८१
اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِيْنَ ٨١
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- min
- مِنْ
- हमारे बन्दों में से था
- ʿibādinā
- عِبَادِنَا
- हमारे बन्दों में से था
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَ
- जो मोमिन हैं
निश्चय ही वह हमारे ईमानवाले बन्दों में से था ([३७] अस-सफ्फात: 81)Tafseer (तफ़सीर )
८२
ثُمَّ اَغْرَقْنَا الْاٰخَرِيْنَ ٨٢
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- aghraqnā
- أَغْرَقْنَا
- ग़र्क़ किया हमने
- l-ākharīna
- ٱلْءَاخَرِينَ
- दूसरों को
फिर हमने दूसरो को डूबो दिया। ([३७] अस-सफ्फात: 82)Tafseer (तफ़सीर )
८३
وَاِنَّ مِنْ شِيْعَتِهٖ لَاِبْرٰهِيْمَ ۘ ٨٣
- wa-inna
- وَإِنَّ
- और बेशक
- min
- مِن
- उसके गिरोह में से
- shīʿatihi
- شِيعَتِهِۦ
- उसके गिरोह में से
- la-ib'rāhīma
- لَإِبْرَٰهِيمَ
- अलबत्ता इब्राहीम था
और इबराहीम भी उसी के सहधर्मियों में से था। ([३७] अस-सफ्फात: 83)Tafseer (तफ़सीर )
८४
اِذْ جَاۤءَ رَبَّهٗ بِقَلْبٍ سَلِيْمٍۙ ٨٤
- idh
- إِذْ
- जब
- jāa
- جَآءَ
- वो आया
- rabbahu
- رَبَّهُۥ
- अपने रब के पास
- biqalbin
- بِقَلْبٍ
- साथ दिल
- salīmin
- سَلِيمٍ
- सलामत के
याद करो, जब वह अपने रब के समक्ष भला-चंगा हृदय लेकर आया; ([३७] अस-सफ्फात: 84)Tafseer (तफ़सीर )
८५
اِذْ قَالَ لِاَبِيْهِ وَقَوْمِهٖ مَاذَا تَعْبُدُوْنَ ۚ ٨٥
- idh
- إِذْ
- जब
- qāla
- قَالَ
- उसने कहा
- li-abīhi
- لِأَبِيهِ
- अपने बाप से
- waqawmihi
- وَقَوْمِهِۦ
- और अपनी क़ौम से
- mādhā
- مَاذَا
- किस की
- taʿbudūna
- تَعْبُدُونَ
- तुम इबादत करते हो
जबकि उसने अपने बाप और अपनी क़ौम के लोगों से कहा, 'तुम किस चीज़ की पूजा करते हो? ([३७] अस-सफ्फात: 85)Tafseer (तफ़सीर )
८६
اَىِٕفْكًا اٰلِهَةً دُوْنَ اللّٰهِ تُرِيْدُوْنَۗ ٨٦
- a-if'kan
- أَئِفْكًا
- क्या गढ़े हुए
- ālihatan
- ءَالِهَةً
- माबूदों को
- dūna
- دُونَ
- सिवाए
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- turīdūna
- تُرِيدُونَ
- तुम चाहते हो
क्या अल्लाह से हटकर मनघड़ंत उपास्यों को चाह रहे हो? ([३७] अस-सफ्फात: 86)Tafseer (तफ़सीर )
८७
فَمَا ظَنُّكُمْ بِرَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ٨٧
- famā
- فَمَا
- तो क्या है
- ẓannukum
- ظَنُّكُم
- गुमान तुम्हारा
- birabbi
- بِرَبِّ
- रब्बुल आलमीन के बारे में
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- रब्बुल आलमीन के बारे में
आख़िर सारे संसार के रब के विषय में तुम्हारा क्या गुमान है?' ([३७] अस-सफ्फात: 87)Tafseer (तफ़सीर )
८८
فَنَظَرَ نَظْرَةً فِى النُّجُوْمِۙ ٨٨
- fanaẓara
- فَنَظَرَ
- तो उसने देखा
- naẓratan
- نَظْرَةً
- एक नज़र
- fī
- فِى
- सितारों में
- l-nujūmi
- ٱلنُّجُومِ
- सितारों में
फिर उसने एक दृष्टि तारों पर डाली ([३७] अस-सफ्फात: 88)Tafseer (तफ़सीर )
८९
فَقَالَ اِنِّيْ سَقِيْمٌ ٨٩
- faqāla
- فَقَالَ
- तो उसने कहा
- innī
- إِنِّى
- बेशक मैं
- saqīmun
- سَقِيمٌ
- बीमार हूँ
और कहा, 'मैं तो निढाल हूँ।' ([३७] अस-सफ्फात: 89)Tafseer (तफ़सीर )
९०
فَتَوَلَّوْا عَنْهُ مُدْبِرِيْنَ ٩٠
- fatawallaw
- فَتَوَلَّوْا۟
- तो वो लौट गए
- ʿanhu
- عَنْهُ
- उससे
- mud'birīna
- مُدْبِرِينَ
- पीठ फेर कर
अतएव वे उसे छोड़कर चले गए पीठ फेरकर ([३७] अस-सफ्फात: 90)Tafseer (तफ़सीर )