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सूरा अल-अह्जाब - Page: 5

Al-Ahzab

(The Clans, The Coalition, The Combined Forces)

४१

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اذْكُرُوا اللّٰهَ ذِكْرًا كَثِيْرًاۙ ٤١

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
जो ईमान लाए हो
udh'kurū
ٱذْكُرُوا۟
ज़िक्र करो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह का
dhik'ran
ذِكْرًا
ज़िक्र करना
kathīran
كَثِيرًا
कसरत से
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह को अधिक याद करो ([३३] अल-अह्जाब: 41)
Tafseer (तफ़सीर )
४२

وَّسَبِّحُوْهُ بُكْرَةً وَّاَصِيْلًا ٤٢

wasabbiḥūhu
وَسَبِّحُوهُ
और तस्बीह करो उसकी
buk'ratan
بُكْرَةً
सुबह
wa-aṣīlan
وَأَصِيلًا
और शाम
और प्रातःकाल और सन्ध्या समय उसकी तसबीह करते रहो - ([३३] अल-अह्जाब: 42)
Tafseer (तफ़सीर )
४३

هُوَ الَّذِيْ يُصَلِّيْ عَلَيْكُمْ وَمَلٰۤىِٕكَتُهٗ لِيُخْرِجَكُمْ مِّنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِۗ وَكَانَ بِالْمُؤْمِنِيْنَ رَحِيْمًا ٤٣

huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जो
yuṣallī
يُصَلِّى
रहमत भेजता है
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
wamalāikatuhu
وَمَلَٰٓئِكَتُهُۥ
और उसके फ़रिश्ते(दुआ करते हैं)
liyukh'rijakum
لِيُخْرِجَكُم
ताकि वो निकाले तुम्हें
mina
مِّنَ
अंधेरों से
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِ
अंधेरों से
ilā
إِلَى
तरफ़ रौशनी के
l-nūri
ٱلنُّورِۚ
तरफ़ रौशनी के
wakāna
وَكَانَ
और है वो
bil-mu'minīna
بِٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों पर
raḥīman
رَحِيمًا
ख़ूब रहम फ़रमाने वाला
वही है जो तुमपर रहमत भेजता है और उसके फ़रिश्ते भी (दुआएँ करते है) - ताकि वह तुम्हें अँधरों से प्रकाश की ओर निकाल लाए। वास्तव में, वह ईमानवालों पर बहुत दयालु है ([३३] अल-अह्जाब: 43)
Tafseer (तफ़सीर )
४४

تَحِيَّتُهُمْ يَوْمَ يَلْقَوْنَهٗ سَلٰمٌ ۚوَاَعَدَّ لَهُمْ اَجْرًا كَرِيْمًا ٤٤

taḥiyyatuhum
تَحِيَّتُهُمْ
उनकी दुआ होगी
yawma
يَوْمَ
जिस दिन
yalqawnahu
يَلْقَوْنَهُۥ
वो मिलेंगे उससे
salāmun
سَلَٰمٌۚ
सलाम
wa-aʿadda
وَأَعَدَّ
और उसने तैयार कर रखा है
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ajran
أَجْرًا
अजर
karīman
كَرِيمًا
उम्दा/बाइज़्ज़त
जिस दिन वे उससे मिलेंगे उनका अभिवादन होगा, सलाम और उनके लिए प्रतिष्ठामय प्रदान तैयार कर रखा है ([३३] अल-अह्जाब: 44)
Tafseer (तफ़सीर )
४५

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ اِنَّآ اَرْسَلْنٰكَ شَاهِدًا وَّمُبَشِّرًا وَّنَذِيْرًاۙ ٤٥

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
innā
إِنَّآ
बेशक हम
arsalnāka
أَرْسَلْنَٰكَ
भेजा हमने आपको
shāhidan
شَٰهِدًا
गवाही देने वाला
wamubashiran
وَمُبَشِّرًا
और ख़ुशख़बरी देने वाला
wanadhīran
وَنَذِيرًا
और डराने वाला (बना कर)
ऐ नबी! हमने तुमको साक्षी और शुभ सूचना देनेवाला और सचेल करनेवाला बनाकर भेजा है; ([३३] अल-अह्जाब: 45)
Tafseer (तफ़सीर )
४६

وَّدَاعِيًا اِلَى اللّٰهِ بِاِذْنِهٖ وَسِرَاجًا مُّنِيْرًا ٤٦

wadāʿiyan
وَدَاعِيًا
और दावत देने वाला
ilā
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
l-lahi
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह के
bi-idh'nihi
بِإِذْنِهِۦ
उसके इज़न से
wasirājan
وَسِرَاجًا
और चिराग़
munīran
مُّنِيرًا
रौशन
और अल्लाह की अनुज्ञा से उसकी ओर बुलानेवाला और प्रकाशमान प्रदीप बनाकर ([३३] अल-अह्जाब: 46)
Tafseer (तफ़सीर )
४७

وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِيْنَ بِاَنَّ لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ فَضْلًا كَبِيْرًا ٤٧

wabashiri
وَبَشِّرِ
और ख़ुशख़बरी दे दीजिए
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों को
bi-anna
بِأَنَّ
कि बेशक
lahum
لَهُم
उनके लिए
mina
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से है
faḍlan
فَضْلًا
फ़ज़ल
kabīran
كَبِيرًا
बहुत बड़ा
ईमानवालों को शुभ सूचना दे दो कि उनके लिए अल्लाह को ओर से बहुत बड़ा उदार अनुग्रह है ([३३] अल-अह्जाब: 47)
Tafseer (तफ़सीर )
४८

وَلَا تُطِعِ الْكٰفِرِيْنَ وَالْمُنٰفِقِيْنَ وَدَعْ اَذٰىهُمْ وَتَوَكَّلْ عَلَى اللّٰهِ ۗوَكَفٰى بِاللّٰهِ وَكِيْلًا ٤٨

walā
وَلَا
और ना
tuṭiʿi
تُطِعِ
आप इताअत कीजिए
l-kāfirīna
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों की
wal-munāfiqīna
وَٱلْمُنَٰفِقِينَ
और मुनाफ़िक़ों की
wadaʿ
وَدَعْ
और नज़र अंदाज़ कर दीजिए
adhāhum
أَذَىٰهُمْ
उनकी अज़ियत रसानी को
watawakkal
وَتَوَكَّلْ
और तवक्कल कीजिए
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह पर
wakafā
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह
wakīlan
وَكِيلًا
कारसाज़
और इनकार करनेवालों और कपटाचारियों के कहने में न आना। उनकी पहुँचाई हुई तकलीफ़ का ख़याल न करो। और अल्लाह पर भरोसा रखो। अल्लाह इसके लिए काफ़ी है कि अपने मामले में उसपर भरोसा किया जाए ([३३] अल-अह्जाब: 48)
Tafseer (तफ़सीर )
४९

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اِذَا نَكَحْتُمُ الْمُؤْمِنٰتِ ثُمَّ طَلَّقْتُمُوْهُنَّ مِنْ قَبْلِ اَنْ تَمَسُّوْهُنَّ فَمَا لَكُمْ عَلَيْهِنَّ مِنْ عِدَّةٍ تَعْتَدُّوْنَهَاۚ فَمَتِّعُوْهُنَّ وَسَرِّحُوْهُنَّ سَرَاحًا جَمِيْلًا ٤٩

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
idhā
إِذَا
जब
nakaḥtumu
نَكَحْتُمُ
निकाह करो तुम
l-mu'mināti
ٱلْمُؤْمِنَٰتِ
मोमिन औरतों से
thumma
ثُمَّ
फिर
ṭallaqtumūhunna
طَلَّقْتُمُوهُنَّ
तलाक़ दे दो तुम उन्हें
min
مِن
इससे पहले
qabli
قَبْلِ
इससे पहले
an
أَن
कि
tamassūhunna
تَمَسُّوهُنَّ
तुम छुओ उन्हें
famā
فَمَا
तो नहीं
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
ʿalayhinna
عَلَيْهِنَّ
उन पर
min
مِنْ
कोई इद्दत
ʿiddatin
عِدَّةٍ
कोई इद्दत
taʿtaddūnahā
تَعْتَدُّونَهَاۖ
तुम शुमार करो उसे
famattiʿūhunna
فَمَتِّعُوهُنَّ
तो कुछ फ़ायदा दो उन्हें
wasarriḥūhunna
وَسَرِّحُوهُنَّ
और रुख़्सत करो उन्हें
sarāḥan
سَرَاحًا
रुख़्सत करना
jamīlan
جَمِيلًا
भले तरीक़े से
ऐ ईमान लानेवालो! जब तुम ईमान लानेवाली स्त्रियों से विवाह करो और फिर उन्हें हाथ लगाने से पहले तलाक़ दे दो तो तुम्हारे लिए उनपर कोई इद्दत नहीं, जिसकी तुम गिनती करो। अतः उन्हें कुछ सामान दे दो और भली रीति से विदा कर दो ([३३] अल-अह्जाब: 49)
Tafseer (तफ़सीर )
५०

