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सूरा अन-नम्ल - Page: 10

An-Naml

(चींटियाँ)

९१

اِنَّمَآ اُمِرْتُ اَنْ اَعْبُدَ رَبَّ هٰذِهِ الْبَلْدَةِ الَّذِيْ حَرَّمَهَا وَلَهٗ كُلُّ شَيْءٍ وَّاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُسْلِمِيْنَ ۙ ٩١

innamā
إِنَّمَآ
बेशक
umir'tu
أُمِرْتُ
हुक्म दिया गया है मुझे
an
أَنْ
कि
aʿbuda
أَعْبُدَ
मैं इबादत करूँ
rabba
رَبَّ
रब की
hādhihi
هَٰذِهِ
इस
l-baldati
ٱلْبَلْدَةِ
शहर के
alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
ḥarramahā
حَرَّمَهَا
हराम ठहराया इसे
walahu
وَلَهُۥ
और उसी के लिए है
kullu
كُلُّ
हर
shayin
شَىْءٍۖ
चीज़
wa-umir'tu
وَأُمِرْتُ
और हुक्म दिया गया है मुझे
an
أَنْ
कि
akūna
أَكُونَ
मैं हो जाऊँ
mina
مِنَ
फ़रमाबरदारों में से
l-mus'limīna
ٱلْمُسْلِمِينَ
फ़रमाबरदारों में से
मुझे तो बस यही आदेश मिला है कि इस नगर (मक्का) के रब की बन्दगी करूँ, जिसने इस आदरणीय ठहराया और उसी की हर चीज़ है। और मुझे आदेश मिला है कि मैं आज्ञाकारी बनकर रहूँ ([२७] अन-नम्ल: 91)
Tafseer (तफ़सीर )
९२

وَاَنْ اَتْلُوَا الْقُرْاٰنَ ۚفَمَنِ اهْتَدٰى فَاِنَّمَا يَهْتَدِيْ لِنَفْسِهٖۚ وَمَنْ ضَلَّ فَقُلْ اِنَّمَآ اَنَا۠ مِنَ الْمُنْذِرِيْنَ ٩٢

wa-an
وَأَنْ
और ये कि
atluwā
أَتْلُوَا۟
मैं तिलावत करूँ
l-qur'āna
ٱلْقُرْءَانَۖ
क़ुरान की
famani
فَمَنِ
तो जो कोई
ih'tadā
ٱهْتَدَىٰ
हिदायत पा गया
fa-innamā
فَإِنَّمَا
तो बेशक
yahtadī
يَهْتَدِى
वो हिदायत पाएगा
linafsihi
لِنَفْسِهِۦۖ
अपने नफ़्स के लिए
waman
وَمَن
और जो कोई
ḍalla
ضَلَّ
भटका
faqul
فَقُلْ
तो कह दीजिए
innamā
إِنَّمَآ
बेशक
anā
أَنَا۠
मैं तो
mina
مِنَ
डराने वालों में से हूँ
l-mundhirīna
ٱلْمُنذِرِينَ
डराने वालों में से हूँ
और यह कि क़ुरआन पढ़कर सुनाऊँ। अब जिस किसी ने संमार्ग ग्रहण किया वह अपने ही लिए संमार्ग ग्रहण करेगा। और जो पथभ्रष्टि रहा तो कह दो, 'मैं तो बस एक सचेत करनेवाला ही हूँ।' ([२७] अन-नम्ल: 92)
Tafseer (तफ़सीर )
९३

وَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ سَيُرِيْكُمْ اٰيٰتِهٖ فَتَعْرِفُوْنَهَاۗ وَمَا رَبُّكَ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ࣖ ٩٣

waquli
وَقُلِ
और कह दीजिए
l-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
sayurīkum
سَيُرِيكُمْ
अनक़रीब वो दिखाएगा तुम्हें
āyātihi
ءَايَٰتِهِۦ
अपनी निशानियाँ
fataʿrifūnahā
فَتَعْرِفُونَهَاۚ
तो तुम पहचान लोगे उन्हें
wamā
وَمَا
और नहीं
rabbuka
رَبُّكَ
रब आपका
bighāfilin
بِغَٰفِلٍ
ग़ाफ़िल
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
और कहो, 'सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है। जल्द ही वह तुम्हें अपनी निशानियाँ दिखा देगा और तुम उन्हें पहचान लोगे। और तेरा रब उससे बेख़बर नहीं है, जो कुछ तुम सब कर रहे हो।' ([२७] अन-नम्ल: 93)
Tafseer (तफ़सीर )