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सूरा स’आद - Page: 3

Sad

(The Letter Sad)

२१

وَهَلْ اَتٰىكَ نَبَؤُ الْخَصْمِۘ اِذْ تَسَوَّرُوا الْمِحْرَابَۙ ٢١

wahal
وَهَلْ
और क्या
atāka
أَتَىٰكَ
आई आपके पास
naba-u
نَبَؤُا۟
ख़बर
l-khaṣmi
ٱلْخَصْمِ
झगड़ने वालों की
idh
إِذْ
जब
tasawwarū
تَسَوَّرُوا۟
वो दीवार फाँद कर आए थे
l-miḥ'rāba
ٱلْمِحْرَابَ
इबादत ख़ाने में
और क्या तुम्हें उन विवादियों की ख़बर पहुँची है? जब वे दीवार पर चढ़कर मेहराब (एकान्त कक्ष) मे आ पहुँचे ([३८] स’आद: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

اِذْ دَخَلُوْا عَلٰى دَاوٗدَ فَفَزِعَ مِنْهُمْ قَالُوْا لَا تَخَفْۚ خَصْمٰنِ بَغٰى بَعْضُنَا عَلٰى بَعْضٍ فَاحْكُمْ بَيْنَنَا بِالْحَقِّ وَلَا تُشْطِطْ وَاهْدِنَآ اِلٰى سَوَاۤءِ الصِّرَاطِ ٢٢

idh
إِذْ
जब
dakhalū
دَخَلُوا۟
वो दाख़िल हुए
ʿalā
عَلَىٰ
दाऊद पर
dāwūda
دَاوُۥدَ
दाऊद पर
fafaziʿa
فَفَزِعَ
तो वो घबरा गया
min'hum
مِنْهُمْۖ
उनसे
qālū
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
لَا
ना तुम डरो
takhaf
تَخَفْۖ
ना तुम डरो
khaṣmāni
خَصْمَانِ
(हम) दो झगड़ने वाले हैं
baghā
بَغَىٰ
ज़्यादती की
baʿḍunā
بَعْضُنَا
हमारे बाज़ ने
ʿalā
عَلَىٰ
बाज़ पर
baʿḍin
بَعْضٍ
बाज़ पर
fa-uḥ'kum
فَٱحْكُم
पस फ़ैसला कर दे
baynanā
بَيْنَنَا
दर्मियान हमारे
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
walā
وَلَا
और ना
tush'ṭiṭ
تُشْطِطْ
तू बेइन्साफ़ी कर
wa-ih'dinā
وَٱهْدِنَآ
और रहनुमाई कर हमारी
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ सीधे
sawāi
سَوَآءِ
तरफ़ सीधे
l-ṣirāṭi
ٱلصِّرَٰطِ
रास्ते के
जब वे दाऊद के पास पहुँचे तो वह उनसे सहम गया। वे बोले, 'डरिए नहीं, हम दो विवादी हैं। हममें से एक ने दूसरे पर ज़्यादती की है; तो आप हमारे बीच ठीक-ठीक फ़ैसला कर दीजिए। और बात को दूर न डालिए और हमें ठीक मार्ग बता दीजिए ([३८] स’आद: 22)
Tafseer (तफ़सीर )
२३

اِنَّ هٰذَآ اَخِيْ ۗ لَهٗ تِسْعٌ وَّتِسْعُوْنَ نَعْجَةً وَّلِيَ نَعْجَةٌ وَّاحِدَةٌ ۗفَقَالَ اَكْفِلْنِيْهَا وَعَزَّنِيْ فِى الْخِطَابِ ٢٣

