وَاِذَا قِيْلَ لَهُمُ اتَّبِعُوْا مَآ اَنْزَلَ اللّٰهُ قَالُوْا بَلْ نَتَّبِعُ مَا وَجَدْنَا عَلَيْهِ اٰبَاۤءَنَاۗ اَوَلَوْ كَانَ الشَّيْطٰنُ يَدْعُوْهُمْ اِلٰى عَذَابِ السَّعِيْرِ ٢١
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- qīla
- قِيلَ
- कहा जाता है
- lahumu
- لَهُمُ
- उन्हें
- ittabiʿū
- ٱتَّبِعُوا۟
- पैरवी करो
- mā
- مَآ
- उसकी जो
- anzala
- أَنزَلَ
- नाज़िल किया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहते हैं
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- nattabiʿu
- نَتَّبِعُ
- हम पैरवी करेंगे
- mā
- مَا
- उसकी जो
- wajadnā
- وَجَدْنَا
- पाया हमने
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- ābāanā
- ءَابَآءَنَآۚ
- अपने आबा ओ अजदाद को
- awalaw
- أَوَلَوْ
- क्या भला अगर
- kāna
- كَانَ
- हो
- l-shayṭānu
- ٱلشَّيْطَٰنُ
- शैतान
- yadʿūhum
- يَدْعُوهُمْ
- वो बुलाता उन्हें
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अज़ाब के
- ʿadhābi
- عَذَابِ
- तरफ़ अज़ाब के
- l-saʿīri
- ٱلسَّعِيرِ
- भड़कती हुई आग के
अब जब उनसे कहा जाता है कि 'उस चीज़ का अनुसरण करो जो अल्लाह न उतारी है,' तो कहते है, 'नहीं, बल्कि हम तो उस चीज़ का अनुसरण करेंगे जिसपर हमने अपने बाप-दादा को पाया है।' क्या यद्यपि शैतान उनको भड़कती आग की यातना की ओर बुला रहा हो तो भी? ([३१] लुकमान: 21)Tafseer (तफ़सीर )
۞ وَمَنْ يُّسْلِمْ وَجْهَهٗٓ اِلَى اللّٰهِ وَهُوَ مُحْسِنٌ فَقَدِ اسْتَمْسَكَ بِالْعُرْوَةِ الْوُثْقٰىۗ وَاِلَى اللّٰهِ عَاقِبَةُ الْاُمُوْرِ ٢٢
- waman
- وَمَن
- और जो कोई
- yus'lim
- يُسْلِمْ
- सुपुर्द कर दे
- wajhahu
- وَجْهَهُۥٓ
- चेहरा अपना
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ अल्लाह के
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- तरफ़ अल्लाह के
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- muḥ'sinun
- مُحْسِنٌ
- मोहसिन भी हो
- faqadi
- فَقَدِ
- तो यक़ीनन
- is'tamsaka
- ٱسْتَمْسَكَ
- उसने थाम लिया
- bil-ʿur'wati
- بِٱلْعُرْوَةِ
- कड़ा
- l-wuth'qā
- ٱلْوُثْقَىٰۗ
- मज़बूत
- wa-ilā
- وَإِلَى
- और तरफ़ अल्लाह ही के
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- और तरफ़ अल्लाह ही के
- ʿāqibatu
- عَٰقِبَةُ
- अंजाम है
- l-umūri
- ٱلْأُمُورِ
- सब कामों का
जो कोई आज्ञाकारिता के साथ अपना रुख़ अल्लाह की ओर करे, और वह उत्तमकर भी हो तो उसने मज़बूत सहारा थाम लिया। सारे मामलों की परिणति अल्लाह ही की ओर है ([३१] लुकमान: 22)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَنْ كَفَرَ فَلَا يَحْزُنْكَ كُفْرُهٗۗ اِلَيْنَا مَرْجِعُهُمْ فَنُنَبِّئُهُمْ بِمَا عَمِلُوْاۗ اِنَّ اللّٰهَ عَلِيْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ٢٣
- waman
- وَمَن
- और जिसने
- kafara
- كَفَرَ
- कुफ़्र किया
- falā
- فَلَا
- पस ना
- yaḥzunka
- يَحْزُنكَ
- ग़मगीन करे आपको
- kuf'ruhu
- كُفْرُهُۥٓۚ
- कुफ़्र उसका
- ilaynā
- إِلَيْنَا
- तरफ़ हमारे ही
- marjiʿuhum
- مَرْجِعُهُمْ
- लौटना है उनका
- fanunabbi-uhum
- فَنُنَبِّئُهُم
- फिर हम बताऐंगे उन्हें
- bimā
- بِمَا
- वो जो
- ʿamilū
- عَمِلُوٓا۟ۚ
- उन्होंने अमल किए
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- ʿalīmun
- عَلِيمٌۢ
- ख़ूब जानने वाला है
- bidhāti
- بِذَاتِ
- सीनों के (भेद)
- l-ṣudūri
- ٱلصُّدُورِ
- सीनों के (भेद)
और जिस किसी ने इनकार किया तो उसका इनकार तुम्हें शोकाकुल न करे। हमारी ही ओर तो उन्हें पलटकर आना है। फिर जो कुछ वे करते रहे होंगे, उससे हम उन्हें अवगत करा देंगे। निस्संदेह अल्लाह सीनों की बात तक जानता है ([३१] लुकमान: 23)Tafseer (तफ़सीर )
