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सूरा आले इमरान - शब्द द्वारा शब्द

Ali 'Imran

(इमरान का घराना)

bismillaahirrahmaanirrahiim

الۤمّۤ ١

alif-lam-meem
الٓمٓ
अलिफ़ लाम मीम
अलीफ़॰ लाम॰ मीम॰ ([३] आले इमरान: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

اَللّٰهُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّوْمُۗ ٢

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَ
वो ही
l-ḥayu
ٱلْحَىُّ
ज़िन्दा है
l-qayūmu
ٱلْقَيُّومُ
क़ायम रखने वाला है
अल्लाह ही पूज्य हैं, उसके सिवा कोई पूज्य नहीं। वह जीवन्त हैं, सबको सँम्भालने और क़ायम रखनेवाला ([३] आले इमरान: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

نَزَّلَ عَلَيْكَ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهِ وَاَنْزَلَ التَّوْرٰىةَ وَالْاِنْجِيْلَۙ ٣

nazzala
نَزَّلَ
उसने नाज़िल की
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
l-kitāba
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
muṣaddiqan
مُصَدِّقًا
तसदीक़ करने वाली है
limā
لِّمَا
उनकी जो
bayna
بَيْنَ
इससे पहले थीं
yadayhi
يَدَيْهِ
इससे पहले थीं
wa-anzala
وَأَنزَلَ
और उसने नाज़िल की
l-tawrāta
ٱلتَّوْرَىٰةَ
तौरात
wal-injīla
وَٱلْإِنجِيلَ
और इन्जील
उसने तुमपर हक़ के साथ किताब उतारी जो पहले की (किताबों की) पुष्टि करती हैं, और उसने तौरात और इंजील उतारी ([३] आले इमरान: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

مِنْ قَبْلُ هُدًى لِّلنَّاسِ وَاَنْزَلَ الْفُرْقَانَ ەۗ اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا بِاٰيٰتِ اللّٰهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِيْدٌ ۗوَاللّٰهُ عَزِيْزٌ ذُو انْتِقَامٍۗ ٤

min
مِن
इससे पहले
qablu
قَبْلُ
इससे पहले
hudan
هُدًى
हिदायत
lilnnāsi
لِّلنَّاسِ
लोगों के लिए
wa-anzala
وَأَنزَلَ
और उसने नाज़िल किया
l-fur'qāna
ٱلْفُرْقَانَۗ
फ़ुरक़ान
inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
जिन्होंने कुफ़्र किया
biāyāti
بِـَٔايَٰتِ
साथ आयात के
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ʿadhābun
عَذَابٌ
अज़ाब है
shadīdun
شَدِيدٌۗ
सख़्त
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
dhū
ذُو
इन्तिक़ाम लेने वाला है
intiqāmin
ٱنتِقَامٍ
इन्तिक़ाम लेने वाला है
इससे पहले लोगों के मार्गदर्शन के लिए और उसने कसौटी भी उतारी। निस्संदेह जिन लोगों ने अल्लाह की आयतों का इनकार किया उनके लिए कठोर यातना हैं और अल्लाह प्रभुत्वशाली भी हैं और (बुराई का) बदला लेनेवाला भी ([३] आले इमरान: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ اللّٰهَ لَا يَخْفٰى عَلَيْهِ شَيْءٌ فِى الْاَرْضِ وَلَا فِى السَّمَاۤءِ ٥

inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
لَا
नहीं छुपती
yakhfā
يَخْفَىٰ
नहीं छुपती
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
shayon
شَىْءٌ
कोई चीज़
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
walā
وَلَا
और ना
فِى
आसमान में
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान में
निस्संदेह अल्लाह से कोई चीज़ न धरती में छिपी हैं और न आकाश में ([३] आले इमरान: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

هُوَ الَّذِيْ يُصَوِّرُكُمْ فِى الْاَرْحَامِ كَيْفَ يَشَاۤءُ ۗ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ ٦

huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जो
yuṣawwirukum
يُصَوِّرُكُمْ
सूरत बनाता है तुम्हारी
فِى
रहमों में
l-arḥāmi
ٱلْأَرْحَامِ
रहमों में
kayfa
كَيْفَ
जिस तरह
yashāu
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
لَآ
नहीं है
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَ
वो ही
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त है
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला है
वही हैं जो गर्भाशयों में, जैसा चाहता हैं, तुम्हारा रूप देता हैं। उस प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी के अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं ([३] आले इमरान: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

