१८१
وَسَلٰمٌ عَلَى الْمُرْسَلِيْنَۚ ١٨١
- wasalāmun
- وَسَلَٰمٌ
- और सलाम है
- ʿalā
- عَلَى
- सब रसूलों पर
- l-mur'salīna
- ٱلْمُرْسَلِينَ
- सब रसूलों पर
और सलाम है रसूलों पर; ([३७] अस-सफ्फात: 181)Tafseer (तफ़सीर )
१८२
وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ࣖ ١٨٢
- wal-ḥamdu
- وَٱلْحَمْدُ
- और सब तारीफ़
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के लिए है
- rabbi
- رَبِّ
- जो रब है
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- तमाम जहानों का
औऱ सब प्रशंसा अल्लाह, सारे संसार के रब के लिए है ([३७] अस-सफ्फात: 182)Tafseer (तफ़सीर )