inna
إِنَّ
बेशक
hādhā
هَٰذَآ
ये
akhī
أَخِى
मेरा भाई है
lahu
لَهُۥ
इसकी हैं
tis'ʿun
تِسْعٌ
निनानवे
watis'ʿūna
وَتِسْعُونَ
निनानवे
naʿjatan
نَعْجَةً
दुम्बियाँ
waliya
وَلِىَ
और मेरे लिए
naʿjatun
نَعْجَةٌ
दुम्बी है
wāḥidatun
وَٰحِدَةٌ
एक ही
faqāla
فَقَالَ
तो इसने कहा
akfil'nīhā
أَكْفِلْنِيهَا
सौंप दे मुझे उसे
waʿazzanī
وَعَزَّنِى
और उसने ग़ल्बा पा लिया मुझ पर
فِى
गुफ़्तगू में
l-khiṭābi
ٱلْخِطَابِ
गुफ़्तगू में
यह मेरा भाई है। इसके पास निन्यानबे दुंबियाँ है और मेरे पास एक दुंबी है। अब इसका कहना है कि इसे भी मुझे सौप दे और बातचीत में इसने मुझे दबा लिया।' ([३८] स’आद: 23)
Tafseer (तफ़सीर )
२४

قَالَ لَقَدْ ظَلَمَكَ بِسُؤَالِ نَعْجَتِكَ اِلٰى نِعَاجِهٖۗ وَاِنَّ كَثِيْرًا مِّنَ الْخُلَطَاۤءِ لَيَبْغِيْ بَعْضُهُمْ عَلٰى بَعْضٍ اِلَّا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَقَلِيْلٌ مَّا هُمْۗ وَظَنَّ دَاوٗدُ اَنَّمَا فَتَنّٰهُ فَاسْتَغْفَرَ رَبَّهٗ وَخَرَّ رَاكِعًا وَّاَنَابَ ۩ ٢٤

qāla
قَالَ
उसने कहा
laqad
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
ẓalamaka
ظَلَمَكَ
उसने ज़ुल्म किया तुझ पर
bisuāli
بِسُؤَالِ
सवाल करके
naʿjatika
نَعْجَتِكَ
तेरी दुम्बी का
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ अपनी दुम्बियों के
niʿājihi
نِعَاجِهِۦۖ
तरफ़ अपनी दुम्बियों के
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
kathīran
كَثِيرًا
बहुत से
mina
مِّنَ
शिराकत दारों में से
l-khulaṭāi
ٱلْخُلَطَآءِ
शिराकत दारों में से
layabghī
لَيَبْغِى
अलबत्ता ज़्यादती करते हैं
baʿḍuhum
بَعْضُهُمْ
बाज़ उनके
ʿalā
عَلَىٰ
बाज़ पर
baʿḍin
بَعْضٍ
बाज़ पर
illā
إِلَّا
मगर
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
waqalīlun
وَقَلِيلٌ
और कितने थोड़े हैं
مَّا
और कितने थोड़े हैं
hum
هُمْۗ
वो
waẓanna
وَظَنَّ
और समझ गया
dāwūdu
دَاوُۥدُ
दाऊद
annamā
أَنَّمَا
बेशक
fatannāhu
فَتَنَّٰهُ
आज़माया है हमने उसे
fa-is'taghfara
فَٱسْتَغْفَرَ
पस उसने बख़्शिश माँगी
rabbahu
رَبَّهُۥ
अपने रब से
wakharra
وَخَرَّ
और वो गिर पड़ा
rākiʿan
رَاكِعًا
रुकूअ करते हुए
wa-anāba
وَأَنَابَ۩
और उसने रुजूअ कर लिया
उसने कहा, 'इसने अपनी दुंबियों के साथ तेरी दुंबी को मिला लेने की माँग करके निश्चय ही तुझपर ज़ुल्म किया है। और निस्संदेह बहुत-से साथ मिलकर रहनेवाले एक-दूसरे पर ज़्यादती करते है, सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए। किन्तु ऐसे लोग थोड़े ही है।' अब दाऊद समझ गया कि यह तो हमने उसे परीक्षा में डाला है। अतः उसने अपने रब से क्षमा-याचना की और झुककर (सीधे सजदे में) गिर पड़ा और रुजू हुआ ([३८] स’आद: 24)
Tafseer (तफ़सीर )
२५

