تِلْكَ اٰيٰتُ الْكِتٰبِ الْحَكِيْمِۙ ٢
- til'ka
- تِلْكَ
- ये
- āyātu
- ءَايَٰتُ
- आयात हैं
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब
- l-ḥakīmi
- ٱلْحَكِيمِ
- हिकमत वाली की
(जो आयतें उतर रही हैं) वे तत्वज्ञान से परिपूर्ण किताब की आयते हैं ([३१] लुकमान: 2)Tafseer (तफ़सीर )
هُدًى وَّرَحْمَةً لِّلْمُحْسِنِيْنَۙ ٣
- hudan
- هُدًى
- हिदायत
- waraḥmatan
- وَرَحْمَةً
- और रहमत है
- lil'muḥ'sinīna
- لِّلْمُحْسِنِينَ
- मोहसिनीन/नेकोकारों के लिए
मार्गदर्शन और दयालुता उत्तमकारों के लिए ([३१] लुकमान: 3)Tafseer (तफ़सीर )
الَّذِيْنَ يُقِيْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَيُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ يُوْقِنُوْنَۗ ٤
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- yuqīmūna
- يُقِيمُونَ
- क़ायम करते हैं
- l-ṣalata
- ٱلصَّلَوٰةَ
- नमाज़
- wayu'tūna
- وَيُؤْتُونَ
- और वो अदा करते हैं
- l-zakata
- ٱلزَّكَوٰةَ
- ज़कात
- wahum
- وَهُم
- और वो
- bil-ākhirati
- بِٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत पर
- hum
- هُمْ
- वो
- yūqinūna
- يُوقِنُونَ
- वो यक़ीन रखते हैं
जो नमाज़ का आयोजन करते है और ज़कात देते है और आख़िरत पर विश्वास रखते है ([३१] लुकमान: 4)Tafseer (तफ़सीर )
اُولٰۤىِٕكَ عَلٰى هُدًى مِّنْ رَّبِّهِمْ وَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ٥
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- ʿalā
- عَلَىٰ
- हिदायत पर
- hudan
- هُدًى
- हिदायत पर
- min
- مِّن
- अपने रब की तरफ़ से
- rabbihim
- رَّبِّهِمْۖ
- अपने रब की तरफ़ से
- wa-ulāika
- وَأُو۟لَٰٓئِكَ
- और यही लोग हैं
- humu
- هُمُ
- वो
- l-muf'liḥūna
- ٱلْمُفْلِحُونَ
- जो फ़लाह पाने वाले हैं
वही अपने रब की और से मार्ग पर हैं और वही सफल है ([३१] लुकमान: 5)Tafseer (तफ़सीर )
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يَّشْتَرِيْ لَهْوَ الْحَدِيْثِ لِيُضِلَّ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ بِغَيْرِ عِلْمٍۖ وَّيَتَّخِذَهَا هُزُوًاۗ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُّهِيْنٌ ٦
- wamina
- وَمِنَ
- और लोगों में से कोई है
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- और लोगों में से कोई है
- man
- مَن
- जो
- yashtarī
- يَشْتَرِى
- ख़रीदता है
- lahwa
- لَهْوَ
- खेल तमाशा (वाली)
- l-ḥadīthi
- ٱلْحَدِيثِ
- बात
- liyuḍilla
- لِيُضِلَّ
- ताकि वो भटकाए
- ʿan
- عَن
- अल्लाह के रास्ते से
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के रास्ते से
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ʿil'min
- عِلْمٍ
- इल्म के
- wayattakhidhahā
- وَيَتَّخِذَهَا
- और वो बनाता है उसे
- huzuwan
- هُزُوًاۚ
- मज़ाक़
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- ʿadhābun
- عَذَابٌ
- अज़ाब है
- muhīnun
- مُّهِينٌ
- ज़लील करने वाला
लोगों में से कोई ऐसा भी है जो दिल को लुभानेवाली बातों का ख़रीदार बनता है, ताकि बिना किसी ज्ञान के अल्लाह के मार्ग से (दूसरों को) भटकाए और उनका परिहास करे। वही है जिनके लिए अपमानजनक यातना है ([३१] लुकमान: 6)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذَا تُتْلٰى عَلَيْهِ اٰيٰتُنَا وَلّٰى مُسْتَكْبِرًا كَاَنْ لَّمْ يَسْمَعْهَا كَاَنَّ فِيْٓ اُذُنَيْهِ وَقْرًاۚ فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ اَلِيْمٍ ٧
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- tut'lā
- تُتْلَىٰ
- पढ़ी जाती हैं
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- āyātunā
- ءَايَٰتُنَا
- आयात हमारी
- wallā
- وَلَّىٰ
- वो मुँह मोड़ लेता है
