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पवित्र कुरान सूरा अस-सफ्फात आयत ५७

Qur'an Surah As-Saffat Verse 57

अस-सफ्फात [३७]: ५७ ~ कुरान अनुवाद शब्द द्वारा शब्द - तफ़सीर

وَلَوْلَا نِعْمَةُ رَبِّيْ لَكُنْتُ مِنَ الْمُحْضَرِيْنَ (الصافات : ٣٧)

walawlā
وَلَوْلَا
And if not
और अगर ना होती
niʿ'matu
نِعْمَةُ
(for the) Grace
नेअमत
rabbī
رَبِّى
(of) my Lord
मेरे रब की
lakuntu
لَكُنتُ
certainly I (would) have been
अलबत्ता होता मैं
mina
مِنَ
among
हाज़िर किए जाने वालों में से
l-muḥ'ḍarīna
ٱلْمُحْضَرِينَ
those brought
हाज़िर किए जाने वालों में से

Transliteration:

Wa law laa ni'matu Rabbee lakuntu minal muhdareen (QS. aṣ-Ṣāffāt:57)

English Sahih International:

If not for the favor of my Lord, I would have been of those brought in [to Hell]. (QS. As-Saffat, Ayah ५७)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि मेरे रब की अनुकम्पा न होती तो अवश्य ही मैं भी पकड़कर हाज़िर किए गए लोगों में से होता (अस-सफ्फात, आयत ५७)

Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर मेरे परवरदिगार का एहसान न होता तो मैं भी (इस वक्त) तेरी तरह जहन्नुम में गिरफ्तार किया गया होता

Azizul-Haqq Al-Umary

और यदि मेरे पालनहार का अनुग्रह न होता, तो मैं (नरक के) उपस्थितों में होता।