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सूरा सबा - Page: 3

Saba

(सबा, [[शेबा (राणी)

२१

وَمَا كَانَ لَهٗ عَلَيْهِمْ مِّنْ سُلْطَانٍ اِلَّا لِنَعْلَمَ مَنْ يُّؤْمِنُ بِالْاٰخِرَةِ مِمَّنْ هُوَ مِنْهَا فِيْ شَكٍّ ۗوَرَبُّكَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ حَفِيْظٌ ࣖ ٢١

wamā
وَمَا
और ना
kāna
كَانَ
था
lahu
لَهُۥ
उसका
ʿalayhim
عَلَيْهِم
उन पर
min
مِّن
कोई ज़ोर
sul'ṭānin
سُلْطَٰنٍ
कोई ज़ोर
illā
إِلَّا
मगर
linaʿlama
لِنَعْلَمَ
ताकि हम जान लें
man
مَن
कौन
yu'minu
يُؤْمِنُ
ईमान लाता है
bil-ākhirati
بِٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
mimman
مِمَّنْ
उससे जो
huwa
هُوَ
वो है
min'hā
مِنْهَا
उसके बारे में
فِى
शक में
shakkin
شَكٍّۗ
शक में
warabbuka
وَرَبُّكَ
और रब आपका
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
kulli
كُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ के
ḥafīẓun
حَفِيظٌ
ख़ूब निगहबान है
यद्यपि उसको उनपर कोई ज़ोर और अधिकार प्राप्त न था, किन्तु यह इसलिए कि हम उन लोगों को जो आख़िरत पर ईमान रखते है उन लोगों से अलग जान ले जो उसकी ओर से किसी सन्देह में पड़े हुए है। तुम्हारा रब हर चीज़ का अभिरक्षक है ([३४] सबा: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

قُلِ ادْعُوا الَّذِيْنَ زَعَمْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِۚ لَا يَمْلِكُوْنَ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ فِى السَّمٰوٰتِ وَلَا فِى الْاَرْضِ وَمَا لَهُمْ فِيْهِمَا مِنْ شِرْكٍ وَّمَا لَهٗ مِنْهُمْ مِّنْ ظَهِيْرٍ ٢٢

quli
قُلِ
कह दीजिए
id'ʿū
ٱدْعُوا۟
पुकारो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्हें
zaʿamtum
زَعَمْتُم
समझते हो तुम (माबूद)
min
مِّن
सिवाए
dūni
دُونِ
सिवाए
l-lahi
ٱللَّهِۖ
अल्लाह के
لَا
नहीं वो मालिक हो सकते
yamlikūna
يَمْلِكُونَ
नहीं वो मालिक हो सकते
mith'qāla
مِثْقَالَ
बराबर
dharratin
ذَرَّةٍ
ज़र्रे के
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
walā
وَلَا
और ना
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
wamā
وَمَا
और नहीं
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
fīhimā
فِيهِمَا
इन दोनों में
min
مِن
कोई हिस्सा
shir'kin
شِرْكٍ
कोई हिस्सा
wamā
وَمَا
और नहीं
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
min'hum
مِنْهُم
उन में
min
مِّن
कोई मददगार
ẓahīrin
ظَهِيرٍ
कोई मददगार
कह दो, 'अल्लाह को छोड़कर जिनका तुम्हें (उपास्य होने का) दावा है, उन्हें पुकार कर देखो। वे न अल्लाह में कणभर चीज़ के मालिक है और न धरती में और न उन दोनों में उनका कोई साझी है और न उनमें से कोई उसका सहायक है।' ([३४] सबा: 22)
Tafseer (तफ़सीर )
२३

وَلَا تَنْفَعُ الشَّفَاعَةُ عِنْدَهٗٓ اِلَّا لِمَنْ اَذِنَ لَهٗ ۗحَتّٰىٓ اِذَا فُزِّعَ عَنْ قُلُوْبِهِمْ قَالُوْا مَاذَاۙ قَالَ رَبُّكُمْۗ قَالُوا الْحَقَّۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْكَبِيْرُ ٢٣