هُوَ الَّذِيْٓ اَنْزَلَ عَلَيْكَ الْكِتٰبَ مِنْهُ اٰيٰتٌ مُّحْكَمٰتٌ هُنَّ اُمُّ الْكِتٰبِ وَاُخَرُ مُتَشٰبِهٰتٌ ۗ فَاَمَّا الَّذِيْنَ فِيْ قُلُوْبِهِمْ زَيْغٌ فَيَتَّبِعُوْنَ مَا تَشَابَهَ مِنْهُ ابْتِغَاۤءَ الْفِتْنَةِ وَابْتِغَاۤءَ تَأْوِيْلِهٖۚ وَمَا يَعْلَمُ تَأْوِيْلَهٗٓ اِلَّا اللّٰهُ ۘوَالرَّاسِخُوْنَ فِى الْعِلْمِ يَقُوْلُوْنَ اٰمَنَّا بِهٖۙ كُلٌّ مِّنْ عِنْدِ رَبِّنَا ۚ وَمَا يَذَّكَّرُ اِلَّآ اُولُوا الْاَلْبَابِ ٧

huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِىٓ
जिसने
anzala
أَنزَلَ
नाज़िल की
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
l-kitāba
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
min'hu
مِنْهُ
उसमें से
āyātun
ءَايَٰتٌ
कुछ आयात
muḥ'kamātun
مُّحْكَمَٰتٌ
मोहकम हैं
hunna
هُنَّ
वो
ummu
أُمُّ
असल हैं
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब की
wa-ukharu
وَأُخَرُ
और दूसरी
mutashābihātun
مُتَشَٰبِهَٰتٌۖ
मुताशाबह/बाहम मिलती जुलती हैं
fa-ammā
فَأَمَّا
तो रहे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग
فِى
दिलों में जिनके
qulūbihim
قُلُوبِهِمْ
दिलों में जिनके
zayghun
زَيْغٌ
टेढ़ है
fayattabiʿūna
فَيَتَّبِعُونَ
पस वो पैरवी करते हैं
مَا
उसकी जो
tashābaha
تَشَٰبَهَ
मुताशाबह है
min'hu
مِنْهُ
उसमें से
ib'tighāa
ٱبْتِغَآءَ
चाहने को
l-fit'nati
ٱلْفِتْنَةِ
फ़ितना
wa-ib'tighāa
وَٱبْتِغَآءَ
और चाहने को
tawīlihi
تَأْوِيلِهِۦۗ
मतलब उसका
wamā
وَمَا
और नहीं
yaʿlamu
يَعْلَمُ
जानता
tawīlahu
تَأْوِيلَهُۥٓ
मतलब उसका
illā
إِلَّا
मगर
l-lahu
ٱللَّهُۗ
अल्लाह
wal-rāsikhūna
وَٱلرَّٰسِخُونَ
और जो पुख़्ताकार हैं
فِى
इल्म में
l-ʿil'mi
ٱلْعِلْمِ
इल्म में
yaqūlūna
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
āmannā
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
bihi
بِهِۦ
उस पर
kullun
كُلٌّ
सब कुछ
min
مِّنْ
पास से
ʿindi
عِندِ
पास से
rabbinā
رَبِّنَاۗ
हमारे रब के
wamā
وَمَا
और नहीं
yadhakkaru
يَذَّكَّرُ
नसीहत पकड़ते
illā
إِلَّآ
मगर
ulū
أُو۟لُوا۟
अक़्ल वाले
l-albābi
ٱلْأَلْبَٰبِ
अक़्ल वाले
वही हैं जिसने तुमपर अपनी ओर से किताब उतारी, वे सुदृढ़ आयतें हैं जो किताब का मूल और सारगर्भित रूप हैं और दूसरी उपलक्षित, तो जिन लोगों के दिलों में टेढ़ हैं वे फ़ितना (गुमराही) का तलाश और उसके आशय और परिणाम की चाह में उसका अनुसरण करते हैं जो उपलक्षित हैं। जबकि उनका परिणाम बस अल्लाह ही जानता हैं, और वे जो ज्ञान में पक्के हैं, वे कहते हैं, 'हम उसपर ईमान लाए, जो हर एक हमारे रब ही की ओर से हैं।' और चेतते तो केवल वही हैं जो बुद्धि और समझ रखते हैं ([३] आले इमरान: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

