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सूरा अस-सफ्फात - Page: 16

As-Saffat

(Those Who Set The Ranks, drawn Up In Ranks)

१५१

اَلَآ اِنَّهُمْ مِّنْ اِفْكِهِمْ لَيَقُوْلُوْنَۙ ١٥١

alā
أَلَآ
ख़बरदार
innahum
إِنَّهُم
बेशक वो
min
مِّنْ
अपने झूठ ही सो
if'kihim
إِفْكِهِمْ
अपने झूठ ही सो
layaqūlūna
لَيَقُولُونَ
अलबत्ता वो कहते हैं
सुन लो, निश्चय ही वे अपनी मनघड़ंत कहते है ([३७] अस-सफ्फात: 151)
Tafseer (तफ़सीर )
१५२

وَلَدَ اللّٰهُ ۙوَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَۙ ١٥٢

walada
وَلَدَ
कि जन्म दिया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
wa-innahum
وَإِنَّهُمْ
और बेशक वो
lakādhibūna
لَكَٰذِبُونَ
अलबत्ता झूठे हैं
कि 'अल्लाह के औलाद हुई है!' निश्चय ही वे झूठे है। ([३७] अस-सफ्फात: 152)
Tafseer (तफ़सीर )
१५३

اَصْطَفَى الْبَنَاتِ عَلَى الْبَنِيْنَۗ ١٥٣

aṣṭafā
أَصْطَفَى
क्या उसने चुन लिया
l-banāti
ٱلْبَنَاتِ
बेटियों को
ʿalā
عَلَى
बेटों पर
l-banīna
ٱلْبَنِينَ
बेटों पर
क्या उसने बेटों की अपेक्षा बेटियाँ चुन ली है? ([३७] अस-सफ्फात: 153)
Tafseer (तफ़सीर )
१५४

مَا لَكُمْۗ كَيْفَ تَحْكُمُوْنَ ١٥٤

مَا
क्या है
lakum
لَكُمْ
तुम्हें
kayfa
كَيْفَ
कैसे
taḥkumūna
تَحْكُمُونَ
तुम फ़ैसले करते हो
तुम्हें क्या हो गया है? तुम कैसा फ़ैसला करते हो? ([३७] अस-सफ्फात: 154)
Tafseer (तफ़सीर )
१५५

اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَۚ ١٥٥

afalā
أَفَلَا
क्या भला नहीं
tadhakkarūna
تَذَكَّرُونَ
तुम नसीहत पकड़ते
तो क्या तुम होश से काम नहीं लेते? ([३७] अस-सफ्फात: 155)
Tafseer (तफ़सीर )
१५६

اَمْ لَكُمْ سُلْطٰنٌ مُّبِيْنٌۙ ١٥٦

am
أَمْ
या
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
sul'ṭānun
سُلْطَٰنٌ
कोई दलील है
mubīnun
مُّبِينٌ
वाज़ेह
क्या तुम्हारे पास कोई स्पष्ट प्रमाण है? ([३७] अस-सफ्फात: 156)
Tafseer (तफ़सीर )
१५७

فَأْتُوْا بِكِتٰبِكُمْ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ ١٥٧

fatū
فَأْتُوا۟
पस ले आओ
bikitābikum
بِكِتَٰبِكُمْ
अपनी किताब
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُمْ
हो तुम
ṣādiqīna
صَٰدِقِينَ
सच्चे
तो लाओ अपनी किताब, यदि तुम सच्चे हो ([३७] अस-सफ्फात: 157)
Tafseer (तफ़सीर )
१५८

وَجَعَلُوْا بَيْنَهٗ وَبَيْنَ الْجِنَّةِ نَسَبًا ۗوَلَقَدْ عَلِمَتِ الْجِنَّةُ اِنَّهُمْ لَمُحْضَرُوْنَۙ ١٥٨

wajaʿalū
وَجَعَلُوا۟
और उन्होंने बनाया
baynahu
بَيْنَهُۥ
दर्मियान उसके
wabayna
وَبَيْنَ
और दर्मियान
l-jinati
ٱلْجِنَّةِ
जिन्नों के
nasaban
نَسَبًاۚ
एक रिश्ता
walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक
ʿalimati
عَلِمَتِ
जान लिया
l-jinatu
ٱلْجِنَّةُ
जिन्नों ने
innahum
إِنَّهُمْ
बेशक वो
lamuḥ'ḍarūna
لَمُحْضَرُونَ
ज़रूर हाज़िर किए जाऐंगे
उन्होंने अल्लाह और जिन्नों के बीच नाता जोड़ रखा है, हालाँकि जिन्नों को भली-भाँति मालूम है कि वे अवश्य पकड़कर हाज़िर किए जाएँगे- ([३७] अस-सफ्फात: 158)
Tafseer (तफ़सीर )
१५९

سُبْحٰنَ اللّٰهِ عَمَّا يَصِفُوْنَۙ ١٥٩

sub'ḥāna
سُبْحَٰنَ
पाक है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
yaṣifūna
يَصِفُونَ
वो बयान करते हैं
महान और उच्च है अल्लाह उससे, जो वे बयान करते है। - ([३७] अस-सफ्फात: 159)
Tafseer (तफ़सीर )
१६०

اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِيْنَ ١٦٠

illā
إِلَّا
सिवाए
ʿibāda
عِبَادَ
बन्दे
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
l-mukh'laṣīna
ٱلْمُخْلَصِينَ
जो ख़ालिस किए हुए हैं
अल्लाह के उन बन्दों की बात और है, जिन्हें उसने चुन लिया ([३७] अस-सफ्फात: 160)
Tafseer (तफ़सीर )