Skip to content

सूरा अस-सजदा - शब्द द्वारा शब्द

As-Sajdah

(The Prostration, Worship, Adoration)

bismillaahirrahmaanirrahiim

الۤمّۤ ۗ ١

alif-lam-meem
الٓمٓ
ا ل م
अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ ([३२] अस-सजदा: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

تَنْزِيْلُ الْكِتٰبِ لَا رَيْبَ فِيْهِ مِنْ رَّبِّ الْعٰلَمِيْنَۗ ٢

tanzīlu
تَنزِيلُ
नाज़िल करना है
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब का
لَا
नहीं कोई शक
rayba
رَيْبَ
नहीं कोई शक
fīhi
فِيهِ
इसमें
min
مِن
रब की तरफ़ से है
rabbi
رَّبِّ
रब की तरफ़ से है
l-ʿālamīna
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों के
इस किताब का अवतरण - इसमें सन्देह नहीं - सारे संसार के रब की ओर से है ([३२] अस-सजदा: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

اَمْ يَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ۚ بَلْ هُوَ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ لِتُنْذِرَ قَوْمًا مَّآ اَتٰىهُمْ مِّنْ نَّذِيْرٍ مِّنْ قَبْلِكَ لَعَلَّهُمْ يَهْتَدُوْنَ ٣

am
أَمْ
क्या
yaqūlūna
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
if'tarāhu
ٱفْتَرَىٰهُۚ
उसने घड़ लिया उसे
bal
بَلْ
बल्कि
huwa
هُوَ
वो
l-ḥaqu
ٱلْحَقُّ
हक़ है
min
مِن
आपके रब की तरफ़ से
rabbika
رَّبِّكَ
आपके रब की तरफ़ से
litundhira
لِتُنذِرَ
ताकि आप डराऐं
qawman
قَوْمًا
उस क़ौम को
مَّآ
नहीं
atāhum
أَتَىٰهُم
आया उनके पास
min
مِّن
कोई डराने वाला
nadhīrin
نَّذِيرٍ
कोई डराने वाला
min
مِّن
आप से पहले
qablika
قَبْلِكَ
आप से पहले
laʿallahum
لَعَلَّهُمْ
ताकि वो
yahtadūna
يَهْتَدُونَ
वो हिदायत पा जाऐं
(क्या वे इसपर विश्वास नहीं रखते) या वे कहते है कि 'इस व्यक्ति ने इसे स्वयं ही घड़ लिया है?' नहीं, बल्कि वह सत्य है तेरे रब की ओर से, ताकि तू उन लोगों को सावधान कर दे जिनके पास तुझसे पहले कोई सावधान करनेवाला नहीं आया। कदाचित वे मार्ग पाएँ ([३२] अस-सजदा: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

اَللّٰهُ الَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا فِيْ سِتَّةِ اَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰى عَلَى الْعَرْشِۗ مَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِهٖ مِنْ وَّلِيٍّ وَّلَا شَفِيْعٍۗ اَفَلَا تَتَذَكَّرُوْنَ ٤

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
wamā
وَمَا
और जो कुछ
baynahumā
بَيْنَهُمَا
दर्मियान है इन दोनों के
فِى
छ: दिनों में
sittati
سِتَّةِ
छ: दिनों में
ayyāmin
أَيَّامٍ
छ: दिनों में
thumma
ثُمَّ
फिर
is'tawā
ٱسْتَوَىٰ
वो बुलन्द हुआ
ʿalā
عَلَى
अर्श पर
l-ʿarshi
ٱلْعَرْشِۖ
अर्श पर
مَا
नहीं
lakum
لَكُم
तुम्हारे लिए
min
مِّن
उसके सिवा
dūnihi
دُونِهِۦ
उसके सिवा
min
مِن
कोई दोस्त
waliyyin
وَلِىٍّ
कोई दोस्त
walā
وَلَا
और ना
shafīʿin
شَفِيعٍۚ
कोई सिफ़ारिशी
afalā
أَفَلَا
क्या फिर नहीं
tatadhakkarūna
تَتَذَكَّرُونَ
तुम नसीहत पकड़ते
अल्लाह ही है जिसने आकाशों और धरती को और जो कुछ दोनों के बीच है छह दिनों में पैदा किया। फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। उससे हटकर न तो तुम्हारा कोई संरक्षक मित्र है और न उसके मुक़ाबले में कोई सिफ़ारिस करनेवाला। फिर क्या तुम होश में न आओगे? ([३२] अस-सजदा: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

يُدَبِّرُ الْاَمْرَ مِنَ السَّمَاۤءِ اِلَى الْاَرْضِ ثُمَّ يَعْرُجُ اِلَيْهِ فِيْ يَوْمٍ كَانَ مِقْدَارُهٗٓ اَلْفَ سَنَةٍ مِّمَّا تَعُدُّوْنَ ٥

yudabbiru
يُدَبِّرُ
वो तदबीर करता है
l-amra
ٱلْأَمْرَ
हर मामले की
mina
مِنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
ilā
إِلَى
ज़मीन तक
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन तक
thumma
ثُمَّ
फिर
yaʿruju
يَعْرُجُ
वो चढ़ता है
ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
فِى
एक दिन में
yawmin
يَوْمٍ
एक दिन में
kāna
كَانَ
है
miq'dāruhu
مِقْدَارُهُۥٓ
हिसाब/अंदाज़ा उसका
alfa
أَلْفَ
हज़ार
sanatin
سَنَةٍ
साल
mimmā
مِّمَّا
उसमें से जो
taʿuddūna
تَعُدُّونَ
तुम शुमार करते हो
वह कार्य की व्यवस्था करता है आकाश से धरती तक - फिर सारे मामले उसी की तरफ़ लौटते है - एक दिन में, जिसकी माप तुम्हारी गणना के अनुसार एक हज़ार वर्ष है ([३२] अस-सजदा: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

