Skip to content

सूरा अज-ज़ुमर - शब्द द्वारा शब्द

Az-Zumar

(The Troops, Throngs)

bismillaahirrahmaanirrahiim

تَنْزِيْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِيْزِ الْحَكِيْمِ ١

tanzīlu
تَنزِيلُ
नाज़िल करना हैं
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब का
mina
مِنَ
अल्लाह की तरफ़ से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
l-ʿazīzi
ٱلْعَزِيزِ
जो बहुत ज़बरदस्त है
l-ḥakīmi
ٱلْحَكِيمِ
ख़ूब हिकमत वाला है
इस किताब का अवतरण अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी की ओर से है ([३९] अज-ज़ुमर: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّآ اَنْزَلْنَآ اِلَيْكَ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ فَاعْبُدِ اللّٰهَ مُخْلِصًا لَّهُ الدِّيْنَۗ ٢

innā
إِنَّآ
बेशक हम
anzalnā
أَنزَلْنَآ
नाज़िल की हमने
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
l-kitāba
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
fa-uʿ'budi
فَٱعْبُدِ
पस इबादत कीजिए
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
mukh'liṣan
مُخْلِصًا
ख़ालिस करते हुए
lahu
لَّهُ
उसके लिए
l-dīna
ٱلدِّينَ
दीन को
निस्संदेह हमने यह किताब तुम्हारी ओर सत्य के साथ अवतरित की है ([३९] अज-ज़ुमर: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلَا لِلّٰهِ الدِّيْنُ الْخَالِصُ ۗوَالَّذِيْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖٓ اَوْلِيَاۤءَۘ مَا نَعْبُدُهُمْ اِلَّا لِيُقَرِّبُوْنَآ اِلَى اللّٰهِ زُلْفٰىۗ اِنَّ اللّٰهَ يَحْكُمُ بَيْنَهُمْ فِيْ مَا هُمْ فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ەۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يَهْدِيْ مَنْ هُوَ كٰذِبٌ كَفَّارٌ ٣

alā
أَلَا
ख़बरदार
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
l-dīnu
ٱلدِّينُ
दीन
l-khāliṣu
ٱلْخَالِصُۚ
ख़ालिस
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
ittakhadhū
ٱتَّخَذُوا۟
बना रखे हैं
min
مِن
उसके सिवा
dūnihi
دُونِهِۦٓ
उसके सिवा
awliyāa
أَوْلِيَآءَ
सरपरस्त
مَا
नहीं
naʿbuduhum
نَعْبُدُهُمْ
हम इबादत करते उनकी
illā
إِلَّا
मगर
liyuqarribūnā
لِيُقَرِّبُونَآ
ताकि वो क़रीब कर दें हमें
ilā
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
l-lahi
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह के
zul'fā
زُلْفَىٰٓ
क़रीब करना
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
yaḥkumu
يَحْكُمُ
वो फ़ैसला करेगा
baynahum
بَيْنَهُمْ
दर्मियान उनके
فِى
उसमें जो
مَا
उसमें जो
hum
هُمْ
वो
fīhi
فِيهِ
जिस में
yakhtalifūna
يَخْتَلِفُونَۗ
वो इख़्तिलाफ़ करते हैं
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
لَا
नहीं वो हिदायत देता
yahdī
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
man
مَنْ
उसे जो है
huwa
هُوَ
वो
kādhibun
كَٰذِبٌ
झूठा
kaffārun
كَفَّارٌ
बहुत नाशुक्रा
जान रखो कि विशुद्ध धर्म अल्लाह ही के लिए है। रहे वे लोग जिन्होंने उससे हटकर दूसरे समर्थक औऱ संरक्षक बना रखे है (कहते है,) 'हम तो उनकी बन्दगी इसी लिए करते है कि वे हमें अल्लाह का सामीप्य प्राप्त करा दें।' निश्चय ही अल्लाह उनके बीच उस बात का फ़ैसला कर देगा जिसमें वे विभेद कर रहे है। अल्लाह उसे मार्ग नहीं दिखाता जो झूठा और बड़ा अकृतज्ञ हो ([३९] अज-ज़ुमर: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