رَبَّنَا لَا تُزِغْ قُلُوْبَنَا بَعْدَ اِذْ هَدَيْتَنَا وَهَبْ لَنَا مِنْ لَّدُنْكَ رَحْمَةً ۚاِنَّكَ اَنْتَ الْوَهَّابُ ٨

rabbanā
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
لَا
ना तू टेढ़ा कर
tuzigh
تُزِغْ
ना तू टेढ़ा कर
qulūbanā
قُلُوبَنَا
हमारे दिलों को
baʿda
بَعْدَ
बाद उसके
idh
إِذْ
जब
hadaytanā
هَدَيْتَنَا
हिदायत दी तूने हमें
wahab
وَهَبْ
और अता कर
lanā
لَنَا
हमारे लिए
min
مِن
अपने पास से
ladunka
لَّدُنكَ
अपने पास से
raḥmatan
رَحْمَةًۚ
रहमत
innaka
إِنَّكَ
बेशक तू
anta
أَنتَ
तू ही है
l-wahābu
ٱلْوَهَّابُ
बहुत अता करने वाला
हमारे रब! जब तू हमें सीधे मार्ग पर लगा चुका है तो इसके पश्चात हमारे दिलों में टेढ़ न पैदा कर और हमें अपने पास से दयालुता प्रदान कर। निश्चय ही तू बड़ा दाता है ([३] आले इमरान: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

رَبَّنَآ اِنَّكَ جَامِعُ النَّاسِ لِيَوْمٍ لَّا رَيْبَ فِيْهِ ۗاِنَّ اللّٰهَ لَا يُخْلِفُ الْمِيْعَادَ ࣖ ٩

rabbanā
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
innaka
إِنَّكَ
बेशक तू
jāmiʿu
جَامِعُ
जमा करने वाला है
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
लोगों को
liyawmin
لِيَوْمٍ
एक दिन के लिए
لَّا
नहीं कोई शक
rayba
رَيْبَ
नहीं कोई शक
fīhi
فِيهِۚ
जिसमें
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
لَا
नहीं ख़िलाफ़ करता
yukh'lifu
يُخْلِفُ
नहीं ख़िलाफ़ करता
l-mīʿāda
ٱلْمِيعَادَ
वादे के
हमारे रब! तू लोगों को एक दिन इकट्ठा करने वाला है, जिसमें कोई संदेह नही। निस्सन्देह अल्लाह अपने वचन के विरुद्ध जाने वाला नही है ([३] आले इमरान: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَنْ تُغْنِيَ عَنْهُمْ اَمْوَالُهُمْ وَلَآ اَوْلَادُهُمْ مِّنَ اللّٰهِ شَيْـًٔا ۗوَاُولٰۤىِٕكَ هُمْ وَقُوْدُ النَّارِۗ ١٠

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
lan
لَن
हरगिज़ ना
tugh'niya
تُغْنِىَ
काम आऐंगे
ʿanhum
عَنْهُمْ
उन्हें
amwāluhum
أَمْوَٰلُهُمْ
माल उनके
walā
وَلَآ
और ना
awlāduhum
أَوْلَٰدُهُم
औलाद उनकी
mina
مِّنَ
अल्लाह से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह से
shayan
شَيْـًٔاۖ
कुछ भी
wa-ulāika
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग
hum
هُمْ
वो
waqūdu
وَقُودُ
ईंधन हैं
l-nāri
ٱلنَّارِ
आग का
जिन लोगों ने इनकार की नीति अपनाई है अल्लाह के मुकाबले में तो न उसके माल उनके कुछ काम आएँगे और न उनकी संतान ही। और वही हैं जो आग (जहन्नम) का ईधन बनकर रहेंगे ([३] आले इमरान: 10)
Tafseer (तफ़सीर )