१
وَالصّٰۤفّٰتِ صَفًّاۙ ١
- wal-ṣāfāti
- وَٱلصَّٰٓفَّٰتِ
- क़सम है सफ़ बाँधने वालों की
- ṣaffan
- صَفًّا
- ख़ूब सफ़ बाँधना
गवाह है परा जमाकर पंक्तिबद्ध होनेवाले; ([३७] अस-सफ्फात: 1)Tafseer (तफ़सीर )
२
فَالزّٰجِرٰتِ زَجْرًاۙ ٢
- fal-zājirāti
- فَٱلزَّٰجِرَٰتِ
- फिर डाँटने वालों की
- zajran
- زَجْرًا
- सख़्त डाँटना
फिर डाँटनेवाले; ([३७] अस-सफ्फात: 2)Tafseer (तफ़सीर )
३
فَالتّٰلِيٰتِ ذِكْرًاۙ ٣
- fal-tāliyāti
- فَٱلتَّٰلِيَٰتِ
- फिर तिलावत करने वालों की
- dhik'ran
- ذِكْرًا
- ज़िक्र (क़ुरान) की
फिर यह ज़िक्र करनेवाले ([३७] अस-सफ्फात: 3)Tafseer (तफ़सीर )
४
اِنَّ اِلٰهَكُمْ لَوَاحِدٌۗ ٤
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- ilāhakum
- إِلَٰهَكُمْ
- इलाह तुम्हारा
- lawāḥidun
- لَوَٰحِدٌ
- यक़ीनन एक ही है
कि तुम्हारा पूज्य-प्रभु अकेला है। ([३७] अस-सफ्फात: 4)Tafseer (तफ़सीर )
५
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا وَرَبُّ الْمَشَارِقِۗ ٥
- rabbu
- رَّبُّ
- रब
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍi
- وَٱلْأَرْضِ
- और ज़मीन का
- wamā
- وَمَا
- और जो
- baynahumā
- بَيْنَهُمَا
- दर्मियान है उन दोनों के
- warabbu
- وَرَبُّ
- और रब
- l-mashāriqi
- ٱلْمَشَٰرِقِ
- मशरिक़ों का
वह आकाशों और धरती और जो कुछ उनके बीच है सबका रब है और पूर्व दिशाओं का भी रब है ([३७] अस-सफ्फात: 5)Tafseer (तफ़सीर )
६
اِنَّا زَيَّنَّا السَّمَاۤءَ الدُّنْيَا بِزِيْنَةِ ِۨالْكَوَاكِبِۙ ٦
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- zayyannā
- زَيَّنَّا
- मुज़य्यन किया हमने
- l-samāa
- ٱلسَّمَآءَ
- आसमाने
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया को
- bizīnatin
- بِزِينَةٍ
- ज़ीनत से
- l-kawākibi
- ٱلْكَوَاكِبِ
- सितारों की
हमने दुनिया के आकाश को सजावट अर्थात तारों से सुसज्जित किया, (रात में मुसाफ़िरों को मार्ग दिखाने के लिए) ([३७] अस-सफ्फात: 6)Tafseer (तफ़सीर )
७
وَحِفْظًا مِّنْ كُلِّ شَيْطٰنٍ مَّارِدٍۚ ٧
- waḥif'ẓan
- وَحِفْظًا
- और हिफ़ाज़त के लिए
- min
- مِّن
- हर शैतान से
- kulli
- كُلِّ
- हर शैतान से
- shayṭānin
- شَيْطَٰنٍ
- हर शैतान से
- māridin
- مَّارِدٍ
- जो सरकश है
और प्रत्येक सरकश शैतान से सुरक्षित रखने के लिए ([३७] अस-सफ्फात: 7)Tafseer (तफ़सीर )
८
لَا يَسَّمَّعُوْنَ اِلَى الْمَلَاِ الْاَعْلٰى وَيُقْذَفُوْنَ مِنْ كُلِّ جَانِبٍۖ ٨
- lā
- لَّا
- नहीं वो कान लगाकर सुन सकते
- yassammaʿūna
- يَسَّمَّعُونَ
- नहीं वो कान लगाकर सुन सकते
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ मलाए आला/मुक़र्रिब फ़रिश्तों के
- l-mala-i
- ٱلْمَلَإِ
- तरफ़ मलाए आला/मुक़र्रिब फ़रिश्तों के
- l-aʿlā
- ٱلْأَعْلَىٰ
- तरफ़ मलाए आला/मुक़र्रिब फ़रिश्तों के
- wayuq'dhafūna
- وَيُقْذَفُونَ
- और वो फेंके जाते हैं
- min
- مِن
- हर तरफ़ से
- kulli
- كُلِّ
- हर तरफ़ से
- jānibin
- جَانِبٍ
- हर तरफ़ से
वे (शैतान) 'मलए आला' की ओर कान नहीं लगा पाते और हर ओर से फेंक मारे जाते है भगाने-धुतकारने के लिए। ([३७] अस-सफ्फात: 8)Tafseer (तफ़सीर )
९
دُحُوْرًا وَّلَهُمْ عَذَابٌ وَّاصِبٌ ٩
- duḥūran
- دُحُورًاۖ
- भगाने के लिए
- walahum
- وَلَهُمْ
- और उनके लिए
- ʿadhābun
- عَذَابٌ
- अज़ाब है
- wāṣibun
- وَاصِبٌ
- मुसलसल
और उनके लिए अनवरत यातना है ([३७] अस-सफ्फात: 9)Tafseer (तफ़सीर )
१०
اِلَّا مَنْ خَطِفَ الْخَطْفَةَ فَاَتْبَعَهٗ شِهَابٌ ثَاقِبٌ ١٠
- illā
- إِلَّا
- मगर
- man
- مَنْ
- जो कोई
- khaṭifa
- خَطِفَ
- उचक ले जाए
- l-khaṭfata
- ٱلْخَطْفَةَ
- उचक ले जाना
- fa-atbaʿahu
- فَأَتْبَعَهُۥ
- तो पीछा करता है उसका
- shihābun
- شِهَابٌ
- एक शोला
- thāqibun
- ثَاقِبٌ
- चमकता हुआ
किन्तु यह और बात है कि कोई कुछ उचक ले, इस दशा में एक तेज़ दहकती उल्का उसका पीछा करती है ([३७] अस-सफ्फात: 10)Tafseer (तफ़सीर )