غُلِبَتِ الرُّوْمُۙ ٢
- ghulibati
- غُلِبَتِ
- मग़लूब हो गए
- l-rūmu
- ٱلرُّومُ
- रूमी
रूमी निकटवर्ती क्षेत्र में पराभूत हो गए हैं। ([३०] अर-रूम: 2)Tafseer (तफ़सीर )
فِيْٓ اَدْنَى الْاَرْضِ وَهُمْ مِّنْۢ بَعْدِ غَلَبِهِمْ سَيَغْلِبُوْنَۙ ٣
- fī
- فِىٓ
- क़रीब की ज़मीन में
- adnā
- أَدْنَى
- क़रीब की ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- क़रीब की ज़मीन में
- wahum
- وَهُم
- और वो
- min
- مِّنۢ
- बाद
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद
- ghalabihim
- غَلَبِهِمْ
- अपने मग़लूब होने के
- sayaghlibūna
- سَيَغْلِبُونَ
- अनक़रीब वो ग़ालिब आ जाऐंगे
और वे अपने पराभव के पश्चात शीघ्र ही कुछ वर्षों में प्रभावी हो जाएँगे। ([३०] अर-रूम: 3)Tafseer (तफ़सीर )
فِيْ بِضْعِ سِنِيْنَ ەۗ لِلّٰهِ الْاَمْرُ مِنْ قَبْلُ وَمِنْۢ بَعْدُ ۗوَيَوْمَىِٕذٍ يَّفْرَحُ الْمُؤْمِنُوْنَۙ ٤
- fī
- فِى
- चंद सालों में
- biḍ'ʿi
- بِضْعِ
- चंद सालों में
- sinīna
- سِنِينَۗ
- चंद सालों में
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह ही के लिए है
- l-amru
- ٱلْأَمْرُ
- हुक्म
- min
- مِن
- इससे पहले
- qablu
- قَبْلُ
- इससे पहले
- wamin
- وَمِنۢ
- और इसके बाद
- baʿdu
- بَعْدُۚ
- और इसके बाद
- wayawma-idhin
- وَيَوْمَئِذٍ
- और उस दिन
- yafraḥu
- يَفْرَحُ
- ख़ुश हो जाऐंगे
- l-mu'minūna
- ٱلْمُؤْمِنُونَ
- मोमिन
हुक्म तो अल्लाह ही का है पहले भी और उसके बाद भी। और उस दिन ईमानवाले अल्लाह की सहायता से प्रसन्न होंगे। ([३०] अर-रूम: 4)Tafseer (तफ़सीर )
بِنَصْرِ اللّٰهِ ۗيَنْصُرُ مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَهُوَ الْعَزِيْزُ الرَّحِيْمُ ٥
- binaṣri
- بِنَصْرِ
- मदद से
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह की
- yanṣuru
- يَنصُرُ
- वो मदद करता है
- man
- مَن
- जिसकी
- yashāu
- يَشَآءُۖ
- वो चाहता है
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- l-ʿazīzu
- ٱلْعَزِيزُ
- बहुत ज़बरदस्त है
- l-raḥīmu
- ٱلرَّحِيمُ
- बहुत रहम करने वाला है
वह जिसकी चाहता है, सहायता करता है। वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, दयावान है ([३०] अर-रूम: 5)Tafseer (तफ़सीर )
وَعْدَ اللّٰهِ ۗ لَا يُخْلِفُ اللّٰهُ وَعْدَهٗ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ ٦
- waʿda
- وَعْدَ
- वादा है
- l-lahi
- ٱللَّهِۖ
- अल्लाह का
- lā
- لَا
- नहीं ख़िलाफ़ करता
- yukh'lifu
- يُخْلِفُ
- नहीं ख़िलाफ़ करता
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- waʿdahu
- وَعْدَهُۥ
- वादा अपना
- walākinna
- وَلَٰكِنَّ
- लेकिन
- akthara
- أَكْثَرَ
- अक्सर
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- लोग
- lā
- لَا
- नहीं वो जानते
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- नहीं वो जानते
