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सूरा आले इमरान - Page: 6

Ali 'Imran

(इमरान का घराना)

५१

اِنَّ اللّٰهَ رَبِّيْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ۗهٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِيْمٌ ٥١

inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
rabbī
رَبِّى
रब है मेरा
warabbukum
وَرَبُّكُمْ
और रब तुम्हारा
fa-uʿ'budūhu
فَٱعْبُدُوهُۗ
पस इबादत करो उसकी
hādhā
هَٰذَا
ये
ṣirāṭun
صِرَٰطٌ
रास्ता है
mus'taqīmun
مُّسْتَقِيمٌ
सीधा
'निस्संदेह अल्लाह मेरी भी रब है और तुम्हारा रब भी, अतः तुम उसी की बन्दगी करो। यही सीधा मार्ग है।' ([३] आले इमरान: 51)
Tafseer (तफ़सीर )
५२

۞ فَلَمَّآ اَحَسَّ عِيْسٰى مِنْهُمُ الْكُفْرَ قَالَ مَنْ اَنْصَارِيْٓ اِلَى اللّٰهِ ۗ قَالَ الْحَوَارِيُّوْنَ نَحْنُ اَنْصَارُ اللّٰهِ ۚ اٰمَنَّا بِاللّٰهِ ۚ وَاشْهَدْ بِاَنَّا مُسْلِمُوْنَ ٥٢

falammā
فَلَمَّآ
फिर जब
aḥassa
أَحَسَّ
महसूस किया
ʿīsā
عِيسَىٰ
ईसा ने
min'humu
مِنْهُمُ
उनसे
l-kuf'ra
ٱلْكُفْرَ
कुफ़्र को
qāla
قَالَ
कहा
man
مَنْ
कौन हैं
anṣārī
أَنصَارِىٓ
मददगार मेरे
ilā
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
l-lahi
ٱللَّهِۖ
तरफ़ अल्लाह के
qāla
قَالَ
कहा
l-ḥawāriyūna
ٱلْحَوَارِيُّونَ
हवारियों ने
naḥnu
نَحْنُ
हम हैं
anṣāru
أَنصَارُ
मददगार
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
āmannā
ءَامَنَّا
हम ईमान लाए
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
wa-ish'had
وَٱشْهَدْ
और गवाह रह
bi-annā
بِأَنَّا
बेशक हम
mus'limūna
مُسْلِمُونَ
मुसलमान हैं
फिर जब ईसा को उनके अविश्वास और इनकार का आभास हुआ तो उसने कहा, 'कौन अल्लाह की ओर बढ़ने में मेरा सहायक होता है?' हवारियों (साथियों) ने कहा, 'हम अल्लाह के सहायक हैं। हम अल्लाह पर ईमान लाए और गवाह रहिए कि हम मुस्लिम है ([३] आले इमरान: 52)
Tafseer (तफ़सीर )
५३

رَبَّنَآ اٰمَنَّا بِمَآ اَنْزَلْتَ وَاتَّبَعْنَا الرَّسُوْلَ فَاكْتُبْنَا مَعَ الشّٰهِدِيْنَ ٥٣

rabbanā
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
āmannā
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
bimā
بِمَآ
उस पर जो
anzalta
أَنزَلْتَ
नाज़िल किया तूने
wa-ittabaʿnā
وَٱتَّبَعْنَا
और पैरवी की हमने
l-rasūla
ٱلرَّسُولَ
रसूल की
fa-uk'tub'nā
فَٱكْتُبْنَا
पस लिख ले हमें
maʿa
مَعَ
साथ
l-shāhidīna
ٱلشَّٰهِدِينَ
गवाहों के
'हमारे रब! तूने जो कुछ उतारा है, हम उसपर ईमान लाए और इस रसूल का अनुसरण स्वीकार किया। अतः तू हमें गवाही देनेवालों में लिख ले।' ([३] आले इमरान: 53)
Tafseer (तफ़सीर )
५४