نُمَتِّعُهُمْ قَلِيْلًا ثُمَّ نَضْطَرُّهُمْ اِلٰى عَذَابٍ غَلِيْظٍ ٢٤
- numattiʿuhum
- نُمَتِّعُهُمْ
- हम फ़ायदा देंगे उन्हें
- qalīlan
- قَلِيلًا
- थोड़ा सा
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- naḍṭarruhum
- نَضْطَرُّهُمْ
- हम मजबूर करेंगे उन्हें
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अज़ाब
- ʿadhābin
- عَذَابٍ
- तरफ़ अज़ाब
- ghalīẓin
- غَلِيظٍ
- सख़्त के
हम उन्हें थोड़ा मज़ा उड़ाने देंगे। फिर उन्हें विवश करके एक कठोर यातना की ओर खींच ले जाएँगे ([३१] लुकमान: 24)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ لَيَقُوْلُنَّ اللّٰهُ ۗقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ ۗبَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا يَعْلَمُوْنَ ٢٥
- wala-in
- وَلَئِن
- और अलबत्ता अगर
- sa-altahum
- سَأَلْتَهُم
- पूछें आप उनसे
- man
- مَّنْ
- किसने
- khalaqa
- خَلَقَ
- पैदा किया
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍa
- وَٱلْأَرْضَ
- और ज़मीन को
- layaqūlunna
- لَيَقُولُنَّ
- अलबत्ता वो ज़रूर कहेंगे
- l-lahu
- ٱللَّهُۚ
- अल्लाह ने
- quli
- قُلِ
- कह दीजिए
- l-ḥamdu
- ٱلْحَمْدُ
- सब तारीफ़
- lillahi
- لِلَّهِۚ
- अल्लाह के लिए है
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- aktharuhum
- أَكْثَرُهُمْ
- अक्सर उनके
- lā
- لَا
- वो इल्म नहीं रखते
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- वो इल्म नहीं रखते
यदि तुम उनसे पूछो कि 'आकाशों और धरती को किसने पैदा किया?' तो वे अवश्य कहेंगे कि 'अल्लाह ने।' कहो, 'प्रशंसा भी अल्लाह के लिए है।' वरन उनमें से अधिकांश जानते नहीं ([३१] लुकमान: 25)Tafseer (तफ़सीर )
لِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الْغَنِيُّ الْحَمِيْدُ ٢٦
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह ही के लिए है
- mā
- مَا
- जो कुछ
- fī
- فِى
- आसमानों में है
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों में है
- wal-arḍi
- وَٱلْأَرْضِۚ
- और ज़मीन में
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- l-ghaniyu
- ٱلْغَنِىُّ
- बहुत बेनियाज़
- l-ḥamīdu
- ٱلْحَمِيدُ
- ख़ूब तारीफ़ वाला
आकाशों और धरती में जो कुछ है अल्लाह ही का है। निस्संदेह अल्लाह ही निस्पृह, स्वतः प्रशंसित है ([३१] लुकमान: 26)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَوْ اَنَّ مَا فِى الْاَرْضِ مِنْ شَجَرَةٍ اَقْلَامٌ وَّالْبَحْرُ يَمُدُّهٗ مِنْۢ بَعْدِهٖ سَبْعَةُ اَبْحُرٍ مَّا نَفِدَتْ كَلِمٰتُ اللّٰهِ ۗاِنَّ اللّٰهَ عَزِيْزٌ حَكِيْمٌ ٢٧
- walaw
- وَلَوْ
- और अगर
- annamā
- أَنَّمَا
- बेशक जो भी
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- min
- مِن
- दरख़्त हैं
- shajaratin
- شَجَرَةٍ
- दरख़्त हैं
- aqlāmun
- أَقْلَٰمٌ
- क़लमें हों
- wal-baḥru
- وَٱلْبَحْرُ
- और समुन्दर (स्याही हो)
- yamudduhu
- يَمُدُّهُۥ
- बढ़ाऐं उसको
- min
- مِنۢ
- बाद उसके
- baʿdihi
- بَعْدِهِۦ
- बाद उसके
- sabʿatu
- سَبْعَةُ
- सात
- abḥurin
- أَبْحُرٍ
- (और) समुन्दर
- mā
- مَّا
- ना
- nafidat
- نَفِدَتْ
- ख़त्म होंगे
- kalimātu
- كَلِمَٰتُ
- कलिमात
- l-lahi
- ٱللَّهِۗ
- अल्लाह के
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- ʿazīzun
- عَزِيزٌ
- बहुत ज़बरदस्त है
- ḥakīmun
- حَكِيمٌ
- ख़ूब हिकमत वाला है
