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सूरा अस-शुआरा - Page: 9

Ash-Shu'ara

(कवि, शायर)

८१

وَالَّذِيْ يُمِيْتُنِيْ ثُمَّ يُحْيِيْنِ ۙ ٨١

wa-alladhī
وَٱلَّذِى
और वो जो
yumītunī
يُمِيتُنِى
मौत देगा मुझे
thumma
ثُمَّ
फिर
yuḥ'yīni
يُحْيِينِ
वो ज़िन्दा करेगा मुझे
और वही है जो मुझे मारेगा, फिर मुझे जीवित करेगा ([२६] अस-शुआरा: 81)
Tafseer (तफ़सीर )
८२

وَالَّذِيْٓ اَطْمَعُ اَنْ يَّغْفِرَ لِيْ خَطِيْۤـَٔتِيْ يَوْمَ الدِّيْنِ ۗ ٨٢

wa-alladhī
وَٱلَّذِىٓ
और वो जिससे
aṭmaʿu
أَطْمَعُ
मैं उम्मीद रखता हूँ
an
أَن
कि
yaghfira
يَغْفِرَ
वो बख़्श देगा
لِى
मेरे लिए
khaṭīatī
خَطِيٓـَٔتِى
ख़ता मेरी
yawma
يَوْمَ
दिन
l-dīni
ٱلدِّينِ
बदले के
और वही है जिससे मुझे इसकी आकांक्षा है कि बदला दिए जाने के दिन वह मेरी ख़ता माफ़ कर देगा ([२६] अस-शुआरा: 82)
Tafseer (तफ़सीर )
८३

رَبِّ هَبْ لِيْ حُكْمًا وَّاَلْحِقْنِيْ بِالصّٰلِحِيْنَ ۙ ٨٣

rabbi
رَبِّ
ऐ मेरे रब
hab
هَبْ
अता कर
لِى
मुझे
ḥuk'man
حُكْمًا
हुक्म/ हिकमत
wa-alḥiq'nī
وَأَلْحِقْنِى
और मिला दे मुझे
bil-ṣāliḥīna
بِٱلصَّٰلِحِينَ
साथ नेक लोगों के
ऐ मेरे रब! मुझे निर्णय-शक्ति प्रदान कर और मुझे योग्य लोगों के साथ मिला। ([२६] अस-शुआरा: 83)
Tafseer (तफ़सीर )
८४

وَاجْعَلْ لِّيْ لِسَانَ صِدْقٍ فِى الْاٰخِرِيْنَ ۙ ٨٤

wa-ij'ʿal
وَٱجْعَل
और बना दे
لِّى
मेरे लिए
lisāna
لِسَانَ
ज़बान/ नामवरी
ṣid'qin
صِدْقٍ
सच्चाई की
فِى
बाद वालों में
l-ākhirīna
ٱلْءَاخِرِينَ
बाद वालों में
और बाद के आनेवालों में से मुझे सच्ची ख़्याति प्रदान कर ([२६] अस-शुआरा: 84)
Tafseer (तफ़सीर )
८५

وَاجْعَلْنِيْ مِنْ وَّرَثَةِ جَنَّةِ النَّعِيْمِ ۙ ٨٥

wa-ij'ʿalnī
وَٱجْعَلْنِى
और बना दे मुझे
min
مِن
वारिसों में से
warathati
وَرَثَةِ
वारिसों में से
jannati
جَنَّةِ
जन्नत के
l-naʿīmi
ٱلنَّعِيمِ
नेअमत भरी
और मुझे नेमत भरी जन्नत के वारिसों में सम्मिलित कर ([२६] अस-शुआरा: 85)
Tafseer (तफ़सीर )
८६

وَاغْفِرْ لِاَبِيْٓ اِنَّهٗ كَانَ مِنَ الضَّاۤلِّيْنَ ۙ ٨٦

wa-igh'fir
وَٱغْفِرْ
और बख़्श दे
li-abī
لِأَبِىٓ
मेरे बाप को
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
kāna
كَانَ
है वो
mina
مِنَ
गुमराहों में से
l-ḍālīna
ٱلضَّآلِّينَ
गुमराहों में से
और मेरे बाप को क्षमा कर दे। निश्चय ही वह पथभ्रष्ट लोगों में से है ([२६] अस-शुआरा: 86)
Tafseer (तफ़सीर )
८७

وَلَا تُخْزِنِيْ يَوْمَ يُبْعَثُوْنَۙ ٨٧

walā
وَلَا
और ना
tukh'zinī
تُخْزِنِى
तू रुस्वा कर मुझे
yawma
يَوْمَ
जिस दिन
yub'ʿathūna
يُبْعَثُونَ
वो उठाए जाऐंगे
और मुझे उस दिन रुसवा न कर, जब लोग जीवित करके उठाए जाएँगे। ([२६] अस-शुआरा: 87)
Tafseer (तफ़सीर )
८८

يَوْمَ لَا يَنْفَعُ مَالٌ وَّلَا بَنُوْنَ ۙ ٨٨

yawma
يَوْمَ
जिस दिन
لَا
ना फ़ायदा देगा
yanfaʿu
يَنفَعُ
ना फ़ायदा देगा
mālun
مَالٌ
माल
walā
وَلَا
और ना
banūna
بَنُونَ
बेटे
जिस दिन न माल काम आएगा और न औलाद, ([२६] अस-शुआरा: 88)
Tafseer (तफ़सीर )
८९

اِلَّا مَنْ اَتَى اللّٰهَ بِقَلْبٍ سَلِيْمٍ ۗ ٨٩

illā
إِلَّا
मगर
man
مَنْ
जो
atā
أَتَى
आए
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह के पास
biqalbin
بِقَلْبٍ
साथ दिल
salīmin
سَلِيمٍ
सलामत के
सिवाय इसके कि कोई भला-चंगा दिल लिए हुए अल्लाह के पास आया हो।' ([२६] अस-शुआरा: 89)
Tafseer (तफ़सीर )
९०

وَاُزْلِفَتِ الْجَنَّةُ لِلْمُتَّقِيْنَ ۙ ٩٠

wa-uz'lifati
وَأُزْلِفَتِ
और क़रीब लाई जाएगी
l-janatu
ٱلْجَنَّةُ
जन्नत
lil'muttaqīna
لِلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों के लिए
और डर रखनेवालों के लिए जन्नत निकट लाई जाएगी ([२६] अस-शुआरा: 90)
Tafseer (तफ़सीर )