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सूरा अल-अह्जाब - Page: 8

Al-Ahzab

(The Clans, The Coalition, The Combined Forces)

७१

يُّصْلِحْ لَكُمْ اَعْمَالَكُمْ وَيَغْفِرْ لَكُمْ ذُنُوْبَكُمْۗ وَمَنْ يُّطِعِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ فَقَدْ فَازَ فَوْزًا عَظِيْمًا ٧١

yuṣ'liḥ
يُصْلِحْ
वो इस्लाह कर देगा
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
aʿmālakum
أَعْمَٰلَكُمْ
तुम्हारे आमाल की
wayaghfir
وَيَغْفِرْ
और वो बख़्श देगा
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
dhunūbakum
ذُنُوبَكُمْۗ
तुम्हारे गुनाहों को
waman
وَمَن
और जो कोई
yuṭiʿi
يُطِعِ
इताअत करेगा
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
warasūlahu
وَرَسُولَهُۥ
और उसके रसूल की
faqad
فَقَدْ
तो तहक़ीक़
fāza
فَازَ
वो कामयाब हुआ
fawzan
فَوْزًا
कामयाब होना
ʿaẓīman
عَظِيمًا
बहुत बड़ा
वह तुम्हारे कर्मों को सँवार देगा और तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर देगा। और जो अल्लाह और उसके रसूल का आज्ञापालन करे, उसने बड़ी सफलता प्राप्त॥ कर ली है ([३३] अल-अह्जाब: 71)
Tafseer (तफ़सीर )
७२

اِنَّا عَرَضْنَا الْاَمَانَةَ عَلَى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَالْجِبَالِ فَاَبَيْنَ اَنْ يَّحْمِلْنَهَا وَاَشْفَقْنَ مِنْهَا وَحَمَلَهَا الْاِنْسَانُۗ اِنَّهٗ كَانَ ظَلُوْمًا جَهُوْلًاۙ ٧٢

innā
إِنَّا
बेशक हम
ʿaraḍnā
عَرَضْنَا
पेश किया हमने
l-amānata
ٱلْأَمَانَةَ
अमानत को
ʿalā
عَلَى
आसमानों पर
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों पर
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन पर
wal-jibāli
وَٱلْجِبَالِ
और पहाड़ों पर
fa-abayna
فَأَبَيْنَ
तो उन्होंने इन्कार कर दिया
an
أَن
कि
yaḥmil'nahā
يَحْمِلْنَهَا
वो उठाऐं उसे
wa-ashfaqna
وَأَشْفَقْنَ
और वो डर गए
min'hā
مِنْهَا
उससे
waḥamalahā
وَحَمَلَهَا
और उठा लिया उसे
l-insānu
ٱلْإِنسَٰنُۖ
इन्सान ने
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
kāna
كَانَ
है
ẓalūman
ظَلُومًا
बहुत ज़ालिम
jahūlan
جَهُولًا
बहुत जाहिल
हमने अमानत को आकाशों और धरती और पर्वतों के समक्ष प्रस्तुत किया, किन्तु उन्होंने उसके उठाने से इनकार कर दिया और उससे डर गए। लेकिन मनुष्य ने उसे उठा लिया। निश्चय ही वह बड़ी ज़ालिम, आवेश के वशीभूत हो जानेवाला है ([३३] अल-अह्जाब: 72)
Tafseer (तफ़सीर )
७३

لِّيُعَذِّبَ اللّٰهُ الْمُنٰفِقِيْنَ وَالْمُنٰفِقَتِ وَالْمُشْرِكِيْنَ وَالْمُشْرِكٰتِ وَيَتُوْبَ اللّٰهُ عَلَى الْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِۗ وَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ࣖ ٧٣

liyuʿadhiba
لِّيُعَذِّبَ
ताकि अज़ाब दे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
l-munāfiqīna
ٱلْمُنَٰفِقِينَ
मुनाफ़िक़ मर्दों
wal-munāfiqāti
وَٱلْمُنَٰفِقَٰتِ
और मुनाफ़िक़ औरतों को
wal-mush'rikīna
وَٱلْمُشْرِكِينَ
और मुशरिक मर्दों को
wal-mush'rikāti
وَٱلْمُشْرِكَٰتِ
और मुशरिक औरतों को
wayatūba
وَيَتُوبَ
और मेहरबान हो जाए
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ʿalā
عَلَى
मोमिन मर्दों पर
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिन मर्दों पर
wal-mu'mināti
وَٱلْمُؤْمِنَٰتِۗ
और मोमिन औरतों पर
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ghafūran
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
raḥīman
رَّحِيمًۢا
निहायत रहम करने वाला
ताकि अल्लाह कपटाचारी पुरुषों और कपटाचारी स्त्रियों और बहुदेववादी पुरुषों और बहुदेववादी स्त्रियों को यातना दे, और ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों पर अल्लाह कृपा-स्पष्ट करे। वास्तव में अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है ([३३] अल-अह्जाब: 73)
Tafseer (तफ़सीर )