قُلْ اِنْ كُنْتُمْ تُحِبُّوْنَ اللّٰهَ فَاتَّبِعُوْنِيْ يُحْبِبْكُمُ اللّٰهُ وَيَغْفِرْ لَكُمْ ذُنُوْبَكُمْ ۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ٣١
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُمْ
- हो तुम
- tuḥibbūna
- تُحِبُّونَ
- तुम मोहब्बत करते
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह से
- fa-ittabiʿūnī
- فَٱتَّبِعُونِى
- तो पैरवी करो मेरी
- yuḥ'bib'kumu
- يُحْبِبْكُمُ
- मोहब्बत करेगा तुम से
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- wayaghfir
- وَيَغْفِرْ
- और वो बख़्श देगा
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हारे लिए
- dhunūbakum
- ذُنُوبَكُمْۗ
- तुम्हारे गुनाहों को
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- ghafūrun
- غَفُورٌ
- बहुत बख़्शने वाला है
- raḥīmun
- رَّحِيمٌ
- निहायत रहम करने वाला है
कह दो, 'यदि तुम अल्लाह से प्रेम करते हो तो मेरा अनुसरण करो, अल्लाह भी तुमसे प्रेम करेगा और तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर देगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है।' ([३] आले इमरान: 31)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ اَطِيْعُوا اللّٰهَ وَالرَّسُوْلَ ۚ فَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنَّ اللّٰهَ لَا يُحِبُّ الْكٰفِرِيْنَ ٣٢
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- aṭīʿū
- أَطِيعُوا۟
- इताअत करो
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह की
- wal-rasūla
- وَٱلرَّسُولَۖ
- और रसूल की
- fa-in
- فَإِن
- फिर अगर
- tawallaw
- تَوَلَّوْا۟
- वो मुँह फेर जाऐं
- fa-inna
- فَإِنَّ
- तो बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- lā
- لَا
- नहीं वो मोहब्बत करता
- yuḥibbu
- يُحِبُّ
- नहीं वो मोहब्बत करता
- l-kāfirīna
- ٱلْكَٰفِرِينَ
- काफ़िरों से
कह दो, 'अल्लाह और रसूल का आज्ञापालन करो।' फिर यदि वे मुँह मोड़े तो अल्लाह भी इनकार करनेवालों से प्रेम नहीं करता ([३] आले इमरान: 32)Tafseer (तफ़सीर )
۞ اِنَّ اللّٰهَ اصْطَفٰىٓ اٰدَمَ وَنُوْحًا وَّاٰلَ اِبْرٰهِيْمَ وَاٰلَ عِمْرَانَ عَلَى الْعٰلَمِيْنَۙ ٣٣
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह ने
- iṣ'ṭafā
- ٱصْطَفَىٰٓ
- चुन लिया
- ādama
- ءَادَمَ
- आदम
- wanūḥan
- وَنُوحًا
- और नूह
- waāla
- وَءَالَ
- और आले इब्राहीम
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- और आले इब्राहीम
- waāla
- وَءَالَ
- और आले इमरान को
- ʿim'rāna
- عِمْرَٰنَ
- और आले इमरान को
- ʿalā
- عَلَى
- तमाम जहान वालों पर
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- तमाम जहान वालों पर
अल्लाह ने आदम, नूह, इबराहीम की सन्तान और इमरान की सन्तान को सारे संसार की अपेक्षा प्राथमिकता देकर चुना ([३] आले इमरान: 33)Tafseer (तफ़सीर )
ذُرِّيَّةً ۢ بَعْضُهَا مِنْۢ بَعْضٍۗ وَاللّٰهُ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌۚ ٣٤
