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सूरा अल-फुरकान - Page: 6

Al-Furqan

(मानक)

५१

وَلَوْ شِئْنَا لَبَعَثْنَا فِيْ كُلِّ قَرْيَةٍ نَّذِيْرًا ۖ ٥١

walaw
وَلَوْ
और अगर
shi'nā
شِئْنَا
चाहते हम
labaʿathnā
لَبَعَثْنَا
अलबत्ता भेज देते हम
فِى
हर बस्ती में
kulli
كُلِّ
हर बस्ती में
qaryatin
قَرْيَةٍ
हर बस्ती में
nadhīran
نَّذِيرًا
एक डराने वाला
यदि हम चाहते तो हर बस्ती में एक डरानेवाला भेज देते ([२५] अल-फुरकान: 51)
Tafseer (तफ़सीर )
५२

فَلَا تُطِعِ الْكٰفِرِيْنَ وَجَاهِدْهُمْ بِهٖ جِهَادًا كَبِيْرًا ٥٢

falā
فَلَا
तो ना
tuṭiʿi
تُطِعِ
आप इताअत कीजिए
l-kāfirīna
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों की
wajāhid'hum
وَجَٰهِدْهُم
और जिहाद कीजिए उनसे
bihi
بِهِۦ
साथ इसके
jihādan
جِهَادًا
जिहाद
kabīran
كَبِيرًا
बहुत बड़ा
अतः इनकार करनेवालों की बात न मानता और इस (क़ुरआन) के द्वारा उनसे जिहाद करो, बड़ा जिहाद! (जी तोड़ कोशिश) ([२५] अल-फुरकान: 52)
Tafseer (तफ़सीर )
५३

۞ وَهُوَ الَّذِيْ مَرَجَ الْبَحْرَيْنِ هٰذَا عَذْبٌ فُرَاتٌ وَّهٰذَا مِلْحٌ اُجَاجٌۚ وَجَعَلَ بَيْنَهُمَا بَرْزَخًا وَّحِجْرًا مَّحْجُوْرًا ٥٣

wahuwa
وَهُوَ
और वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जिसने
maraja
مَرَجَ
मिला दिया
l-baḥrayni
ٱلْبَحْرَيْنِ
दो समुन्दरों को
hādhā
هَٰذَا
ये
ʿadhbun
عَذْبٌ
मीठा है
furātun
فُرَاتٌ
ख़ुश मज़ा
wahādhā
وَهَٰذَا
और ये
mil'ḥun
مِلْحٌ
नमकीन है
ujājun
أُجَاجٌ
कड़वा
wajaʿala
وَجَعَلَ
और उसने बना दिया
baynahumā
بَيْنَهُمَا
उन दोनों के दर्मियान
barzakhan
بَرْزَخًا
एक परदा
waḥij'ran
وَحِجْرًا
और एक आड़
maḥjūran
مَّحْجُورًا
मज़बूत
वही है जिसने दो समुद्रों को मिलाया। यह स्वादिष्ट और मीठा है और यह खारी और कडुआ। और दोनों के बीच उसने एक परदा डाल दिया है और एक पृथक करनेवाली रोक रख दी है ([२५] अल-फुरकान: 53)
Tafseer (तफ़सीर )
५४

وَهُوَ الَّذِيْ خَلَقَ مِنَ الْمَاۤءِ بَشَرًا فَجَعَلَهٗ نَسَبًا وَّصِهْرًاۗ وَكَانَ رَبُّكَ قَدِيْرًا ٥٤

wahuwa
وَهُوَ
और वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
mina
مِنَ
पानी से
l-māi
ٱلْمَآءِ
पानी से
basharan
بَشَرًا
एक इन्सान को
fajaʿalahu
فَجَعَلَهُۥ
फिर उसने बना दिया उसे
nasaban
نَسَبًا
नसब
waṣih'ran
وَصِهْرًاۗ
और ससुराल (वाला)
wakāna
وَكَانَ
और है
rabbuka
رَبُّكَ
रब आपका
qadīran
قَدِيرًا
बहुत क़ुदरत वाला
और वही है जिसने पानी से एक मनुष्य पैदा किया। फिर उसे वंशगत सम्बन्धों और ससुराली रिश्तेवाला बनाया। तुम्हारा रब बड़ा ही सामर्थ्यवान है ([२५] अल-फुरकान: 54)
Tafseer (तफ़सीर )
५५

وَيَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا يَنْفَعُهُمْ وَلَا يَضُرُّهُمْۗ وَكَانَ الْكَافِرُ عَلٰى رَبِّهٖ ظَهِيْرًا ٥٥

wayaʿbudūna
وَيَعْبُدُونَ
और वो इबादत करते हैं
min
مِن
सिवाए
dūni
دُونِ
सिवाए
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
مَا
उनकी जो
لَا
ना वो नफ़ा दे सकते हैं उन्हें
yanfaʿuhum
يَنفَعُهُمْ
ना वो नफ़ा दे सकते हैं उन्हें
walā
وَلَا
और ना
yaḍurruhum
يَضُرُّهُمْۗ
वो नुक़्सान दे सकते हैं उन्हें
wakāna
وَكَانَ
और है
l-kāfiru
ٱلْكَافِرُ
काफ़िर
ʿalā
عَلَىٰ
ख़िलाफ़ अपने रब के
rabbihi
رَبِّهِۦ
ख़िलाफ़ अपने रब के
ẓahīran
ظَهِيرًا
मददगार
अल्लाह से इतर वे उनको पूजते है जो न उन्हें लाभ पहुँचा सकते है और न ही उन्हें हानि पहुँचा सकते है। और ऊपर से यह भी कि इनकार करनेवाला अपने रब का विरोधी और उसके मुक़ाबले में दूसरों का सहायक बना हुआ है ([२५] अल-फुरकान: 55)
Tafseer (तफ़सीर )
५६

وَمَآ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا مُبَشِّرًا وَّنَذِيْرًا ٥٦

wamā
وَمَآ
और नहीं
arsalnāka
أَرْسَلْنَٰكَ
भेजा हमने आपको
illā
إِلَّا
मगर
mubashiran
مُبَشِّرًا
ख़ुशख़बरी देने वाला
wanadhīran
وَنَذِيرًا
और डराने वाला (बनाकर)
और हमने तो तुमको शुभ-सूचना देनेवाला और सचेतकर्ता बनाकर भेजा है। ([२५] अल-फुरकान: 56)
Tafseer (तफ़सीर )
५७

قُلْ مَآ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ اَجْرٍ اِلَّا مَنْ شَاۤءَ اَنْ يَّتَّخِذَ اِلٰى رَبِّهٖ سَبِيْلًا ٥٧

qul
قُلْ
कह दीजिए
مَآ
नहीं
asalukum
أَسْـَٔلُكُمْ
मैं माँगता तुम से
ʿalayhi
عَلَيْهِ
इस पर
min
مِنْ
कोई अजर
ajrin
أَجْرٍ
कोई अजर
illā
إِلَّا
मगर
man
مَن
जो
shāa
شَآءَ
चाहे
an
أَن
कि
yattakhidha
يَتَّخِذَ
वो बना ले
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ अपने रब के
rabbihi
رَبِّهِۦ
तरफ़ अपने रब के
sabīlan
سَبِيلًا
कोई रास्ता
कह दो, 'मैं इस काम पर तुमसे कोई बदला नहीं माँगता सिवाय इसके कि जो कोई चाहे अपने रब की ओर ले जानेवाला मार्ग अपना ले।' ([२५] अल-फुरकान: 57)
Tafseer (तफ़सीर )
५८

