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सूरा अस-सफ्फात - Page: 18

As-Saffat

(Those Who Set The Ranks, drawn Up In Ranks)

१७१

وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا الْمُرْسَلِيْنَ ۖ ١٧١

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
sabaqat
سَبَقَتْ
पहले गुज़र चुकी है
kalimatunā
كَلِمَتُنَا
बात हमारी
liʿibādinā
لِعِبَادِنَا
हमारे बन्दों के लिए
l-mur'salīna
ٱلْمُرْسَلِينَ
जो भेजे हुए हैं
और हमारे अपने उन बन्दों के हक़ में, जो रसूल बनाकर भेजे गए, हमारी बात पहले ही निश्चित हो चुकी है ([३७] अस-सफ्फात: 171)
Tafseer (तफ़सीर )
१७२

اِنَّهُمْ لَهُمُ الْمَنْصُوْرُوْنَۖ ١٧٢

innahum
إِنَّهُمْ
बेशक वो
lahumu
لَهُمُ
अलबत्ता वो ही
l-manṣūrūna
ٱلْمَنصُورُونَ
मदद किए जाऐंगे
कि निश्चय ही उन्हीं की सहायता की जाएगी। ([३७] अस-सफ्फात: 172)
Tafseer (तफ़सीर )
१७३

وَاِنَّ جُنْدَنَا لَهُمُ الْغٰلِبُوْنَ ١٧٣

wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
jundanā
جُندَنَا
लश्कर हमारा
lahumu
لَهُمُ
अलबत्ता वो ही है
l-ghālibūna
ٱلْغَٰلِبُونَ
ग़ालिब आने वाला
और निश्चय ही हमारी सेना ही प्रभावी रहेगी ([३७] अस-सफ्फात: 173)
Tafseer (तफ़सीर )
१७४

فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتّٰى حِيْنٍۙ ١٧٤

fatawalla
فَتَوَلَّ
तो मुँह फेर लीजिए
ʿanhum
عَنْهُمْ
उनसे
ḥattā
حَتَّىٰ
एक वक़्त तक
ḥīnin
حِينٍ
एक वक़्त तक
अतः एक अवधि तक के लिए उनसे रुख़ फेर लो ([३७] अस-सफ्फात: 174)
Tafseer (तफ़सीर )
१७५

وَّاَبْصِرْهُمْۗ فَسَوْفَ يُبْصِرُوْنَ ١٧٥

wa-abṣir'hum
وَأَبْصِرْهُمْ
और देखते रहिए उन्हें
fasawfa
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
yub'ṣirūna
يُبْصِرُونَ
वो भी देखेंगे
और उन्हें देखते रहो। वे भी जल्द ही (अपना परिणाम) देख लेंगे ([३७] अस-सफ्फात: 175)
Tafseer (तफ़सीर )
१७६

اَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُوْنَ ١٧٦

afabiʿadhābinā
أَفَبِعَذَابِنَا
क्या भला हमारे अज़ाब को
yastaʿjilūna
يَسْتَعْجِلُونَ
वो जल्दी माँगते हैं
क्या वे हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे हैं? ([३७] अस-सफ्फात: 176)
Tafseer (तफ़सीर )
१७७

فَاِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمْ فَسَاۤءَ صَبَاحُ الْمُنْذَرِيْنَ ١٧٧

fa-idhā
فَإِذَا
फिर जब
nazala
نَزَلَ
वो उतरेगा
bisāḥatihim
بِسَاحَتِهِمْ
उनके सहन में
fasāa
فَسَآءَ
तो बहुत बुरी होगी
ṣabāḥu
صَبَاحُ
सुबह
l-mundharīna
ٱلْمُنذَرِينَ
डराए जाने वालों की
तो जब वह उनके आँगन में उतरेगी तो बड़ी ही बुरी सुबह होगी उन लोगों की, जिन्हें सचेत किया जा चुका है! ([३७] अस-सफ्फात: 177)
Tafseer (तफ़सीर )
१७८

وَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتّٰى حِيْنٍۙ ١٧٨

watawalla
وَتَوَلَّ
और मुँह फेर लीजिए
ʿanhum
عَنْهُمْ
उनसे
ḥattā
حَتَّىٰ
एक वक़्त तक
ḥīnin
حِينٍ
एक वक़्त तक
एक अवधि तक के लिए उनसे रुख़ फेर लो ([३७] अस-सफ्फात: 178)
Tafseer (तफ़सीर )
१७९

وَّاَبْصِرْۗ فَسَوْفَ يُبْصِرُوْنَ ١٧٩

wa-abṣir
وَأَبْصِرْ
और देखते रहिए
fasawfa
فَسَوْفَ
तो अनक़रीब
yub'ṣirūna
يُبْصِرُونَ
वो भी देखेंगे
और देखते रहो, वे जल्द ही देख लेंगे ([३७] अस-सफ्फात: 179)
Tafseer (तफ़सीर )
१८०

سُبْحٰنَ رَبِّكَ رَبِّ الْعِزَّةِ عَمَّا يَصِفُوْنَۚ ١٨٠

sub'ḥāna
سُبْحَٰنَ
पाक है
rabbika
رَبِّكَ
रब आपका
rabbi
رَبِّ
रब
l-ʿizati
ٱلْعِزَّةِ
इज़्ज़त वाला
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
yaṣifūna
يَصِفُونَ
वो बयान करते हैं
महान और उच्च है तुम्हारा रब, प्रताप का स्वामी, उन बातों से जो वे बताते है! ([३७] अस-सफ्फात: 180)
Tafseer (तफ़सीर )