يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ اتَّقِ اللّٰهَ وَلَا تُطِعِ الْكٰفِرِيْنَ وَالْمُنٰفِقِيْنَ ۗاِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِيْمًا حَكِيْمًاۙ ١
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ
- l-nabiyu
- ٱلنَّبِىُّ
- नबी
- ittaqi
- ٱتَّقِ
- डरिए
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह से
- walā
- وَلَا
- और ना
- tuṭiʿi
- تُطِعِ
- आप इताअत कीजिए
- l-kāfirīna
- ٱلْكَٰفِرِينَ
- काफ़िरों
- wal-munāfiqīna
- وَٱلْمُنَٰفِقِينَۗ
- मुनाफ़िक़ों की
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- kāna
- كَانَ
- है
- ʿalīman
- عَلِيمًا
- बहुत इल्म वाला
- ḥakīman
- حَكِيمًا
- ख़ूब हिकमत वाला
ऐ नबी! अल्लाह का डर रखना और इनकार करनेवालों और कपटाचारियों का कहना न मानना। वास्तब में अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है ([३३] अल-अह्जाब: 1)Tafseer (तफ़सीर )
وَّاتَّبِعْ مَا يُوْحٰىٓ اِلَيْكَ مِنْ رَّبِّكَ ۗاِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِيْرًاۙ ٢
- wa-ittabiʿ
- وَٱتَّبِعْ
- और पैरवी कीजिए
- mā
- مَا
- उसकी जो
- yūḥā
- يُوحَىٰٓ
- वही की जाती
- ilayka
- إِلَيْكَ
- तरफ़ आपके
- min
- مِن
- आपके रब की तरफ़ से
- rabbika
- رَّبِّكَۚ
- आपके रब की तरफ़ से
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- kāna
- كَانَ
- है
- bimā
- بِمَا
- उसकी जो
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते हो
- khabīran
- خَبِيرًا
- ख़ूब ख़बर रखने वाला
और अनुकरण करना उस चीज़ का जो तुम्हारे रब की ओर से तुम्हें प्रकाशना की जा रही है। निश्चय ही अल्लाह उसकी ख़बर रखता है जो तुम करते हो ([३३] अल-अह्जाब: 2)Tafseer (तफ़सीर )
وَّتَوَكَّلْ عَلَى اللّٰهِ ۗوَكَفٰى بِاللّٰهِ وَكِيْلًا ٣
- watawakkal
- وَتَوَكَّلْ
- और तवकक्कल कीजिए
- ʿalā
- عَلَى
- अल्लाह पर
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह पर
- wakafā
- وَكَفَىٰ
- और काफ़ी है
- bil-lahi
- بِٱللَّهِ
- अल्लाह
- wakīlan
- وَكِيلًا
- कारसाज़
और अल्लाह पर भरोसा रखो। और अल्लाह भरोसे के लिए काफी है ([३३] अल-अह्जाब: 3)Tafseer (तफ़सीर )
مَا جَعَلَ اللّٰهُ لِرَجُلٍ مِّنْ قَلْبَيْنِ فِيْ جَوْفِهٖ ۚوَمَا جَعَلَ اَزْوَاجَكُمُ الّٰـِٕۤيْ تُظٰهِرُوْنَ مِنْهُنَّ اُمَّهٰتِكُمْ ۚوَمَا جَعَلَ اَدْعِيَاۤءَكُمْ اَبْنَاۤءَكُمْۗ ذٰلِكُمْ قَوْلُكُمْ بِاَفْوَاهِكُمْ ۗوَاللّٰهُ يَقُوْلُ الْحَقَّ وَهُوَ يَهْدِى السَّبِيْلَ ٤
- mā
- مَّا
- नहीं
- jaʿala
- جَعَلَ
- बनाए
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- lirajulin
- لِرَجُلٍ
- किसी शख़्स के लिए
- min
- مِّن
- दो दिल
- qalbayni
- قَلْبَيْنِ
- दो दिल
- fī
- فِى
- उसके सीने में
- jawfihi
- جَوْفِهِۦۚ
- उसके सीने में
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- jaʿala
- جَعَلَ
- उसने बनाया
- azwājakumu
- أَزْوَٰجَكُمُ
- तुम्हारी बीवियों को
- allāī
- ٱلَّٰٓـِٔى
- वो जो
- tuẓāhirūna
- تُظَٰهِرُونَ
- तुम ज़िहार करते हो
- min'hunna
- مِنْهُنَّ
- जिनसे
- ummahātikum
- أُمَّهَٰتِكُمْۚ
- माँऐं तुम्हारी
