Skip to content

सूरा अल-अह्जाब - शब्द द्वारा शब्द

Al-Ahzab

(The Clans, The Coalition, The Combined Forces)

bismillaahirrahmaanirrahiim

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ اتَّقِ اللّٰهَ وَلَا تُطِعِ الْكٰفِرِيْنَ وَالْمُنٰفِقِيْنَ ۗاِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِيْمًا حَكِيْمًاۙ ١

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
ittaqi
ٱتَّقِ
डरिए
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह से
walā
وَلَا
और ना
tuṭiʿi
تُطِعِ
आप इताअत कीजिए
l-kāfirīna
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों
wal-munāfiqīna
وَٱلْمُنَٰفِقِينَۗ
मुनाफ़िक़ों की
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
kāna
كَانَ
है
ʿalīman
عَلِيمًا
बहुत इल्म वाला
ḥakīman
حَكِيمًا
ख़ूब हिकमत वाला
ऐ नबी! अल्लाह का डर रखना और इनकार करनेवालों और कपटाचारियों का कहना न मानना। वास्तब में अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है ([३३] अल-अह्जाब: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

وَّاتَّبِعْ مَا يُوْحٰىٓ اِلَيْكَ مِنْ رَّبِّكَ ۗاِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِيْرًاۙ ٢

wa-ittabiʿ
وَٱتَّبِعْ
और पैरवी कीजिए
مَا
उसकी जो
yūḥā
يُوحَىٰٓ
वही की जाती
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
min
مِن
आपके रब की तरफ़ से
rabbika
رَّبِّكَۚ
आपके रब की तरफ़ से
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
kāna
كَانَ
है
bimā
بِمَا
उसकी जो
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
khabīran
خَبِيرًا
ख़ूब ख़बर रखने वाला
और अनुकरण करना उस चीज़ का जो तुम्हारे रब की ओर से तुम्हें प्रकाशना की जा रही है। निश्चय ही अल्लाह उसकी ख़बर रखता है जो तुम करते हो ([३३] अल-अह्जाब: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

وَّتَوَكَّلْ عَلَى اللّٰهِ ۗوَكَفٰى بِاللّٰهِ وَكِيْلًا ٣

watawakkal
وَتَوَكَّلْ
और तवकक्कल कीजिए
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह पर
wakafā
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह
wakīlan
وَكِيلًا
कारसाज़
और अल्लाह पर भरोसा रखो। और अल्लाह भरोसे के लिए काफी है ([३३] अल-अह्जाब: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

مَا جَعَلَ اللّٰهُ لِرَجُلٍ مِّنْ قَلْبَيْنِ فِيْ جَوْفِهٖ ۚوَمَا جَعَلَ اَزْوَاجَكُمُ الّٰـِٕۤيْ تُظٰهِرُوْنَ مِنْهُنَّ اُمَّهٰتِكُمْ ۚوَمَا جَعَلَ اَدْعِيَاۤءَكُمْ اَبْنَاۤءَكُمْۗ ذٰلِكُمْ قَوْلُكُمْ بِاَفْوَاهِكُمْ ۗوَاللّٰهُ يَقُوْلُ الْحَقَّ وَهُوَ يَهْدِى السَّبِيْلَ ٤

