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सूरा अर-रूम - शब्द द्वारा शब्द

Ar-Rum

(रोम के लोग, उस समय का बिजेंटाइन साम्राज्य)

bismillaahirrahmaanirrahiim

الۤمّۤ ۚ ١

alif-lam-meem
الٓمٓ
ا ل م
अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ ([३०] अर-रूम: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

غُلِبَتِ الرُّوْمُۙ ٢

ghulibati
غُلِبَتِ
मग़लूब हो गए
l-rūmu
ٱلرُّومُ
रूमी
रूमी निकटवर्ती क्षेत्र में पराभूत हो गए हैं। ([३०] अर-रूम: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

فِيْٓ اَدْنَى الْاَرْضِ وَهُمْ مِّنْۢ بَعْدِ غَلَبِهِمْ سَيَغْلِبُوْنَۙ ٣

فِىٓ
क़रीब की ज़मीन में
adnā
أَدْنَى
क़रीब की ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
क़रीब की ज़मीन में
wahum
وَهُم
और वो
min
مِّنۢ
बाद
baʿdi
بَعْدِ
बाद
ghalabihim
غَلَبِهِمْ
अपने मग़लूब होने के
sayaghlibūna
سَيَغْلِبُونَ
अनक़रीब वो ग़ालिब आ जाऐंगे
और वे अपने पराभव के पश्चात शीघ्र ही कुछ वर्षों में प्रभावी हो जाएँगे। ([३०] अर-रूम: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

فِيْ بِضْعِ سِنِيْنَ ەۗ لِلّٰهِ الْاَمْرُ مِنْ قَبْلُ وَمِنْۢ بَعْدُ ۗوَيَوْمَىِٕذٍ يَّفْرَحُ الْمُؤْمِنُوْنَۙ ٤

فِى
चंद सालों में
biḍ'ʿi
بِضْعِ
चंद सालों में
sinīna
سِنِينَۗ
चंद सालों में
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
l-amru
ٱلْأَمْرُ
हुक्म
min
مِن
इससे पहले
qablu
قَبْلُ
इससे पहले
wamin
وَمِنۢ
और इसके बाद
baʿdu
بَعْدُۚ
और इसके बाद
wayawma-idhin
وَيَوْمَئِذٍ
और उस दिन
yafraḥu
يَفْرَحُ
ख़ुश हो जाऐंगे
l-mu'minūna
ٱلْمُؤْمِنُونَ
मोमिन
हुक्म तो अल्लाह ही का है पहले भी और उसके बाद भी। और उस दिन ईमानवाले अल्लाह की सहायता से प्रसन्न होंगे। ([३०] अर-रूम: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

بِنَصْرِ اللّٰهِ ۗيَنْصُرُ مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَهُوَ الْعَزِيْزُ الرَّحِيْمُ ٥

binaṣri
بِنَصْرِ
मदद से
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह की
yanṣuru
يَنصُرُ
वो मदद करता है
man
مَن
जिसकी
yashāu
يَشَآءُۖ
वो चाहता है
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त है
l-raḥīmu
ٱلرَّحِيمُ
बहुत रहम करने वाला है
वह जिसकी चाहता है, सहायता करता है। वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, दयावान है ([३०] अर-रूम: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

وَعْدَ اللّٰهِ ۗ لَا يُخْلِفُ اللّٰهُ وَعْدَهٗ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ ٦

waʿda
وَعْدَ
वादा है
l-lahi
ٱللَّهِۖ
अल्लाह का
لَا
नहीं ख़िलाफ़ करता
yukh'lifu
يُخْلِفُ
नहीं ख़िलाफ़ करता
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
waʿdahu
وَعْدَهُۥ
वादा अपना
walākinna
وَلَٰكِنَّ
लेकिन
akthara
أَكْثَرَ
अक्सर
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
लोग
لَا
नहीं वो जानते
yaʿlamūna
يَعْلَمُونَ
नहीं वो जानते
यह अल्लाह का वादा है! अल्लाह अपने वादे का उल्लंघन नहीं करता। किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं ([३०] अर-रूम: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

يَعْلَمُوْنَ ظَاهِرًا مِّنَ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَاۖ وَهُمْ عَنِ الْاٰخِرَةِ هُمْ غٰفِلُوْنَ ٧

yaʿlamūna
يَعْلَمُونَ
वो जानते हैं
ẓāhiran
ظَٰهِرًا
ज़ाहिर को
mina
مِّنَ
दुनिया की ज़िन्दगी के
l-ḥayati
ٱلْحَيَوٰةِ
दुनिया की ज़िन्दगी के
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की ज़िन्दगी के
wahum
وَهُمْ
और वो
ʿani
عَنِ
आख़िरत से
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत से
hum
هُمْ
वो
ghāfilūna
غَٰفِلُونَ
ग़ाफ़िल हैं
वे सांसारिक जीवन के केवल वाह्य रूप को जानते है। किन्तु आख़िरत की ओर से वे बिलकुल असावधान है ([३०] अर-रूम: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