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- jaʿala
- جَعَلَ
- उसने बनाया
- adʿiyāakum
- أَدْعِيَآءَكُمْ
- तुम्हारे मुँह बोले बेटों को
- abnāakum
- أَبْنَآءَكُمْۚ
- बेटे तुम्हारे
- dhālikum
- ذَٰلِكُمْ
- ये
- qawlukum
- قَوْلُكُم
- बात है तुम्हारी
- bi-afwāhikum
- بِأَفْوَٰهِكُمْۖ
- तुम्हारे मुँहों से
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- yaqūlu
- يَقُولُ
- फ़रमाता है
- l-ḥaqa
- ٱلْحَقَّ
- हक़
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो ही
- yahdī
- يَهْدِى
- वो रहनुमाई करता है
- l-sabīla
- ٱلسَّبِيلَ
- रास्ते की
अल्लाह ने किसी व्यक्ति के सीने में दो दिल नहीं रखे। और न उसने तुम्हारी उन पत्ऩियों को जिनसे तुम ज़िहार कर बैठते हो, वास्तव में तुम्हारी माँ बनाया, और न उसने तुम्हारे मुँह बोले बेटों को तुम्हारे वास्तविक बेटे बनाए। ये तो तुम्हारे मुँह की बातें है। किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहता है और वही मार्ग दिखाता है ([३३] अल-अह्जाब: 4)Tafseer (तफ़सीर )
اُدْعُوْهُمْ لِاٰبَاۤىِٕهِمْ هُوَ اَقْسَطُ عِنْدَ اللّٰهِ ۚ فَاِنْ لَّمْ تَعْلَمُوْٓا اٰبَاۤءَهُمْ فَاِخْوَانُكُمْ فِى الدِّيْنِ وَمَوَالِيْكُمْ ۗوَلَيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ فِيْمَآ اَخْطَأْتُمْ بِهٖ وَلٰكِنْ مَّا تَعَمَّدَتْ قُلُوْبُكُمْ ۗوَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ٥
- id'ʿūhum
- ٱدْعُوهُمْ
- पुकारो उन्हें
- liābāihim
- لِءَابَآئِهِمْ
- उनके बापों के (नाम) से
- huwa
- هُوَ
- वो
- aqsaṭu
- أَقْسَطُ
- ज़्यादा इन्साफ़ वाला है
- ʿinda
- عِندَ
- नज़दीक
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह के
- fa-in
- فَإِن
- फिर अगर
- lam
- لَّمْ
- नहीं
- taʿlamū
- تَعْلَمُوٓا۟
- तुम जानते
- ābāahum
- ءَابَآءَهُمْ
- उनके बापों को
- fa-ikh'wānukum
- فَإِخْوَٰنُكُمْ
- तो भाई हैं तुम्हारे
- fī
- فِى
- दीन में
- l-dīni
- ٱلدِّينِ
- दीन में
- wamawālīkum
- وَمَوَٰلِيكُمْۚ
- और दोस्त हैं तुम्हारे
- walaysa
- وَلَيْسَ
- और नहीं
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- तुम पर
- junāḥun
- جُنَاحٌ
- कोई गुनाह
- fīmā
- فِيمَآ
- इस मामले में जो
- akhṭatum
- أَخْطَأْتُم
- ख़ता की तुमने
- bihi
- بِهِۦ
- उसमें
- walākin
- وَلَٰكِن
- और लेकिन
- mā
- مَّا
- जो
- taʿammadat
- تَعَمَّدَتْ
- इरादा करें
- qulūbukum
- قُلُوبُكُمْۚ
- दिल तुम्हारे
- wakāna
- وَكَانَ
- और है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- ghafūran
- غَفُورًا
- बहुत बख़्शने वाला
- raḥīman
- رَّحِيمًا
- निहायत रहम करने वाला
उन्हें उनके बापों का बेटा करकर पुकारो। अल्लाह के यहाँ यही अधिक न्यायसंगत बात है। और यदि तुम उनके बापों को न जानते हो, तो धर्म में वे तुम्हारे भाई तो है ही और तुम्हारे सहचर भी। इस सिलसिले में तुमसे जो ग़लती हुई हो उसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं, किन्तु जिसका संकल्प तुम्हारे दिलों ने कर लिया, उसकी बात और है। वास्तव में अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है ([३३] अल-अह्जाब: 5)Tafseer (तफ़सीर )