مَّا
नहीं
jaʿala
جَعَلَ
बनाए
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
lirajulin
لِرَجُلٍ
किसी शख़्स के लिए
min
مِّن
दो दिल
qalbayni
قَلْبَيْنِ
दो दिल
فِى
उसके सीने में
jawfihi
جَوْفِهِۦۚ
उसके सीने में
wamā
وَمَا
और नहीं
jaʿala
جَعَلَ
उसने बनाया
azwājakumu
أَزْوَٰجَكُمُ
तुम्हारी बीवियों को
allāī
ٱلَّٰٓـِٔى
वो जो
tuẓāhirūna
تُظَٰهِرُونَ
तुम ज़िहार करते हो
min'hunna
مِنْهُنَّ
जिनसे
ummahātikum
أُمَّهَٰتِكُمْۚ
माँऐं तुम्हारी
wamā
وَمَا
और नहीं
jaʿala
جَعَلَ
उसने बनाया
adʿiyāakum
أَدْعِيَآءَكُمْ
तुम्हारे मुँह बोले बेटों को
abnāakum
أَبْنَآءَكُمْۚ
बेटे तुम्हारे
dhālikum
ذَٰلِكُمْ
ये
qawlukum
قَوْلُكُم
बात है तुम्हारी
bi-afwāhikum
بِأَفْوَٰهِكُمْۖ
तुम्हारे मुँहों से
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
yaqūlu
يَقُولُ
फ़रमाता है
l-ḥaqa
ٱلْحَقَّ
हक़
wahuwa
وَهُوَ
और वो ही
yahdī
يَهْدِى
वो रहनुमाई करता है
l-sabīla
ٱلسَّبِيلَ
रास्ते की
अल्लाह ने किसी व्यक्ति के सीने में दो दिल नहीं रखे। और न उसने तुम्हारी उन पत्ऩियों को जिनसे तुम ज़िहार कर बैठते हो, वास्तव में तुम्हारी माँ बनाया, और न उसने तुम्हारे मुँह बोले बेटों को तुम्हारे वास्तविक बेटे बनाए। ये तो तुम्हारे मुँह की बातें है। किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहता है और वही मार्ग दिखाता है ([३३] अल-अह्जाब: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اُدْعُوْهُمْ لِاٰبَاۤىِٕهِمْ هُوَ اَقْسَطُ عِنْدَ اللّٰهِ ۚ فَاِنْ لَّمْ تَعْلَمُوْٓا اٰبَاۤءَهُمْ فَاِخْوَانُكُمْ فِى الدِّيْنِ وَمَوَالِيْكُمْ ۗوَلَيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ فِيْمَآ اَخْطَأْتُمْ بِهٖ وَلٰكِنْ مَّا تَعَمَّدَتْ قُلُوْبُكُمْ ۗوَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ٥

id'ʿūhum
ٱدْعُوهُمْ
पुकारो उन्हें
liābāihim
لِءَابَآئِهِمْ
उनके बापों के (नाम) से
huwa
هُوَ
वो
aqsaṭu
أَقْسَطُ
ज़्यादा इन्साफ़ वाला है
ʿinda
عِندَ
नज़दीक
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के
fa-in
فَإِن
फिर अगर
lam
لَّمْ
नहीं
taʿlamū
تَعْلَمُوٓا۟
तुम जानते
ābāahum
ءَابَآءَهُمْ
उनके बापों को
fa-ikh'wānukum
فَإِخْوَٰنُكُمْ
तो भाई हैं तुम्हारे
فِى
दीन में
l-dīni
ٱلدِّينِ
दीन में
wamawālīkum
وَمَوَٰلِيكُمْۚ
और दोस्त हैं तुम्हारे
walaysa
وَلَيْسَ
और नहीं
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
junāḥun
جُنَاحٌ
कोई गुनाह
fīmā
فِيمَآ
इस मामले में जो
akhṭatum
أَخْطَأْتُم
ख़ता की तुमने
bihi
بِهِۦ
उसमें
walākin
وَلَٰكِن
और लेकिन
مَّا
जो
taʿammadat
تَعَمَّدَتْ
इरादा करें
qulūbukum
قُلُوبُكُمْۚ
दिल तुम्हारे
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ghafūran
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
raḥīman
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला
उन्हें उनके बापों का बेटा करकर पुकारो। अल्लाह के यहाँ यही अधिक न्यायसंगत बात है। और यदि तुम उनके बापों को न जानते हो, तो धर्म में वे तुम्हारे भाई तो है ही और तुम्हारे सहचर भी। इस सिलसिले में तुमसे जो ग़लती हुई हो उसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं, किन्तु जिसका संकल्प तुम्हारे दिलों ने कर लिया, उसकी बात और है। वास्तव में अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है ([३३] अल-अह्जाब: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلنَّبِيُّ اَوْلٰى بِالْمُؤْمِنِيْنَ مِنْ اَنْفُسِهِمْ وَاَزْوَاجُهٗٓ اُمَّهٰتُهُمْ ۗوَاُولُوا الْاَرْحَامِ بَعْضُهُمْ اَوْلٰى بِبَعْضٍ فِيْ كِتٰبِ اللّٰهِ مِنَ الْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُهٰجِرِيْنَ اِلَّآ اَنْ تَفْعَلُوْٓا اِلٰٓى اَوْلِيَاۤىِٕكُمْ مَّعْرُوْفًا ۗ كَانَ ذٰلِكَ فِى الْكِتٰبِ مَسْطُوْرًا ٦

