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सूरा अर-रूम - Page: 2

Ar-Rum

(रोम के लोग, उस समय का बिजेंटाइन साम्राज्य)

११

اَللّٰهُ يَبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيْدُهٗ ثُمَّ اِلَيْهِ تُرْجَعُوْنَ ١١

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
yabda-u
يَبْدَؤُا۟
वो इब्तिदा करता है
l-khalqa
ٱلْخَلْقَ
तख़लीक़ की
thumma
ثُمَّ
फिर
yuʿīduhu
يُعِيدُهُۥ
वो एआदा करेगा उसका
thumma
ثُمَّ
फिर
ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसीके
tur'jaʿūna
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे
अल्लाह की सृष्टि का आरम्भ करता है। फिर वही उसकी पुनरावृति करता है। फिर उसी की ओर तुम पलटोगे ([३०] अर-रूम: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

وَيَوْمَ تَقُوْمُ السَّاعَةُ يُبْلِسُ الْمُجْرِمُوْنَ ١٢

wayawma
وَيَوْمَ
और जिस दिन
taqūmu
تَقُومُ
क़ायम होगी
l-sāʿatu
ٱلسَّاعَةُ
क़यामत
yub'lisu
يُبْلِسُ
नाउम्मीद हो जाऐंगे
l-muj'rimūna
ٱلْمُجْرِمُونَ
मुजरिम
जिस दिन वह घड़ी आ खड़ी होगी, उस दिन अपराधी एकदम निराश होकर रह जाएँगे ([३०] अर-रूम: 12)
Tafseer (तफ़सीर )
१३

وَلَمْ يَكُنْ لَّهُمْ مِّنْ شُرَكَاۤىِٕهِمْ شُفَعٰۤؤُا وَكَانُوْا بِشُرَكَاۤىِٕهِمْ كٰفِرِيْنَ ١٣

walam
وَلَمْ
और ना
yakun
يَكُن
होंगे
lahum
لَّهُم
उनके लिए
min
مِّن
उनके शरीकों में से
shurakāihim
شُرَكَآئِهِمْ
उनके शरीकों में से
shufaʿāu
شُفَعَٰٓؤُا۟
कोई सिफ़ारिशी
wakānū
وَكَانُوا۟
और वो हो जाऐंगे
bishurakāihim
بِشُرَكَآئِهِمْ
अपने शरीकों का
kāfirīna
كَٰفِرِينَ
इन्कार करने वाले
उनके ठहराए हुए साझीदारों में से कोई उनका सिफ़ारिश करनेवाला न होगा और वे स्वयं भी अपने साझीदारों का इनकार करेंगे ([३०] अर-रूम: 13)
Tafseer (तफ़सीर )
१४

وَيَوْمَ تَقُوْمُ السَّاعَةُ يَوْمَىِٕذٍ يَّتَفَرَّقُوْنَ ١٤

wayawma
وَيَوْمَ
और जिस दिन
taqūmu
تَقُومُ
क़ायम होगी
l-sāʿatu
ٱلسَّاعَةُ
क़यामत
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
yatafarraqūna
يَتَفَرَّقُونَ
वो मुतफ़र्रिक़ हो जाऐंगे
और जिस दिन वह घड़ी आ खड़ी होगी, उस दिन वे सब अलग-अलग हो जाएँगे ([३०] अर-रूम: 14)
Tafseer (तफ़सीर )
१५

فَاَمَّا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَهُمْ فِيْ رَوْضَةٍ يُّحْبَرُوْنَ ١٥

fa-ammā
فَأَمَّا
तो रहे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
fahum
فَهُمْ
तो वो
فِى
एक बाग़ में
rawḍatin
رَوْضَةٍ
एक बाग़ में
yuḥ'barūna
يُحْبَرُونَ
वो ख़ुश कर दिए जाऐंगे
अतः जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे एक बाग़ में प्रसन्नतापूर्वक रखे जाएँगे ([३०] अर-रूम: 15)
Tafseer (तफ़सीर )
१६