اَلنَّبِيُّ اَوْلٰى بِالْمُؤْمِنِيْنَ مِنْ اَنْفُسِهِمْ وَاَزْوَاجُهٗٓ اُمَّهٰتُهُمْ ۗوَاُولُوا الْاَرْحَامِ بَعْضُهُمْ اَوْلٰى بِبَعْضٍ فِيْ كِتٰبِ اللّٰهِ مِنَ الْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُهٰجِرِيْنَ اِلَّآ اَنْ تَفْعَلُوْٓا اِلٰٓى اَوْلِيَاۤىِٕكُمْ مَّعْرُوْفًا ۗ كَانَ ذٰلِكَ فِى الْكِتٰبِ مَسْطُوْرًا ٦
- al-nabiyu
- ٱلنَّبِىُّ
- नबी
- awlā
- أَوْلَىٰ
- क़रीबतर है
- bil-mu'minīna
- بِٱلْمُؤْمِنِينَ
- मोमिनों के
- min
- مِنْ
- उनके नफ़्सों से
- anfusihim
- أَنفُسِهِمْۖ
- उनके नफ़्सों से
- wa-azwājuhu
- وَأَزْوَٰجُهُۥٓ
- और बीवियाँ उसकी
- ummahātuhum
- أُمَّهَٰتُهُمْۗ
- माँऐं हैं उनकी
- wa-ulū
- وَأُو۟لُوا۟
- और रहम वाले (रिश्तेदार)
- l-arḥāmi
- ٱلْأَرْحَامِ
- और रहम वाले (रिश्तेदार)
- baʿḍuhum
- بَعْضُهُمْ
- बाज़ उनके
- awlā
- أَوْلَىٰ
- नज़दीकतर हैं
- bibaʿḍin
- بِبَعْضٍ
- बाज़ के
- fī
- فِى
- किताब में
- kitābi
- كِتَٰبِ
- किताब में
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की
- mina
- مِنَ
- मोमिनों में से
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَ
- मोमिनों में से
- wal-muhājirīna
- وَٱلْمُهَٰجِرِينَ
- और मोहाजिरीन में से
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- an
- أَن
- ये कि
- tafʿalū
- تَفْعَلُوٓا۟
- तुम करे
- ilā
- إِلَىٰٓ
- तरफ़ अपने दोस्तों के
- awliyāikum
- أَوْلِيَآئِكُم
- तरफ़ अपने दोस्तों के
- maʿrūfan
- مَّعْرُوفًاۚ
- कोई भलाई
- kāna
- كَانَ
- है
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- fī
- فِى
- किताब में
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब में
- masṭūran
- مَسْطُورًا
- लिखा हुआ
नबी का हक़ ईमानवालों पर स्वयं उनके अपने प्राणों से बढ़कर है। और उसकी पत्नियों उनकी माएँ है। और अल्लाह के विधान के अनुसार सामान्य मोमिनों और मुहाजिरों की अपेक्षा नातेदार आपस में एक-दूसरे से अधिक निकट है। यह और बात है कि तुम अपने साथियों के साथ कोई भलाई करो। यह बात किताब में लिखी हुई है ([३३] अल-अह्जाब: 6)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذْ اَخَذْنَا مِنَ النَّبِيّٖنَ مِيْثَاقَهُمْ وَمِنْكَ وَمِنْ نُّوْحٍ وَّاِبْرٰهِيْمَ وَمُوْسٰى وَعِيْسَى ابْنِ مَرْيَمَ ۖوَاَخَذْنَا مِنْهُمْ مِّيْثَاقًا غَلِيْظًاۙ ٧
- wa-idh
- وَإِذْ
- और जब
- akhadhnā
- أَخَذْنَا
- लिया हमने
- mina
- مِنَ
- नबियों से
- l-nabiyīna
- ٱلنَّبِيِّۦنَ
- नबियों से
- mīthāqahum
- مِيثَٰقَهُمْ
- पुख़्ता अहद उनका
- waminka
- وَمِنكَ
- और आपसे
- wamin
- وَمِن
- और नूह
- nūḥin
- نُّوحٍ
- और नूह
- wa-ib'rāhīma
- وَإِبْرَٰهِيمَ
- और इब्राहीम
- wamūsā
- وَمُوسَىٰ
- और मूसा
- waʿīsā
- وَعِيسَى
- और ईसा इब्ने मरयम से
- ib'ni
- ٱبْنِ
- और ईसा इब्ने मरयम से
- maryama
- مَرْيَمَۖ
- और ईसा इब्ने मरयम से
- wa-akhadhnā
- وَأَخَذْنَا
- और लिया हमने
- min'hum
- مِنْهُم
- उनसे
- mīthāqan
- مِّيثَٰقًا
- अहद
- ghalīẓan
- غَلِيظًا
- पुख़्ता /पक्का
और याद करो जब हमने नबियों से वचन लिया, तुमसे भी और नूह और इबराहीम और मूसा और मरयम के बेटे ईसा से भी। इन सबसे हमने ढृढ़ वचन लिया, ([३३] अल-अह्जाब: 7)Tafseer (तफ़सीर )
