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सूरा लुकमान - Page: 4

Luqman

(लुक़मान)

३१

اَلَمْ تَرَ اَنَّ الْفُلْكَ تَجْرِيْ فِى الْبَحْرِ بِنِعْمَتِ اللّٰهِ لِيُرِيَكُمْ مِّنْ اٰيٰتِهٖۗ اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّكُلِّ صَبَّارٍ شَكُوْرٍ ٣١

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
tara
تَرَ
आपने देखा
anna
أَنَّ
बेशक
l-ful'ka
ٱلْفُلْكَ
कश्तियाँ
tajrī
تَجْرِى
चलती हैं
فِى
समुन्दर में
l-baḥri
ٱلْبَحْرِ
समुन्दर में
biniʿ'mati
بِنِعْمَتِ
साथ नेअमत के
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
liyuriyakum
لِيُرِيَكُم
ताकि वो दिखाए तुम्हें
min
مِّنْ
अपनी निशानियों में से
āyātihi
ءَايَٰتِهِۦٓۚ
अपनी निशानियों में से
inna
إِنَّ
यक़ीनन
فِى
उसमें
dhālika
ذَٰلِكَ
उसमें
laāyātin
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
likulli
لِّكُلِّ
वास्ते हर
ṣabbārin
صَبَّارٍ
बहुत सब्र करने वाले
shakūrin
شَكُورٍ
बहुत शुक्र गुज़ार के
क्या तुमने देखा नहीं कि नौका समुद्र में अल्लाह के अनुग्रह से चलती है, ताकि वह तुम्हें अपनी कुछ निशानियाँ दिखाए। निस्संदेह इसमें प्रत्येक धैर्यवान, कृतज्ञ के लिए निशानियाँ है ([३१] लुकमान: 31)
Tafseer (तफ़सीर )
३२

وَاِذَا غَشِيَهُمْ مَّوْجٌ كَالظُّلَلِ دَعَوُا اللّٰهَ مُخْلِصِيْنَ لَهُ الدِّيْنَ ەۚ فَلَمَّا نَجّٰىهُمْ اِلَى الْبَرِّ فَمِنْهُمْ مُّقْتَصِدٌۗ وَمَا يَجْحَدُ بِاٰيٰتِنَآ اِلَّا كُلُّ خَتَّارٍ كَفُوْرٍ ٣٢

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
ghashiyahum
غَشِيَهُم
छा जाती है उन पर
mawjun
مَّوْجٌ
एक मौज
kal-ẓulali
كَٱلظُّلَلِ
सायबानों की तरह
daʿawū
دَعَوُا۟
वो पुकारते हैं
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह को
mukh'liṣīna
مُخْلِصِينَ
ख़ालिस करने वाले हो कर
lahu
لَهُ
उसके लिए
l-dīna
ٱلدِّينَ
दीन को
falammā
فَلَمَّا
तो जब
najjāhum
نَجَّىٰهُمْ
वो निजात देता है उन्हें
ilā
إِلَى
तरफ़ ख़ुशकी के
l-bari
ٱلْبَرِّ
तरफ़ ख़ुशकी के
famin'hum
فَمِنْهُم
तो उनमें से बाज़
muq'taṣidun
مُّقْتَصِدٌۚ
सीधी राह पर क़ायम रहने वाले हैं
wamā
وَمَا
और नहीं
yajḥadu
يَجْحَدُ
इन्कार करता
biāyātinā
بِـَٔايَٰتِنَآ
हमारी आयात का
illā
إِلَّا
मगर
kullu
كُلُّ
हर
khattārin
خَتَّارٍ
बहुत अहद शिकन
kafūrin
كَفُورٍ
इन्तिहाई नाशुक्रा
और जब कोई मौज छाया-छत्रों की तरह उन्हें ढाँक लेती है, तो वे अल्लाह को उसी के लिए अपने निष्ठाभाव के विशुद्ध करते हुए पुकारते है, फिर जब वह उन्हें बचाकर स्थल तक पहुँचा देता है, तो उनमें से कुछ लोग संतुलित मार्ग पर रहते है। (अधिकांश तो पुनः पथभ्रष्ट हो जाते है।) हमारी निशानियों का इनकार तो बस प्रत्येक वह व्यक्ति करता है जो विश्वासघाती, कृतध्न हो ([३१] लुकमान: 32)
Tafseer (तफ़सीर )
३३

يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اتَّقُوْا رَبَّكُمْ وَاخْشَوْا يَوْمًا لَّا يَجْزِيْ وَالِدٌ عَنْ وَّلَدِهٖۖ وَلَا مَوْلُوْدٌ هُوَ جَازٍ عَنْ وَّالِدِهٖ شَيْـًٔاۗ اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ فَلَا تَغُرَّنَّكُمُ الْحَيٰوةُ الدُّنْيَاۗ وَلَا يَغُرَّنَّكُمْ بِاللّٰهِ الْغَرُوْرُ ٣٣