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ اِنَّآ اَحْلَلْنَا لَكَ اَزْوَاجَكَ الّٰتِيْٓ اٰتَيْتَ اُجُوْرَهُنَّ وَمَا مَلَكَتْ يَمِيْنُكَ مِمَّآ اَفَاۤءَ اللّٰهُ عَلَيْكَ وَبَنٰتِ عَمِّكَ وَبَنٰتِ عَمّٰتِكَ وَبَنٰتِ خَالِكَ وَبَنٰتِ خٰلٰتِكَ الّٰتِيْ هَاجَرْنَ مَعَكَۗ وَامْرَاَةً مُّؤْمِنَةً اِنْ وَّهَبَتْ نَفْسَهَا لِلنَّبِيِّ اِنْ اَرَادَ النَّبِيُّ اَنْ يَّسْتَنْكِحَهَا خَالِصَةً لَّكَ مِنْ دُوْنِ الْمُؤْمِنِيْنَۗ قَدْ عَلِمْنَا مَا فَرَضْنَا عَلَيْهِمْ فِيْٓ اَزْوَاجِهِمْ وَمَا مَلَكَتْ اَيْمَانُهُمْ لِكَيْلَا يَكُوْنَ عَلَيْكَ حَرَجٌۗ وَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ٥٠

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
innā
إِنَّآ
बेशक हम
aḥlalnā
أَحْلَلْنَا
हलाल कर दीं हमने
laka
لَكَ
आपके लिए
azwājaka
أَزْوَٰجَكَ
बीवियाँ आपकी
allātī
ٱلَّٰتِىٓ
वो जिन्हें
ātayta
ءَاتَيْتَ
दिए आपने
ujūrahunna
أُجُورَهُنَّ
महर उनके
wamā
وَمَا
और जिनका
malakat
مَلَكَتْ
मालिक है
yamīnuka
يَمِينُكَ
दायाँ हाथ आपका
mimmā
مِمَّآ
उसमें से जो
afāa
أَفَآءَ
लौटाया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
wabanāti
وَبَنَاتِ
और बेटियाँ
ʿammika
عَمِّكَ
आपके चचा की
wabanāti
وَبَنَاتِ
और बेटियाँ
ʿammātika
عَمَّٰتِكَ
आपकी फ़ूफ़ीयों की
wabanāti
وَبَنَاتِ
और बेटियाँ
khālika
خَالِكَ
आपके मामूं की
wabanāti
وَبَنَاتِ
और बेटियाँ
khālātika
خَٰلَٰتِكَ
आपकी ख़ालाओं की
allātī
ٱلَّٰتِى
वो जिन्होंने
hājarna
هَاجَرْنَ
हिजरत की
maʿaka
مَعَكَ
आपके साथ
wa-im'ra-atan
وَٱمْرَأَةً
और कोई औरत
mu'minatan
مُّؤْمِنَةً
मोमिना
in
إِن
अगर
wahabat
وَهَبَتْ
वो हिबा कर दे
nafsahā
نَفْسَهَا
अपने नफ़्स को
lilnnabiyyi
لِلنَّبِىِّ
नबी के लिए
in
إِنْ
अगर
arāda
أَرَادَ
इरादा करें
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
an
أَن
कि
yastankiḥahā
يَسْتَنكِحَهَا
वो निकाह करें उससे
khāliṣatan
خَالِصَةً
ख़ास है
laka
لَّكَ
आपके लिए
min
مِن
सिवाए
dūni
دُونِ
सिवाए
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَۗ
मोमिनें के
qad
قَدْ
तहक़ीक़
ʿalim'nā
عَلِمْنَا
जान लिया हमने
مَا
जो
faraḍnā
فَرَضْنَا
फ़र्ज़ किया हमने
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
فِىٓ
उनकी बीवियों के मामले में
azwājihim
أَزْوَٰجِهِمْ
उनकी बीवियों के मामले में
wamā
وَمَا
और जिनके
malakat
مَلَكَتْ
मालिक हैं
aymānuhum
أَيْمَٰنُهُمْ
दाऐं हाथ उनके
likaylā
لِكَيْلَا
ताकि ना
yakūna
يَكُونَ
हो
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
ḥarajun
حَرَجٌۗ
कोई तंगी
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ghafūran
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
raḥīman
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला
ऐ नबी! हमने तुम्हारे लिए तुम्हारी वे पत्नियों वैध कर दी है जिनके मह्रक तुम दे चुके हो, और उन स्त्रियों को भी जो तुम्हारी मिल्कियत में आई, जिन्हें अल्लाह ने ग़नीमत के रूप में तुम्हें दी और तुम्हारी चचा की बेटियाँ और तुम्हारी फूफियों की बेटियाँ और तुम्हारे मामुओं की बेटियाँ और तुम्हारी ख़ालाओं की बेटियाँ जिन्होंने तुम्हारे साथ हिजरत की है और वह ईमानवाली स्त्री जो अपने आपको नबी के लिए दे दे, यदि नबी उससे विवाह करना चाहे। ईमानवालों से हटकर यह केवल तुम्हारे ही लिए है, हमें मालूम है जो कुछ हमने उनकी पत्ऩियों और उनकी लौड़ियों के बारे में उनपर अनिवार्य किया है - ताकि तुमपर कोई तंगी न रहे। अल्लाह बहुत क्षमाशील, दयावान है ([३३] अल-अह्जाब: 50)
Tafseer (तफ़सीर )