لَوْ اَرَادَ اللّٰهُ اَنْ يَّتَّخِذَ وَلَدًا لَّاصْطَفٰى مِمَّا يَخْلُقُ مَا يَشَاۤءُ ۙ سُبْحٰنَهٗ ۗهُوَ اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ٤

law
لَّوْ
अगर
arāda
أَرَادَ
चाहता
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
an
أَن
कि
yattakhidha
يَتَّخِذَ
वो बना ले
waladan
وَلَدًا
औलाद
la-iṣ'ṭafā
لَّٱصْطَفَىٰ
अलबत्ता वो चुन लेता
mimmā
مِمَّا
उसमें से जो
yakhluqu
يَخْلُقُ
वो पैदा करता है
مَا
जो
yashāu
يَشَآءُۚ
वो चाहता
sub'ḥānahu
سُبْحَٰنَهُۥۖ
पाक है वो
huwa
هُوَ
वो
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
l-wāḥidu
ٱلْوَٰحِدُ
एक है
l-qahāru
ٱلْقَهَّارُ
बहुत ज़बरदस्त है
यदि अल्लाह अपनी कोई सन्तान बनाना चाहता तो वह उसमें से, जिन्हें पैदा कर रहा है, चुन लेता। महान और उच्च है वह! वह अल्लाह है अकेला, सब पर क़ाबू रखनेवाला ([३९] अज-ज़ुमर: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّۚ يُكَوِّرُ الَّيْلَ عَلَى النَّهَارِ وَيُكَوِّرُ النَّهَارَ عَلَى الَّيْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَۗ كُلٌّ يَّجْرِيْ لِاَجَلٍ مُّسَمًّىۗ اَلَا هُوَ الْعَزِيْزُ الْغَفَّارُ ٥

khalaqa
خَلَقَ
उसने पैदा किया
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّۖ
साथ हक़ के
yukawwiru
يُكَوِّرُ
वो लपेटता है
al-layla
ٱلَّيْلَ
रात को
ʿalā
عَلَى
दिन पर
l-nahāri
ٱلنَّهَارِ
दिन पर
wayukawwiru
وَيُكَوِّرُ
और वो लपेटता है
l-nahāra
ٱلنَّهَارَ
दिन को
ʿalā
عَلَى
रात पर
al-layli
ٱلَّيْلِۖ
रात पर
wasakhara
وَسَخَّرَ
और उसने मुसख़्खर कर रखा है
l-shamsa
ٱلشَّمْسَ
सूरज
wal-qamara
وَٱلْقَمَرَۖ
और चाँद को
kullun
كُلٌّ
हर एक
yajrī
يَجْرِى
चल रहा है
li-ajalin
لِأَجَلٍ
एक वक़्त के लिए
musamman
مُّسَمًّىۗ
मुक़र्रर
alā
أَلَا
ख़बरदार
huwa
هُوَ
वो ही है
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त
l-ghafāru
ٱلْغَفَّٰرُ
बहुत बख़्शिश फ़रमाने वाला
उसने आकाशों और धरती को सत्य के साथ पैदा किया। रात को दिन पर लपेटता है और दिन को रात पर लपेटता है। और उसने सूर्य और चन्द्रमा को वशीभुत कर रखा है। प्रत्येक एक नियत समय को पूरा करने के लिए चल रहा है। जान रखो, वही प्रभुत्वशाली, बड़ा क्षमाशील है ([३९] अज-ज़ुमर: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

خَلَقَكُمْ مِّنْ نَّفْسٍ وَّاحِدَةٍ ثُمَّ جَعَلَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَاَنْزَلَ لَكُمْ مِّنَ الْاَنْعَامِ ثَمٰنِيَةَ اَزْوَاجٍ ۗ يَخْلُقُكُمْ فِيْ بُطُوْنِ اُمَّهٰتِكُمْ خَلْقًا مِّنْۢ بَعْدِ خَلْقٍ فِيْ ظُلُمٰتٍ ثَلٰثٍۗ ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ لَهُ الْمُلْكُۗ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَۚ فَاَنّٰى تُصْرَفُوْنَ ٦

