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पवित्र कुरान सूरा आले इमरान आयत ३१

Qur'an Surah Ali 'Imran Verse 31

आले इमरान [३]: ३१ ~ कुरान अनुवाद शब्द द्वारा शब्द - तफ़सीर

قُلْ اِنْ كُنْتُمْ تُحِبُّوْنَ اللّٰهَ فَاتَّبِعُوْنِيْ يُحْبِبْكُمُ اللّٰهُ وَيَغْفِرْ لَكُمْ ذُنُوْبَكُمْ ۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ (آل عمران : ٣)

qul
قُلْ
Say
कह दीजिए
in
إِن
"If
अगर
kuntum
كُنتُمْ
you
हो तुम
tuḥibbūna
تُحِبُّونَ
love
तुम मोहब्बत करते
l-laha
ٱللَّهَ
Allah
अल्लाह से
fa-ittabiʿūnī
فَٱتَّبِعُونِى
then follow me
तो पैरवी करो मेरी
yuḥ'bib'kumu
يُحْبِبْكُمُ
will love you
मोहब्बत करेगा तुम से
l-lahu
ٱللَّهُ
Allah
अल्लाह
wayaghfir
وَيَغْفِرْ
and He will forgive
और वो बख़्श देगा
lakum
لَكُمْ
for you
तुम्हारे लिए
dhunūbakum
ذُنُوبَكُمْۗ
your sins
तुम्हारे गुनाहों को
wal-lahu
وَٱللَّهُ
And Allah
और अल्लाह
ghafūrun
غَفُورٌ
(is) Oft-Forgiving
बहुत बख़्शने वाला है
raḥīmun
رَّحِيمٌ
Most Merciful
निहायत रहम करने वाला है

Transliteration:

Qul in kuntum tuhibboonal laaha fattabi' oonee yuhbibkumul laahu wa yaghfir lakum zunoobakum; wallaahu Ghafoorur Raheem (QS. ʾĀl ʿImrān:31)

English Sahih International:

Say, [O Muhammad], "If you should love Allah, then follow me, [so] Allah will love you and forgive you your sins. And Allah is Forgiving and Merciful." (QS. Ali 'Imran, Ayah ३१)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कह दो, 'यदि तुम अल्लाह से प्रेम करते हो तो मेरा अनुसरण करो, अल्लाह भी तुमसे प्रेम करेगा और तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर देगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है।' (आले इमरान, आयत ३१)

Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) उन लोगों से कह दो कि अगर तुम ख़ुदा को दोस्त रखते हो तो मेरी पैरवी करो कि ख़ुदा (भी) तुमको दोस्त रखेगा और तुमको तुम्हारे गुनाह बख्श देगा और खुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है

Azizul-Haqq Al-Umary

(हे नबी!) कह दोः यदि तुम अल्लाह से प्रेम करते हो, तो मेरा अनुसरण करो, अल्लाह तुमसे प्रेम[1] करेगा तथा तुम्हारे पाप क्षमा कर देगा और अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।