- mus'takbiran
- مُسْتَكْبِرًا
- तकब्बुर करते हुए
- ka-an
- كَأَن
- गोया कि
- lam
- لَّمْ
- नहीं
- yasmaʿhā
- يَسْمَعْهَا
- उसने सुना उन्हें
- ka-anna
- كَأَنَّ
- गोया कि
- fī
- فِىٓ
- उसके दोनों कानों में
- udhunayhi
- أُذُنَيْهِ
- उसके दोनों कानों में
- waqran
- وَقْرًاۖ
- कोई बोझ है
- fabashir'hu
- فَبَشِّرْهُ
- तो ख़ुशख़बरी दे दीजिए उसे
- biʿadhābin
- بِعَذَابٍ
- अज़ाब
- alīmin
- أَلِيمٍ
- दर्दनाक की
जब उसे हमारी आयतें सुनाई जाती हैं तो वह स्वयं को बड़ा समझता हुआ पीठ फेरकर चल देता है, मानो उसने उन्हें सुना ही नहीं, मानो उसके काम बहरे है। अच्छा तो उसे एक दुखद यातना की शुभ सूचना दे दो ([३१] लुकमान: 7)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَهُمْ جَنّٰتُ النَّعِيْمِۙ ٨
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए
- waʿamilū
- وَعَمِلُوا۟
- और उन्होंने अमल किए
- l-ṣāliḥāti
- ٱلصَّٰلِحَٰتِ
- नेक
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- jannātu
- جَنَّٰتُ
- बाग़ात हैं
- l-naʿīmi
- ٱلنَّعِيمِ
- नेअमतों वाले
अलबत्ता जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उनके लिए नेमत भरी जन्नतें हैं, ([३१] लुकमान: 8)Tafseer (तफ़सीर )
خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ وَعْدَ اللّٰهِ حَقًّاۗ وَهُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ ٩
- khālidīna
- خَٰلِدِينَ
- हमेशा रहने वाले हैं
- fīhā
- فِيهَاۖ
- उनमें
- waʿda
- وَعْدَ
- वादा है
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- ḥaqqan
- حَقًّاۚ
- सच्चा
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- l-ʿazīzu
- ٱلْعَزِيزُ
- बहुत ज़बरदस्त है
- l-ḥakīmu
- ٱلْحَكِيمُ
- ख़ूब हिकमत वाला है
जिनमें वे सदैव रहेंगे। यह अल्लाह का सच्चा वादा है और वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([३१] लुकमान: 9)Tafseer (तफ़सीर )
خَلَقَ السَّمٰوٰتِ بِغَيْرِ عَمَدٍ تَرَوْنَهَا وَاَلْقٰى فِى الْاَرْضِ رَوَاسِيَ اَنْ تَمِيْدَ بِكُمْ وَبَثَّ فِيْهَا مِنْ كُلِّ دَاۤبَّةٍۗ وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً فَاَنْۢبَتْنَا فِيْهَا مِنْ كُلِّ زَوْجٍ كَرِيْمٍ ١٠
- khalaqa
- خَلَقَ
- उसने पैदा किया
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों को
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ʿamadin
- عَمَدٍ
- सुतूनों के
- tarawnahā
- تَرَوْنَهَاۖ
- तुम देखते हो उन्हें
- wa-alqā
- وَأَلْقَىٰ
- और उसने डाल दिए
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- rawāsiya
- رَوَٰسِىَ
- पहाड़
- an
- أَن
- कि
- tamīda
- تَمِيدَ
- ना वो ढुलक जाए
- bikum
- بِكُمْ
- तुम्हें लेकर
- wabatha
- وَبَثَّ
- और उसने फैला दिए
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- min
- مِن
- हर क़िस्म के
- kulli
- كُلِّ
- हर क़िस्म के
- dābbatin
- دَآبَّةٍۚ
- जानदार
- wa-anzalnā
- وَأَنزَلْنَا
- और उतारा हमने
- mina
- مِنَ
- आसमान से
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- आसमान से
- māan
- مَآءً
- पानी
- fa-anbatnā
- فَأَنۢبَتْنَا
- फिर उगाए हमने
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- min
- مِن
- हर क़िस्म के
- kulli
- كُلِّ
- हर क़िस्म के
- zawjin
- زَوْجٍ
- जोड़े
- karīmin
- كَرِيمٍ
- उमदा
उसने आकाशों को पैदा किया, (जो थमें हुए हैं) बिना ऐसे स्तम्भों के जो तुम्हें दिखाई दें। और उसने धरती में पहाड़ डाल दिए कि ऐसा न हो कि तुम्हें लेकर डाँवाडोल हो जाए और उसने उसमें हर प्रकार के जानवर फैला दिए। और हमने ही आकाश से पानी उतारा, फिर उसमें हर प्रकार की उत्तम चीज़े उगाई ([३१] लुकमान: 10)Tafseer (तफ़सीर )