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सूरा अत-तहा - Page: 11

Taha

(ता हा)

१०१

خٰلِدِيْنَ فِيْهِ ۗوَسَاۤءَ لَهُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ حِمْلًاۙ ١٠١

khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
fīhi
فِيهِۖ
उसमें
wasāa
وَسَآءَ
और बहुत बुरा है
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
yawma
يَوْمَ
दिन
l-qiyāmati
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
ḥim'lan
حِمْلًا
बोझ उठाना
ऐसे दिन सदैव इसी वबाल में पड़े रहेंगे और क़ियामत के दिन उनके हक़ में यह बहुत ही बुरा बोझ सिद्ध होगा ([२०] अत-तहा: 101)
Tafseer (तफ़सीर )
१०२

يَّوْمَ يُنْفَخُ فِى الصُّوْرِ وَنَحْشُرُ الْمُجْرِمِيْنَ يَوْمَىِٕذٍ زُرْقًا ۖ ١٠٢

yawma
يَوْمَ
जिस दिन
yunfakhu
يُنفَخُ
फूँका जाएगा
فِى
सूर में
l-ṣūri
ٱلصُّورِۚ
सूर में
wanaḥshuru
وَنَحْشُرُ
और हम इकट्ठा करेंगे
l-muj'rimīna
ٱلْمُجْرِمِينَ
मुजरिमों को
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
zur'qan
زُرْقًا
नीली आँखों वाले
जिस दिन सूर फूँका जाएगा और हम अपराधियों को उस दिन इस दशा में इकट्ठा करेंगे कि उनकी आँखे नीली पड़ गई होंगी ([२०] अत-तहा: 102)
Tafseer (तफ़सीर )
१०३

يَّتَخَافَتُوْنَ بَيْنَهُمْ اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا عَشْرًا ١٠٣

yatakhāfatūna
يَتَخَٰفَتُونَ
वो सरगोशियाँ करेंगे
baynahum
بَيْنَهُمْ
आपस में
in
إِن
नहीं
labith'tum
لَّبِثْتُمْ
ठहरे तुम
illā
إِلَّا
मगर
ʿashran
عَشْرًا
दस (दिन)
वे आपस में चुपके-चुपके कहेंगे कि 'तुम बस दस ही दिन ठहरे हो।' ([२०] अत-तहा: 103)
Tafseer (तफ़सीर )
१०४

نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا يَقُوْلُوْنَ اِذْ يَقُوْلُ اَمْثَلُهُمْ طَرِيْقَةً اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا يَوْمًا ࣖ ١٠٤

naḥnu
نَّحْنُ
हम
aʿlamu
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानते हैं
bimā
بِمَا
उसे जो
yaqūlūna
يَقُولُونَ
वो कहेंगे
idh
إِذْ
जब
yaqūlu
يَقُولُ
कहेगा
amthaluhum
أَمْثَلُهُمْ
सबसे मिसाली उनका
ṭarīqatan
طَرِيقَةً
तरीक़ा/रविश में
in
إِن
नहीं
labith'tum
لَّبِثْتُمْ
ठहरे हम
illā
إِلَّا
मगर
yawman
يَوْمًا
एक दिन
हम भली-भाँति जानते है जो कुछ वे कहेंगे, जबकि उनका सबसे अच्छी सम्मतिवाला कहेगा, 'तुम तो बस एक ही दिन ठहरे हो।' ([२०] अत-तहा: 104)
Tafseer (तफ़सीर )
१०५

وَيَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْجِبَالِ فَقُلْ يَنْسِفُهَا رَبِّيْ نَسْفًا ۙ ١٠٥

wayasalūnaka
وَيَسْـَٔلُونَكَ
और वो सवाल करते हैं आपसे
ʿani
عَنِ
पहाड़ों के बारे में
l-jibāli
ٱلْجِبَالِ
पहाड़ों के बारे में
faqul
فَقُلْ
तो कह दीजिए
yansifuhā
يَنسِفُهَا
बिखेर देगा उन्हें
rabbī
رَبِّى
मेरा रब
nasfan
نَسْفًا
बिखेर देना
वे तुमसे पर्वतों के विषय में पूछते है। कह दो, 'मेरा रब उन्हें छूल की तरह उड़ा देगा, ([२०] अत-तहा: 105)
Tafseer (तफ़सीर )
१०६