وَتَوَكَّلْ عَلَى الْحَيِّ الَّذِيْ لَا يَمُوْتُ وَسَبِّحْ بِحَمْدِهٖۗ وَكَفٰى بِهٖ بِذُنُوْبِ عِبَادِهٖ خَبِيْرًا ۚ ٥٨

watawakkal
وَتَوَكَّلْ
और तवक्कल कीजिए
ʿalā
عَلَى
हमेशा ज़िन्दा रहने वाले पर
l-ḥayi
ٱلْحَىِّ
हमेशा ज़िन्दा रहने वाले पर
alladhī
ٱلَّذِى
वो जो
لَا
नहीं मरेगा
yamūtu
يَمُوتُ
नहीं मरेगा
wasabbiḥ
وَسَبِّحْ
और तस्बीह बयान कीजिए
biḥamdihi
بِحَمْدِهِۦۚ
साथ उसकी हम्द के
wakafā
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
bihi
بِهِۦ
उसका
bidhunūbi
بِذُنُوبِ
गुनाहों से
ʿibādihi
عِبَادِهِۦ
अपने बन्दों के
khabīran
خَبِيرًا
ख़ूब बाख़बर होना
और उस अल्लाह पर भरोसा करो जो जीवन्त और अमर है और उसका गुणगान करो। वह अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने के लिए काफ़ी है ([२५] अल-फुरकान: 58)
Tafseer (तफ़सीर )
५९

اَلَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا فِيْ سِتَّةِ اَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰى عَلَى الْعَرْشِۚ اَلرَّحْمٰنُ فَسْـَٔلْ بِهٖ خَبِيْرًا ٥٩

alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किए
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमान
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन
wamā
وَمَا
और जो
baynahumā
بَيْنَهُمَا
दर्मियान है इन दोनों के
فِى
छ: दिनों में
sittati
سِتَّةِ
छ: दिनों में
ayyāmin
أَيَّامٍ
छ: दिनों में
thumma
ثُمَّ
फिर
is'tawā
ٱسْتَوَىٰ
वो बुलन्द हुआ
ʿalā
عَلَى
अर्श पर
l-ʿarshi
ٱلْعَرْشِۚ
अर्श पर
l-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
जो रहमान है
fasal
فَسْـَٔلْ
पस पूछिए
bihi
بِهِۦ
उसके बारे में
khabīran
خَبِيرًا
किसी ख़ूब ख़बर रखने वाले से
जिसने आकाशों और धरती को और जो कुछ उन दोनों के बीच है छह दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। रहमान है वह! अतः पूछो उससे जो उसकी ख़बर रखता है ([२५] अल-फुरकान: 59)
Tafseer (तफ़सीर )
६०

وَاِذَا قِيْلَ لَهُمُ اسْجُدُوْا لِلرَّحْمٰنِ قَالُوْا وَمَا الرَّحْمٰنُ اَنَسْجُدُ لِمَا تَأْمُرُنَا وَزَادَهُمْ نُفُوْرًا ۩ ࣖ ٦٠

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
qīla
قِيلَ
कहा जाता है
lahumu
لَهُمُ
उन्हें
us'judū
ٱسْجُدُوا۟
सजदा करो
lilrraḥmāni
لِلرَّحْمَٰنِ
रहमान को
qālū
قَالُوا۟
वो कहते हैं
wamā
وَمَا
और क्या है
l-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान
anasjudu
أَنَسْجُدُ
क्या हम सजदा करें
limā
لِمَا
उसे जो
tamurunā
تَأْمُرُنَا
तुम हुक्म देते हो हमें
wazādahum
وَزَادَهُمْ
और उसने ज़्यादा कर दिया उन्हें
nufūran
نُفُورًا۩
नफ़रत में
उन लोगों से जब कहा जाता है कि 'रहमान को सजदा करो' तो वे कहते है, 'और रहमान क्या होता है? क्या जिसे तू हमसे कह दे उसी को हम सजदा करने लगें?' और यह चीज़ उनकी घृणा को और बढ़ा देती है ([२५] अल-फुरकान: 60)
Tafseer (तफ़सीर )