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सूरा लुकमान - शब्द द्वारा शब्द

Luqman

(लुक़मान)

bismillaahirrahmaanirrahiim

الۤمّۤ ۗ ١

alif-lam-meem
الٓمٓ
ا ل م
अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ ([३१] लुकमान: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

تِلْكَ اٰيٰتُ الْكِتٰبِ الْحَكِيْمِۙ ٢

til'ka
تِلْكَ
ये
āyātu
ءَايَٰتُ
आयात हैं
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब
l-ḥakīmi
ٱلْحَكِيمِ
हिकमत वाली की
(जो आयतें उतर रही हैं) वे तत्वज्ञान से परिपूर्ण किताब की आयते हैं ([३१] लुकमान: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

هُدًى وَّرَحْمَةً لِّلْمُحْسِنِيْنَۙ ٣

hudan
هُدًى
हिदायत
waraḥmatan
وَرَحْمَةً
और रहमत है
lil'muḥ'sinīna
لِّلْمُحْسِنِينَ
मोहसिनीन/नेकोकारों के लिए
मार्गदर्शन और दयालुता उत्तमकारों के लिए ([३१] लुकमान: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

الَّذِيْنَ يُقِيْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَيُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ يُوْقِنُوْنَۗ ٤

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
yuqīmūna
يُقِيمُونَ
क़ायम करते हैं
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
wayu'tūna
وَيُؤْتُونَ
और वो अदा करते हैं
l-zakata
ٱلزَّكَوٰةَ
ज़कात
wahum
وَهُم
और वो
bil-ākhirati
بِٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
hum
هُمْ
वो
yūqinūna
يُوقِنُونَ
वो यक़ीन रखते हैं
जो नमाज़ का आयोजन करते है और ज़कात देते है और आख़िरत पर विश्वास रखते है ([३१] लुकमान: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اُولٰۤىِٕكَ عَلٰى هُدًى مِّنْ رَّبِّهِمْ وَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ٥

ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
ʿalā
عَلَىٰ
हिदायत पर
hudan
هُدًى
हिदायत पर
min
مِّن
अपने रब की तरफ़ से
rabbihim
رَّبِّهِمْۖ
अपने रब की तरफ़ से
wa-ulāika
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
humu
هُمُ
वो
l-muf'liḥūna
ٱلْمُفْلِحُونَ
जो फ़लाह पाने वाले हैं
वही अपने रब की और से मार्ग पर हैं और वही सफल है ([३१] लुकमान: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يَّشْتَرِيْ لَهْوَ الْحَدِيْثِ لِيُضِلَّ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ بِغَيْرِ عِلْمٍۖ وَّيَتَّخِذَهَا هُزُوًاۗ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُّهِيْنٌ ٦

wamina
وَمِنَ
और लोगों में से कोई है
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
और लोगों में से कोई है
man
مَن
जो
yashtarī
يَشْتَرِى
ख़रीदता है
lahwa
لَهْوَ
खेल तमाशा (वाली)
l-ḥadīthi
ٱلْحَدِيثِ
बात
liyuḍilla
لِيُضِلَّ
ताकि वो भटकाए
ʿan
عَن
अल्लाह के रास्ते से
sabīli
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
bighayri
بِغَيْرِ
बग़ैर
ʿil'min
عِلْمٍ
इल्म के
wayattakhidhahā
وَيَتَّخِذَهَا
और वो बनाता है उसे
huzuwan
هُزُوًاۚ
मज़ाक़
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ʿadhābun
عَذَابٌ
अज़ाब है
muhīnun
مُّهِينٌ
ज़लील करने वाला
लोगों में से कोई ऐसा भी है जो दिल को लुभानेवाली बातों का ख़रीदार बनता है, ताकि बिना किसी ज्ञान के अल्लाह के मार्ग से (दूसरों को) भटकाए और उनका परिहास करे। वही है जिनके लिए अपमानजनक यातना है ([३१] लुकमान: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِذَا تُتْلٰى عَلَيْهِ اٰيٰتُنَا وَلّٰى مُسْتَكْبِرًا كَاَنْ لَّمْ يَسْمَعْهَا كَاَنَّ فِيْٓ اُذُنَيْهِ وَقْرًاۚ فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ اَلِيْمٍ ٧

