اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ وَلَهُ الْحَمْدُ فِى الْاٰخِرَةِۗ وَهُوَ الْحَكِيْمُ الْخَبِيْرُ ١
- al-ḥamdu
- ٱلْحَمْدُ
- सब तारीफ़
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के लिए है
- alladhī
- ٱلَّذِى
- वो जो
- lahu
- لَهُۥ
- उसी के लिए है
- mā
- مَا
- जो कुछ
- fī
- فِى
- आसमानों में है
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों में है
- wamā
- وَمَا
- और जो कुछ
- fī
- فِى
- ज़मीन में है
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में है
- walahu
- وَلَهُ
- और उसी के लिए है
- l-ḥamdu
- ٱلْحَمْدُ
- सब तारीफ़
- fī
- فِى
- आख़िरत में
- l-ākhirati
- ٱلْءَاخِرَةِۚ
- आख़िरत में
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- l-ḥakīmu
- ٱلْحَكِيمُ
- ख़ूब हिकमत वाला है
- l-khabīru
- ٱلْخَبِيرُ
- ख़ूब बाख़बर है
प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जिसका वह सब कुछ है जो आकाशों और धरती में है। और आख़िरत में भी उसी के लिए प्रशंसा है। और वही तत्वदर्शी, ख़बर रखनेवाला है ([३४] सबा: 1)Tafseer (तफ़सीर )
يَعْلَمُ مَا يَلِجُ فِى الْاَرْضِ وَمَا يَخْرُجُ مِنْهَا وَمَا يَنْزِلُ مِنَ السَّمَاۤءِ وَمَا يَعْرُجُ فِيْهَاۗ وَهُوَ الرَّحِيْمُ الْغَفُوْرُ ٢
- yaʿlamu
- يَعْلَمُ
- वो जानता है
- mā
- مَا
- जो कुछ
- yaliju
- يَلِجُ
- दाख़िल होता है
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- wamā
- وَمَا
- और जो कुछ
- yakhruju
- يَخْرُجُ
- निकलता है
- min'hā
- مِنْهَا
- उससे
- wamā
- وَمَا
- और जो कुछ
- yanzilu
- يَنزِلُ
- उतरता है
- mina
- مِنَ
- आसमान से
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- आसमान से
- wamā
- وَمَا
- और जो कुछ
- yaʿruju
- يَعْرُجُ
- चढ़ता है
- fīhā
- فِيهَاۚ
- उसमें
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- l-raḥīmu
- ٱلرَّحِيمُ
- निहायत रहम करने वाला है
- l-ghafūru
- ٱلْغَفُورُ
- बहुत बख़्शने वाला है
वह जानता है जो कुछ धरती में प्रविष्ट होता है और जो कुथ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और वही अत्यन्त दयावान, क्षमाशील है ([३४] सबा: 2)Tafseer (तफ़सीर )
وَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَا تَأْتِيْنَا السَّاعَةُ ۗقُلْ بَلٰى وَرَبِّيْ لَتَأْتِيَنَّكُمْۙ عٰلِمِ الْغَيْبِۙ لَا يَعْزُبُ عَنْهُ مِثْقَالُ ذَرَّةٍ فِى السَّمٰوٰتِ وَلَا فِى الْاَرْضِ وَلَآ اَصْغَرُ مِنْ ذٰلِكَ وَلَآ اَكْبَرُ اِلَّا فِيْ كِتٰبٍ مُّبِيْنٍۙ ٣
- waqāla
- وَقَالَ
- और कहा
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों ने जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- lā
- لَا
- नहीं आएगी हम पर
- tatīnā
- تَأْتِينَا
- नहीं आएगी हम पर
- l-sāʿatu
- ٱلسَّاعَةُۖ
- क़यामत
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- balā
- بَلَىٰ
- क्यों नहीं
- warabbī
- وَرَبِّى
- क़सम है मेरे रब की
- latatiyannakum
- لَتَأْتِيَنَّكُمْ
