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सूरा अस-सफ्फात - Page: 19

As-Saffat

(Those Who Set The Ranks, drawn Up In Ranks)

१८१

وَسَلٰمٌ عَلَى الْمُرْسَلِيْنَۚ ١٨١

wasalāmun
وَسَلَٰمٌ
और सलाम है
ʿalā
عَلَى
सब रसूलों पर
l-mur'salīna
ٱلْمُرْسَلِينَ
सब रसूलों पर
और सलाम है रसूलों पर; ([३७] अस-सफ्फात: 181)
Tafseer (तफ़सीर )
१८२

وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ࣖ ١٨٢

wal-ḥamdu
وَٱلْحَمْدُ
और सब तारीफ़
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
rabbi
رَبِّ
जो रब है
l-ʿālamīna
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का
औऱ सब प्रशंसा अल्लाह, सारे संसार के रब के लिए है ([३७] अस-सफ्फात: 182)
Tafseer (तफ़सीर )