walā
وَلَا
और ना
tanfaʿu
تَنفَعُ
फ़ायदा देगी
l-shafāʿatu
ٱلشَّفَٰعَةُ
सिफ़ारिश
ʿindahu
عِندَهُۥٓ
उसके पास
illā
إِلَّا
मगर
liman
لِمَنْ
जिसके लिए
adhina
أَذِنَ
वो इजाज़त दे
lahu
لَهُۥۚ
उसे
ḥattā
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
idhā
إِذَا
जब
fuzziʿa
فُزِّعَ
घबराहट दूर की जाएगी
ʿan
عَن
उनके दिलों से
qulūbihim
قُلُوبِهِمْ
उनके दिलों से
qālū
قَالُوا۟
वो कहेंगे
mādhā
مَاذَا
क्या कुछ
qāla
قَالَ
फ़रमाया
rabbukum
رَبُّكُمْۖ
तुम्हारे रब ने
qālū
قَالُوا۟
वो कहेंगे
l-ḥaqa
ٱلْحَقَّۖ
हक़
wahuwa
وَهُوَ
और वो ही है
l-ʿaliyu
ٱلْعَلِىُّ
बहुत बुलन्द
l-kabīru
ٱلْكَبِيرُ
बहुत बड़ा
और उसके यहाँ कोई सिफ़ारिश काम नहीं आएगी, किन्तु उसी की जिसे उसने (सिफ़ारिश करने की) अनुमति दी हो। यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर हो जाएगी, तो वे कहेंगे, 'तुम्हारे रब ने क्या कहा?' वे कहेंगे, 'सर्वथा सत्य। और वह अत्यन्त उच्च, महान है।' ([३४] सबा: 23)
Tafseer (तफ़सीर )
२४

۞ قُلْ مَنْ يَّرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ قُلِ اللّٰهُ ۙوَاِنَّآ اَوْ اِيَّاكُمْ لَعَلٰى هُدًى اَوْ فِيْ ضَلٰلٍ مُّبِيْنٍ ٢٤

qul
قُلْ
कह दीजिए
man
مَن
कौन
yarzuqukum
يَرْزُقُكُم
रिज़्क़ देता है तुम्हें
mina
مِّنَ
आसमानों से
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों से
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन से
quli
قُلِ
कह दीजिए
l-lahu
ٱللَّهُۖ
अल्लाह
wa-innā
وَإِنَّآ
और बेशक हम
aw
أَوْ
या
iyyākum
إِيَّاكُمْ
तुम
laʿalā
لَعَلَىٰ
अलबत्ता हिदायत पर हैं
hudan
هُدًى
अलबत्ता हिदायत पर हैं
aw
أَوْ
या
فِى
गुमराही में हैं
ḍalālin
ضَلَٰلٍ
गुमराही में हैं
mubīnin
مُّبِينٍ
खुली-खुली
कहो, 'कौन तुम्हें आकाशों और धरती में रोज़ी देता है?' कहो, 'अल्लाह!' अब अवश्य ही हम है या तुम ही हो मार्ग पर, या खुली गुमराही में ([३४] सबा: 24)
Tafseer (तफ़सीर )
२५

قُلْ لَّا تُسْـَٔلُوْنَ عَمَّآ اَجْرَمْنَا وَلَا نُسْـَٔلُ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ٢٥

qul
قُل
कह दीजिए
لَّا
नहीं तुम पूछे जाओगे
tus'alūna
تُسْـَٔلُونَ
नहीं तुम पूछे जाओगे
ʿammā
عَمَّآ
उसके बारे में जो
ajramnā
أَجْرَمْنَا
जुर्म किए हमने
walā
وَلَا
और ना
nus'alu
نُسْـَٔلُ
हम पूछे जाऐंगे
ʿammā
عَمَّا
उसके बारे में जो
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
कहो, 'जो अपराध हमने किए, उसकी पूछ तुमसे न होगी और न उसकी पूछ हमसे होगी जो तुम कर रहे हो।' ([३४] सबा: 25)
Tafseer (तफ़सीर )
२६