- अलबत्ता वो ज़रूर आएगी तुम्हारे पास
- ʿālimi
- عَٰلِمِ
- जानने वाला है
- l-ghaybi
- ٱلْغَيْبِۖ
- ग़ैब का
- lā
- لَا
- नहीं छुपा हुआ
- yaʿzubu
- يَعْزُبُ
- नहीं छुपा हुआ
- ʿanhu
- عَنْهُ
- उससे
- mith'qālu
- مِثْقَالُ
- बराबर
- dharratin
- ذَرَّةٍ
- एक ज़र्रे के
- fī
- فِى
- आसमानों में
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों में
- walā
- وَلَا
- और ना
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- walā
- وَلَآ
- और ना
- aṣgharu
- أَصْغَرُ
- छोटा
- min
- مِن
- उससे
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- उससे
- walā
- وَلَآ
- और ना
- akbaru
- أَكْبَرُ
- बड़ा
- illā
- إِلَّا
- मगर
- fī
- فِى
- एक वाज़ेह किताब में है
- kitābin
- كِتَٰبٍ
- एक वाज़ेह किताब में है
- mubīnin
- مُّبِينٍ
- एक वाज़ेह किताब में है
जिन लोगों ने इनकार किया उनका कहना है कि 'हमपर क़ियामत की घड़ी नहीं आएगी।' कह दो, 'क्यों नहीं, मेरे परोक्ष ज्ञाता रब की क़सम! वह तो तुमपर आकर रहेगी - उससे कणभर भी कोई चीज़ न तो आकाशों में ओझल है और न धरती में, और न इससे छोटी कोई चीज़ और न बड़ी। किन्तु वह एक स्पष्ट किताब में अंकित है। - ([३४] सबा: 3)Tafseer (तफ़सीर )
لِّيَجْزِيَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِۗ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِيْمٌ ٤
- liyajziya
- لِّيَجْزِىَ
- ताकि वो बदला दे
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनको जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए
- waʿamilū
- وَعَمِلُوا۟
- और उन्होंने अमल किए
- l-ṣāliḥāti
- ٱلصَّٰلِحَٰتِۚ
- नेक
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- maghfiratun
- مَّغْفِرَةٌ
- बख़्शिश
- wariz'qun
- وَرِزْقٌ
- और रिज़्क़ है
- karīmun
- كَرِيمٌ
- इज़्ज़त वाला
'ताकि वह उन लोगों को बदला दे, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए। वहीं है जिनके लिए क्षमा और प्रतिष्ठामय आजीविका है ([३४] सबा: 4)Tafseer (तफ़सीर )
وَالَّذِيْنَ سَعَوْ فِيْٓ اٰيٰتِنَا مُعٰجِزِيْنَ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مِّنْ رِّجْزٍ اَلِيْمٌ ٥
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जिन्होंने
- saʿaw
- سَعَوْ
- कोशिश की
- fī
- فِىٓ
- हमारी आयात में
- āyātinā
- ءَايَٰتِنَا
- हमारी आयात में
- muʿājizīna
- مُعَٰجِزِينَ
- इस हाल में कि आजिज़ करने वाले हैं
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- ʿadhābun
- عَذَابٌ
- अज़ाब है
- min
- مِّن
- सख़्ती का
- rij'zin
- رِّجْزٍ
- सख़्ती का
- alīmun
- أَلِيمٌ
- दर्दनाक
'रहे वे लोग जिन्होंने हमारी आयतों को मात करने का प्रयास किया, वह है जिनके लिए बहुत ही बुरे प्रकार की दुखद यातना है।' ([३४] सबा: 5)Tafseer (तफ़सीर )
وَيَرَى الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ الَّذِيْٓ اُنْزِلَ اِلَيْكَ مِنْ رَّبِّكَ هُوَ الْحَقَّۙ وَيَهْدِيْٓ اِلٰى صِرَاطِ الْعَزِيْزِ الْحَمِيْدِ ٦
