख़िरत से
- wayarjū
- وَيَرْجُوا۟
- और उम्मीद रखता है
- raḥmata
- رَحْمَةَ
- रहमत की
- rabbihi
- رَبِّهِۦۗ
- अपने रब की
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- hal
- هَلْ
- क्या
- yastawī
- يَسْتَوِى
- बराबर हो सकते हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- इल्म रखते हैं
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जो
- lā
- لَا
- नहीं वो इल्म रखते
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَۗ
- नहीं वो इल्म रखते
- innamā
- إِنَّمَا
- बेशक
- yatadhakkaru
- يَتَذَكَّرُ
- नसीहत पकड़ते हैं
- ulū
- أُو۟لُوا۟
- अक़्ल वाले
- l-albābi
- ٱلْأَلْبَٰبِ
- अक़्ल वाले
(क्या उक्त व्यक्ति अच्छा है) या वह व्यक्ति जो रात की घड़ियों में सजदा करता और खड़ा रहता है, आख़िरत से डरता है और अपने रब की दयालुता की आशा रखता हुआ विनयशीलता के साथ बन्दगी में लगा रहता है? कहो, 'क्या वे लोग जो जानते है और वे लोग जो नहीं जानते दोनों समान होंगे? शिक्षा तो बुद्धि और समझवाले ही ग्रहण करते है।' ([३९] अज-ज़ुमर: 9)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ يٰعِبَادِ الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوْا رَبَّكُمْ ۗلِلَّذِيْنَ اَحْسَنُوْا فِيْ هٰذِهِ الدُّنْيَا حَسَنَةٌ ۗوَاَرْضُ اللّٰهِ وَاسِعَةٌ ۗاِنَّمَا يُوَفَّى الصّٰبِرُوْنَ اَجْرَهُمْ بِغَيْرِ حِسَابٍ ١٠
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- yāʿibādi
- يَٰعِبَادِ
- ऐ मेरे बन्दो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- ittaqū
- ٱتَّقُوا۟
- डरो
- rabbakum
- رَبَّكُمْۚ
- अपने रब से
- lilladhīna
- لِلَّذِينَ
- उनके लिए जिन्होंने
- aḥsanū
- أَحْسَنُوا۟
- अच्छा किया
- fī
- فِى
- इस दुनिया में
- hādhihi
- هَٰذِهِ
- इस दुनिया में
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- इस दुनिया में
- ḥasanatun
- حَسَنَةٌۗ
- भलाई है
- wa-arḍu
- وَأَرْضُ
- और ज़मीन
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की
- wāsiʿatun
- وَٰسِعَةٌۗ
- वसीअ है
- innamā
- إِنَّمَا
- बेशक
- yuwaffā
- يُوَفَّى
- पूरा-पूरा दिए जाऐंगे
- l-ṣābirūna
- ٱلصَّٰبِرُونَ
- सब्र करने वाले
- ajrahum
- أَجْرَهُم
- अजर अपना
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ḥisābin
- حِسَابٍ
- हिसाब के
कह दो कि 'ऐ मेरे बन्दो, जो ईमान लाए हो! अपने रब का डर रखो। जिन लोगों ने अच्छा कर दिखाया उनके लिए इस संसार में अच्छाई है, और अल्लाह की धरती विस्तृत है। जमे रहनेवालों को तो उनका बदला बेहिसाब मिलकर रहेगा।' ([३९] अज-ज़ुमर: 10)Tafseer (तफ़सीर )