- dhurriyyatan
- ذُرِّيَّةًۢ
- औलाद हैं
- baʿḍuhā
- بَعْضُهَا
- बाज़ उनके
- min
- مِنۢ
- बाज़ की
- baʿḍin
- بَعْضٍۗ
- बाज़ की
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- samīʿun
- سَمِيعٌ
- ख़ूब सुनने वाला है
- ʿalīmun
- عَلِيمٌ
- ख़ूब जानने वाला है
एक नस्त के रूप में, उसमें से एक पीढ़ी, दूसरी पीढ़ी से पैदा हुई। अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है ([३] आले इमरान: 34)Tafseer (तफ़सीर )
اِذْ قَالَتِ امْرَاَتُ عِمْرَانَ رَبِّ اِنِّيْ نَذَرْتُ لَكَ مَا فِيْ بَطْنِيْ مُحَرَّرًا فَتَقَبَّلْ مِنِّيْ ۚ اِنَّكَ اَنْتَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُ ٣٥
- idh
- إِذْ
- जब
- qālati
- قَالَتِ
- कहने लगी
- im'ra-atu
- ٱمْرَأَتُ
- बीवी
- ʿim'rāna
- عِمْرَٰنَ
- इमरान की
- rabbi
- رَبِّ
- ऐ मेरे रब
- innī
- إِنِّى
- बेशक मैं
- nadhartu
- نَذَرْتُ
- नज़र किया मैंने
- laka
- لَكَ
- तेरे लिए
- mā
- مَا
- जो
- fī
- فِى
- मेरे पेट में है
- baṭnī
- بَطْنِى
- मेरे पेट में है
- muḥarraran
- مُحَرَّرًا
- आज़ाद
- fataqabbal
- فَتَقَبَّلْ
- पस तू क़ुबूल कर ले
- minnī
- مِنِّىٓۖ
- मुझ से
- innaka
- إِنَّكَ
- बेशक तू
- anta
- أَنتَ
- तू ही है
- l-samīʿu
- ٱلسَّمِيعُ
- ख़ूब सुनने वाला है
- l-ʿalīmu
- ٱلْعَلِيمُ
- ख़ूब जानने वाला है
याद करो जब इमरान की स्त्री ने कहा, 'मेरे रब! जो बच्चा मेरे पेट में है उसे मैंने हर चीज़ से छुड़ाकर भेट स्वरूप तुझे अर्पित किया। अतः तू उसे मेरी ओर से स्वीकार कर। निस्संदेह तू सब कुछ सुनता, जानता है।' ([३] आले इमरान: 35)Tafseer (तफ़सीर )
فَلَمَّا وَضَعَتْهَا قَالَتْ رَبِّ اِنِّيْ وَضَعْتُهَآ اُنْثٰىۗ وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا وَضَعَتْۗ وَلَيْسَ الذَّكَرُ كَالْاُنْثٰى ۚ وَاِنِّيْ سَمَّيْتُهَا مَرْيَمَ وَاِنِّيْٓ اُعِيْذُهَا بِكَ وَذُرِّيَّتَهَا مِنَ الشَّيْطٰنِ الرَّجِيْمِ ٣٦
- falammā
- فَلَمَّا
- फिर जब
- waḍaʿathā
- وَضَعَتْهَا
- उसने जन्म दिया उसे
- qālat
- قَالَتْ
- कहने लगी
- rabbi
- رَبِّ
- ऐ मेरे रब
- innī
- إِنِّى
- बेशक मैं
- waḍaʿtuhā
- وَضَعْتُهَآ
- जन्म दिया है मैंने इसे
- unthā
- أُنثَىٰ
- लड़की
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानता है
- bimā
- بِمَا
- उसे जो
- waḍaʿat
- وَضَعَتْ
- उसने जन्म दिया
- walaysa
- وَلَيْسَ
- और नहीं है
- l-dhakaru
- ٱلذَّكَرُ
- लड़का
- kal-unthā
- كَٱلْأُنثَىٰۖ
- लड़की की तरह
- wa-innī
- وَإِنِّى
- और बेशक मैं
- sammaytuhā
- سَمَّيْتُهَا
- नाम रखा है मैंने उसका
- maryama
- مَرْيَمَ
- मरियम
- wa-innī
- وَإِنِّىٓ
- और बेशक मैं
- uʿīdhuhā
- أُعِيذُهَا
- मैं पनाह में देती हूँ उसे
- bika
- بِكَ
- तेरी
- wadhurriyyatahā
- وَذُرِّيَّتَهَا
- और उसकी औलाद को
- mina
- مِنَ
- शैतान से
- l-shayṭāni
- ٱلشَّيْطَٰنِ
- शैतान से
- l-rajīmi
- ٱلرَّجِيمِ
- जो मरदूद है