- wayarā
- وَيَرَى
- और देखते हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- ūtū
- أُوتُوا۟
- दिए गए
- l-ʿil'ma
- ٱلْعِلْمَ
- इल्म
- alladhī
- ٱلَّذِىٓ
- कि जो
- unzila
- أُنزِلَ
- नाज़िल किया गया
- ilayka
- إِلَيْكَ
- आपकी तरफ़
- min
- مِن
- आपके रब की तरफ़ से
- rabbika
- رَّبِّكَ
- आपके रब की तरफ़ से
- huwa
- هُوَ
- वो ही
- l-ḥaqa
- ٱلْحَقَّ
- हक़ है
- wayahdī
- وَيَهْدِىٓ
- और वो रहनुमाई करता है
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ रास्ते के
- ṣirāṭi
- صِرَٰطِ
- तरफ़ रास्ते के
- l-ʿazīzi
- ٱلْعَزِيزِ
- बहुत ज़बरदस्त
- l-ḥamīdi
- ٱلْحَمِيدِ
- ख़ूब तारीफ़ वाले के
जिन लोगों को ज्ञान प्राप्त हुआ है वे स्वयं देखते है कि जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर अवतरित हुआ है वही सत्य है, और वह उसका मार्ग दिखाता है जो प्रभुत्वशाली, प्रशंसा का अधिकारी है ([३४] सबा: 6)Tafseer (तफ़सीर )
وَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا هَلْ نَدُلُّكُمْ عَلٰى رَجُلٍ يُّنَبِّئُكُمْ اِذَا مُزِّقْتُمْ كُلَّ مُمَزَّقٍۙ اِنَّكُمْ لَفِيْ خَلْقٍ جَدِيْدٍۚ ٧
- waqāla
- وَقَالَ
- और कहा
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों ने जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- hal
- هَلْ
- क्या
- nadullukum
- نَدُلُّكُمْ
- हम बताऐं तुम्हें
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऐसा शख़्स
- rajulin
- رَجُلٍ
- ऐसा शख़्स
- yunabbi-ukum
- يُنَبِّئُكُمْ
- जो ख़बर देता है तुम्हें
- idhā
- إِذَا
- जब
- muzziq'tum
- مُزِّقْتُمْ
- रेज़ह-रेज़ह कर दिए जाओगे तुम
- kulla
- كُلَّ
- पूरी तरह
- mumazzaqin
- مُمَزَّقٍ
- रेज़ह-रेज़ह किया जाना
- innakum
- إِنَّكُمْ
- बेशक तुम
- lafī
- لَفِى
- अलबत्ता पैदाइश में होगे
- khalqin
- خَلْقٍ
- अलबत्ता पैदाइश में होगे
- jadīdin
- جَدِيدٍ
- नई
जिन लोगों ने इनकार किया वे कहते है कि 'क्या हम तुम्हें एक ऐसा आदमी बताएँ जो तुम्हें ख़बर देता है कि जब तुम बिलकुल चूर्ण-विचूर्ण हो जाओगे तो तुम नवीन काय में जीवित होगे?' ([३४] सबा: 7)Tafseer (तफ़सीर )
اَفْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ كَذِبًا اَمْ بِهٖ جِنَّةٌ ۗبَلِ الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ فِى الْعَذَابِ وَالضَّلٰلِ الْبَعِيْدِ ٨
- aftarā
- أَفْتَرَىٰ
- क्या उसने गढ़ लिया
- ʿalā
- عَلَى
- अल्लाह पर
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- kadhiban
- كَذِبًا
- झूठ
- am
- أَم
- या
- bihi
- بِهِۦ
- उसे
- jinnatun
- جِنَّةٌۢۗ
- कोई जुनून है
- bali
- بَلِ
- बल्कि
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- lā
- لَا
- नहीं वो ईमान लाते
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- नहीं वो ईमान लाते
- bil-ākhirati
- بِٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत पर
- fī
- فِى
- अज़ाब में
- l-ʿadhābi
- ٱلْعَذَابِ