khalaqakum
خَلَقَكُم
उसने पैदा किया तुम्हें
min
مِّن
जान से
nafsin
نَّفْسٍ
जान से
wāḥidatin
وَٰحِدَةٍ
एक ही
thumma
ثُمَّ
फिर
jaʿala
جَعَلَ
उसने बनाया
min'hā
مِنْهَا
उससे
zawjahā
زَوْجَهَا
जोड़ा उसका
wa-anzala
وَأَنزَلَ
और उसने उतारे
lakum
لَكُم
तुम्हारे लिए
mina
مِّنَ
मवेशियों में से
l-anʿāmi
ٱلْأَنْعَٰمِ
मवेशियों में से
thamāniyata
ثَمَٰنِيَةَ
आठ
azwājin
أَزْوَٰجٍۚ
जोड़े
yakhluqukum
يَخْلُقُكُمْ
वो तख़लीक़ करता है तुम्हारी
فِى
पेटों में
buṭūni
بُطُونِ
पेटों में
ummahātikum
أُمَّهَٰتِكُمْ
तुम्हारी माँओं के
khalqan
خَلْقًا
एक तख़लीक़
min
مِّنۢ
बाद
baʿdi
بَعْدِ
बाद
khalqin
خَلْقٍ
दूसरी (तख़लीक़ के)
فِى
अंधेरों में
ẓulumātin
ظُلُمَٰتٍ
अंधेरों में
thalāthin
ثَلَٰثٍۚ
तीन
dhālikumu
ذَٰلِكُمُ
ये है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
rabbukum
رَبُّكُمْ
रब तुम्हारा
lahu
لَهُ
उसी के लिए है
l-mul'ku
ٱلْمُلْكُۖ
बादशाहत
لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَۖ
वो ही
fa-annā
فَأَنَّىٰ
तो किस तरह
tuṣ'rafūna
تُصْرَفُونَ
तुम फेरे जाते हो
उसने तुम्हें अकेली जान पैदा किया; फिर उसी से उसका जोड़ा बनाया औऱ तुम्हारे लिए चौपायों में से आठ नर-मादा उतारे। वह तुम्हारी माँओं के पेटों में तीन अँधेरों के भीतर तुम्हें एक सृजनरूप के पश्चात अन्य एक सृजनरूप देता चला जाता है। वही अल्लाह तुम्हारा रब है। बादशाही उसी की है, उसके अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं। फिर तुम कहाँ फिरे जाते हो? ([३९] अज-ज़ुमर: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنْ تَكْفُرُوْا فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِيٌّ عَنْكُمْ ۗوَلَا يَرْضٰى لِعِبَادِهِ الْكُفْرَۚ وَاِنْ تَشْكُرُوْا يَرْضَهُ لَكُمْۗ وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰىۗ ثُمَّ اِلٰى رَبِّكُمْ مَّرْجِعُكُمْ فَيُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَۗ اِنَّهٗ عَلِيْمٌ ۢبِذَاتِ الصُّدُوْرِ ٧