फिर जब उसके यहाँ बच्ची पैदा हुई तो उसने कहा, 'मेरे रब! मेरे यहाँ तो लड़की पैदा हुई है।' - अल्लाह तो जानता ही था जो कुछ उसके यहाँ पैदा हुआ था। और वह लड़का उस लडकी की तरह नहीं हो सकता - 'और मैंने उसका नाम मरयम रखा है और मैं उसे और उसकी सन्तान को तिरस्कृत शैतान (के उपद्रव) से सुरक्षित रखने के लिए तेरी शरण में देती हूँ।' ([३] आले इमरान: 36)Tafseer (तफ़सीर )
فَتَقَبَّلَهَا رَبُّهَا بِقَبُوْلٍ حَسَنٍ وَّاَنْۢبَتَهَا نَبَاتًا حَسَنًاۖ وَّكَفَّلَهَا زَكَرِيَّا ۗ كُلَّمَا دَخَلَ عَلَيْهَا زَكَرِيَّا الْمِحْرَابَۙ وَجَدَ عِنْدَهَا رِزْقًا ۚ قَالَ يٰمَرْيَمُ اَنّٰى لَكِ هٰذَا ۗ قَالَتْ هُوَ مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ ۗ اِنَّ اللّٰهَ يَرْزُقُ مَنْ يَّشَاۤءُ بِغَيْرِ حِسَابٍ ٣٧
- fataqabbalahā
- فَتَقَبَّلَهَا
- तो क़ुबूल कर लिया उसे
- rabbuhā
- رَبُّهَا
- उसके रब ने
- biqabūlin
- بِقَبُولٍ
- क़ुबूल करना
- ḥasanin
- حَسَنٍ
- अच्छा
- wa-anbatahā
- وَأَنۢبَتَهَا
- और परवरिश की उसकी
- nabātan
- نَبَاتًا
- परवरिश
- ḥasanan
- حَسَنًا
- अच्छी
- wakaffalahā
- وَكَفَّلَهَا
- और कफ़ील बनाया उसका
- zakariyyā
- زَكَرِيَّاۖ
- ज़करिया को
- kullamā
- كُلَّمَا
- जब कभी
- dakhala
- دَخَلَ
- दाख़िल होता
- ʿalayhā
- عَلَيْهَا
- उस पर
- zakariyyā
- زَكَرِيَّا
- ज़करिया
- l-miḥ'rāba
- ٱلْمِحْرَابَ
- मेहराब में
- wajada
- وَجَدَ
- वो पाता
- ʿindahā
- عِندَهَا
- पास उसके
- riz'qan
- رِزْقًاۖ
- कोई रिज़्क़
- qāla
- قَالَ
- वो कहता
- yāmaryamu
- يَٰمَرْيَمُ
- ऐ मरियम
- annā
- أَنَّىٰ
- कहाँ से है
- laki
- لَكِ
- तेरे लिए
- hādhā
- هَٰذَاۖ
- ये
- qālat
- قَالَتْ
- वो कहती
- huwa
- هُوَ
- वो
- min
- مِنْ
- अल्लाह के पास से है
- ʿindi
- عِندِ
- अल्लाह के पास से है
- l-lahi
- ٱللَّهِۖ
- अल्लाह के पास से है
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- yarzuqu
- يَرْزُقُ
- रिज़्क़ देता है
- man
- مَن
- जिसे
- yashāu
- يَشَآءُ
- वो चाहता है
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ḥisābin
- حِسَابٍ
- हिसाब के
अतः उसके रब ने उसका अच्छी स्वीकृति के साथ स्वागत किया और उत्तम रूप में उसे परवान चढ़ाया; और ज़करिया को उसका संरक्षक बनाया। जब कभी ज़करिया उसके पास मेहराब (इबादतगाह) में जाता, तो उसके पास कुछ रोज़ी पाता। उसने कहा, 'ऐ मरयम! ये चीज़े तुझे कहाँ से मिलती है?' उसने कहा, 'यह अल्लाह के पास से है।' निस्संदेह अल्लाह जिसे चाहता है, बेहिसाब देता है ([३] आले इमरान: 37)Tafseer (तफ़सीर )
هُنَالِكَ دَعَا زَكَرِيَّا رَبَّهٗ ۚ قَالَ رَبِّ هَبْ لِيْ مِنْ لَّدُنْكَ ذُرِّيَّةً طَيِّبَةً ۚ اِنَّكَ سَمِيْعُ الدُّعَاۤءِ ٣٨
- hunālika
- هُنَالِكَ
- उसी जगह/वक़्त
- daʿā
- دَعَا
- दुआ माँगी
- zakariyyā
- زَكَرِيَّا
- ज़करिया ने
- rabbahu
- رَبَّهُۥۖ
- अपने रब से
- qāla
- قَالَ
- कहा
- rabbi
- رَبِّ
- ऐ मेरे रब
- hab
- هَبْ
- अता कर