यह अल्लाह का वादा है! अल्लाह अपने वादे का उल्लंघन नहीं करता। किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं ([३०] अर-रूम: 6)Tafseer (तफ़सीर )
يَعْلَمُوْنَ ظَاهِرًا مِّنَ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَاۖ وَهُمْ عَنِ الْاٰخِرَةِ هُمْ غٰفِلُوْنَ ٧
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- वो जानते हैं
- ẓāhiran
- ظَٰهِرًا
- ज़ाहिर को
- mina
- مِّنَ
- दुनिया की ज़िन्दगी के
- l-ḥayati
- ٱلْحَيَوٰةِ
- दुनिया की ज़िन्दगी के
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया की ज़िन्दगी के
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- ʿani
- عَنِ
- आख़िरत से
- l-ākhirati
- ٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत से
- hum
- هُمْ
- वो
- ghāfilūna
- غَٰفِلُونَ
- ग़ाफ़िल हैं
वे सांसारिक जीवन के केवल वाह्य रूप को जानते है। किन्तु आख़िरत की ओर से वे बिलकुल असावधान है ([३०] अर-रूम: 7)Tafseer (तफ़सीर )
اَوَلَمْ يَتَفَكَّرُوْا فِيْٓ اَنْفُسِهِمْ ۗ مَا خَلَقَ اللّٰهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَآ اِلَّا بِالْحَقِّ وَاَجَلٍ مُّسَمًّىۗ وَاِنَّ كَثِيْرًا مِّنَ النَّاسِ بِلِقَاۤئِ رَبِّهِمْ لَكٰفِرُوْنَ ٨
- awalam
- أَوَلَمْ
- क्या भला नहीं
- yatafakkarū
- يَتَفَكَّرُوا۟
- उन्होंने ग़ौरो फ़िक्र किया
- fī
- فِىٓ
- अपने नफ़्सों में
- anfusihim
- أَنفُسِهِمۗ
- अपने नफ़्सों में
- mā
- مَّا
- नहीं
- khalaqa
- خَلَقَ
- पैदा किया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍa
- وَٱلْأَرْضَ
- और ज़मीन को
- wamā
- وَمَا
- और जो कुछ
- baynahumā
- بَيْنَهُمَآ
- दर्मियान है इन दोनों के
- illā
- إِلَّا
- मगर
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّ
- साथ हक़ के
- wa-ajalin
- وَأَجَلٍ
- और वक़्त
- musamman
- مُّسَمًّىۗ
- मुक़र्रर के
- wa-inna
- وَإِنَّ
- और बेशक
- kathīran
- كَثِيرًا
- बहुत से
- mina
- مِّنَ
- लोगों में से
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- लोगों में से
- biliqāi
- بِلِقَآئِ
- मुलाक़ात का
- rabbihim
- رَبِّهِمْ
- अपने रब की
- lakāfirūna
- لَكَٰفِرُونَ
- अलबत्ता इन्कार करने वाले हैं
क्या उन्होंने अपने आप में सोच-विचार नहीं किया? अल्लाह ने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है सत्य के साथ और एक नियत अवधि ही के लिए पैदा किया है। किन्तु बहुत-से लोग अपने प्रभु के मिलन का इनकार करते है ([३०] अर-रूम: 8)Tafseer (तफ़सीर )
اَوَلَمْ يَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَيَنْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْۗ كَانُوْٓا اَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً وَّاَثَارُوا الْاَرْضَ وَعَمَرُوْهَآ اَكْثَرَ مِمَّا عَمَرُوْهَا وَجَاۤءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَيِّنٰتِۗ فَمَا كَانَ اللّٰهُ لِيَظْلِمَهُمْ وَلٰكِنْ كَانُوْٓا اَنْفُسَهُمْ يَظْلِمُوْنَۗ ٩