فَغَفَرْنَا لَهٗ ذٰلِكَۗ وَاِنَّ لَهٗ عِنْدَنَا لَزُلْفٰى وَحُسْنَ مَاٰبٍ ٢٥

faghafarnā
فَغَفَرْنَا
पस बख़्श दिया हमने
lahu
لَهُۥ
उसे
dhālika
ذَٰلِكَۖ
उसमें
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
ʿindanā
عِندَنَا
हमारे यहाँ
lazul'fā
لَزُلْفَىٰ
अलबत्ता तक़र्रुब है
waḥus'na
وَحُسْنَ
और बेहतर
maābin
مَـَٔابٍ
ठिकाना है
तो हमने उसका वह क़सूर माफ़ कर दिया। और निश्चय ही हमारे यहाँ उसके लिए अनिवार्यतः सामीप्य और उत्तम ठिकाना है ([३८] स’आद: 25)
Tafseer (तफ़सीर )
२६

يٰدَاوٗدُ اِنَّا جَعَلْنٰكَ خَلِيْفَةً فِى الْاَرْضِ فَاحْكُمْ بَيْنَ النَّاسِ بِالْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ الْهَوٰى فَيُضِلَّكَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ۗاِنَّ الَّذِيْنَ يَضِلُّوْنَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِيْدٌ ۢبِمَا نَسُوْا يَوْمَ الْحِسَابِ ࣖ ٢٦

yādāwūdu
يَٰدَاوُۥدُ
ऐ दाऊद
innā
إِنَّا
बेशक हम
jaʿalnāka
جَعَلْنَٰكَ
बनाया हमने तुझे
khalīfatan
خَلِيفَةً
ख़लीफ़ा
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
fa-uḥ'kum
فَٱحْكُم
पस फ़ैसला कर
bayna
بَيْنَ
दर्मियान
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
लोगों के
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
walā
وَلَا
और ना
tattabiʿi
تَتَّبِعِ
तू पैरवी कर
l-hawā
ٱلْهَوَىٰ
ख़्वाहिश की
fayuḍillaka
فَيُضِلَّكَ
तो वो भटका देगी तुझे
ʿan
عَن
अल्लाह के रास्ते से
sabīli
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के रास्ते से
inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
yaḍillūna
يَضِلُّونَ
भटकते हैं
ʿan
عَن
अल्लाह के रास्ते से
sabīli
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ʿadhābun
عَذَابٌ
अज़ाब है
shadīdun
شَدِيدٌۢ
शदीद
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
nasū
نَسُوا۟
वो भूल गए
yawma
يَوْمَ
दिन को
l-ḥisābi
ٱلْحِسَابِ
हिसाब के
'ऐ दाऊद! हमने धरती में तुझे ख़लीफ़ा (उत्तराधिकारी) बनाया है। अतः तू लोगों के बीच हक़ के साथ फ़ैसला करना और अपनी इच्छा का अनुपालन न करना कि वह तुझे अल्लाह के मार्ग से भटका दे। जो लोग अल्लाह के मार्ग से भटकते है, निश्चय ही उनके लिए कठोर यातना है, क्योंकि वे हिसाब के दिन को भूले रहे।- ([३८] स’आद: 26)
Tafseer (तफ़सीर )
२७

