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सूरा अल-हज - Page: 7

Al-Hajj

(हज तीर्थयात्रा)

६१

ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ يُوْلِجُ الَّيْلَ فِى النَّهَارِ وَيُوْلِجُ النَّهَارَ فِى الَّيْلِ وَاَنَّ اللّٰهَ سَمِيْعٌۢ بَصِيْرٌ ٦١

dhālika
ذَٰلِكَ
ये
bi-anna
بِأَنَّ
बवजह उसके कि
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
yūliju
يُولِجُ
दाख़िल करता है
al-layla
ٱلَّيْلَ
रात को
فِى
दिन में
l-nahāri
ٱلنَّهَارِ
दिन में
wayūliju
وَيُولِجُ
और वो दाख़िल करता है
l-nahāra
ٱلنَّهَارَ
दिन को
فِى
रात में
al-layli
ٱلَّيْلِ
रात में
wa-anna
وَأَنَّ
और बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
samīʿun
سَمِيعٌۢ
ख़ूब सुनने वाला है
baṣīrun
بَصِيرٌ
ख़ूब देखने वाला है
यह इसलिए कि अल्लाह ही है जो रात को दिन में पिरोता हुआ ले आता है और दिन को रात में पिरोता हुआ ले आता है। और यह कि अल्लाह सुनता, देखता है ([२२] अल-हज: 61)
Tafseer (तफ़सीर )
६२

ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ وَاَنَّ مَا يَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ هُوَ الْبَاطِلُ وَاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْعَلِيُّ الْكَبِيْرُ ٦٢

dhālika
ذَٰلِكَ
ये
bi-anna
بِأَنَّ
बवजह उसके कि
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
huwa
هُوَ
वो ही
l-ḥaqu
ٱلْحَقُّ
हक़ है
wa-anna
وَأَنَّ
और बेशक
مَا
जिसे
yadʿūna
يَدْعُونَ
वो पुकारते हैं
min
مِن
उसके सिवा
dūnihi
دُونِهِۦ
उसके सिवा
huwa
هُوَ
वो
l-bāṭilu
ٱلْبَٰطِلُ
बातिल है
wa-anna
وَأَنَّ
और बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
huwa
هُوَ
वो ही
l-ʿaliyu
ٱلْعَلِىُّ
बहुत बुलन्द है
l-kabīru
ٱلْكَبِيرُ
बहुत बड़ा है
यह इसलिए कि अल्लाह ही सत्य है और जिसे वे उसको छोड़कर पुकारते है, वे सब असत्य है, और यह कि अल्लाह ही सर्वोच्च, महान है ([२२] अल-हज: 62)
Tafseer (तफ़सीर )
६३

اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ اَنْزَلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءًۖ فَتُصْبِحُ الْاَرْضُ مُخْضَرَّةًۗ اِنَّ اللّٰهَ لَطِيْفٌ خَبِيْرٌ ۚ ٦٣

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
tara
تَرَ
आपने देखा
anna
أَنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह ने
anzala
أَنزَلَ
उतारा
mina
مِنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
māan
مَآءً
पानी
fatuṣ'biḥu
فَتُصْبِحُ
तो हो जाती है
l-arḍu
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन
mukh'ḍarratan
مُخْضَرَّةًۗ
सरसब्ज़
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
laṭīfun
لَطِيفٌ
बहुत बारीक बीन है
khabīrun
خَبِيرٌ
ख़ूब ख़बर रखने वाला है
क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह आकाश से पानी बरसाता है, तो धरती हरी-भरी हो जाती है? निस्संदेह अल्लाह सूक्ष्मदर्शी, ख़बर रखनेवाला है ([२२] अल-हज: 63)
Tafseer (तफ़सीर )
६४

لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَاِنَّ اللّٰهَ لَهُوَ الْغَنِيُّ الْحَمِيْدُ ࣖ ٦٤

lahu
لَّهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
wamā
وَمَا
और जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِۗ
ज़मीन में है
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
lahuwa
لَهُوَ
अलबत्ता वो
l-ghaniyu
ٱلْغَنِىُّ
बहुत बेनियाज़ है
l-ḥamīdu
ٱلْحَمِيدُ
बहुत तारीफ़ वाला है
उसी का है जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है। निस्संदेह अल्लाह ही निस्पृह प्रशंसनीय है ([२२] अल-हज: 64)
Tafseer (तफ़सीर )
६५

اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ سَخَّرَ لَكُمْ مَّا فِى الْاَرْضِ وَالْفُلْكَ تَجْرِيْ فِى الْبَحْرِ بِاَمْرِهٖۗ وَيُمْسِكُ السَّمَاۤءَ اَنْ تَقَعَ عَلَى الْاَرْضِ اِلَّا بِاِذْنِهٖۗ اِنَّ اللّٰهَ بِالنَّاسِ لَرَءُوْفٌ رَّحِيْمٌ ٦٥

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
tara
تَرَ
आपने देखा
anna
أَنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह ने
sakhara
سَخَّرَ
मुसख़्ख़र किया
lakum
لَكُم
तुम्हारे लिए
مَّا
जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
wal-ful'ka
وَٱلْفُلْكَ
और कश्तियों को
tajrī
تَجْرِى
जो चलती हैं
فِى
समुन्दर में
l-baḥri
ٱلْبَحْرِ
समुन्दर में
bi-amrihi
بِأَمْرِهِۦ
उसके हुक्म से
wayum'siku
وَيُمْسِكُ
और वो थामे रखता है
l-samāa
ٱلسَّمَآءَ
आसमान को
an
أَن
इससे कि
taqaʿa
تَقَعَ
वो गिर पड़े
ʿalā
عَلَى
ज़मीन पर
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन पर
illā
إِلَّا
मगर
bi-idh'nihi
بِإِذْنِهِۦٓۗ
उसके इज़न से
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
bil-nāsi
بِٱلنَّاسِ
साथ लोगों के
laraūfun
لَرَءُوفٌ
अलबत्ता बहुत शफ़्क़त करने वाला है
raḥīmun
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है
क्या तुमने देखा नहीं कि धरती में जो कुछ भी है उसे अल्लाह ने तुम्हारे लिए वशीभूत कर रखा है और नौका को भी कि उसके आदेश से दरिया में चलती है, और उसने आकाश को धरती पर गिरने से रोक रखा है। उसकी अनुज्ञा हो तो बात दूसरी है। निस्संदेह अल्लाह लोगों के हक़ में बड़ा करुणाशील, दयावान है ([२२] अल-हज: 65)
Tafseer (तफ़सीर )
६६

وَهُوَ الَّذِيْٓ اَحْيَاكُمْ ۖ ثُمَّ يُمِيْتُكُمْ ثُمَّ يُحْيِيْكُمْۗ اِنَّ الْاِنْسَانَ لَكَفُوْرٌ ٦٦

wahuwa
وَهُوَ
और वो ही है
alladhī
ٱلَّذِىٓ
जिसने
aḥyākum
أَحْيَاكُمْ
ज़िन्दा किया तुम्हें
thumma
ثُمَّ
फिर
yumītukum
يُمِيتُكُمْ
वो मौत देगा तुम्हें
thumma
ثُمَّ
फिर
yuḥ'yīkum
يُحْيِيكُمْۗ
वो ज़िन्दा करेगा तुम्हें
inna
إِنَّ
यक़ीनन
l-insāna
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान
lakafūrun
لَكَفُورٌ
अलबत्ता बहुत नाशुक्रा है
और वही है जिसने तुम्हें जीवन प्रदान किया। फिर वही तुम्हें मृत्यु देता है और फिर वही तुम्हें जीवित करनेवाला है। निस्संदेह मानव बड़ा ही अकृतज्ञ है ([२२] अल-हज: 66)
Tafseer (तफ़सीर )
६७