- awalam
- أَوَلَمْ
- क्या भला नहीं
- yasīrū
- يَسِيرُوا۟
- वो चले फिरे
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- fayanẓurū
- فَيَنظُرُوا۟
- तो वो देखते
- kayfa
- كَيْفَ
- कैसा
- kāna
- كَانَ
- हुआ
- ʿāqibatu
- عَٰقِبَةُ
- अंजाम
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनका जो
- min
- مِن
- उनसे पहले थे
- qablihim
- قَبْلِهِمْۚ
- उनसे पहले थे
- kānū
- كَانُوٓا۟
- थे वो
- ashadda
- أَشَدَّ
- ज़्यादा शदीद
- min'hum
- مِنْهُمْ
- उनसे
- quwwatan
- قُوَّةً
- क़ुव्वत में
- wa-athārū
- وَأَثَارُوا۟
- और उन्होंने उधेड़ा था
- l-arḍa
- ٱلْأَرْضَ
- ज़मीन को
- waʿamarūhā
- وَعَمَرُوهَآ
- और उन्होंने आबाद किया था उसे
- akthara
- أَكْثَرَ
- ज़्यादा
- mimmā
- مِمَّا
- उससे जो
- ʿamarūhā
- عَمَرُوهَا
- उन्होंने आबाद किया है उसे
- wajāathum
- وَجَآءَتْهُمْ
- और आए उनके पास
- rusuluhum
- رُسُلُهُم
- रसूल उनके
- bil-bayināti
- بِٱلْبَيِّنَٰتِۖ
- साथ वाज़ेह दलाइल के
- famā
- فَمَا
- तो ना
- kāna
- كَانَ
- था
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- liyaẓlimahum
- لِيَظْلِمَهُمْ
- कि वो ज़ुल्म करता उन पर
- walākin
- وَلَٰكِن
- और लेकिन
- kānū
- كَانُوٓا۟
- थे वो
- anfusahum
- أَنفُسَهُمْ
- अपनी जानों पर
- yaẓlimūna
- يَظْلِمُونَ
- वो ज़ुल्म करते
क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ जो उनसे पहले थे? वे शक्ति में उनसे अधिक बलवान थे और उन्होंने धरती को उपजाया और उससे कहीं अधिक उसे आबाद किया जितना उन्होंने आबाद किया था। और उनके पास उनके रसूल प्रत्यक्ष प्रमाण लेकर आए। फिर अल्लाह ऐसा न था कि उनपर ज़ुल्म करता। किन्तु वे स्वयं ही अपने आप पर ज़ुल्म करते थे ([३०] अर-रूम: 9)Tafseer (तफ़सीर )
ثُمَّ كَانَ عَاقِبَةَ الَّذِيْنَ اَسَاۤءُوا السُّوْۤاٰىٓ اَنْ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِ اللّٰهِ وَكَانُوْا بِهَا يَسْتَهْزِءُوْنَ ࣖ ١٠
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- kāna
- كَانَ
- हुआ
- ʿāqibata
- عَٰقِبَةَ
- अंजाम
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनका जिन्होंने
- asāū
- أَسَٰٓـُٔوا۟
- बुराई की
- l-sūā
- ٱلسُّوٓأَىٰٓ
- बहुत बुरा
- an
- أَن
- कि
- kadhabū
- كَذَّبُوا۟
- उन्होंने झुठलाया
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- अल्लाह की आयात को
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की आयात को
- wakānū
- وَكَانُوا۟
- और थे वो
- bihā
- بِهَا
- उनका
- yastahziūna
- يَسْتَهْزِءُونَ
- वो मज़ाक़ उड़ाते
फिर जिन लोगों ने बुरा किया था उनका परिणाम बुरा हुआ, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया और उनका उपहास करते रहे ([३०] अर-रूम: 10)Tafseer (तफ़सीर )