يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اتَّقُوْا رَبَّكُمْۚ اِنَّ زَلْزَلَةَ السَّاعَةِ شَيْءٌ عَظِيْمٌ ١
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ
- l-nāsu
- ٱلنَّاسُ
- लोगो
- ittaqū
- ٱتَّقُوا۟
- डरो
- rabbakum
- رَبَّكُمْۚ
- अपने रब से
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- zalzalata
- زَلْزَلَةَ
- ज़लज़ला
- l-sāʿati
- ٱلسَّاعَةِ
- क़यामत का
- shayon
- شَىْءٌ
- चीज़ है
- ʿaẓīmun
- عَظِيمٌ
- बहुत बड़ी
ऐ लोगो! अपने रब का डर रखो! निश्चय ही क़ियामत की घड़ी का भूकम्प बड़ी भयानक चीज़ है ([२२] अल-हज: 1)Tafseer (तफ़सीर )
يَوْمَ تَرَوْنَهَا تَذْهَلُ كُلُّ مُرْضِعَةٍ عَمَّآ اَرْضَعَتْ وَتَضَعُ كُلُّ ذَاتِ حَمْلٍ حَمْلَهَا وَتَرَى النَّاسَ سُكٰرٰى وَمَا هُمْ بِسُكٰرٰى وَلٰكِنَّ عَذَابَ اللّٰهِ شَدِيْدٌ ٢
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- tarawnahā
- تَرَوْنَهَا
- तुम देखोगे उसे
- tadhhalu
- تَذْهَلُ
- ग़ाफ़िल हो जाएगी
- kullu
- كُلُّ
- हर
- mur'ḍiʿatin
- مُرْضِعَةٍ
- दूध पिलाने वाली
- ʿammā
- عَمَّآ
- उससे जिसे
- arḍaʿat
- أَرْضَعَتْ
- उसने दूध पिलाया था
- wataḍaʿu
- وَتَضَعُ
- और गिरा देगी
- kullu
- كُلُّ
- हर
- dhāti
- ذَاتِ
- हमल वाली
- ḥamlin
- حَمْلٍ
- हमल वाली
- ḥamlahā
- حَمْلَهَا
- हमल अपना
- watarā
- وَتَرَى
- और आप देखेंगे
- l-nāsa
- ٱلنَّاسَ
- लोगों को
- sukārā
- سُكَٰرَىٰ
- नशे में
- wamā
- وَمَا
- हालाँकि नहीं (होंगे)
- hum
- هُم
- वो
- bisukārā
- بِسُكَٰرَىٰ
- नशे में
- walākinna
- وَلَٰكِنَّ
- और लेकिन
- ʿadhāba
- عَذَابَ
- अज़ाब
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- shadīdun
- شَدِيدٌ
- बहुत सख़्त है
जिस जिन तुम उसे देखोगे, हाल यह होगा कि प्रत्येक दूध पिलानेवाली अपने दूध पीते बच्चे को भूल जाएगी और प्रत्येक गर्भवती अपना गर्भभार रख देगी। और लोगों को तुम नशे में देखोगे, हालाँकि वे नशे में न होंगे, बल्कि अल्लाह की यातना है ही बड़ी कठोर चीज़ ([२२] अल-हज: 2)Tafseer (तफ़सीर )
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يُّجَادِلُ فِى اللّٰهِ بِغَيْرِ عِلْمٍ وَّيَتَّبِعُ كُلَّ شَيْطٰنٍ مَّرِيْدٍۙ ٣
- wamina
- وَمِنَ
- और लोगों में से कोई है
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- और लोगों में से कोई है
- man
- مَن
- जो
- yujādilu
- يُجَٰدِلُ
- झगड़ता है
- fī
- فِى
- अल्लाह ( के बारे ) में
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह ( के बारे ) में
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ʿil'min
- عِلْمٍ
- इल्म के
- wayattabiʿu
- وَيَتَّبِعُ
- और वो पैरवी करता है
- kulla
- كُلَّ
- हर
- shayṭānin
- شَيْطَٰنٍ
- शैतान
- marīdin
- مَّرِيدٍ
- सरकश की
लोगों में कोई ऐसा भी है, जो ज्ञान के बिना अल्लाह के विषय में झगड़ता है और प्रत्येक सरकश शैतान का अनुसरण करता है ([२२] अल-हज: 3)Tafseer (तफ़सीर )
كُتِبَ عَلَيْهِ اَنَّهٗ مَنْ تَوَلَّاهُ فَاَنَّهٗ يُضِلُّهٗ وَيَهْدِيْهِ اِلٰى عَذَابِ السَّعِيْرِ ٤
- kutiba
- كُتِبَ
- लिख दिया गया
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- annahu