al-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
awlā
أَوْلَىٰ
क़रीबतर है
bil-mu'minīna
بِٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों के
min
مِنْ
उनके नफ़्सों से
anfusihim
أَنفُسِهِمْۖ
उनके नफ़्सों से
wa-azwājuhu
وَأَزْوَٰجُهُۥٓ
और बीवियाँ उसकी
ummahātuhum
أُمَّهَٰتُهُمْۗ
माँऐं हैं उनकी
wa-ulū
وَأُو۟لُوا۟
और रहम वाले (रिश्तेदार)
l-arḥāmi
ٱلْأَرْحَامِ
और रहम वाले (रिश्तेदार)
baʿḍuhum
بَعْضُهُمْ
बाज़ उनके
awlā
أَوْلَىٰ
नज़दीकतर हैं
bibaʿḍin
بِبَعْضٍ
बाज़ के
فِى
किताब में
kitābi
كِتَٰبِ
किताब में
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
mina
مِنَ
मोमिनों में से
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों में से
wal-muhājirīna
وَٱلْمُهَٰجِرِينَ
और मोहाजिरीन में से
illā
إِلَّآ
मगर
an
أَن
ये कि
tafʿalū
تَفْعَلُوٓا۟
तुम करे
ilā
إِلَىٰٓ
तरफ़ अपने दोस्तों के
awliyāikum
أَوْلِيَآئِكُم
तरफ़ अपने दोस्तों के
maʿrūfan
مَّعْرُوفًاۚ
कोई भलाई
kāna
كَانَ
है
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
فِى
किताब में
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब में
masṭūran
مَسْطُورًا
लिखा हुआ
नबी का हक़ ईमानवालों पर स्वयं उनके अपने प्राणों से बढ़कर है। और उसकी पत्नियों उनकी माएँ है। और अल्लाह के विधान के अनुसार सामान्य मोमिनों और मुहाजिरों की अपेक्षा नातेदार आपस में एक-दूसरे से अधिक निकट है। यह और बात है कि तुम अपने साथियों के साथ कोई भलाई करो। यह बात किताब में लिखी हुई है ([३३] अल-अह्जाब: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِذْ اَخَذْنَا مِنَ النَّبِيّٖنَ مِيْثَاقَهُمْ وَمِنْكَ وَمِنْ نُّوْحٍ وَّاِبْرٰهِيْمَ وَمُوْسٰى وَعِيْسَى ابْنِ مَرْيَمَ ۖوَاَخَذْنَا مِنْهُمْ مِّيْثَاقًا غَلِيْظًاۙ ٧

wa-idh
وَإِذْ
और जब
akhadhnā
أَخَذْنَا
लिया हमने
mina
مِنَ
नबियों से
l-nabiyīna
ٱلنَّبِيِّۦنَ
नबियों से
mīthāqahum
مِيثَٰقَهُمْ
पुख़्ता अहद उनका
waminka
وَمِنكَ
और आपसे
wamin
وَمِن
और नूह
nūḥin
نُّوحٍ
और नूह
wa-ib'rāhīma
وَإِبْرَٰهِيمَ
और इब्राहीम
wamūsā
وَمُوسَىٰ
और मूसा
waʿīsā
وَعِيسَى
और ईसा इब्ने मरयम से
ib'ni
ٱبْنِ
और ईसा इब्ने मरयम से
maryama
مَرْيَمَۖ
और ईसा इब्ने मरयम से
wa-akhadhnā
وَأَخَذْنَا
और लिया हमने
min'hum
مِنْهُم
उनसे
mīthāqan
مِّيثَٰقًا
अहद
ghalīẓan
غَلِيظًا
पुख़्ता /पक्का
और याद करो जब हमने नबियों से वचन लिया, तुमसे भी और नूह और इबराहीम और मूसा और मरयम के बेटे ईसा से भी। इन सबसे हमने ढृढ़ वचन लिया, ([३३] अल-अह्जाब: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