لِكُلِّ اُمَّةٍ جَعَلْنَا مَنْسَكًا هُمْ نَاسِكُوْهُ فَلَا يُنَازِعُنَّكَ فِى الْاَمْرِ وَادْعُ اِلٰى رَبِّكَۗ اِنَّكَ لَعَلٰى هُدًى مُّسْتَقِيْمٍ ٦٧

likulli
لِّكُلِّ
वास्ते हर
ummatin
أُمَّةٍ
उम्मत के
jaʿalnā
جَعَلْنَا
मुक़र्रर किया हमने
mansakan
مَنسَكًا
इबादत का तरीक़ा
hum
هُمْ
वो
nāsikūhu
نَاسِكُوهُۖ
चलने वाले हैं उस पर
falā
فَلَا
तो ना
yunāziʿunnaka
يُنَٰزِعُنَّكَ
वो हरगिज़ झगड़ा करें आपसे
فِى
इस मामले में
l-amri
ٱلْأَمْرِۚ
इस मामले में
wa-ud'ʿu
وَٱدْعُ
और दावत दीजिए
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ अपने रब के
rabbika
رَبِّكَۖ
तरफ़ अपने रब के
innaka
إِنَّكَ
बेशक आप
laʿalā
لَعَلَىٰ
अलबत्ता ऊपर
hudan
هُدًى
हिदायत
mus'taqīmin
مُّسْتَقِيمٍ
सीधी के हैं
प्रत्येक समुदाय के लिए हमने बन्दगी की एक रीति निर्धारित कर दी है, जिसका पालन उसके लोग करते है। अतः इस मामले में वे तुमसे झगड़ने की राह न पाएँ। तुम तो अपने रब की ओर बुलाए जाओ। निस्संदेह तुम सीधे मार्ग पर हो ([२२] अल-हज: 67)
Tafseer (तफ़सीर )
६८

وَاِنْ جَادَلُوْكَ فَقُلِ اللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ٦٨

wa-in
وَإِن
और अगर
jādalūka
جَٰدَلُوكَ
वो झगड़ा करें आपसे
faquli
فَقُلِ
तो कह दीजिए
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
aʿlamu
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानता है
bimā
بِمَا
उसे जो
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
और यदि वे तुमसे झगड़ा करें तो कह दो कि 'तुम जो कुछ करते हो अल्लाह उसे भली-भाँति जानता है ([२२] अल-हज: 68)
Tafseer (तफ़सीर )
६९

اَللّٰهُ يَحْكُمُ بَيْنَكُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ فِيْمَا كُنْتُمْ فِيْهِ تَخْتَلِفُوْنَ ٦٩

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
yaḥkumu
يَحْكُمُ
वो फ़ैसला करेगा
baynakum
بَيْنَكُمْ
दर्मियान तुम्हारे
yawma
يَوْمَ
दिन
l-qiyāmati
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
fīmā
فِيمَا
उस मामले में जो
kuntum
كُنتُمْ
थे तुम
fīhi
فِيهِ
उसमें
takhtalifūna
تَخْتَلِفُونَ
तुम इख़्तिलाफ़ करते
अल्लाह क़ियामत के दिन तुम्हारे बीच उस चीज़ का फ़ैसला कर देगा, जिसमें तुम विभेद करते हो।' ([२२] अल-हज: 69)
Tafseer (तफ़सीर )
७०

اَلَمْ تَعْلَمْ اَنَّ اللّٰهَ يَعْلَمُ مَا فِى السَّمَاۤءِ وَالْاَرْضِۗ اِنَّ ذٰلِكَ فِيْ كِتٰبٍۗ اِنَّ ذٰلِكَ عَلَى اللّٰهِ يَسِيْرٌ ٧٠

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
taʿlam
تَعْلَمْ
आप जानते
anna
أَنَّ
कि बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
yaʿlamu
يَعْلَمُ
जानता है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमान में
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान में
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِۗ
और ज़मीन में है
inna
إِنَّ
बेशक
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
فِى
एक किताब में है
kitābin
كِتَٰبٍۚ
एक किताब में है
inna
إِنَّ
बेशक
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
yasīrun
يَسِيرٌ
बहुत आसान है
क्या तुम्हें नहीं मालूम कि अल्लाह जानता है जो कुछ आकाश और धरती मैं हैं? निश्चय ही वह (लोगों का कर्म) एक किताब में अंकित है। निस्संदेह वह (फ़ैसला करना) अल्लाह के लिए अत्यन्त सरल है ([२२] अल-हज: 70)
Tafseer (तफ़सीर )