لِّيَسْـَٔلَ الصّٰدِقِيْنَ عَنْ صِدْقِهِمْ ۚوَاَعَدَّ لِلْكٰفِرِيْنَ عَذَابًا اَلِيْمًا ࣖ ٨
- liyasala
- لِّيَسْـَٔلَ
- ताकि वो सवाल करे
- l-ṣādiqīna
- ٱلصَّٰدِقِينَ
- सच्चों से
- ʿan
- عَن
- उनके सच के बारे में
- ṣid'qihim
- صِدْقِهِمْۚ
- उनके सच के बारे में
- wa-aʿadda
- وَأَعَدَّ
- और उसने तैयार कर रखा है
- lil'kāfirīna
- لِلْكَٰفِرِينَ
- काफ़िरों के लिए
- ʿadhāban
- عَذَابًا
- अज़ाब
- alīman
- أَلِيمًا
- दर्दनाक
ताकि वह सच्चे लोगों से उनकी सच्चाई के बारे में पूछे। और इनकार करनेवालों के लिए तो उसने दुखद यातना तैयार कर रखी है ([३३] अल-अह्जाब: 8)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ جَاۤءَتْكُمْ جُنُوْدٌ فَاَرْسَلْنَا عَلَيْهِمْ رِيْحًا وَّجُنُوْدًا لَّمْ تَرَوْهَا ۗوَكَانَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِيْرًاۚ ٩
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- udh'kurū
- ٱذْكُرُوا۟
- याद करो
- niʿ'mata
- نِعْمَةَ
- नेअमत
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- अपने ऊपर
- idh
- إِذْ
- जब
- jāatkum
- جَآءَتْكُمْ
- आए तुम्हारे पास
- junūdun
- جُنُودٌ
- कई लश्कर
- fa-arsalnā
- فَأَرْسَلْنَا
- तो भेजी हमने
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- rīḥan
- رِيحًا
- एक आँधी
- wajunūdan
- وَجُنُودًا
- और कुछ लश्कर
- lam
- لَّمْ
- नहीं
- tarawhā
- تَرَوْهَاۚ
- तुम ने देखा उन्हें
- wakāna
- وَكَانَ
- और है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- bimā
- بِمَا
- उसे जो
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते हो
- baṣīran
- بَصِيرًا
- ख़ूब देखने वाला
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह की उस अनुकम्पा को याद करो जो तुमपर हुई; जबकि सेनाएँ तुमपर चढ़ आई तो हमने उनपर एक हवा भेज दी और ऐसी सेनाएँ भी, जिनको तुमने देखा नहीं। और अल्लाह वह सब कुछ देखता है जो तुम करते हो ([३३] अल-अह्जाब: 9)Tafseer (तफ़सीर )
اِذْ جَاۤءُوْكُمْ مِّنْ فَوْقِكُمْ وَمِنْ اَسْفَلَ مِنْكُمْ وَاِذْ زَاغَتِ الْاَبْصَارُ وَبَلَغَتِ الْقُلُوْبُ الْحَنَاجِرَ وَتَظُنُّوْنَ بِاللّٰهِ الظُّنُوْنَا۠ ۗ ١٠
- idh
- إِذْ
- जब
- jāūkum
- جَآءُوكُم
- वो आए तुम पर
- min
- مِّن
- तुम्हारे ऊपर से
- fawqikum
- فَوْقِكُمْ
- तुम्हारे ऊपर से
- wamin
- وَمِنْ
- और नीचे से
- asfala
- أَسْفَلَ
- और नीचे से
- minkum
- مِنكُمْ
- तुम्हारे
- wa-idh
- وَإِذْ
- और जब
- zāghati
- زَاغَتِ
- फिर गईं
- l-abṣāru
- ٱلْأَبْصَٰرُ
- निगाहें
- wabalaghati
- وَبَلَغَتِ
- और पहुँच गए
- l-qulūbu
- ٱلْقُلُوبُ
- दिल
- l-ḥanājira
- ٱلْحَنَاجِرَ
- गलों तक
- wataẓunnūna
- وَتَظُنُّونَ
- और तुम गुमान कर रहे थे
- bil-lahi
- بِٱللَّهِ
- अल्लाह के बारे में
- l-ẓunūnā
- ٱلظُّنُونَا۠
- बहुत से गुमान
याद करो जब वे तुम्हारे ऊपर की ओर से और तुम्हारे नीचे की ओर से भी तुमपर चढ़ आए, और जब निगाहें टेढ़ी-तिरछी हो गई और उर (हृदय) कंठ को आ लगे। और तुम अल्लाह के बारे में तरह-तरह के गुमान करने लगे थे ([३३] अल-अह्जाब: 10)Tafseer (तफ़सीर )