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सूरा सबा - शब्द द्वारा शब्द

Saba

(सबा, [[शेबा (राणी)

bismillaahirrahmaanirrahiim

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ وَلَهُ الْحَمْدُ فِى الْاٰخِرَةِۗ وَهُوَ الْحَكِيْمُ الْخَبِيْرُ ١

al-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
alladhī
ٱلَّذِى
वो जो
lahu
لَهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
wamā
وَمَا
और जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
walahu
وَلَهُ
और उसी के लिए है
l-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
فِى
आख़िरत में
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِۚ
आख़िरत में
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला है
l-khabīru
ٱلْخَبِيرُ
ख़ूब बाख़बर है
प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जिसका वह सब कुछ है जो आकाशों और धरती में है। और आख़िरत में भी उसी के लिए प्रशंसा है। और वही तत्वदर्शी, ख़बर रखनेवाला है ([३४] सबा: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

يَعْلَمُ مَا يَلِجُ فِى الْاَرْضِ وَمَا يَخْرُجُ مِنْهَا وَمَا يَنْزِلُ مِنَ السَّمَاۤءِ وَمَا يَعْرُجُ فِيْهَاۗ وَهُوَ الرَّحِيْمُ الْغَفُوْرُ ٢

yaʿlamu
يَعْلَمُ
वो जानता है
مَا
जो कुछ
yaliju
يَلِجُ
दाख़िल होता है
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
wamā
وَمَا
और जो कुछ
yakhruju
يَخْرُجُ
निकलता है
min'hā
مِنْهَا
उससे
wamā
وَمَا
और जो कुछ
yanzilu
يَنزِلُ
उतरता है
mina
مِنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
wamā
وَمَا
और जो कुछ
yaʿruju
يَعْرُجُ
चढ़ता है
fīhā
فِيهَاۚ
उसमें
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-raḥīmu
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला है
l-ghafūru
ٱلْغَفُورُ
बहुत बख़्शने वाला है
वह जानता है जो कुछ धरती में प्रविष्ट होता है और जो कुथ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और वही अत्यन्त दयावान, क्षमाशील है ([३४] सबा: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَا تَأْتِيْنَا السَّاعَةُ ۗقُلْ بَلٰى وَرَبِّيْ لَتَأْتِيَنَّكُمْۙ عٰلِمِ الْغَيْبِۙ لَا يَعْزُبُ عَنْهُ مِثْقَالُ ذَرَّةٍ فِى السَّمٰوٰتِ وَلَا فِى الْاَرْضِ وَلَآ اَصْغَرُ مِنْ ذٰلِكَ وَلَآ اَكْبَرُ اِلَّا فِيْ كِتٰبٍ مُّبِيْنٍۙ ٣

waqāla
وَقَالَ
और कहा
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों ने जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
لَا
नहीं आएगी हम पर
tatīnā
تَأْتِينَا
नहीं आएगी हम पर
l-sāʿatu
ٱلسَّاعَةُۖ
क़यामत
qul
قُلْ
कह दीजिए
balā
بَلَىٰ
क्यों नहीं
warabbī
وَرَبِّى
क़सम है मेरे रब की
latatiyannakum
لَتَأْتِيَنَّكُمْ
अलबत्ता वो ज़रूर आएगी तुम्हारे पास
ʿālimi
عَٰلِمِ
जानने वाला है
l-ghaybi
ٱلْغَيْبِۖ
ग़ैब का
لَا
नहीं छुपा हुआ
yaʿzubu
يَعْزُبُ
नहीं छुपा हुआ
ʿanhu
عَنْهُ
उससे
mith'qālu
مِثْقَالُ
बराबर
dharratin
ذَرَّةٍ
एक ज़र्रे के
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
walā
وَلَا
और ना
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
walā
وَلَآ
और ना
aṣgharu
أَصْغَرُ
छोटा
min
مِن
उससे
dhālika
ذَٰلِكَ
उससे
walā
وَلَآ
और ना
akbaru
أَكْبَرُ
बड़ा
illā
إِلَّا
मगर
فِى
एक वाज़ेह किताब में है
kitābin
كِتَٰبٍ
एक वाज़ेह किताब में है
mubīnin
مُّبِينٍ
एक वाज़ेह किताब में है
जिन लोगों ने इनकार किया उनका कहना है कि 'हमपर क़ियामत की घड़ी नहीं आएगी।' कह दो, 'क्यों नहीं, मेरे परोक्ष ज्ञाता रब की क़सम! वह तो तुमपर आकर रहेगी - उससे कणभर भी कोई चीज़ न तो आकाशों में ओझल है और न धरती में, और न इससे छोटी कोई चीज़ और न बड़ी। किन्तु वह एक स्पष्ट किताब में अंकित है। - ([३४] सबा: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

لِّيَجْزِيَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِۗ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِيْمٌ ٤

liyajziya
لِّيَجْزِىَ
ताकि वो बदला दे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِۚ
नेक
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
lahum
لَهُم
उनके लिए
maghfiratun
مَّغْفِرَةٌ
बख़्शिश
wariz'qun
وَرِزْقٌ
और रिज़्क़ है
karīmun
كَرِيمٌ
इज़्ज़त वाला
'ताकि वह उन लोगों को बदला दे, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए। वहीं है जिनके लिए क्षमा और प्रतिष्ठामय आजीविका है ([३४] सबा: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

وَالَّذِيْنَ سَعَوْ فِيْٓ اٰيٰتِنَا مُعٰجِزِيْنَ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مِّنْ رِّجْزٍ اَلِيْمٌ ٥

wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
saʿaw
سَعَوْ
कोशिश की
فِىٓ
हमारी आयात में
āyātinā
ءَايَٰتِنَا
हमारी आयात में
muʿājizīna
مُعَٰجِزِينَ
इस हाल में कि आजिज़ करने वाले हैं
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ʿadhābun
عَذَابٌ
अज़ाब है
min
مِّن
सख़्ती का
rij'zin
رِّجْزٍ
सख़्ती का
alīmun
أَلِيمٌ
दर्दनाक
'रहे वे लोग जिन्होंने हमारी आयतों को मात करने का प्रयास किया, वह है जिनके लिए बहुत ही बुरे प्रकार की दुखद यातना है।' ([३४] सबा: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

وَيَرَى الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ الَّذِيْٓ اُنْزِلَ اِلَيْكَ مِنْ رَّبِّكَ هُوَ الْحَقَّۙ وَيَهْدِيْٓ اِلٰى صِرَاطِ الْعَزِيْزِ الْحَمِيْدِ ٦

wayarā
وَيَرَى
और देखते हैं
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
ūtū
أُوتُوا۟
दिए गए
l-ʿil'ma
ٱلْعِلْمَ
इल्म
alladhī
ٱلَّذِىٓ
कि जो
unzila
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
ilayka
إِلَيْكَ
आपकी तरफ़
min
مِن
आपके रब की तरफ़ से
rabbika
رَّبِّكَ
आपके रब की तरफ़ से
huwa
هُوَ
वो ही
l-ḥaqa
ٱلْحَقَّ
हक़ है
wayahdī
وَيَهْدِىٓ
और वो रहनुमाई करता है
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते के
ṣirāṭi
صِرَٰطِ
तरफ़ रास्ते के
l-ʿazīzi
ٱلْعَزِيزِ
बहुत ज़बरदस्त
l-ḥamīdi
ٱلْحَمِيدِ
ख़ूब तारीफ़ वाले के
जिन लोगों को ज्ञान प्राप्त हुआ है वे स्वयं देखते है कि जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर अवतरित हुआ है वही सत्य है, और वह उसका मार्ग दिखाता है जो प्रभुत्वशाली, प्रशंसा का अधिकारी है ([३४] सबा: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا هَلْ نَدُلُّكُمْ عَلٰى رَجُلٍ يُّنَبِّئُكُمْ اِذَا مُزِّقْتُمْ كُلَّ مُمَزَّقٍۙ اِنَّكُمْ لَفِيْ خَلْقٍ جَدِيْدٍۚ ٧

waqāla
وَقَالَ
और कहा
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों ने जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
hal
هَلْ
क्या
nadullukum
نَدُلُّكُمْ
हम बताऐं तुम्हें
ʿalā
عَلَىٰ
ऐसा शख़्स
rajulin
رَجُلٍ
ऐसा शख़्स
yunabbi-ukum
يُنَبِّئُكُمْ
जो ख़बर देता है तुम्हें
idhā
إِذَا
जब
muzziq'tum
مُزِّقْتُمْ
रेज़ह-रेज़ह कर दिए जाओगे तुम
kulla
كُلَّ
पूरी तरह
mumazzaqin
مُمَزَّقٍ
रेज़ह-रेज़ह किया जाना
innakum
إِنَّكُمْ
बेशक तुम
lafī
لَفِى
अलबत्ता पैदाइश में होगे
khalqin
خَلْقٍ
अलबत्ता पैदाइश में होगे
jadīdin
جَدِيدٍ
नई
जिन लोगों ने इनकार किया वे कहते है कि 'क्या हम तुम्हें एक ऐसा आदमी बताएँ जो तुम्हें ख़बर देता है कि जब तुम बिलकुल चूर्ण-विचूर्ण हो जाओगे तो तुम नवीन काय में जीवित होगे?' ([३४] सबा: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

اَفْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ كَذِبًا اَمْ بِهٖ جِنَّةٌ ۗبَلِ الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ فِى الْعَذَابِ وَالضَّلٰلِ الْبَعِيْدِ ٨

aftarā
أَفْتَرَىٰ
क्या उसने गढ़ लिया
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
kadhiban
كَذِبًا
झूठ
am
أَم
या
bihi
بِهِۦ
उसे
jinnatun
جِنَّةٌۢۗ
कोई जुनून है
bali
بَلِ
बल्कि
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
لَا
नहीं वो ईमान लाते
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाते
bil-ākhirati
بِٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
فِى
अज़ाब में
l-ʿadhābi
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में
wal-ḍalāli
وَٱلضَّلَٰلِ
और गुमराही में हैं
l-baʿīdi
ٱلْبَعِيدِ
दूर की
क्या उसने अल्लाह पर झूठ घड़कर थोपा है, या उसे कुछ उन्माद है? नहीं, बल्कि जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं रखते वे यातना और परले दरजे की गुमराही में हैं ([३४] सबा: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اَفَلَمْ يَرَوْا اِلٰى مَا بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ مِّنَ السَّمَاۤءِ وَالْاَرْضِۗ اِنْ نَّشَأْ نَخْسِفْ بِهِمُ الْاَرْضَ اَوْ نُسْقِطْ عَلَيْهِمْ كِسَفًا مِّنَ السَّمَاۤءِۗ اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لِّكُلِّ عَبْدٍ مُّنِيْبٍ ࣖ ٩

afalam
أَفَلَمْ
क्या भला नहीं
yaraw
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
ilā
إِلَىٰ
उसकी तरफ़ जो
مَا
उसकी तरफ़ जो
bayna
بَيْنَ
उनके सामने है
aydīhim
أَيْدِيهِمْ
उनके सामने है
wamā
وَمَا
और जो
khalfahum
خَلْفَهُم
उनके पीछे है
mina
مِّنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन से
in
إِن
अगर
nasha
نَّشَأْ
हम चाहें
nakhsif
نَخْسِفْ
हम धँसा दें
bihimu
بِهِمُ
उन्हें
l-arḍa
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन में
aw
أَوْ
या
nus'qiṭ
نُسْقِطْ
हम गिरा दें
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
kisafan
كِسَفًا
कुछ टुकड़े
mina
مِّنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِۚ
आसमान से
inna
إِنَّ
बेशक
فِى
उसमें
dhālika
ذَٰلِكَ
उसमें
laāyatan
لَءَايَةً
अलबत्ता एक निशानी है
likulli
لِّكُلِّ
वास्ते हर
ʿabdin
عَبْدٍ
बन्दे
munībin
مُّنِيبٍ
रुजूअ करने वाले के
क्या उन्होंने आकाश और धरती को नहीं देखा, जो उनके आगे भी है और उनके पीछे भी? यदि हम चाहें तो उन्हें धरती में धँसा दें या उनपर आकाश से कुछ टुकड़े गिरा दें। निश्चय ही इसमें एक निशानी है हर उस बन्दे के लिए जो रुजू करनेवाला हो ([३४] सबा: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

۞ وَلَقَدْ اٰتَيْنَا دَاوٗدَ مِنَّا فَضْلًاۗ يٰجِبَالُ اَوِّبِيْ مَعَهٗ وَالطَّيْرَ ۚوَاَلَنَّا لَهُ الْحَدِيْدَۙ ١٠

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
ātaynā
ءَاتَيْنَا
दिया हमने
dāwūda
دَاوُۥدَ
दाऊद को
minnā
مِنَّا
अपने पास से
faḍlan
فَضْلًاۖ
फ़ज़ल
yājibālu
يَٰجِبَالُ
ऐ पहाड़ो
awwibī
أَوِّبِى
तस्बीह(दोहराओ)
maʿahu
مَعَهُۥ
साथ उसके
wal-ṭayra
وَٱلطَّيْرَۖ
और परिन्दों को(भी)
wa-alannā
وَأَلَنَّا
और नर्म किया हमने
lahu
لَهُ
उसके लिए
l-ḥadīda
ٱلْحَدِيدَ
लोहा
हमने दाऊद को अपनी ओर से श्रेष्ठ ता प्रदान की, 'ऐ पर्वतों! उसके साथ तसबीह को प्रतिध्वनित करो, और पक्षियों तुम भी!' और हमने उसके लिए लोहे को नर्म कर दिया ([३४] सबा: 10)
Tafseer (तफ़सीर )