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
tut'lā
تُتْلَىٰ
पढ़ी जाती हैं
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
āyātunā
ءَايَٰتُنَا
आयात हमारी
wallā
وَلَّىٰ
वो मुँह मोड़ लेता है
mus'takbiran
مُسْتَكْبِرًا
तकब्बुर करते हुए
ka-an
كَأَن
गोया कि
lam
لَّمْ
नहीं
yasmaʿhā
يَسْمَعْهَا
उसने सुना उन्हें
ka-anna
كَأَنَّ
गोया कि
فِىٓ
उसके दोनों कानों में
udhunayhi
أُذُنَيْهِ
उसके दोनों कानों में
waqran
وَقْرًاۖ
कोई बोझ है
fabashir'hu
فَبَشِّرْهُ
तो ख़ुशख़बरी दे दीजिए उसे
biʿadhābin
بِعَذَابٍ
अज़ाब
alīmin
أَلِيمٍ
दर्दनाक की
जब उसे हमारी आयतें सुनाई जाती हैं तो वह स्वयं को बड़ा समझता हुआ पीठ फेरकर चल देता है, मानो उसने उन्हें सुना ही नहीं, मानो उसके काम बहरे है। अच्छा तो उसे एक दुखद यातना की शुभ सूचना दे दो ([३१] लुकमान: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَهُمْ جَنّٰتُ النَّعِيْمِۙ ٨

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
jannātu
جَنَّٰتُ
बाग़ात हैं
l-naʿīmi
ٱلنَّعِيمِ
नेअमतों वाले
अलबत्ता जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उनके लिए नेमत भरी जन्नतें हैं, ([३१] लुकमान: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ وَعْدَ اللّٰهِ حَقًّاۗ وَهُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ ٩

khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
fīhā
فِيهَاۖ
उनमें
waʿda
وَعْدَ
वादा है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह का
ḥaqqan
حَقًّاۚ
सच्चा
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त है
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला है
जिनमें वे सदैव रहेंगे। यह अल्लाह का सच्चा वादा है और वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([३१] लुकमान: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

خَلَقَ السَّمٰوٰتِ بِغَيْرِ عَمَدٍ تَرَوْنَهَا وَاَلْقٰى فِى الْاَرْضِ رَوَاسِيَ اَنْ تَمِيْدَ بِكُمْ وَبَثَّ فِيْهَا مِنْ كُلِّ دَاۤبَّةٍۗ وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً فَاَنْۢبَتْنَا فِيْهَا مِنْ كُلِّ زَوْجٍ كَرِيْمٍ ١٠

khalaqa
خَلَقَ
उसने पैदा किया
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों को
bighayri
بِغَيْرِ
बग़ैर
ʿamadin
عَمَدٍ
सुतूनों के
tarawnahā
تَرَوْنَهَاۖ
तुम देखते हो उन्हें
wa-alqā
وَأَلْقَىٰ
और उसने डाल दिए
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
rawāsiya
رَوَٰسِىَ
पहाड़
an
أَن
कि
tamīda
تَمِيدَ
ना वो ढुलक जाए
bikum
بِكُمْ
तुम्हें लेकर
wabatha
وَبَثَّ
और उसने फैला दिए
fīhā
فِيهَا
उसमें
min
مِن
हर क़िस्म के
kulli
كُلِّ
हर क़िस्म के
dābbatin
دَآبَّةٍۚ
जानदार
wa-anzalnā
وَأَنزَلْنَا
और उतारा हमने
mina
مِنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
māan
مَآءً
पानी
fa-anbatnā
فَأَنۢبَتْنَا
फिर उगाए हमने
fīhā
فِيهَا
उसमें
min
مِن
हर क़िस्म के
kulli
كُلِّ
हर क़िस्म के
zawjin
زَوْجٍ
जोड़े
karīmin
كَرِيمٍ
उमदा
उसने आकाशों को पैदा किया, (जो थमें हुए हैं) बिना ऐसे स्तम्भों के जो तुम्हें दिखाई दें। और उसने धरती में पहाड़ डाल दिए कि ऐसा न हो कि तुम्हें लेकर डाँवाडोल हो जाए और उसने उसमें हर प्रकार के जानवर फैला दिए। और हमने ही आकाश से पानी उतारा, फिर उसमें हर प्रकार की उत्तम चीज़े उगाई ([३१] लुकमान: 10)
Tafseer (तफ़सीर )