in
إِن
अगर
takfurū
تَكْفُرُوا۟
तुम नाशुक्री करोगे
fa-inna
فَإِنَّ
तो बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ghaniyyun
غَنِىٌّ
बहुत बेनियाज़ है
ʿankum
عَنكُمْۖ
तुमसे
walā
وَلَا
और नहीं
yarḍā
يَرْضَىٰ
वो पसंद करता
liʿibādihi
لِعِبَادِهِ
अपने बन्दों के लिए
l-kuf'ra
ٱلْكُفْرَۖ
नाशुक्री को
wa-in
وَإِن
और अगर
tashkurū
تَشْكُرُوا۟
तुम शुक्र करोगे
yarḍahu
يَرْضَهُ
वो पसंद करता है उसे
lakum
لَكُمْۗ
तुम्हारे लिए
walā
وَلَا
और नहीं
taziru
تَزِرُ
बोझ उठाएगी
wāziratun
وَازِرَةٌ
कोई बोझ उठाने वाली
wiz'ra
وِزْرَ
बोझ
ukh'rā
أُخْرَىٰۗ
दूसरी का
thumma
ثُمَّ
फिर
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ अपने रब ही के
rabbikum
رَبِّكُم
तरफ़ अपने रब ही के
marjiʿukum
مَّرْجِعُكُمْ
लौटना है तुम्हारा
fayunabbi-ukum
فَيُنَبِّئُكُم
फिर वो बताएगा तुम्हें
bimā
بِمَا
वो जो
kuntum
كُنتُمْ
थे तुम
taʿmalūna
تَعْمَلُونَۚ
तुम अमल करते
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
ʿalīmun
عَلِيمٌۢ
ख़ूब जानने वाला है
bidhāti
بِذَاتِ
सीनों के (भेद)
l-ṣudūri
ٱلصُّدُورِ
सीनों के (भेद)
यदि तुम इनकार करोगे तो अल्लाह तुमसे निस्पृह है। यद्यपि वह अपने बन्दों के लिए इनकार को पसन्द नहीं करता, किन्तु यदि तुम कृतज्ञता दिखाओगे, तो उसे वह तुम्हारे लिए पसन्द करता है। कोई बोझ न उठाएगा। फिर तुम्हारी वापसी अपने रब ही की ओर है। और वह तुम्हे बता देगा, जो कुछ तुम करते रहे होगे। निश्चय ही वह सीनों तक की बातें जानता है ([३९] अज-ज़ुमर: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِذَا مَسَّ الْاِنْسَانَ ضُرٌّ دَعَا رَبَّهٗ مُنِيْبًا اِلَيْهِ ثُمَّ اِذَا خَوَّلَهٗ نِعْمَةً مِّنْهُ نَسِيَ مَا كَانَ يَدْعُوْٓا اِلَيْهِ مِنْ قَبْلُ وَجَعَلَ لِلّٰهِ اَنْدَادًا لِّيُضِلَّ عَنْ سَبِيْلِهٖ ۗ قُلْ تَمَتَّعْ بِكُفْرِكَ قَلِيْلًا ۖاِنَّكَ مِنْ اَصْحٰبِ النَّارِ ٨

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
massa
مَسَّ
पहुँचती है
l-insāna
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान को
ḍurrun
ضُرٌّ
कोई तक्लीफ़
daʿā
دَعَا
वो पुकारता है
rabbahu
رَبَّهُۥ
अपने रब को
munīban
مُنِيبًا
रुजूअ करते हुए
ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
thumma
ثُمَّ
फिर
idhā
إِذَا
जब
khawwalahu
خَوَّلَهُۥ
वो अता कर देता है उसे
niʿ'matan
نِعْمَةً
कोई नेअमत
min'hu
مِّنْهُ
अपने पास से
nasiya
نَسِىَ
वो भूल जाता है
مَا
उसे जो
kāna
كَانَ
था वो
yadʿū
يَدْعُوٓا۟
वो पुकारता
ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
min
مِن
उससे पहले
qablu
قَبْلُ
उससे पहले
wajaʿala
وَجَعَلَ
और वो बना देता है
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए
andādan
أَندَادًا
कुछ शरीक
liyuḍilla
لِّيُضِلَّ
ताकि वो भटका दे
ʿan
عَن
उसके रास्ते से
sabīlihi
سَبِيلِهِۦۚ
उसके रास्ते से
qul
قُلْ
कह दीजिए
tamattaʿ
تَمَتَّعْ
फ़ायदा उठा ले
bikuf'rika
بِكُفْرِكَ
साथ अपने कुफ़्र के
qalīlan
قَلِيلًاۖ
थोड़ा सा
innaka
إِنَّكَ
बेशक तू
min
مِنْ
आग वालों में से है
aṣḥābi
أَصْحَٰبِ
आग वालों में से है
l-nāri
ٱلنَّارِ
आग वालों में से है
जब मनुष्य को कोई तकलीफ़ पहुँचती है तो वह अपने रब को उसी की ओर रुजू होकर पुकारने लगता है, फिर जब वह उसपर अपनी अनुकम्पा करता है, तो वह उस चीज़ को भूल जाता है जिसके लिए पहले पुकार रहा था और (दूसरो को) अल्लाह के समकक्ष ठहराने लगता है, ताकि इसके परिणामस्वरूप वह उसकी राह से भटका दे। कह दो, 'अपने इनकार का थोड़ा मज़ा ले लो। निस्संदेह तुम आगवालों में से हो।' ([३९] अज-ज़ुमर: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اَمَّنْ هُوَ قَانِتٌ اٰنَاۤءَ الَّيْلِ سَاجِدًا وَّقَاۤىِٕمًا يَّحْذَرُ الْاٰخِرَةَ وَيَرْجُوْا رَحْمَةَ رَبِّهٖۗ قُلْ هَلْ يَسْتَوِى الَّذِيْنَ يَعْلَمُوْنَ وَالَّذِيْنَ لَا يَعْلَمُوْنَ ۗ اِنَّمَا يَتَذَكَّرُ اُولُوا الْاَلْبَابِ ࣖ ٩