اَوَلَمْ يَتَفَكَّرُوْا فِيْٓ اَنْفُسِهِمْ ۗ مَا خَلَقَ اللّٰهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَآ اِلَّا بِالْحَقِّ وَاَجَلٍ مُّسَمًّىۗ وَاِنَّ كَثِيْرًا مِّنَ النَّاسِ بِلِقَاۤئِ رَبِّهِمْ لَكٰفِرُوْنَ ٨

awalam
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
yatafakkarū
يَتَفَكَّرُوا۟
उन्होंने ग़ौरो फ़िक्र किया
فِىٓ
अपने नफ़्सों में
anfusihim
أَنفُسِهِمۗ
अपने नफ़्सों में
مَّا
नहीं
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
wamā
وَمَا
और जो कुछ
baynahumā
بَيْنَهُمَآ
दर्मियान है इन दोनों के
illā
إِلَّا
मगर
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
wa-ajalin
وَأَجَلٍ
और वक़्त
musamman
مُّسَمًّىۗ
मुक़र्रर के
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
kathīran
كَثِيرًا
बहुत से
mina
مِّنَ
लोगों में से
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
लोगों में से
biliqāi
بِلِقَآئِ
मुलाक़ात का
rabbihim
رَبِّهِمْ
अपने रब की
lakāfirūna
لَكَٰفِرُونَ
अलबत्ता इन्कार करने वाले हैं
क्या उन्होंने अपने आप में सोच-विचार नहीं किया? अल्लाह ने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है सत्य के साथ और एक नियत अवधि ही के लिए पैदा किया है। किन्तु बहुत-से लोग अपने प्रभु के मिलन का इनकार करते है ([३०] अर-रूम: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اَوَلَمْ يَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَيَنْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْۗ كَانُوْٓا اَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً وَّاَثَارُوا الْاَرْضَ وَعَمَرُوْهَآ اَكْثَرَ مِمَّا عَمَرُوْهَا وَجَاۤءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَيِّنٰتِۗ فَمَا كَانَ اللّٰهُ لِيَظْلِمَهُمْ وَلٰكِنْ كَانُوْٓا اَنْفُسَهُمْ يَظْلِمُوْنَۗ ٩

awalam
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
yasīrū
يَسِيرُوا۟
वो चले फिरे
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
fayanẓurū
فَيَنظُرُوا۟
तो वो देखते
kayfa
كَيْفَ
कैसा
kāna
كَانَ
हुआ
ʿāqibatu
عَٰقِبَةُ
अंजाम
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनका जो
min
مِن
उनसे पहले थे
qablihim
قَبْلِهِمْۚ
उनसे पहले थे
kānū
كَانُوٓا۟
थे वो
ashadda
أَشَدَّ
ज़्यादा शदीद
min'hum
مِنْهُمْ
उनसे
quwwatan
قُوَّةً
क़ुव्वत में
wa-athārū
وَأَثَارُوا۟
और उन्होंने उधेड़ा था
l-arḍa
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
waʿamarūhā
وَعَمَرُوهَآ
और उन्होंने आबाद किया था उसे
akthara
أَكْثَرَ
ज़्यादा
mimmā
مِمَّا
उससे जो
ʿamarūhā
عَمَرُوهَا
उन्होंने आबाद किया है उसे
wajāathum
وَجَآءَتْهُمْ
और आए उनके पास
rusuluhum
رُسُلُهُم
रसूल उनके
bil-bayināti
بِٱلْبَيِّنَٰتِۖ
साथ वाज़ेह दलाइल के
famā
فَمَا
तो ना
kāna
كَانَ
था
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
liyaẓlimahum
لِيَظْلِمَهُمْ
कि वो ज़ुल्म करता उन पर
walākin
وَلَٰكِن
और लेकिन
kānū
كَانُوٓا۟
थे वो
anfusahum
أَنفُسَهُمْ
अपनी जानों पर
yaẓlimūna
يَظْلِمُونَ
वो ज़ुल्म करते
क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ जो उनसे पहले थे? वे शक्ति में उनसे अधिक बलवान थे और उन्होंने धरती को उपजाया और उससे कहीं अधिक उसे आबाद किया जितना उन्होंने आबाद किया था। और उनके पास उनके रसूल प्रत्यक्ष प्रमाण लेकर आए। फिर अल्लाह ऐसा न था कि उनपर ज़ुल्म करता। किन्तु वे स्वयं ही अपने आप पर ज़ुल्म करते थे ([३०] अर-रूम: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

ثُمَّ كَانَ عَاقِبَةَ الَّذِيْنَ اَسَاۤءُوا السُّوْۤاٰىٓ اَنْ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِ اللّٰهِ وَكَانُوْا بِهَا يَسْتَهْزِءُوْنَ ࣖ ١٠

thumma
ثُمَّ
फिर
kāna
كَانَ
हुआ
ʿāqibata
عَٰقِبَةَ
अंजाम
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनका जिन्होंने
asāū
أَسَٰٓـُٔوا۟
बुराई की
l-sūā
ٱلسُّوٓأَىٰٓ
बहुत बुरा
an
أَن
कि
kadhabū
كَذَّبُوا۟
उन्होंने झुठलाया
biāyāti
بِـَٔايَٰتِ
अल्लाह की आयात को
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की आयात को
wakānū
وَكَانُوا۟
और थे वो
bihā
بِهَا
उनका
yastahziūna
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते
फिर जिन लोगों ने बुरा किया था उनका परिणाम बुरा हुआ, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया और उनका उपहास करते रहे ([३०] अर-रूम: 10)
Tafseer (तफ़सीर )