- अज़ाब में
- wal-ḍalāli
- وَٱلضَّلَٰلِ
- और गुमराही में हैं
- l-baʿīdi
- ٱلْبَعِيدِ
- दूर की
क्या उसने अल्लाह पर झूठ घड़कर थोपा है, या उसे कुछ उन्माद है? नहीं, बल्कि जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं रखते वे यातना और परले दरजे की गुमराही में हैं ([३४] सबा: 8)Tafseer (तफ़सीर )
اَفَلَمْ يَرَوْا اِلٰى مَا بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ مِّنَ السَّمَاۤءِ وَالْاَرْضِۗ اِنْ نَّشَأْ نَخْسِفْ بِهِمُ الْاَرْضَ اَوْ نُسْقِطْ عَلَيْهِمْ كِسَفًا مِّنَ السَّمَاۤءِۗ اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لِّكُلِّ عَبْدٍ مُّنِيْبٍ ࣖ ٩
- afalam
- أَفَلَمْ
- क्या भला नहीं
- yaraw
- يَرَوْا۟
- उन्होंने देखा
- ilā
- إِلَىٰ
- उसकी तरफ़ जो
- mā
- مَا
- उसकी तरफ़ जो
- bayna
- بَيْنَ
- उनके सामने है
- aydīhim
- أَيْدِيهِمْ
- उनके सामने है
- wamā
- وَمَا
- और जो
- khalfahum
- خَلْفَهُم
- उनके पीछे है
- mina
- مِّنَ
- आसमान से
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- आसमान से
- wal-arḍi
- وَٱلْأَرْضِۚ
- और ज़मीन से
- in
- إِن
- अगर
- nasha
- نَّشَأْ
- हम चाहें
- nakhsif
- نَخْسِفْ
- हम धँसा दें
- bihimu
- بِهِمُ
- उन्हें
- l-arḍa
- ٱلْأَرْضَ
- ज़मीन में
- aw
- أَوْ
- या
- nus'qiṭ
- نُسْقِطْ
- हम गिरा दें
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- kisafan
- كِسَفًا
- कुछ टुकड़े
- mina
- مِّنَ
- आसमान से
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِۚ
- आसमान से
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- fī
- فِى
- उसमें
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- उसमें
- laāyatan
- لَءَايَةً
- अलबत्ता एक निशानी है
- likulli
- لِّكُلِّ
- वास्ते हर
- ʿabdin
- عَبْدٍ
- बन्दे
- munībin
- مُّنِيبٍ
- रुजूअ करने वाले के
क्या उन्होंने आकाश और धरती को नहीं देखा, जो उनके आगे भी है और उनके पीछे भी? यदि हम चाहें तो उन्हें धरती में धँसा दें या उनपर आकाश से कुछ टुकड़े गिरा दें। निश्चय ही इसमें एक निशानी है हर उस बन्दे के लिए जो रुजू करनेवाला हो ([३४] सबा: 9)Tafseer (तफ़सीर )
۞ وَلَقَدْ اٰتَيْنَا دَاوٗدَ مِنَّا فَضْلًاۗ يٰجِبَالُ اَوِّبِيْ مَعَهٗ وَالطَّيْرَ ۚوَاَلَنَّا لَهُ الْحَدِيْدَۙ ١٠
- walaqad
- وَلَقَدْ
- और अलबत्ता तहक़ीक़
- ātaynā
- ءَاتَيْنَا
- दिया हमने
- dāwūda
- دَاوُۥدَ
- दाऊद को
- minnā
- مِنَّا
- अपने पास से
- faḍlan
- فَضْلًاۖ
- फ़ज़ल
- yājibālu
- يَٰجِبَالُ
- ऐ पहाड़ो
- awwibī
- أَوِّبِى
- तस्बीह(दोहराओ)
- maʿahu
- مَعَهُۥ
- साथ उसके
- wal-ṭayra
- وَٱلطَّيْرَۖ
- और परिन्दों को(भी)
- wa-alannā
- وَأَلَنَّا
- और नर्म किया हमने
- lahu
- لَهُ
- उसके लिए
- l-ḥadīda
- ٱلْحَدِيدَ
- लोहा
हमने दाऊद को अपनी ओर से श्रेष्ठ ता प्रदान की, 'ऐ पर्वतों! उसके साथ तसबीह को प्रतिध्वनित करो, और पक्षियों तुम भी!' और हमने उसके लिए लोहे को नर्म कर दिया ([३४] सबा: 10)Tafseer (तफ़सीर )