पवित्र कुरान सूरा अन-नम्ल आयत ३२
Qur'an Surah An-Naml Verse 32
अन-नम्ल [२७]: ३२ ~ कुरान अनुवाद शब्द द्वारा शब्द - तफ़सीर
قَالَتْ يٰٓاَيُّهَا الْمَلَؤُا اَفْتُوْنِيْ فِيْٓ اَمْرِيْۚ مَا كُنْتُ قَاطِعَةً اَمْرًا حَتّٰى تَشْهَدُوْنِ (النمل : ٢٧)
- qālat
- قَالَتْ
- She said
- वो कहने लगी
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- "O
- ऐ
- l-mala-u
- ٱلْمَلَؤُا۟
- chiefs!
- सरदारो
- aftūnī
- أَفْتُونِى
- Advise me
- जवाब दो मुझे
- fī
- فِىٓ
- in
- मेरे मामले में
- amrī
- أَمْرِى
- my affair
- मेरे मामले में
- mā
- مَا
- Not
- नहीं
- kuntu
- كُنتُ
- I would be
- हूँ मैं
- qāṭiʿatan
- قَاطِعَةً
- the one to decide
- क़तई फ़ैसला करने वाली
- amran
- أَمْرًا
- any matter
- किसी काम का
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- until
- यहाँ तक कि
- tashhadūni
- تَشْهَدُونِ
- you are present with me"
- तुम मौजूद हो मेरे पास
Transliteration:
Qaalat yaaa aiyuhal mala'u aftoonee fee amree maa kuntu qaati'atan amran hattaa tashhhaddon(QS. an-Naml:32)
English Sahih International:
She said, "O eminent ones, advise me in my affair. I would not decide a matter until you witness [for] me." (QS. An-Naml, Ayah ३२)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'ऐ सरदारों! मेरे मामलें में मुझे परामर्श दो। मैं किसी मामले का फ़ैसला नहीं करती, जब तक कि तुम मेरे पास मौजूद न हो।' (अन-नम्ल, आयत ३२)
Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तब मलका (विलक़ीस) बोली ऐ मेरे दरबार के सरदारों तुम मेरे इस मामले में मुझे राय दो (क्योंकि मेरा तो ये क़ायदा है कि) जब तक तुम लोग मेरे सामने मौजूद न हो (मशवरा न दे दो) मैं किसी अम्र में क़तई फैसला न किया करती
Azizul-Haqq Al-Umary
उसने कहाः हे प्रमुखो! मुझे प्रामर्श दो मेरे विषय में, मैं कोई निर्णय करने वाला नहीं हूँ, जब तक तुम उपस्थित न रहो।