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सूरा स’आद - Page: 6

Sad

(The Letter Sad)

५१

مُتَّكِـِٕيْنَ فِيْهَا يَدْعُوْنَ فِيْهَا بِفَاكِهَةٍ كَثِيْرَةٍ وَّشَرَابٍ ٥١

muttakiīna
مُتَّكِـِٔينَ
तकिया लगाए हुए होंगे
fīhā
فِيهَا
उनमें
yadʿūna
يَدْعُونَ
वो तलब करेंगे
fīhā
فِيهَا
उनमें
bifākihatin
بِفَٰكِهَةٍ
फल
kathīratin
كَثِيرَةٍ
बहुत से
washarābin
وَشَرَابٍ
और मशरूबात
उनमें वे तकिया लगाए हुए होंगे। वहाँ वे बहुत-से मेवे और पेय मँगवाते होंगे ([३८] स’आद: 51)
Tafseer (तफ़सीर )
५२

وَعِنْدَهُمْ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ اَتْرَابٌ ٥٢

waʿindahum
وَعِندَهُمْ
और उनके पास होंगी
qāṣirātu
قَٰصِرَٰتُ
नीची रखने वालियाँ
l-ṭarfi
ٱلطَّرْفِ
निगाहों को
atrābun
أَتْرَابٌ
हम उमर
और उनके पास निगाहें बचाए रखनेवाली स्त्रियाँ होंगी, जो समान अवस्था की होंगी ([३८] स’आद: 52)
Tafseer (तफ़सीर )
५३

هٰذَا مَا تُوْعَدُوْنَ لِيَوْمِ الْحِسَابِ ٥٣

hādhā
هَٰذَا
ये है
مَا
वो जिसका
tūʿadūna
تُوعَدُونَ
तुम वादा किए जाते थे
liyawmi
لِيَوْمِ
दिन के लिए
l-ḥisābi
ٱلْحِسَابِ
हिसाब के
यह है वह चीज़, जिसका हिसाब के दिन के लिए तुमसे वादा किया जाता है ([३८] स’आद: 53)
Tafseer (तफ़सीर )
५४

اِنَّ هٰذَا لَرِزْقُنَا مَا لَهٗ مِنْ نَّفَادٍۚ ٥٤

inna
إِنَّ
बेशक
hādhā
هَٰذَا
ये
lariz'qunā
لَرِزْقُنَا
अलबत्ता रिज़्क़ है हमारा
مَا
नहीं है
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
min
مِن
कभी ख़त्म होना
nafādin
نَّفَادٍ
कभी ख़त्म होना
यह हमारा दिया है, जो कभी समाप्त न होगा ([३८] स’आद: 54)
Tafseer (तफ़सीर )
५५

هٰذَا ۗوَاِنَّ لِلطّٰغِيْنَ لَشَرَّ مَاٰبٍۙ ٥٥

hādhā
هَٰذَاۚ
ये है (बदला)
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
lilṭṭāghīna
لِلطَّٰغِينَ
सरकश लोगों के लिए
lasharra
لَشَرَّ
अलबत्ता बुरा है
maābin
مَـَٔابٍ
ठिकाना
एक और यह है, किन्तु सरकशों के लिए बहुत बुरा ठिकाना है; ([३८] स’आद: 55)
Tafseer (तफ़सीर )
५६

جَهَنَّمَۚ يَصْلَوْنَهَاۚ فَبِئْسَ الْمِهَادُ ٥٦

jahannama
جَهَنَّمَ
जहन्नम
yaṣlawnahā
يَصْلَوْنَهَا
वो जलेंगे उसमें
fabi'sa
فَبِئْسَ
तो बहुत बुरा है
l-mihādu
ٱلْمِهَادُ
ठिकाना
जहन्नम, जिसमें वे प्रवेश करेंगे। तो वह बहुत ही बुरा विश्राम-स्थल है! ([३८] स’आद: 56)
Tafseer (तफ़सीर )
५७

هٰذَاۙ فَلْيَذُوْقُوْهُ حَمِيْمٌ وَّغَسَّاقٌۙ ٥٧

hādhā
هَٰذَا
ये है (बदला)
falyadhūqūhu
فَلْيَذُوقُوهُ
पस चाहिए कि वो चखें उसे
ḥamīmun
حَمِيمٌ
खौलता हुआ पानी
waghassāqun
وَغَسَّاقٌ
और पीप
यह है, अब उन्हें इसे चखना है - खौलता हुआ पानी और रक्तयुक्त पीप ([३८] स’आद: 57)
Tafseer (तफ़सीर )
५८

وَّاٰخَرُ مِنْ شَكْلِهٖٓ اَزْوَاجٌۗ ٥٨

waākharu
وَءَاخَرُ
और कुछ दूसरे
min
مِن
उसकी शक्ल के
shaklihi
شَكْلِهِۦٓ
उसकी शक्ल के
azwājun
أَزْوَٰجٌ
कई क़िस्मों के
और इसी प्रकार की दूसरी और भी चीज़ें ([३८] स’आद: 58)
Tafseer (तफ़सीर )
५९

هٰذَا فَوْجٌ مُّقْتَحِمٌ مَّعَكُمْۚ لَا مَرْحَبًا ۢبِهِمْ ۗ اِنَّهُمْ صَالُوا النَّارِ ٥٩

hādhā
هَٰذَا
ये
fawjun
فَوْجٌ
एक फ़ौज/ लश्कर है
muq'taḥimun
مُّقْتَحِمٌ
घुसने वाला है
maʿakum
مَّعَكُمْۖ
साथ तुम्हारे
لَا
नहीं कोई ख़ुश आमदीद
marḥaban
مَرْحَبًۢا
नहीं कोई ख़ुश आमदीद
bihim
بِهِمْۚ
उन्हें
innahum
إِنَّهُمْ
बेशक वो
ṣālū
صَالُوا۟
जलने वाले हैं
l-nāri
ٱلنَّارِ
आग में
'यह एक भीड़ है जो तुम्हारे साथ घुसी चली आ रही है। कोई आवभगत उनके लिए नहीं। वे तो आग में पड़नेवाले है।' ([३८] स’आद: 59)
Tafseer (तफ़सीर )
६०

قَالُوْا بَلْ اَنْتُمْ لَا مَرْحَبًاۢ بِكُمْ ۗ اَنْتُمْ قَدَّمْتُمُوْهُ لَنَاۚ فَبِئْسَ الْقَرَارُ ٦٠

qālū
قَالُوا۟
वो कहेंगे
bal
بَلْ
बल्कि
antum
أَنتُمْ
तुम
لَا
ना
marḥaban
مَرْحَبًۢا
नहीं कोई ख़ुश आमदीद
bikum
بِكُمْۖ
तुम्हें
antum
أَنتُمْ
तुम ही
qaddamtumūhu
قَدَّمْتُمُوهُ
आगे लाए तुम उसे
lanā
لَنَاۖ
हमारे लिए
fabi'sa
فَبِئْسَ
तो कितनी बुरी है
l-qarāru
ٱلْقَرَارُ
जाय क़रार
वे कहेंगे, 'नहीं, तुम नहीं। तुम्हारे लिए कोई आवभगत नहीं। तुम्ही यह हमारे आगे लाए हो। तो बहुत ही बुरी है यह ठहरने की जगह!' ([३८] स’आद: 60)
Tafseer (तफ़सीर )