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सूरा अन-नम्ल - शब्द द्वारा शब्द

An-Naml

(चींटियाँ)

bismillaahirrahmaanirrahiim

طٰسۤ ۚ تِلْكَ اٰيٰتُ الْقُرْاٰنِ وَكِتَابٍ مُّبِيْنٍ ۙ ١

tta-seen
طسٓۚ
ط س
til'ka
تِلْكَ
ये
āyātu
ءَايَٰتُ
आयात हैं
l-qur'āni
ٱلْقُرْءَانِ
क़ुरआन की
wakitābin
وَكِتَابٍ
और वाज़ेह किताब की
mubīnin
مُّبِينٍ
और वाज़ेह किताब की
ता॰ सीन॰। ये आयतें है क़ुरआन और एक स्पष्ट किताब की ([२७] अन-नम्ल: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

هُدًى وَّبُشْرٰى لِلْمُؤْمِنِيْنَ ۙ ٢

hudan
هُدًى
हिदायत
wabush'rā
وَبُشْرَىٰ
और ख़ुशख़बरी है
lil'mu'minīna
لِلْمُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वालों के लिए
मार्गदर्शन है और शुभ-सूचना उन ईमानवालों के लिए, ([२७] अन-नम्ल: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

الَّذِيْنَ يُقِيْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَيُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ يُوْقِنُوْنَ ٣

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
yuqīmūna
يُقِيمُونَ
क़ायम करते हैं
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
wayu'tūna
وَيُؤْتُونَ
और वो अदा करते हैं
l-zakata
ٱلزَّكَوٰةَ
ज़कात
wahum
وَهُم
और वो
bil-ākhirati
بِٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
hum
هُمْ
वो
yūqinūna
يُوقِنُونَ
वो यक़ीन रखते हैं
जो नमाज़ का आयोजन करते है और ज़कात देते है और वही है जो आख़िरत पर विश्वास रखते है ([२७] अन-नम्ल: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ زَيَّنَّا لَهُمْ اَعْمَالَهُمْ فَهُمْ يَعْمَهُوْنَ ۗ ٤

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
لَا
नहीं वो ईमान लाते
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाते
bil-ākhirati
بِٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
zayyannā
زَيَّنَّا
मुज़य्यन कर दिए हमने
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
aʿmālahum
أَعْمَٰلَهُمْ
आमाल उनके
fahum
فَهُمْ
तो वो
yaʿmahūna
يَعْمَهُونَ
वो भटकते फिरते हैं
रहे वे लोग जो आख़िरत को नहीं मानते, उनके लिए हमने उनकी करतूतों को शोभायमान बना दिया है। अतः वे भटकते फिरते है ([२७] अन-नम्ल: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اُولٰۤىِٕكَ الَّذِيْنَ لَهُمْ سُوْۤءُ الْعَذَابِ وَهُمْ فِى الْاٰخِرَةِ هُمُ الْاَخْسَرُوْنَ ٥

ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
sūu
سُوٓءُ
बुरा
l-ʿadhābi
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब है
wahum
وَهُمْ
और वो
فِى
आख़िरत में
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत में
humu
هُمُ
वो ही
l-akhsarūna
ٱلْأَخْسَرُونَ
सबसे ज़्यादा ख़सारे वाले हैं
वही लोग है, जिनके लिए बुरी यातना है और वही है जो आख़िरत में अत्यन्त घाटे में रहेंगे ([२७] अन-नम्ल: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِنَّكَ لَتُلَقَّى الْقُرْاٰنَ مِنْ لَّدُنْ حَكِيْمٍ عَلِيْمٍ ٦

wa-innaka
وَإِنَّكَ
और बेशक आप
latulaqqā
لَتُلَقَّى
अलबत्ता आप दिए जाते हैं
l-qur'āna
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरआन
min
مِن
पास से
ladun
لَّدُنْ
पास से
ḥakīmin
حَكِيمٍ
बहुत हिकमत वाले
ʿalīmin
عَلِيمٍ
बहुत इल्म वाले के
निश्चय ही तुम यह क़ुरआन एक बड़े तत्वदर्शी, ज्ञानवान (प्रभु) की ओर से पा रहे हो ([२७] अन-नम्ल: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اِذْ قَالَ مُوْسٰى لِاَهْلِهٖٓ اِنِّيْٓ اٰنَسْتُ نَارًاۗ سَاٰتِيْكُمْ مِّنْهَا بِخَبَرٍ اَوْ اٰتِيْكُمْ بِشِهَابٍ قَبَسٍ لَّعَلَّكُمْ تَصْطَلُوْنَ ٧

