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सूरा अल-मुमिनून - Page: 9

Al-Mu'minun

(आस्तिक)

८१

بَلْ قَالُوْا مِثْلَ مَا قَالَ الْاَوَّلُوْنَ ٨١

bal
بَلْ
बल्कि
qālū
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
mith'la
مِثْلَ
मानिन्द
مَا
उसके जो
qāla
قَالَ
कहा था
l-awalūna
ٱلْأَوَّلُونَ
पहलों ने
नहीं, बल्कि वे लोग वहीं कुछ करते है जो उनके पहले के लोग कह चुके है ([२३] अल-मुमिनून: 81)
Tafseer (तफ़सीर )
८२

قَالُوْٓا ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ ٨٢

qālū
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
a-idhā
أَءِذَا
क्या जब
mit'nā
مِتْنَا
मर जाऐंगे हम
wakunnā
وَكُنَّا
और हो जाऐंगे हम
turāban
تُرَابًا
मिट्टी
waʿiẓāman
وَعِظَٰمًا
और हड्डियाँ
a-innā
أَءِنَّا
क्या वाक़ई हम
lamabʿūthūna
لَمَبْعُوثُونَ
अलबत्ता उठाए जाने वाले हैं
उन्होंने कहा, 'क्या जब हम मरकर मिट्टी और हड्डियाँ होकर रह जाएँगे , तो क्या हमें दोबारा जीवित करके उठाया जाएगा? ([२३] अल-मुमिनून: 82)
Tafseer (तफ़सीर )
८३

لَقَدْ وُعِدْنَا نَحْنُ وَاٰبَاۤؤُنَا هٰذَا مِنْ قَبْلُ اِنْ هٰذَآ اِلَّآ اَسَاطِيْرُ الْاَوَّلِيْنَ ٨٣

laqad
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
wuʿid'nā
وُعِدْنَا
वादा किए गए हम
naḥnu
نَحْنُ
हम
waābāunā
وَءَابَآؤُنَا
और आबा ओ अजदाद हमारे
hādhā
هَٰذَا
इसका
min
مِن
इससे क़ब्ल
qablu
قَبْلُ
इससे क़ब्ल
in
إِنْ
नहीं
hādhā
هَٰذَآ
ये
illā
إِلَّآ
मगर
asāṭīru
أَسَٰطِيرُ
कहानियाँ
l-awalīna
ٱلْأَوَّلِينَ
पहलों की
यह वादा तो हमसे और इससे पहले हमारे बाप-दादा से होता आ रहा है। कुछ नहीं, यह तो बस अगलों की कहानियाँ है।' ([२३] अल-मुमिनून: 83)
Tafseer (तफ़सीर )
८४

قُلْ لِّمَنِ الْاَرْضُ وَمَنْ فِيْهَآ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ٨٤

qul
قُل
कह दीजिए
limani
لِّمَنِ
किस के लिए है
l-arḍu
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन
waman
وَمَن
और जो कुछ
fīhā
فِيهَآ
इसमें है
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُمْ
हो तुम
taʿlamūna
تَعْلَمُونَ
तु जानते
कहो, 'यह धरती और जो भी इसमें आबाद है, वे किसके है, बताओ यदि तुम जानते हो?' ([२३] अल-मुमिनून: 84)
Tafseer (तफ़सीर )
८५

سَيَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ۗقُلْ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ٨٥

sayaqūlūna
سَيَقُولُونَ
अनक़रीब वो कहेंगे
lillahi
لِلَّهِۚ
अल्लाह ही के लिए
qul
قُلْ
कह दीजिए
afalā
أَفَلَا
क्या फिर नहीं
tadhakkarūna
تَذَكَّرُونَ
तुम नसीहत पकड़ते
वे बोल पड़ेगे, 'अल्लाह के!' कहो, 'फिर तुम होश में क्यों नहीं आते?' ([२३] अल-मुमिनून: 85)
Tafseer (तफ़सीर )
८६

قُلْ مَنْ رَّبُّ السَّمٰوٰتِ السَّبْعِ وَرَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِيْمِ ٨٦

qul
قُلْ
कह दीजिए
man
مَن
कौन
rabbu
رَّبُّ
रब है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
सात आसमानों का
l-sabʿi
ٱلسَّبْعِ
सात आसमानों का
warabbu
وَرَبُّ
और रब है
l-ʿarshi
ٱلْعَرْشِ
अर्शे
l-ʿaẓīmi
ٱلْعَظِيمِ
अज़ीम का
कहो, 'सातों आकाशों का मालिक और महान राजासन का स्वामीकौन है?' ([२३] अल-मुमिनून: 86)
Tafseer (तफ़सीर )
८७

سَيَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ۗقُلْ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ٨٧

sayaqūlūna
سَيَقُولُونَ
अनक़रीब वो कहेंगे
lillahi
لِلَّهِۚ
अल्लाह ही के लिए
qul
قُلْ
कह दीजिए
afalā
أَفَلَا
क्या भला नहीं
tattaqūna
تَتَّقُونَ
तुम डरते
वे कहेंगे, 'सब अल्लाह के है।' कहो, 'फिर डर क्यों नहीं रखते?' ([२३] अल-मुमिनून: 87)
Tafseer (तफ़सीर )
८८

قُلْ مَنْۢ بِيَدِهٖ مَلَكُوْتُ كُلِّ شَيْءٍ وَّهُوَ يُجِيْرُ وَلَا يُجَارُ عَلَيْهِ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ٨٨

qul
قُلْ
कह दीजिए
man
مَنۢ
कौन है
biyadihi
بِيَدِهِۦ
जिसके हाथ में है
malakūtu
مَلَكُوتُ
बादशाहत
kulli
كُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ की
wahuwa
وَهُوَ
और वो
yujīru
يُجِيرُ
वो पनाह देता है
walā
وَلَا
और नहीं
yujāru
يُجَارُ
पनाह दी जा सकती
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उसके ख़िलाफ़
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُمْ
हो तुम
taʿlamūna
تَعْلَمُونَ
तुम इल्म रखते
कहो, 'हर चीज़ की बादशाही किसके हाथ में है, वह जो शरण देता है औऱ जिसके मुक़ाबले में कोई शरण नहीं मिल सकती, बताओ यजि तुम जानते हो?' ([२३] अल-मुमिनून: 88)
Tafseer (तफ़सीर )
८९

سَيَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ۗقُلْ فَاَنّٰى تُسْحَرُوْنَ ٨٩

sayaqūlūna
سَيَقُولُونَ
अनक़रीब वो कहेंगे
lillahi
لِلَّهِۚ
अल्लाह ही के लिए
qul
قُلْ
कह दीजिए
fa-annā
فَأَنَّىٰ
तो कहाँ से
tus'ḥarūna
تُسْحَرُونَ
तुम मसहूर किए जाते हो
वे बोल पड़ेगे, 'अल्लाह की।' कहो, 'फिर कहाँ से तुमपर जादू चल जाता है?' ([२३] अल-मुमिनून: 89)
Tafseer (तफ़सीर )
९०

بَلْ اَتَيْنٰهُمْ بِالْحَقِّ وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ٩٠

bal
بَلْ
बल्कि
ataynāhum
أَتَيْنَٰهُم
हम लाए हैं उनके पास
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
हक़ को
wa-innahum
وَإِنَّهُمْ
और बेशक वो
lakādhibūna
لَكَٰذِبُونَ
अलबत्ता झूठे हैं
नहीं, बल्कि हम उनके पास सत्य लेकर आए है और निश्चय ही वे झूठे है ([२३] अल-मुमिनून: 90)
Tafseer (तफ़सीर )