- أَنَّهُۥ
- कि बेशक वो
- man
- مَن
- जो कोई
- tawallāhu
- تَوَلَّاهُ
- दोस्त बनाएगा उसे
- fa-annahu
- فَأَنَّهُۥ
- तो बेशक वो
- yuḍilluhu
- يُضِلُّهُۥ
- वो भटका देगा उसे
- wayahdīhi
- وَيَهْدِيهِ
- और वो रहनुमाई करेगा उसकी
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अज़ाबे
- ʿadhābi
- عَذَابِ
- तरफ़ अज़ाबे
- l-saʿīri
- ٱلسَّعِيرِ
- दोज़ख़ के
जबकि उसके लिए लिख दिया गया है कि जो उससे मित्रता का सम्बन्ध रखेगा उसे वह पथभ्रष्ट करके रहेगा और उसे दहकती अग्नि की यातना की ओर ले जाएगा ([२२] अल-हज: 4)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اِنْ كُنْتُمْ فِيْ رَيْبٍ مِّنَ الْبَعْثِ فَاِنَّا خَلَقْنٰكُمْ مِّنْ تُرَابٍ ثُمَّ مِنْ نُّطْفَةٍ ثُمَّ مِنْ عَلَقَةٍ ثُمَّ مِنْ مُّضْغَةٍ مُّخَلَّقَةٍ وَّغَيْرِ مُخَلَّقَةٍ لِّنُبَيِّنَ لَكُمْۗ وَنُقِرُّ فِى الْاَرْحَامِ مَا نَشَاۤءُ اِلٰٓى اَجَلٍ مُّسَمًّى ثُمَّ نُخْرِجُكُمْ طِفْلًا ثُمَّ لِتَبْلُغُوْٓا اَشُدَّكُمْۚ وَمِنْكُمْ مَّنْ يُّتَوَفّٰى وَمِنْكُمْ مَّنْ يُّرَدُّ اِلٰٓى اَرْذَلِ الْعُمُرِ لِكَيْلَا يَعْلَمَ مِنْۢ بَعْدِ عِلْمٍ شَيْـًٔاۗ وَتَرَى الْاَرْضَ هَامِدَةً فَاِذَآ اَنْزَلْنَا عَلَيْهَا الْمَاۤءَ اهْتَزَّتْ وَرَبَتْ وَاَنْۢبَتَتْ مِنْ كُلِّ زَوْجٍۢ بَهِيْجٍ ٥
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ
- l-nāsu
- ٱلنَّاسُ
- लोगो
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُمْ
- हो तुम
- fī
- فِى
- किसी शक में
- raybin
- رَيْبٍ
- किसी शक में
- mina
- مِّنَ
- दोबारा जी उठने से
- l-baʿthi
- ٱلْبَعْثِ
- दोबारा जी उठने से
- fa-innā
- فَإِنَّا
- तो बेशक हम
- khalaqnākum
- خَلَقْنَٰكُم
- पैदा किया हमने तुम्हें
- min
- مِّن
- मिट्टी से
- turābin
- تُرَابٍ
- मिट्टी से
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- min
- مِن
- नुत्फ़े से
- nuṭ'fatin
- نُّطْفَةٍ
- नुत्फ़े से
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- min
- مِنْ
- जमे हुए ख़ून से
- ʿalaqatin
- عَلَقَةٍ
- जमे हुए ख़ून से
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- min
- مِن
- गोश्त की बोटी से
- muḍ'ghatin
- مُّضْغَةٍ
- गोश्त की बोटी से
- mukhallaqatin
- مُّخَلَّقَةٍ
- शक्ल वाली
- waghayri
- وَغَيْرِ
- और बग़ैर
- mukhallaqatin
- مُخَلَّقَةٍ
- शक्ल वाली
- linubayyina
- لِّنُبَيِّنَ
- ताकि हम वाज़ेह करें
- lakum
- لَكُمْۚ
- तुम्हारे लिए
- wanuqirru
- وَنُقِرُّ
- और हम ठहराते हैं
- fī
- فِى
- रहमों में
- l-arḥāmi
- ٱلْأَرْحَامِ
- रहमों में
- mā
- مَا
- जिसको
- nashāu
- نَشَآءُ
- हम चाहते हैं
- ilā
- إِلَىٰٓ
- मुक़र्रराह मुद्दत तक
- ajalin
- أَجَلٍ
- मुक़र्रराह मुद्दत तक
- musamman
- مُّسَمًّى
- मुक़र्रराह मुद्दत तक
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- nukh'rijukum
- نُخْرِجُكُمْ
- हम निकालते हैं तुम्हें
- ṭif'lan
- طِفْلًا
- बच्चा बना कर
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- litablughū
- لِتَبْلُغُوٓا۟
- ताकि तुम पहुँचो
- ashuddakum
- أَشُدَّكُمْۖ
- अपनी जवानी को