धरती में जितने वृक्ष है, यदि वे क़लम हो जाएँ और समुद्र उसकी स्याही हो जाए, उसके बाद सात और समुद्र हों, तब भी अल्लाह के बोल समाप्त न हो सकेंगे। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([३१] लुकमान: 27)Tafseer (तफ़सीर )
مَا خَلْقُكُمْ وَلَا بَعْثُكُمْ اِلَّا كَنَفْسٍ وَّاحِدَةٍ ۗاِنَّ اللّٰهَ سَمِيْعٌۢ بَصِيْرٌ ٢٨
- mā
- مَّا
- नहीं
- khalqukum
- خَلْقُكُمْ
- पैदा करना तुम्हारा
- walā
- وَلَا
- और ना
- baʿthukum
- بَعْثُكُمْ
- दोबारा उठना तुम्हारा
- illā
- إِلَّا
- मगर
- kanafsin
- كَنَفْسٍ
- एक जान की तरह
- wāḥidatin
- وَٰحِدَةٍۗ
- एक जान की तरह
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- samīʿun
- سَمِيعٌۢ
- ख़ूब सुनने वाला है
- baṣīrun
- بَصِيرٌ
- ख़ूब देखने वाला है
तुम सबका पैदा करना और तुम सबका जीवित करके पुनः उठाना तो बस ऐसा है, जैसे एक जीव का। अल्लाह तो सब कुछ सुनता, देखता है ([३१] लुकमान: 28)Tafseer (तफ़सीर )
اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ يُوْلِجُ الَّيْلَ فِى النَّهَارِ وَيُوْلِجُ النَّهَارَ فِى الَّيْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَۖ كُلٌّ يَّجْرِيْٓ اِلٰٓى اَجَلٍ مُّسَمًّى وَّاَنَّ اللّٰهَ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِيْرٌ ٢٩
- alam
- أَلَمْ
- क्या नहीं
- tara
- تَرَ
- आपने देखा
- anna
- أَنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- yūliju
- يُولِجُ
- वो दाख़िल करता है
- al-layla
- ٱلَّيْلَ
- रात को
- fī
- فِى
- दिन में
- l-nahāri
- ٱلنَّهَارِ
- दिन में
- wayūliju
- وَيُولِجُ
- और वो दाख़िल करता है
- l-nahāra
- ٱلنَّهَارَ
- दिन को
- fī
- فِى
- रात में
- al-layli
- ٱلَّيْلِ
- रात में
- wasakhara
- وَسَخَّرَ
- और उसने मुसख़्ख़र कर दिया
- l-shamsa
- ٱلشَّمْسَ
- सूरज
- wal-qamara
- وَٱلْقَمَرَ
- और चाँद को
- kullun
- كُلٌّ
- हर एक
- yajrī
- يَجْرِىٓ
- चल रहा है
- ilā
- إِلَىٰٓ
- एक मुक़र्रर वक़्त तक
- ajalin
- أَجَلٍ
- एक मुक़र्रर वक़्त तक
- musamman
- مُّسَمًّى
- एक मुक़र्रर वक़्त तक
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- bimā
- بِمَا
- उससे जो
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते हो
- khabīrun
- خَبِيرٌ
- ख़ूब बाख़बर है
क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह रात को दिन में प्रविष्ट करता है और दिन को रात में प्रविष्ट करता है। उसने सूर्य और चन्द्रमा को काम में लगा रखा है? प्रत्येक एक नियत समय तक चला जा रहा है और इसके साथ यह कि जो कुछ भी तुम करते हो, अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है ([३१] लुकमान: 29)Tafseer (तफ़सीर )
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ وَاَنَّ مَا يَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهِ الْبَاطِلُۙ وَاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْعَلِيُّ الْكَبِيْرُ ࣖ ٣٠
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bi-anna
- بِأَنَّ
- बवजह उसके कि
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- l-ḥaqu
- ٱلْحَقُّ
- हक़
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- mā
- مَا
- जिसे
- yadʿūna
- يَدْعُونَ
- वो पुकारते हैं
- min
- مِن
- उसके सिवा
- dūnihi
- دُونِهِ
- उसके सिवा
- l-bāṭilu
- ٱلْبَٰطِلُ
- बातिल है
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- l-ʿaliyu
- ٱلْعَلِىُّ
- बुलन्दतर
- l-kabīru
- ٱلْكَبِيرُ
- बहुत बड़ा
यह सब कुछ इस कारण से है कि अल्लाह ही सत्य है और यह कि उसे छोड़कर जिनको वे पुकारते है, वे असत्य है। और यह कि अल्लाह ही सर्वोच्च, महान है ([३१] लुकमान: 30)Tafseer (तफ़सीर )