وَمَكَرُوْا وَمَكَرَ اللّٰهُ ۗوَاللّٰهُ خَيْرُ الْمَاكِرِيْنَ ࣖ ٥٤

wamakarū
وَمَكَرُوا۟
और उन्होंने चाल चली
wamakara
وَمَكَرَ
और ख़ुफ़िया तदबीर की
l-lahu
ٱللَّهُۖ
अल्लाह ने
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
khayru
خَيْرُ
बेहतरीन है
l-mākirīna
ٱلْمَٰكِرِينَ
ख़ुफ़िया तदबीर करने वालों में
और वे चाल चले तो अल्लाह ने भी उसका तोड़ किया और अल्लाह उत्तम तोड़ करनेवाला है ([३] आले इमरान: 54)
Tafseer (तफ़सीर )
५५

اِذْ قَالَ اللّٰهُ يٰعِيْسٰٓى اِنِّيْ مُتَوَفِّيْكَ وَرَافِعُكَ اِلَيَّ وَمُطَهِّرُكَ مِنَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَجَاعِلُ الَّذِيْنَ اتَّبَعُوْكَ فَوْقَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اِلٰى يَوْمِ الْقِيٰمَةِ ۚ ثُمَّ اِلَيَّ مَرْجِعُكُمْ فَاَحْكُمُ بَيْنَكُمْ فِيْمَا كُنْتُمْ فِيْهِ تَخْتَلِفُوْنَ ٥٥

idh
إِذْ
जब
qāla
قَالَ
फ़रमाया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
yāʿīsā
يَٰعِيسَىٰٓ
ऐ ईसा
innī
إِنِّى
बेशक मैं
mutawaffīka
مُتَوَفِّيكَ
पूरा पूरा लेने वाला हूँ तुझे
warāfiʿuka
وَرَافِعُكَ
और उठा लेने वाला हूँ तुझे
ilayya
إِلَىَّ
तरफ़ अपने
wamuṭahhiruka
وَمُطَهِّرُكَ
और पाक करने वाला हूँ तुझे
mina
مِنَ
उनसे जिन्होंने
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनसे जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
wajāʿilu
وَجَاعِلُ
और बनाने वाला हूँ
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
ittabaʿūka
ٱتَّبَعُوكَ
पैरवी की तेरी
fawqa
فَوْقَ
ऊपर
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनके जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
ilā
إِلَىٰ
क़यामत के दिन तक
yawmi
يَوْمِ
क़यामत के दिन तक
l-qiyāmati
ٱلْقِيَٰمَةِۖ
क़यामत के दिन तक
thumma
ثُمَّ
फिर
ilayya
إِلَىَّ
तरफ़ मेरे ही
marjiʿukum
مَرْجِعُكُمْ
लौटना है तुम्हारा
fa-aḥkumu
فَأَحْكُمُ
तो मैं फ़ैसला करुँगा
baynakum
بَيْنَكُمْ
दर्मियान तुम्हारे
fīmā
فِيمَا
उसमें जो
kuntum
كُنتُمْ
थे तुम
fīhi
فِيهِ
जिसमें
takhtalifūna
تَخْتَلِفُونَ
तुम इख़्तिलाफ़ करते
जब अल्लाह ने कहा, 'ऐ ईसा! मैं तुझे अपने क़ब्जे में ले लूँगा और तुझे अपनी ओर उठा लूँगा और अविश्वासियों (की कुचेष्टाओं) से तुझे पाक कर दूँगा और तेरे अनुयायियों को क़ियामत के दिन तक लोगों के ऊपर रखूँगा, जिन्होंने इनकार किया। फिर मेरी ओर तुम्हें लौटना है। फिर मैं तुम्हारे बीच उन चीज़ों का फ़ैसला कर दूँगा, जिनके विषय में तुम विभेद करते रहे हो ([३] आले इमरान: 55)
Tafseer (तफ़सीर )
५६

فَاَمَّا الَّذِيْنَ كَفَرُوْا فَاُعَذِّبُهُمْ عَذَابًا شَدِيْدًا فِى الدُّنْيَا وَالْاٰخِرَةِۖ وَمَا لَهُمْ مِّنْ نّٰصِرِيْنَ ٥٦

fa-ammā
فَأَمَّا
तो रहे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
fa-uʿadhibuhum
فَأُعَذِّبُهُمْ
तो मैं अज़ाब दूँगा उन्हें
ʿadhāban
عَذَابًا
अज़ाब
shadīdan
شَدِيدًا
सख़्त
فِى
दुनिया में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
wal-ākhirati
وَٱلْءَاخِرَةِ
और आख़िरत में
wamā
وَمَا
और नहीं होगा
lahum
لَهُم
उनके लिए
min
مِّن
मददगारों में से कोई
nāṣirīna
نَّٰصِرِينَ
मददगारों में से कोई
'तो जिन लोगों ने इनकार की नीति अपनाई, उन्हें दुनिया और आख़िरत में कड़ी यातना दूँगा। उनका कोई सहायक न होगा।' ([३] आले इमरान: 56)
Tafseer (तफ़सीर )
५७