- waminkum
- وَمِنكُم
- और तुम में से कोई है
- man
- مَّن
- जो
- yutawaffā
- يُتَوَفَّىٰ
- फ़ौत किया जाता है
- waminkum
- وَمِنكُم
- और तुम में से कोई है
- man
- مَّن
- जो
- yuraddu
- يُرَدُّ
- लौटाया जाता है
- ilā
- إِلَىٰٓ
- तरफ़
- ardhali
- أَرْذَلِ
- नाकारा
- l-ʿumuri
- ٱلْعُمُرِ
- उम्र के
- likaylā
- لِكَيْلَا
- ताकि ना
- yaʿlama
- يَعْلَمَ
- वो जाने
- min
- مِنۢ
- बाद
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद
- ʿil'min
- عِلْمٍ
- जानने के
- shayan
- شَيْـًٔاۚ
- कुछ भी
- watarā
- وَتَرَى
- और आप देखते हैं
- l-arḍa
- ٱلْأَرْضَ
- ज़मीन को
- hāmidatan
- هَامِدَةً
- ख़ुश्क
- fa-idhā
- فَإِذَآ
- तो जब
- anzalnā
- أَنزَلْنَا
- उतारते हैं हम
- ʿalayhā
- عَلَيْهَا
- उस पर
- l-māa
- ٱلْمَآءَ
- पानी
- ih'tazzat
- ٱهْتَزَّتْ
- वो तरो ताज़ा हो जाती है
- warabat
- وَرَبَتْ
- और वो उभर आती है
- wa-anbatat
- وَأَنۢبَتَتْ
- और वो उगाती है
- min
- مِن
- हर क़िस्म के
- kulli
- كُلِّ
- हर क़िस्म के
- zawjin
- زَوْجٍۭ
- हर क़िस्म के
- bahījin
- بَهِيجٍ
- रौनक़ वाले (पौधे)
ऐ लोगो! यदि तुम्हें दोबारा जी उठने के विषय में कोई सन्देह हो तो देखो, हमने तुम्हें मिट्टी से पैदा किया, फिर वीर्य से, फिर लोथड़े से, फिर माँस की बोटी से जो बनावट में पूर्ण दशा में भी होती है और अपूर्ण दशा में भी, ताकि हम तुमपर स्पष्ट कर दें और हम जिसे चाहते है एक नियत समय तक गर्भाशयों में ठहराए रखते है। फिर तुम्हें एक बच्चे के रूप में निकाल लाते है। फिर (तुम्हारा पालन-पोषण होता है) ताकि तुम अपनी युवावस्था को प्राप्त हो और तुममें से कोई तो पहले मर जाता है और कोई बुढ़ापे की जीर्ण अवस्था की ओर फेर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप, जानने के पश्चात वह कुछ भी नहीं जानता। और तुम भूमि को देखते हो कि सूखी पड़ी है। फिर जहाँ हमने उसपर पानी बरसाया कि वह फबक उठी और वह उभर आई और उसने हर प्रकार की शोभायमान चीज़े उगाई ([२२] अल-हज: 5)Tafseer (तफ़सीर )
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ وَاَنَّهٗ يُحْيِ الْمَوْتٰى وَاَنَّهٗ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ۙ ٦
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bi-anna
- بِأَنَّ
- बवजह इसके कि
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- huwa
- هُوَ
- वो ही
- l-ḥaqu
- ٱلْحَقُّ
- हक़ है
- wa-annahu
- وَأَنَّهُۥ
- और बेशक वो
- yuḥ'yī
- يُحْىِ
- वो ज़िन्दा करता है
- l-mawtā
- ٱلْمَوْتَىٰ
- मुर्दों को
- wa-annahu
- وَأَنَّهُۥ
- और बेशक वो
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऊपर
- kulli
- كُلِّ
- हर
- shayin
- شَىْءٍ
- चीज़ के
- qadīrun
- قَدِيرٌ
- ख़ूब क़ुदरत वाला है
यह इसलिए कि अल्लाह ही सत्य है और वह मुर्दों को जीवित करता है और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्ती है ([२२] अल-हज: 6)Tafseer (तफ़सीर )
وَّاَنَّ السَّاعَةَ اٰتِيَةٌ لَّا رَيْبَ فِيْهَاۙ وَاَنَّ اللّٰهَ يَبْعَثُ مَنْ فِى الْقُبُوْرِ ٧
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- l-sāʿata
- ٱلسَّاعَةَ
- क़यामत
- ātiyatun