وَاَمَّا الَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا وَلِقَاۤئِ الْاٰخِرَةِ فَاُولٰۤىِٕكَ فِى الْعَذَابِ مُحْضَرُوْنَ ١٦

wa-ammā
وَأَمَّا
और रहे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
wakadhabū
وَكَذَّبُوا۟
और झुटलाया
biāyātinā
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
waliqāi
وَلِقَآئِ
और मुलाक़ात को
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत की
fa-ulāika
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग
فِى
अज़ाब में
l-ʿadhābi
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में
muḥ'ḍarūna
مُحْضَرُونَ
हाज़िर रखे जाने वाले हैं
किन्तु जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों और आख़िरत की मुलाक़ात को झुठलाया, वे लाकर यातनाग्रस्त किए जाएँगे ([३०] अर-रूम: 16)
Tafseer (तफ़सीर )
१७

فَسُبْحٰنَ اللّٰهِ حِيْنَ تُمْسُوْنَ وَحِيْنَ تُصْبِحُوْنَ ١٧

fasub'ḥāna
فَسُبْحَٰنَ
पस तस्बीह है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
ḥīna
حِينَ
जब
tum'sūna
تُمْسُونَ
तुम शाम करते हो
waḥīna
وَحِينَ
और जब
tuṣ'biḥūna
تُصْبِحُونَ
तुम सुबह करते हो
अतः अब अल्लाह की तसबीह करो, जबकि तुम शाम करो और जब सुबह करो। ([३०] अर-रूम: 17)
Tafseer (तफ़सीर )
१८

وَلَهُ الْحَمْدُ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَعَشِيًّا وَّحِيْنَ تُظْهِرُوْنَ ١٨

walahu
وَلَهُ
और उसी के लिए है
l-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में
waʿashiyyan
وَعَشِيًّا
और तीसरे पहर
waḥīna
وَحِينَ
और जिस वक़्त
tuẓ'hirūna
تُظْهِرُونَ
तुम ज़ोहर करते हो
- और उसी के लिए प्रशंसा है आकाशों और धरती में - और पिछले पहर और जब तुमपर दोपहर हो ([३०] अर-रूम: 18)
Tafseer (तफ़सीर )
१९

يُخْرِجُ الْحَيَّ مِنَ الْمَيِّتِ وَيُخْرِجُ الْمَيِّتَ مِنَ الْحَيِّ وَيُحْيِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ۗوَكَذٰلِكَ تُخْرَجُوْنَ ࣖ ١٩

yukh'riju
يُخْرِجُ
वो निकालता है
l-ḥaya
ٱلْحَىَّ
ज़िन्दा को
mina
مِنَ
मुर्दा से
l-mayiti
ٱلْمَيِّتِ
मुर्दा से
wayukh'riju
وَيُخْرِجُ
और वो निकालता है
l-mayita
ٱلْمَيِّتَ
मुर्दा को
mina
مِنَ
ज़िन्दा से
l-ḥayi
ٱلْحَىِّ
ज़िन्दा से
wayuḥ'yī
وَيُحْىِ
और वो ज़िन्दा करता है
l-arḍa
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
baʿda
بَعْدَ
बाद
mawtihā
مَوْتِهَاۚ
उसकी मौत के
wakadhālika
وَكَذَٰلِكَ
और इसी तरह
tukh'rajūna
تُخْرَجُونَ
तुम निकाले जाओगे
वह जीवित को मृत से निकालता है और मृत को जीवित से, और धरती को उसकी मृत्यु के पश्चात जीवन प्रदान करता है। इसी प्रकार तुम भी निकाले जाओगे ([३०] अर-रूम: 19)
Tafseer (तफ़सीर )
२०

وَمِنْ اٰيٰتِهٖٓ اَنْ خَلَقَكُمْ مِّنْ تُرَابٍ ثُمَّ اِذَآ اَنْتُمْ بَشَرٌ تَنْتَشِرُوْنَ ٢٠

wamin
وَمِنْ
और उसकी निशानियों में से है
āyātihi
ءَايَٰتِهِۦٓ
और उसकी निशानियों में से है
an
أَنْ
कि
khalaqakum
خَلَقَكُم
उसने पैदा किया तुम्हें
min
مِّن
मिट्टी से
turābin
تُرَابٍ
मिट्टी से
thumma
ثُمَّ
फिर
idhā
إِذَآ
यकायक
antum
أَنتُم
तुम
basharun
بَشَرٌ
इन्सान हो
tantashirūna
تَنتَشِرُونَ
तुम फैलते चले जारहे हो
और यह उसकी निशानियों में से है कि उसने तुम्हें मिट्टी से पैदा किया। फिर क्या देखते है कि तुम मानव हो, फैलते जा रहे हो ([३०] अर-रूम: 20)
Tafseer (तफ़सीर )