idh
إِذْ
जब
qāla
قَالَ
कहा
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा ने
li-ahlihi
لِأَهْلِهِۦٓ
अपने घर वालों से
innī
إِنِّىٓ
बेशक मैं
ānastu
ءَانَسْتُ
देखी है मैं ने
nāran
نَارًا
एक आग
saātīkum
سَـَٔاتِيكُم
अनक़रीब मैं लाऊँगा तुम्हारे पास
min'hā
مِّنْهَا
उसमें से
bikhabarin
بِخَبَرٍ
कोई ख़बर
aw
أَوْ
या
ātīkum
ءَاتِيكُم
मैं लाऊँगा तुम्हारे पास
bishihābin
بِشِهَابٍ
एक अँगारा
qabasin
قَبَسٍ
जलता हुआ
laʿallakum
لَّعَلَّكُمْ
ताकि तुम
taṣṭalūna
تَصْطَلُونَ
तुम ताप सको
याद करो जब मूसा ने अपने घरवालों से कहा कि 'मैंने एक आग-सी देखी है। मैं अभी वहाँ से तुम्हारे पास कोई ख़बर लेकर आता हूँ या तुम्हारे पास कोई दहकता अंगार लाता हूँ, ताकि तुम तापो।' ([२७] अन-नम्ल: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

فَلَمَّا جَاۤءَهَا نُوْدِيَ اَنْۢ بُوْرِكَ مَنْ فِى النَّارِ وَمَنْ حَوْلَهَاۗ وَسُبْحٰنَ اللّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ٨

falammā
فَلَمَّا
तो जब
jāahā
جَآءَهَا
वो आया उस (आग) के पास
nūdiya
نُودِىَ
वो पुकारा गया
an
أَنۢ
कि
būrika
بُورِكَ
बरकत दिया गया
man
مَن
जो
فِى
आग में है
l-nāri
ٱلنَّارِ
आग में है
waman
وَمَنْ
और जो
ḥawlahā
حَوْلَهَا
उसके इर्द-गिर्द है
wasub'ḥāna
وَسُبْحَٰنَ
और पाक है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह
rabbi
رَبِّ
जो रब है
l-ʿālamīna
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का
फिर जब वह उसके पास पहुँचा तो उसे आवाज़ आई कि 'मुबारक है वह जो इस आग में है और जो इसके आस-पास है। महान और उच्च है अल्लाह, सारे संसार का रब! ([२७] अन-नम्ल: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

يٰمُوْسٰٓى اِنَّهٗٓ اَنَا اللّٰهُ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ ۙ ٩

yāmūsā
يَٰمُوسَىٰٓ
ऐ मूसा
innahu
إِنَّهُۥٓ
बेशक
anā
أَنَا
मैं ही
l-lahu
ٱللَّهُ
इलाह हूँ
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
निहायत ज़बरदस्त
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
बहुत हिकमत वाला
ऐ मूसा! वह तो मैं अल्लाह हूँ, अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी! ([२७] अन-नम्ल: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

وَاَلْقِ عَصَاكَ ۗفَلَمَّا رَاٰهَا تَهْتَزُّ كَاَنَّهَا جَاۤنٌّ وَّلّٰى مُدْبِرًا وَّلَمْ يُعَقِّبْۗ يٰمُوْسٰى لَا تَخَفْۗ اِنِّيْ لَا يَخَافُ لَدَيَّ الْمُرْسَلُوْنَ ۖ ١٠

wa-alqi
وَأَلْقِ
और डाल दे
ʿaṣāka
عَصَاكَۚ
लाठी अपनी
falammā
فَلَمَّا
तो जब
raāhā
رَءَاهَا
उसने देखा उसे
tahtazzu
تَهْتَزُّ
कि वो हरकत करती है
ka-annahā
كَأَنَّهَا
गोया कि वो
jānnun
جَآنٌّ
साँप है
wallā
وَلَّىٰ
वो मुँह मोड़ गया
mud'biran
مُدْبِرًا
पीठ फेरते हुए
walam
وَلَمْ
और ना
yuʿaqqib
يُعَقِّبْۚ
उसने पीछे मुड़कर देखा
yāmūsā
يَٰمُوسَىٰ
ऐ मूसा
لَا
ना तुम डरो
takhaf
تَخَفْ
ना तुम डरो
innī
إِنِّى
बेशक मैं
لَا
नहीं डरा करते
yakhāfu
يَخَافُ
नहीं डरा करते
ladayya
لَدَىَّ
मेरे पास
l-mur'salūna
ٱلْمُرْسَلُونَ
रसूल
तू अपनी लाठी डाल दे।' जब मूसा ने देखा कि वह बल खा रहा है जैसे वह कोई साँप हो, तो वह पीठ फेरकर भागा और पीछे मुड़कर न देखा। 'ऐ मूसा! डर मत। निस्संदेह रसूल मेरे पास डरा नहीं करते, ([२७] अन-नम्ल: 10)
Tafseer (तफ़सीर )