- ءَاتِيَةٌ
- आने वाली है
- lā
- لَّا
- नहीं कोई शक
- rayba
- رَيْبَ
- नहीं कोई शक
- fīhā
- فِيهَا
- इसमें
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- yabʿathu
- يَبْعَثُ
- दोबारा उठाएगा
- man
- مَن
- उन्हें जो
- fī
- فِى
- क़ब्रों में हैं
- l-qubūri
- ٱلْقُبُورِ
- क़ब्रों में हैं
और यह कि क़ियामत की घड़ी आनेवाली है, इसमें कोई सन्देह नहीं है। और यह कि अल्लाह उन्हें उठाएगा जो क़ब्रों में है ([२२] अल-हज: 7)Tafseer (तफ़सीर )
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يُّجَادِلُ فِى اللّٰهِ بِغَيْرِ عِلْمٍ وَّلَا هُدًى وَّلَا كِتٰبٍ مُّنِيْرٍ ۙ ٨
- wamina
- وَمِنَ
- और लोगों में से कोई है
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- और लोगों में से कोई है
- man
- مَن
- जो
- yujādilu
- يُجَٰدِلُ
- झगड़ता है
- fī
- فِى
- अल्लाह के बारे में
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के बारे में
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ʿil'min
- عِلْمٍ
- इल्म के
- walā
- وَلَا
- और बग़ैर
- hudan
- هُدًى
- हिदायत के
- walā
- وَلَا
- और बग़ैर
- kitābin
- كِتَٰبٍ
- किताबे
- munīrin
- مُّنِيرٍ
- रौशन के
और लोगों मे कोई ऐसा है जो किसी ज्ञान, मार्गदर्शन और प्रकाशमान किताब के बिना अल्लाह के विषय में (घमंड से) अपने पहलू मोड़ते हुए झगड़ता है, ([२२] अल-हज: 8)Tafseer (तफ़सीर )
ثَانِيَ عِطْفِهٖ لِيُضِلَّ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ۗ لَهٗ فِى الدُّنْيَا خِزْيٌ وَّنُذِيْقُهٗ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ عَذَابَ الْحَرِيْقِ ٩
- thāniya
- ثَانِىَ
- मोड़ने वाला है
- ʿiṭ'fihi
- عِطْفِهِۦ
- शाना अपना
- liyuḍilla
- لِيُضِلَّ
- ताकि वो भटका दे
- ʿan
- عَن
- अल्लाह के रास्ते से
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते से
- l-lahi
- ٱللَّهِۖ
- अल्लाह के रास्ते से
- lahu
- لَهُۥ
- उसके लिए है
- fī
- فِى
- दुनिया में
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया में
- khiz'yun
- خِزْىٌۖ
- रुस्वाई
- wanudhīquhu
- وَنُذِيقُهُۥ
- और हम चखाऐंगे उसे
- yawma
- يَوْمَ
- दिन
- l-qiyāmati
- ٱلْقِيَٰمَةِ
- क़यामत के
- ʿadhāba
- عَذَابَ
- अज़ाब
- l-ḥarīqi
- ٱلْحَرِيقِ
- आग का
ताकि अल्लाह के मार्ग से भटका दे। उसके लिए दुनिया में भी रुसवाई है और क़ियामत के दिन हम उसे जलने की यातना का मज़ा चखाएँगे ([२२] अल-हज: 9)Tafseer (तफ़सीर )
ذٰلِكَ بِمَا قَدَّمَتْ يَدٰكَ وَاَنَّ اللّٰهَ لَيْسَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِيْدِ ࣖ ١٠
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bimā
- بِمَا
- बवजह उसके जो
- qaddamat
- قَدَّمَتْ
- आगे भेजा
- yadāka
- يَدَاكَ
- तेरे दोनों हाथों ने
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- laysa
- لَيْسَ
- नहीं है
- biẓallāmin
- بِظَلَّٰمٍ
- ज़ुल्म करने वाला
- lil'ʿabīdi
- لِّلْعَبِيدِ
- बन्दों पर
(कहा जाएगा,) यह उसके कारण है जो तेरे हाथों ने आगे भेजा था और इसलिए कि अल्लाह बन्दों पर तनिक भी ज़ुल्म करनेवाला नहीं ([२२] अल-हज: 10)Tafseer (तफ़सीर )