لِّيَسْـَٔلَ الصّٰدِقِيْنَ عَنْ صِدْقِهِمْ ۚوَاَعَدَّ لِلْكٰفِرِيْنَ عَذَابًا اَلِيْمًا ࣖ ٨

liyasala
لِّيَسْـَٔلَ
ताकि वो सवाल करे
l-ṣādiqīna
ٱلصَّٰدِقِينَ
सच्चों से
ʿan
عَن
उनके सच के बारे में
ṣid'qihim
صِدْقِهِمْۚ
उनके सच के बारे में
wa-aʿadda
وَأَعَدَّ
और उसने तैयार कर रखा है
lil'kāfirīna
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
ʿadhāban
عَذَابًا
अज़ाब
alīman
أَلِيمًا
दर्दनाक
ताकि वह सच्चे लोगों से उनकी सच्चाई के बारे में पूछे। और इनकार करनेवालों के लिए तो उसने दुखद यातना तैयार कर रखी है ([३३] अल-अह्जाब: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ جَاۤءَتْكُمْ جُنُوْدٌ فَاَرْسَلْنَا عَلَيْهِمْ رِيْحًا وَّجُنُوْدًا لَّمْ تَرَوْهَا ۗوَكَانَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِيْرًاۚ ٩

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
udh'kurū
ٱذْكُرُوا۟
याद करो
niʿ'mata
نِعْمَةَ
नेअमत
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
अपने ऊपर
idh
إِذْ
जब
jāatkum
جَآءَتْكُمْ
आए तुम्हारे पास
junūdun
جُنُودٌ
कई लश्कर
fa-arsalnā
فَأَرْسَلْنَا
तो भेजी हमने
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
rīḥan
رِيحًا
एक आँधी
wajunūdan
وَجُنُودًا
और कुछ लश्कर
lam
لَّمْ
नहीं
tarawhā
تَرَوْهَاۚ
तुम ने देखा उन्हें
wakāna
وَكَانَ
और है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
bimā
بِمَا
उसे जो
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
baṣīran
بَصِيرًا
ख़ूब देखने वाला
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह की उस अनुकम्पा को याद करो जो तुमपर हुई; जबकि सेनाएँ तुमपर चढ़ आई तो हमने उनपर एक हवा भेज दी और ऐसी सेनाएँ भी, जिनको तुमने देखा नहीं। और अल्लाह वह सब कुछ देखता है जो तुम करते हो ([३३] अल-अह्जाब: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

اِذْ جَاۤءُوْكُمْ مِّنْ فَوْقِكُمْ وَمِنْ اَسْفَلَ مِنْكُمْ وَاِذْ زَاغَتِ الْاَبْصَارُ وَبَلَغَتِ الْقُلُوْبُ الْحَنَاجِرَ وَتَظُنُّوْنَ بِاللّٰهِ الظُّنُوْنَا۠ ۗ ١٠

idh
إِذْ
जब
jāūkum
جَآءُوكُم
वो आए तुम पर
min
مِّن
तुम्हारे ऊपर से
fawqikum
فَوْقِكُمْ
तुम्हारे ऊपर से
wamin
وَمِنْ
और नीचे से
asfala
أَسْفَلَ
और नीचे से
minkum
مِنكُمْ
तुम्हारे
wa-idh
وَإِذْ
और जब
zāghati
زَاغَتِ
फिर गईं
l-abṣāru
ٱلْأَبْصَٰرُ
निगाहें
wabalaghati
وَبَلَغَتِ
और पहुँच गए
l-qulūbu
ٱلْقُلُوبُ
दिल
l-ḥanājira
ٱلْحَنَاجِرَ
गलों तक
wataẓunnūna
وَتَظُنُّونَ
और तुम गुमान कर रहे थे
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह के बारे में
l-ẓunūnā
ٱلظُّنُونَا۠
बहुत से गुमान
याद करो जब वे तुम्हारे ऊपर की ओर से और तुम्हारे नीचे की ओर से भी तुमपर चढ़ आए, और जब निगाहें टेढ़ी-तिरछी हो गई और उर (हृदय) कंठ को आ लगे। और तुम अल्लाह के बारे में तरह-तरह के गुमान करने लगे थे ([३३] अल-अह्जाब: 10)
Tafseer (तफ़सीर )