قُلْ يَجْمَعُ بَيْنَنَا رَبُّنَا ثُمَّ يَفْتَحُ بَيْنَنَا بِالْحَقِّۗ وَهُوَ الْفَتَّاحُ الْعَلِيْمُ ٢٦

qul
قُلْ
कह दीजिए
yajmaʿu
يَجْمَعُ
जमा करेगा
baynanā
بَيْنَنَا
हमारे दर्मियान
rabbunā
رَبُّنَا
रब हमारा
thumma
ثُمَّ
फिर
yaftaḥu
يَفْتَحُ
वो फ़ैसला करेगा
baynanā
بَيْنَنَا
हमारे दर्मियान
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-fatāḥu
ٱلْفَتَّاحُ
ज़बरदस्त फ़ैसला करने वाला है
l-ʿalīmu
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब जानने वाला है
कह दो, 'हमारा रब हम सबको इकट्ठा करेगा। फिर हमारे बीच ठीक-ठीक फ़ैसला कर देगा। वही ख़ूब फ़ैसला करनेवाला, अत्यन्त ज्ञानवान है।' ([३४] सबा: 26)
Tafseer (तफ़सीर )
२७

قُلْ اَرُوْنِيَ الَّذِيْنَ اَلْحَقْتُمْ بِهٖ شُرَكَاۤءَ كَلَّا ۗبَلْ هُوَ اللّٰهُ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ ٢٧

qul
قُلْ
कह दीजिए
arūniya
أَرُونِىَ
दिखाओ मुझे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्हें
alḥaqtum
أَلْحَقْتُم
मिला दिया तुमने
bihi
بِهِۦ
साथ उसके
shurakāa
شُرَكَآءَۖ
शरीक (बना कर)
kallā
كَلَّاۚ
हरगिज़ नहीं
bal
بَلْ
बल्कि
huwa
هُوَ
वो ही है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला
कहो, 'मुझे उनको दिखाओ तो, जिनको तुमने साझीदार बनाकर उसके साथ जोड रखा है। कुछ नहीं, बल्कि बही अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है।' ([३४] सबा: 27)
Tafseer (तफ़सीर )
२८

وَمَآ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا كَاۤفَّةً لِّلنَّاسِ بَشِيْرًا وَّنَذِيْرًا وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ ٢٨

wamā
وَمَآ
और नहीं
arsalnāka
أَرْسَلْنَٰكَ
भेजा हमने आपको
illā
إِلَّا
मगर
kāffatan
كَآفَّةً
तमाम
lilnnāsi
لِّلنَّاسِ
इन्सानों के लिए
bashīran
بَشِيرًا
ख़ुशख़बरी देने वाला
wanadhīran
وَنَذِيرًا
और डराने वाला बनाकर
walākinna
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
akthara
أَكْثَرَ
अक्सर
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
लोग
لَا
नहीं वो इल्म रखते
yaʿlamūna
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते
हमने तो तुम्हें सारे ही मनुष्यों को शुभ-सूचना देनेवाला और सावधान करनेवाला बनाकर भेजा, किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं ([३४] सबा: 28)
Tafseer (तफ़सीर )
२९

وَيَقُوْلُوْنَ مَتٰى هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ ٢٩

wayaqūlūna
وَيَقُولُونَ
और वो कहते हैं
matā
مَتَىٰ
कब होगा
hādhā
هَٰذَا
ये
l-waʿdu
ٱلْوَعْدُ
वादा
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُمْ
हो तुम
ṣādiqīna
صَٰدِقِينَ
सच्चे
वे कहते है, 'यह वादा कब पूरा होगा, यदि तुम सच्चे हो?' ([३४] सबा: 29)
Tafseer (तफ़सीर )
३०

قُلْ لَّكُمْ مِّيْعَادُ يَوْمٍ لَّا تَسْتَأْخِرُوْنَ عَنْهُ سَاعَةً وَّلَا تَسْتَقْدِمُوْنَ ࣖ ٣٠

qul
قُل
कह दीजिए
lakum
لَّكُم
तुम्हारे लिए
mīʿādu
مِّيعَادُ
वादा है
yawmin
يَوْمٍ
एक दिन का
لَّا
ना तुम पीछे हो सकते हो
tastakhirūna
تَسْتَـْٔخِرُونَ
ना तुम पीछे हो सकते हो
ʿanhu
عَنْهُ
उससे
sāʿatan
سَاعَةً
एक घड़ी भी
walā
وَلَا
और ना
tastaqdimūna
تَسْتَقْدِمُونَ
तुम आगे बढ़ सकते हो
कह दो, 'तुम्हारे लिए एक विशेष दिन की अवधि नियत है, जिससे न एक घड़ी भर पीछे हटोगे और न आगे बढ़ोगे।' ([३४] सबा: 30)
Tafseer (तफ़सीर )