وَمَا خَلَقْنَا السَّمَاۤءَ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا بَاطِلًا ۗذٰلِكَ ظَنُّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا فَوَيْلٌ لِّلَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنَ النَّارِۗ ٢٧

wamā
وَمَا
और नहीं
khalaqnā
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
l-samāa
ٱلسَّمَآءَ
आसमान
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
wamā
وَمَا
और जो
baynahumā
بَيْنَهُمَا
उन दोनों के दर्मियान है
bāṭilan
بَٰطِلًاۚ
बातिल
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
ẓannu
ظَنُّ
गुमान है
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनका जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟ۚ
कुफ़्र किया
fawaylun
فَوَيْلٌ
पस हलाकत है
lilladhīna
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
mina
مِنَ
आग से
l-nāri
ٱلنَّارِ
आग से
हमने आकाश और धरती को और जो कुछ उनके बीच है, व्यर्थ नहीं पैदा किया। यह तो उन लोगों का गुमान है जिन्होंने इनकार किया। अतः आग में झोंके जाने के कारण इनकार करनेवालों की बड़ी दुर्गति है ([३८] स’आद: 27)
Tafseer (तफ़सीर )
२८

اَمْ نَجْعَلُ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ كَالْمُفْسِدِيْنَ فِى الْاَرْضِۖ اَمْ نَجْعَلُ الْمُتَّقِيْنَ كَالْفُجَّارِ ٢٨

am
أَمْ
क्या
najʿalu
نَجْعَلُ
हम कर देंगे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन्हें जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
kal-muf'sidīna
كَٱلْمُفْسِدِينَ
फ़साद करने वालों की तरह
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
am
أَمْ
या
najʿalu
نَجْعَلُ
हम कर देंगे
l-mutaqīna
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों को
kal-fujāri
كَٱلْفُجَّارِ
बदकारों की तरह
(क्या हम उनको जो समझते है कि जगत की संरचना व्यर्थ नहीं है, उनके समान कर देंगे जो जगत को निरर्थक मानते है।) या हम उन लोगों को जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उनके समान कर देंगे जो धरती में बिगाड़ पैदा करते है; या डर रखनेवालों को हम दुराचारियों जैसा कर देंगे? ([३८] स’आद: 28)
Tafseer (तफ़सीर )
२९

كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ اِلَيْكَ مُبٰرَكٌ لِّيَدَّبَّرُوْٓا اٰيٰتِهٖ وَلِيَتَذَكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ٢٩

kitābun
كِتَٰبٌ
एक किताब है
anzalnāhu
أَنزَلْنَٰهُ
नाज़िल किया हमने उसे
ilayka
إِلَيْكَ
आपकी तरफ़
mubārakun
مُبَٰرَكٌ
बाबरकत है
liyaddabbarū
لِّيَدَّبَّرُوٓا۟
ताकि वो ग़ौरो फ़िक्र करें
āyātihi
ءَايَٰتِهِۦ
उसकी आयात में
waliyatadhakkara
وَلِيَتَذَكَّرَ
और ताकि नसीहत पकड़ें
ulū
أُو۟لُوا۟
अक़्ल वाले
l-albābi
ٱلْأَلْبَٰبِ
अक़्ल वाले
यह एक इसकी आयतों पर सोच-विचार करें और ताकि बुद्धि और समझवाले इससे शिक्षा ग्रहण करें।- ([३८] स’आद: 29)
Tafseer (तफ़सीर )
३०

وَوَهَبْنَا لِدَاوٗدَ سُلَيْمٰنَۗ نِعْمَ الْعَبْدُ ۗاِنَّهٗٓ اَوَّابٌۗ ٣٠

wawahabnā
وَوَهَبْنَا
और अता किया हमने
lidāwūda
لِدَاوُۥدَ
दाऊद को
sulaymāna
سُلَيْمَٰنَۚ
सुलैमान
niʿ'ma
نِعْمَ
कितना अच्छा
l-ʿabdu
ٱلْعَبْدُۖ
बन्दा
innahu
إِنَّهُۥٓ
बेशक वो
awwābun
أَوَّابٌ
बहुत रुजूअ करने वाला था
और हमने दाऊद को सुलैमान प्रदान किया। वह कितना अच्छा बन्दा था! निश्चय ही वह बहुत ही रुजू रहनेवाला था। ([३८] स’आद: 30)
Tafseer (तफ़सीर )