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगों
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
ऐ लोगों
ittaqū
ٱتَّقُوا۟
डरो
rabbakum
رَبَّكُمْ
अपने रब से
wa-ikh'shaw
وَٱخْشَوْا۟
और डरो
yawman
يَوْمًا
उस दिन से
لَّا
ना काम आएगा
yajzī
يَجْزِى
ना काम आएगा
wālidun
وَالِدٌ
कोई बाप
ʿan
عَن
अपने बच्चे के
waladihi
وَلَدِهِۦ
अपने बच्चे के
walā
وَلَا
और ना ही
mawlūdun
مَوْلُودٌ
कोई बच्चा
huwa
هُوَ
वो
jāzin
جَازٍ
काम आने वाला है
ʿan
عَن
अपने बाप की तरफ़ से
wālidihi
وَالِدِهِۦ
अपने बाप की तरफ़ से
shayan
شَيْـًٔاۚ
कुछ भी
inna
إِنَّ
यक़ीनन
waʿda
وَعْدَ
वादा
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह का
ḥaqqun
حَقٌّۖ
सच्चा है
falā
فَلَا
तो ना
taghurrannakumu
تَغُرَّنَّكُمُ
हरगिज़ धोके में डाले तुम्हें
l-ḥayatu
ٱلْحَيَوٰةُ
ज़िन्दगी
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
walā
وَلَا
और ना
yaghurrannakum
يَغُرَّنَّكُم
हरगिज़ धोके में डाले तुम्हें
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह के बारे में
l-gharūru
ٱلْغَرُورُ
बड़ा धोके बाज़
ऐ लोगों! अपने रब का डर रखो और उस दिन से डरो जब न कोई बाप अपनी औलाद की ओर से बदला देगा और न कोई औलाद ही अपने बाप की ओर से बदला देनेवाली होगी। निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है। अतः सांसारिक जीवन कदापि तुम्हें धोखे में न डाले। और न अल्लाह के विषय में वह धोखेबाज़ तुम्हें धोखें में डाले ([३१] लुकमान: 33)
Tafseer (तफ़सीर )
३४

اِنَّ اللّٰهَ عِنْدَهٗ عِلْمُ السَّاعَةِۚ وَيُنَزِّلُ الْغَيْثَۚ وَيَعْلَمُ مَا فِى الْاَرْحَامِۗ وَمَا تَدْرِيْ نَفْسٌ مَّاذَا تَكْسِبُ غَدًاۗ وَمَا تَدْرِيْ نَفْسٌۢ بِاَيِّ اَرْضٍ تَمُوْتُۗ اِنَّ اللّٰهَ عَلِيْمٌ خَبِيْرٌ ࣖ ٣٤

inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿindahu
عِندَهُۥ
उसके पास
ʿil'mu
عِلْمُ
इल्म है
l-sāʿati
ٱلسَّاعَةِ
क़यामत का
wayunazzilu
وَيُنَزِّلُ
और वो बरसाता है
l-ghaytha
ٱلْغَيْثَ
बारिश को
wayaʿlamu
وَيَعْلَمُ
और वो जानता है
مَا
जो कुछ
فِى
रहमों में है
l-arḥāmi
ٱلْأَرْحَامِۖ
रहमों में है
wamā
وَمَا
और नहीं
tadrī
تَدْرِى
जानता
nafsun
نَفْسٌ
कोई नफ़्स
mādhā
مَّاذَا
क्या कुछ
taksibu
تَكْسِبُ
वो कमाई करेगा
ghadan
غَدًاۖ
कल
wamā
وَمَا
और नहीं
tadrī
تَدْرِى
जानता
nafsun
نَفْسٌۢ
कोई नफ़्स
bi-ayyi
بِأَىِّ
कि किस
arḍin
أَرْضٍ
ज़मीन पर
tamūtu
تَمُوتُۚ
वो मरेगा
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿalīmun
عَلِيمٌ
बहुत इल्म वाला है
khabīrun
خَبِيرٌۢ
ख़ूब बाख़बर है
निस्संदेह उस घड़ी का ज्ञान अल्लाह ही के पास है। वही मेंह बरसाता है और जानता है जो कुछ गर्भाशयों में होता है। कोई क्यक्ति नहीं जानता कि कल वह क्या कमाएगा और कोई व्यक्ति नहीं जानता है कि किस भूभाग में उसक मृत्यु होगी। निस्संदेह अल्लाह जाननेवाला, ख़बर रखनेवाला है ([३१] लुकमान: 34)
Tafseer (तफ़सीर )