وَاَمَّا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَيُوَفِّيْهِمْ اُجُوْرَهُمْ ۗ وَاللّٰهُ لَا يُحِبُّ الظّٰلِمِيْنَ ٥٧

wa-ammā
وَأَمَّا
और रहे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
fayuwaffīhim
فَيُوَفِّيهِمْ
तो वो पूरे पूरे देगा उन्हें
ujūrahum
أُجُورَهُمْۗ
अजर उनके
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
لَا
नहीं वो मोहब्बत रखता
yuḥibbu
يُحِبُّ
नहीं वो मोहब्बत रखता
l-ẓālimīna
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों से
रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें वह उनका पूरा-पूरा बदला देगा। अल्लाह अत्याचारियों से प्रेम नहीं करता ([३] आले इमरान: 57)
Tafseer (तफ़सीर )
५८

ذٰلِكَ نَتْلُوْهُ عَلَيْكَ مِنَ الْاٰيٰتِ وَالذِّكْرِ الْحَكِيْمِ ٥٨

dhālika
ذَٰلِكَ
ये
natlūhu
نَتْلُوهُ
हम तिलावत कर रहे हैं उसे
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
mina
مِنَ
आयात में से
l-āyāti
ٱلْءَايَٰتِ
आयात में से
wal-dhik'ri
وَٱلذِّكْرِ
और ज़िक्र
l-ḥakīmi
ٱلْحَكِيمِ
बहुत हिकमत वाले से
ये आयतें है और हिकमत (तत्वज्ञान) से परिपूर्ण अनुस्मारक, जो हम तुम्हें सुना रहे हैं ([३] आले इमरान: 58)
Tafseer (तफ़सीर )
५९

اِنَّ مَثَلَ عِيْسٰى عِنْدَ اللّٰهِ كَمَثَلِ اٰدَمَ ۗ خَلَقَهٗ مِنْ تُرَابٍ ثُمَّ قَالَ لَهٗ كُنْ فَيَكُوْنُ ٥٩

inna
إِنَّ
बेशक
mathala
مَثَلَ
मिसाल
ʿīsā
عِيسَىٰ
ईसा की
ʿinda
عِندَ
अल्लाह के नज़दीक
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के नज़दीक
kamathali
كَمَثَلِ
मानिन्द मिसाल
ādama
ءَادَمَۖ
आदम के है
khalaqahu
خَلَقَهُۥ
उसने पैदा किया उसे
min
مِن
मिट्टी से
turābin
تُرَابٍ
मिट्टी से
thumma
ثُمَّ
फिर
qāla
قَالَ
फ़रमाया
lahu
لَهُۥ
उसे
kun
كُن
हो जा
fayakūnu
فَيَكُونُ
तो वो हो गया
निस्संदेह अल्लाह की दृष्टि में ईसा की मिसाल आदम जैसी है कि उसे मिट्टी से बनाया, फिर उससे कहा, 'हो जा', तो वह हो जाता है ([३] आले इमरान: 59)
Tafseer (तफ़सीर )
६०

اَلْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ فَلَا تَكُنْ مِّنَ الْمُمْتَرِيْنَ ٦٠

al-ḥaqu
ٱلْحَقُّ
हक़
min
مِن
आपके रब की तरफ़ से है
rabbika
رَّبِّكَ
आपके रब की तरफ़ से है
falā
فَلَا
तो ना
takun
تَكُن
आप हों
mina
مِّنَ
शक करने वालों में से
l-mum'tarīna
ٱلْمُمْتَرِينَ
शक करने वालों में से
यह हक़ तुम्हारे रब की ओर से हैं, तो तुम संदेह में न पड़ना ([३] आले इमरान: 60)
Tafseer (तफ़सीर )