فَيَذَرُهَا قَاعًا صَفْصَفًا ۙ ١٠٦

fayadharuhā
فَيَذَرُهَا
पस वो छोड़ देगा उस (ज़मीन) को
qāʿan
قَاعًا
मैदान
ṣafṣafan
صَفْصَفًا
चटियल बनाकर
और धरती को एक समतल चटियल मैदान बनाकर छोड़ेगा ([२०] अत-तहा: 106)
Tafseer (तफ़सीर )
१०७

لَّا تَرٰى فِيْهَا عِوَجًا وَّلَآ اَمْتًا ۗ ١٠٧

لَّا
ना तुम देखोगे
tarā
تَرَىٰ
ना तुम देखोगे
fīhā
فِيهَا
उसमें
ʿiwajan
عِوَجًا
कोई टेढ़ापन
walā
وَلَآ
और ना
amtan
أَمْتًا
कोई टीला
तुम उसमें न कोई सिलवट देखोगे और न ऊँच-नीच।' ([२०] अत-तहा: 107)
Tafseer (तफ़सीर )
१०८

يَوْمَىِٕذٍ يَّتَّبِعُوْنَ الدَّاعِيَ لَا عِوَجَ لَهٗ ۚوَخَشَعَتِ الْاَصْوَاتُ لِلرَّحْمٰنِ فَلَا تَسْمَعُ اِلَّا هَمْسًا ١٠٨

yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
जिस दिन
yattabiʿūna
يَتَّبِعُونَ
वो पैरवी करेंगे
l-dāʿiya
ٱلدَّاعِىَ
पुकारने वाले की
لَا
नहीं कोई कजी
ʿiwaja
عِوَجَ
नहीं कोई कजी
lahu
لَهُۥۖ
जिसके लिए
wakhashaʿati
وَخَشَعَتِ
और दब जाऐंगी
l-aṣwātu
ٱلْأَصْوَاتُ
आवाज़ें
lilrraḥmāni
لِلرَّحْمَٰنِ
रहमान के लिए
falā
فَلَا
तो ना
tasmaʿu
تَسْمَعُ
तुम सुनोगे
illā
إِلَّا
सिवाय
hamsan
هَمْسًا
आहट के
उस दिन वे पुकारनेवाले के पीछे चल पड़ेंगे और उसके सामने कोई अकड़ न दिखाई जा सकेगी। आवाज़े रहमान के सामने दब जाएँगी। एक हल्की मन्द आवाज़ के अतिरिक्त तुम कुछ न सुनोगे ([२०] अत-तहा: 108)
Tafseer (तफ़सीर )
१०९

يَوْمَىِٕذٍ لَّا تَنْفَعُ الشَّفَاعَةُ اِلَّا مَنْ اَذِنَ لَهُ الرَّحْمٰنُ وَرَضِيَ لَهٗ قَوْلًا ١٠٩

yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
لَّا
ना फ़ायदा देगी
tanfaʿu
تَنفَعُ
ना फ़ायदा देगी
l-shafāʿatu
ٱلشَّفَٰعَةُ
शफ़ाअत
illā
إِلَّا
मगर
man
مَنْ
उसकी
adhina
أَذِنَ
इजाज़त दे
lahu
لَهُ
जिसे
l-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान
waraḍiya
وَرَضِىَ
और वो पसंद करे
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
qawlan
قَوْلًا
बात को
उस दिन सिफ़ारिश काम न आएगी। यह और बात है कि किसी के लिए रहमान अनुज्ञा दे और उसके लिए बात करने को पसन्द करे ([२०] अत-तहा: 109)
Tafseer (तफ़सीर )
११०

يَعْلَمُ مَا بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلَا يُحِيْطُوْنَ بِهٖ عِلْمًا ١١٠

yaʿlamu
يَعْلَمُ
वो जानता है
مَا
जो
bayna
بَيْنَ
उनके आगे है
aydīhim
أَيْدِيهِمْ
उनके आगे है
wamā
وَمَا
और जो
khalfahum
خَلْفَهُمْ
उनके पीछे है
walā
وَلَا
और नहीं
yuḥīṭūna
يُحِيطُونَ
वो अहाता कर सकते
bihi
بِهِۦ
उसके
ʿil'man
عِلْمًا
इल्म का
वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है, किन्तु वे अपने ज्ञान से उसपर हावी नहीं हो सकते ([२०] अत-तहा: 110)
Tafseer (तफ़सीर )