ذٰلِكَ عٰلِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ الْعَزِيْزُ الرَّحِيْمُۙ ٦

dhālika
ذَٰلِكَ
ये है
ʿālimu
عَٰلِمُ
जानने वाला
l-ghaybi
ٱلْغَيْبِ
ग़ैब
wal-shahādati
وَٱلشَّهَٰدَةِ
और हाज़िर का
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त
l-raḥīmu
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला
वही है परोक्ष और प्रत्यक्ष का जाननेवाला अत्यन्त प्रभुत्वशाली, दयावान है ([३२] अस-सजदा: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

الَّذِيْٓ اَحْسَنَ كُلَّ شَيْءٍ خَلَقَهٗ وَبَدَاَ خَلْقَ الْاِنْسَانِ مِنْ طِيْنٍ ٧

alladhī
ٱلَّذِىٓ
वो जिसने
aḥsana
أَحْسَنَ
अच्छा बनाया
kulla
كُلَّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ को
khalaqahu
خَلَقَهُۥۖ
उसने पैदा किया जिसे
wabada-a
وَبَدَأَ
और उसने इब्तिदा की
khalqa
خَلْقَ
इन्सान की तख़लीक़ की
l-insāni
ٱلْإِنسَٰنِ
इन्सान की तख़लीक़ की
min
مِن
मिट्टी से
ṭīnin
طِينٍ
मिट्टी से
जिसने हरेक चीज़, जो बनाई ख़ूब ही बनाई और उसने मनुष्य की संरचना का आरम्भ गारे से किया ([३२] अस-सजदा: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ جَعَلَ نَسْلَهٗ مِنْ سُلٰلَةٍ مِّنْ مَّاۤءٍ مَّهِيْنٍ ۚ ٨

thumma
ثُمَّ
फिर
jaʿala
جَعَلَ
उसने बनाई
naslahu
نَسْلَهُۥ
नस्ल उसकी
min
مِن
ख़ुलासे से
sulālatin
سُلَٰلَةٍ
ख़ुलासे से
min
مِّن
पानी की
māin
مَّآءٍ
पानी की
mahīnin
مَّهِينٍ
हक़ीर
फिर उसकी सन्तति एक तुच्छ पानी के सत से चलाई ([३२] अस-सजदा: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ سَوّٰىهُ وَنَفَخَ فِيْهِ مِنْ رُّوْحِهٖ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَۗ قَلِيْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ٩

thumma
ثُمَّ
फिर
sawwāhu
سَوَّىٰهُ
उसने दुरुस्त किया उसे
wanafakha
وَنَفَخَ
और उसने फूँक दिया
fīhi
فِيهِ
उसमें
min
مِن
अपनी रूह से
rūḥihi
رُّوحِهِۦۖ
अपनी रूह से
wajaʿala
وَجَعَلَ
और उसने बनाए
lakumu
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
l-samʿa
ٱلسَّمْعَ
कान
wal-abṣāra
وَٱلْأَبْصَٰرَ
और आँखें
wal-afidata
وَٱلْأَفْـِٔدَةَۚ
और दिल
qalīlan
قَلِيلًا
कितना कम
مَّا
कितना कम
tashkurūna
تَشْكُرُونَ
तुम शुक्र अदा करते हो
फिर उसे ठीक-ठीक किया और उसमें अपनी रूह (आत्मा) फूँकी। और तुम्हें कान और आँखें और दिल दिए। तुम आभारी थोड़े ही होते हो ([३२] अस-सजदा: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

وَقَالُوْٓا ءَاِذَا ضَلَلْنَا فِى الْاَرْضِ ءَاِنَّا لَفِيْ خَلْقٍ جَدِيْدٍ ەۗ بَلْ هُمْ بِلِقَاۤءِ رَبِّهِمْ كٰفِرُوْنَ ١٠

waqālū
وَقَالُوٓا۟
और उन्होंने कहा
a-idhā
أَءِذَا
क्या जब
ḍalalnā
ضَلَلْنَا
गुम हो जाऐंगे हम
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
a-innā
أَءِنَّا
क्या बेशक हम
lafī
لَفِى
अलबत्ता पैदाइश में (होंगे)
khalqin
خَلْقٍ
अलबत्ता पैदाइश में (होंगे)
jadīdin
جَدِيدٍۭۚ
नई
bal
بَلْ
बल्कि
hum
هُم
वो
biliqāi
بِلِقَآءِ
मुलाक़ात से
rabbihim
رَبِّهِمْ
अपने रब की
kāfirūna
كَٰفِرُونَ
इन्कारी हैं
और उन्होंने कहा, 'जब हम धरती में रल-मिल जाएँगे तो फिर क्या हम वास्तब में नवीन काय में जीवित होंगे?' नहीं, बल्कि उन्हें अपने रब से मिलने का इनकार है ([३२] अस-सजदा: 10)
Tafseer (तफ़सीर )