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सूरा अस-सफ्फात - Page: 14

As-Saffat

(Those Who Set The Ranks, drawn Up In Ranks)

१३१

اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِى الْمُحْسِنِيْنَ ١٣١

innā
إِنَّا
बेशक हम
kadhālika
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
najzī
نَجْزِى
हम बदला देते हैं
l-muḥ'sinīna
ٱلْمُحْسِنِينَ
मोहसिनीन को
निस्संदेह हम उत्तमकारों को ऐसा ही बदला देते है ([३७] अस-सफ्फात: 131)
Tafseer (तफ़सीर )
१३२

اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِيْنَ ١٣٢

innahu
إِنَّهُۥ
और बेशक वो
min
مِنْ
हमारे बन्दों में से था
ʿibādinā
عِبَادِنَا
हमारे बन्दों में से था
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
जो मोमिन हैं
निश्चय ही वह हमारे ईमानवाले बन्दों में से था ([३७] अस-सफ्फात: 132)
Tafseer (तफ़सीर )
१३३

وَاِنَّ لُوْطًا لَّمِنَ الْمُرْسَلِيْنَۗ ١٣٣

wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
lūṭan
لُوطًا
लूत
lamina
لَّمِنَ
अलबत्ता रसूलों में से था
l-mur'salīna
ٱلْمُرْسَلِينَ
अलबत्ता रसूलों में से था
और निश्चय ही लूत भी रसूलों में से था ([३७] अस-सफ्फात: 133)
Tafseer (तफ़सीर )
१३४

اِذْ نَجَّيْنٰهُ وَاَهْلَهٗٓ اَجْمَعِيْۙنَ ١٣٤

idh
إِذْ
जब
najjaynāhu
نَجَّيْنَٰهُ
निजात दी हमने उसे
wa-ahlahu
وَأَهْلَهُۥٓ
और उसके घरवालों को
ajmaʿīna
أَجْمَعِينَ
सब के सब को
याद करो, जब हमने उसे और उसके सभी लोगों को बचा लिया, ([३७] अस-सफ्फात: 134)
Tafseer (तफ़सीर )
१३५

اِلَّا عَجُوْزًا فِى الْغٰبِرِيْنَ ١٣٥

illā
إِلَّا
सिवाए
ʿajūzan
عَجُوزًا
एक बुढ़िया के
فِى
पीछे रह जाने वालों में
l-ghābirīna
ٱلْغَٰبِرِينَ
पीछे रह जाने वालों में
सिवाय एक बुढ़िया के, जो पीछे रह जानेवालों में से थी ([३७] अस-सफ्फात: 135)
Tafseer (तफ़सीर )
१३६

ثُمَّ دَمَّرْنَا الْاٰخَرِيْنَ ١٣٦

thumma
ثُمَّ
फिर
dammarnā
دَمَّرْنَا
तबाह कर दिया हमने
l-ākharīna
ٱلْءَاخَرِينَ
दूसरों को
फिर दूसरों को हमने तहस-नहस करके रख दिया ([३७] अस-सफ्फात: 136)
Tafseer (तफ़सीर )
१३७

وَاِنَّكُمْ لَتَمُرُّوْنَ عَلَيْهِمْ مُّصْبِحِيْنَۙ ١٣٧

wa-innakum
وَإِنَّكُمْ
और बेशक तुम
latamurrūna
لَتَمُرُّونَ
अलबत्ता तुम गुज़रते हो
ʿalayhim
عَلَيْهِم
उन पर
muṣ'biḥīna
مُّصْبِحِينَ
इस हाल में कि सुबह करने वाले हो
और निस्संदेह तुम उनपर (उनके क्षेत्र) से गुज़रते हो कभी प्रातः करते हुए ([३७] अस-सफ्फात: 137)
Tafseer (तफ़सीर )
१३८

وَبِالَّيْلِۗ اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ࣖ ١٣٨

wabi-al-layli
وَبِٱلَّيْلِۗ
और रात को
afalā
أَفَلَا
क्या भला नहीं
taʿqilūna
تَعْقِلُونَ
तुम अक़्ल रखते
और रात में भी। तो क्या तुम बुद्धि से काम नहीं लेते? ([३७] अस-सफ्फात: 138)
Tafseer (तफ़सीर )
१३९

وَاِنَّ يُوْنُسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِيْنَۗ ١٣٩

wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
yūnusa
يُونُسَ
यूनुस
lamina
لَمِنَ
अलबत्ता रसूलों में से था
l-mur'salīna
ٱلْمُرْسَلِينَ
अलबत्ता रसूलों में से था
और निस्संदेह यूनुस भी रसूलो में से था ([३७] अस-सफ्फात: 139)
Tafseer (तफ़सीर )
१४०

اِذْ اَبَقَ اِلَى الْفُلْكِ الْمَشْحُوْنِۙ ١٤٠

idh
إِذْ
जब
abaqa
أَبَقَ
जब वो भाग कर गया
ilā
إِلَى
तरफ़ कश्ती
l-ful'ki
ٱلْفُلْكِ
तरफ़ कश्ती
l-mashḥūni
ٱلْمَشْحُونِ
भरी हुई के
याद करो, जब वह भरी नौका की ओर भाग निकला, ([३७] अस-सफ्फात: 140)
Tafseer (तफ़सीर )