- lī
- لِى
- मुझे
- min
- مِن
- अपने पास से
- ladunka
- لَّدُنكَ
- अपने पास से
- dhurriyyatan
- ذُرِّيَّةً
- औलाद
- ṭayyibatan
- طَيِّبَةًۖ
- पाकीज़ा
- innaka
- إِنَّكَ
- बेशक तू
- samīʿu
- سَمِيعُ
- ख़ूब सुनने वाला है
- l-duʿāi
- ٱلدُّعَآءِ
- दुआ का
वही ज़करिया ने अपने रब को पुकारा, कहा, 'मेरे रब! मुझे तू अपने पास से अच्छी सन्तान (अनुयायी) प्रदान कर। तू ही प्रार्थना का सुननेवाला है।' ([३] आले इमरान: 38)Tafseer (तफ़सीर )
فَنَادَتْهُ الْمَلٰۤىِٕكَةُ وَهُوَ قَاۤىِٕمٌ يُّصَلِّيْ فِى الْمِحْرَابِۙ اَنَّ اللّٰهَ يُبَشِّرُكَ بِيَحْيٰى مُصَدِّقًاۢ بِكَلِمَةٍ مِّنَ اللّٰهِ وَسَيِّدًا وَّحَصُوْرًا وَّنَبِيًّا مِّنَ الصّٰلِحِيْنَ ٣٩
- fanādathu
- فَنَادَتْهُ
- पस पुकारा उसे
- l-malāikatu
- ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
- फ़रिश्तों ने
- wahuwa
- وَهُوَ
- जब कि वो
- qāimun
- قَآئِمٌ
- खड़ा
- yuṣallī
- يُصَلِّى
- नमाज़ पढ़ रहा था
- fī
- فِى
- मेहराब में
- l-miḥ'rābi
- ٱلْمِحْرَابِ
- मेहराब में
- anna
- أَنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- yubashiruka
- يُبَشِّرُكَ
- ख़ुशख़बरी देता है तुझे
- biyaḥyā
- بِيَحْيَىٰ
- यहया की
- muṣaddiqan
- مُصَدِّقًۢا
- तसदीक़ करने वाला है
- bikalimatin
- بِكَلِمَةٍ
- एक कलमे की
- mina
- مِّنَ
- अल्लाह की तरफ़ से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की तरफ़ से
- wasayyidan
- وَسَيِّدًا
- और सरदार
- waḥaṣūran
- وَحَصُورًا
- और पाक बाज़
- wanabiyyan
- وَنَبِيًّا
- और नबी होगा
- mina
- مِّنَ
- नेक लोगों में से
- l-ṣāliḥīna
- ٱلصَّٰلِحِينَ
- नेक लोगों में से
तो फ़रिश्तों ने उसे आवाज़ दी, जबकि वह मेहराब में खड़ा नमाज़ पढ़ रहा था, 'अल्लाह, तुझे यह्याि की शुभ-सूचना देता है, जो अल्लाह के एक कलिमें की पुष्टि करनेवाला, सरदार, अत्यन्त संयमी और अच्छे लोगो में से एक नबी होगा।' ([३] आले इमरान: 39)Tafseer (तफ़सीर )
قَالَ رَبِّ اَنّٰى يَكُوْنُ لِيْ غُلٰمٌ وَّقَدْ بَلَغَنِيَ الْكِبَرُ وَامْرَاَتِيْ عَاقِرٌ ۗ قَالَ كَذٰلِكَ اللّٰهُ يَفْعَلُ مَا يَشَاۤءُ ٤٠
- qāla
- قَالَ
- उसने कहा
- rabbi
- رَبِّ
- ऐ मेरे रब
- annā
- أَنَّىٰ
- कैसे
- yakūnu
- يَكُونُ
- होगा
- lī
- لِى
- मेरे लिए
- ghulāmun
- غُلَٰمٌ
- लड़का
- waqad
- وَقَدْ
- हालाँकि तहक़ीक़
- balaghaniya
- بَلَغَنِىَ
- पहुँचा मुझे
- l-kibaru
- ٱلْكِبَرُ
- बुढ़ापा
- wa-im'ra-atī
- وَٱمْرَأَتِى
- और बीवी मेरी
- ʿāqirun
- عَاقِرٌۖ
- बाँझ है
- qāla
- قَالَ
- उसने कहा
- kadhālika
- كَذَٰلِكَ
- इसी तरह
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- yafʿalu
- يَفْعَلُ
- करता है
- mā
- مَا
- जो
- yashāu
- يَشَآءُ
- वो चाहता है
उसने कहा, 'मेरे रब! मेरे यहाँ लड़का कैसे पैदा होगा, जबकि मुझे बुढापा आ गया है और मेरी पत्ऩी बाँझ है?' कहा, 'इसी प्रकार अल्लाह जो चाहता है, करता है।' ([३] आले इमरान: 40)Tafseer (तफ़सीर )