११
فَاسْتَفْتِهِمْ اَهُمْ اَشَدُّ خَلْقًا اَمْ مَّنْ خَلَقْنَا ۗاِنَّا خَلَقْنٰهُمْ مِّنْ طِيْنٍ لَّازِبٍ ١١
- fa-is'taftihim
- فَٱسْتَفْتِهِمْ
- पस पूछ लीजिए उनसे
- ahum
- أَهُمْ
- क्या वो
- ashaddu
- أَشَدُّ
- ज़्यादा सख़्त हैं
- khalqan
- خَلْقًا
- पैदाइश में
- am
- أَم
- या
- man
- مَّنْ
- जिसे
- khalaqnā
- خَلَقْنَآۚ
- पैदा किया हमने
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- khalaqnāhum
- خَلَقْنَٰهُم
- पैदा किया हमने उन्हें
- min
- مِّن
- मिट्टी से
- ṭīnin
- طِينٍ
- मिट्टी से
- lāzibin
- لَّازِبٍۭ
- चिपकने वाली
अब उनके पूछो कि उनके पैदा करने का काम अधिक कठिन है या उन चीज़ों का, जो हमने पैदा कर रखी है। निस्संदेह हमने उनको लेसकर मिट्टी से पैदा किया। ([३७] अस-सफ्फात: 11)Tafseer (तफ़सीर )
१२
بَلْ عَجِبْتَ وَيَسْخَرُوْنَ ۖ ١٢
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- ʿajib'ta
- عَجِبْتَ
- ताअज्जुब किया आपने
- wayaskharūna
- وَيَسْخَرُونَ
- और वो मज़ाक़ उड़ाते हैं
बल्कि तुम तो आश्चर्य में हो और वे है कि परिहास कर रहे है ([३७] अस-सफ्फात: 12)Tafseer (तफ़सीर )
१३
وَاِذَا ذُكِّرُوْا لَا يَذْكُرُوْنَ ۖ ١٣
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- dhukkirū
- ذُكِّرُوا۟
- वो नसीहत किए जाते हैं
- lā
- لَا
- नहीं वो नसीहत पकड़ते
- yadhkurūna
- يَذْكُرُونَ
- नहीं वो नसीहत पकड़ते
और जब उन्हें याद दिलाया जाता है, तो वे याद नहीं करते, ([३७] अस-सफ्फात: 13)Tafseer (तफ़सीर )
१४
وَاِذَا رَاَوْا اٰيَةً يَّسْتَسْخِرُوْنَۖ ١٤
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- ra-aw
- رَأَوْا۟
- वो देखते हैं
- āyatan
- ءَايَةً
- कोई निशानी
- yastaskhirūna
- يَسْتَسْخِرُونَ
- तो ख़ूब मज़ाक़ उड़ाते हैं
और जब कोई निशानी देखते है तो हँसी उड़ाते है ([३७] अस-सफ्फात: 14)Tafseer (तफ़सीर )
१५
وَقَالُوْٓا اِنْ هٰذَآ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِيْنٌ ۚ ١٥
- waqālū
- وَقَالُوٓا۟
- और कहते हैं
- in
- إِنْ
- नहीं है
- hādhā
- هَٰذَآ
- ये
- illā
- إِلَّا
- मगर
- siḥ'run
- سِحْرٌ
- एक जादू
- mubīnun
- مُّبِينٌ
- खुल्लम-खुल्ला
और कहते है, 'यह तो बस एक प्रत्यक्ष जादू है ([३७] अस-सफ्फात: 15)Tafseer (तफ़सीर )
१६
ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَۙ ١٦
- a-idhā
- أَءِذَا
- क्या जब
- mit'nā
- مِتْنَا
- मर जाऐंगे हम
- wakunnā
- وَكُنَّا
- और हो जाऐंगे हम
- turāban
- تُرَابًا
- मिट्टी
- waʿiẓāman
- وَعِظَٰمًا
- और हड्डियाँ
- a-innā
- أَءِنَّا
- क्या बेशक हम
- lamabʿūthūna
- لَمَبْعُوثُونَ
- अलबत्ता दोबारा उठाए जाऐंगे
क्या जब हम मर चुके होंगे और मिट्टी और हड्डियाँ होकर रह जाएँगे, तो क्या फिर हम उठाए जाएँगे? ([३७] अस-सफ्फात: 16)Tafseer (तफ़सीर )
१७
اَوَاٰبَاۤؤُنَا الْاَوَّلُوْنَۗ ١٧
- awaābāunā
- أَوَءَابَآؤُنَا
- क्या भला आबा ओ अजदाद हमारे
- l-awalūna
- ٱلْأَوَّلُونَ
- जो पहले (गुज़र चुके)
क्या और हमारे पहले के बाप-दादा भी?' ([३७] अस-सफ्फात: 17)Tafseer (तफ़सीर )
१८
قُلْ نَعَمْ وَاَنْتُمْ دَاخِرُوْنَۚ ١٨
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- naʿam
- نَعَمْ
- हाँ
- wa-antum
- وَأَنتُمْ
- और तुम
- dākhirūna
- دَٰخِرُونَ
- ज़लील व ख़्वार होने वाले हो
कह दो, 'हाँ! और तुम अपमानित भी होंगे।' ([३७] अस-सफ्फात: 18)Tafseer (तफ़सीर )
१९
فَاِنَّمَا هِيَ زَجْرَةٌ وَّاحِدَةٌ فَاِذَا هُمْ يَنْظُرُوْنَ ١٩
- fa-innamā
- فَإِنَّمَا
- तो बेशक
- hiya
- هِىَ
- वो
- zajratun
- زَجْرَةٌ
- डाँट होगी
- wāḥidatun
- وَٰحِدَةٌ
- एक ही
- fa-idhā
- فَإِذَا
- तो यकायक
- hum
- هُمْ
- वो
- yanẓurūna
- يَنظُرُونَ
- वो देख रहे होंगे
वह तो बस एक झिड़की होगी। फिर क्या देखेंगे कि वे ताकने लगे है ([३७] अस-सफ्फात: 19)Tafseer (तफ़सीर )
२०
وَقَالُوْا يٰوَيْلَنَا هٰذَا يَوْمُ الدِّيْنِ ٢٠
- waqālū
- وَقَالُوا۟
- और वो कहेंगे
- yāwaylanā
- يَٰوَيْلَنَا
- हाय अफ़सोस हम पर
- hādhā
- هَٰذَا
- ये है
- yawmu
- يَوْمُ
- दिन
- l-dīni
- ٱلدِّينِ
- बदले का
और वे कहेंगे, 'ऐ अफ़सोस हमपर! यह तो बदले का दिन है।' ([३७] अस-सफ्फात: 20)Tafseer (तफ़सीर )