amman
أَمَّنْ
क्या भला वो जो
huwa
هُوَ
क्या भला वो जो
qānitun
قَٰنِتٌ
बन्दगी करने वाला है
ānāa
ءَانَآءَ
घड़ियों में
al-layli
ٱلَّيْلِ
रात की
sājidan
سَاجِدًا
सजदा करने वाला है
waqāiman
وَقَآئِمًا
और क़याम करने वाला है
yaḥdharu
يَحْذَرُ
डरता है
l-ākhirata
ٱلْءَاخِرَةَ
आख़िरत से
wayarjū
وَيَرْجُوا۟
और उम्मीद रखता है
raḥmata
رَحْمَةَ
रहमत की
rabbihi
رَبِّهِۦۗ
अपने रब की
qul
قُلْ
कह दीजिए
hal
هَلْ
क्या
yastawī
يَسْتَوِى
बराबर हो सकते हैं
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
yaʿlamūna
يَعْلَمُونَ
इल्म रखते हैं
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
لَا
नहीं वो इल्म रखते
yaʿlamūna
يَعْلَمُونَۗ
नहीं वो इल्म रखते
innamā
إِنَّمَا
बेशक
yatadhakkaru
يَتَذَكَّرُ
नसीहत पकड़ते हैं
ulū
أُو۟لُوا۟
अक़्ल वाले
l-albābi
ٱلْأَلْبَٰبِ
अक़्ल वाले
(क्या उक्त व्यक्ति अच्छा है) या वह व्यक्ति जो रात की घड़ियों में सजदा करता और खड़ा रहता है, आख़िरत से डरता है और अपने रब की दयालुता की आशा रखता हुआ विनयशीलता के साथ बन्दगी में लगा रहता है? कहो, 'क्या वे लोग जो जानते है और वे लोग जो नहीं जानते दोनों समान होंगे? शिक्षा तो बुद्धि और समझवाले ही ग्रहण करते है।' ([३९] अज-ज़ुमर: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

قُلْ يٰعِبَادِ الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوْا رَبَّكُمْ ۗلِلَّذِيْنَ اَحْسَنُوْا فِيْ هٰذِهِ الدُّنْيَا حَسَنَةٌ ۗوَاَرْضُ اللّٰهِ وَاسِعَةٌ ۗاِنَّمَا يُوَفَّى الصّٰبِرُوْنَ اَجْرَهُمْ بِغَيْرِ حِسَابٍ ١٠

qul
قُلْ
कह दीजिए
yāʿibādi
يَٰعِبَادِ
ऐ मेरे बन्दो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
ittaqū
ٱتَّقُوا۟
डरो
rabbakum
رَبَّكُمْۚ
अपने रब से
lilladhīna
لِلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
aḥsanū
أَحْسَنُوا۟
अच्छा किया
فِى
इस दुनिया में
hādhihi
هَٰذِهِ
इस दुनिया में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
इस दुनिया में
ḥasanatun
حَسَنَةٌۗ
भलाई है
wa-arḍu
وَأَرْضُ
और ज़मीन
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
wāsiʿatun
وَٰسِعَةٌۗ
वसीअ है
innamā
إِنَّمَا
बेशक
yuwaffā
يُوَفَّى
पूरा-पूरा दिए जाऐंगे
l-ṣābirūna
ٱلصَّٰبِرُونَ
सब्र करने वाले
ajrahum
أَجْرَهُم
अजर अपना
bighayri
بِغَيْرِ
बग़ैर
ḥisābin
حِسَابٍ
हिसाब के
कह दो कि 'ऐ मेरे बन्दो, जो ईमान लाए हो! अपने रब का डर रखो। जिन लोगों ने अच्छा कर दिखाया उनके लिए इस संसार में अच्छाई है, और अल्लाह की धरती विस्तृत है। जमे रहनेवालों को तो उनका बदला बेहिसाब मिलकर रहेगा।' ([३९] अज-ज़ुमर: 10)
Tafseer (तफ़सीर )