Skip to content

सूरा अत-तहा - शब्द द्वारा शब्द

Taha

(ता हा)

bismillaahirrahmaanirrahiim

طٰهٰ ۚ ١

tta-ha
طه
ط ہ
ता॰ हा॰। ([२०] अत-तहा: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

مَآ اَنْزَلْنَا عَلَيْكَ الْقُرْاٰنَ لِتَشْقٰٓى ۙ ٢

مَآ
नहीं
anzalnā
أَنزَلْنَا
नाज़िल किया हमने
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
l-qur'āna
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरआन
litashqā
لِتَشْقَىٰٓ
कि आप मुसीबत में पड़ जाऐं
हमने तुमपर यह क़ुरआन इसलिए नहीं उतारा कि तुम मशक़्क़त में पड़ जाओ ([२०] अत-तहा: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

اِلَّا تَذْكِرَةً لِّمَنْ يَّخْشٰى ۙ ٣

illā
إِلَّا
मगर
tadhkiratan
تَذْكِرَةً
एक नसीहत
liman
لِّمَن
उसके लिए जो
yakhshā
يَخْشَىٰ
डरता हो
यह तो बस एक अनुस्मृति है, उसके लिए जो डरे, ([२०] अत-तहा: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

تَنْزِيْلًا مِّمَّنْ خَلَقَ الْاَرْضَ وَالسَّمٰوٰتِ الْعُلٰى ۗ ٤

tanzīlan
تَنزِيلًا
नाज़िल करदा है
mimman
مِّمَّنْ
उसकी तरफ़ से जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-arḍa
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन
wal-samāwāti
وَٱلسَّمَٰوَٰتِ
और आसमानों को
l-ʿulā
ٱلْعُلَى
जो बुलन्द हैं
भली-भाँति अवतरित हुआ है उस सत्ता की ओर से, जिसने पैदा किया है धरती और उच्च आकाशों को ([२०] अत-तहा: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلرَّحْمٰنُ عَلَى الْعَرْشِ اسْتَوٰى ٥

al-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
वो रहमान है
ʿalā
عَلَى
जो अर्श पर
l-ʿarshi
ٱلْعَرْشِ
जो अर्श पर
is'tawā
ٱسْتَوَىٰ
बुलन्द हुआ
वह रहमान है, जो राजासन पर विराजमान हुआ ([२०] अत-तहा: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا وَمَا تَحْتَ الثَّرٰى ٦

lahu
لَهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
wamā
وَمَا
और जो
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
wamā
وَمَا
और जो
baynahumā
بَيْنَهُمَا
दर्मियान है इन दोनों के
wamā
وَمَا
और जो
taḥta
تَحْتَ
नीचे है
l-tharā
ٱلثَّرَىٰ
गीली मिट्टी के
उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है और जो कुछ इन दोनों के मध्य है और जो कुछ आर्द्र मिट्टी के नीचे है ([२०] अत-तहा: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِنْ تَجْهَرْ بِالْقَوْلِ فَاِنَّهٗ يَعْلَمُ السِّرَّ وَاَخْفٰى ٧

wa-in
وَإِن
और अगर
tajhar
تَجْهَرْ
आप बुलन्द आवाज़ से करें
bil-qawli
بِٱلْقَوْلِ
बात को
fa-innahu
فَإِنَّهُۥ
तो बेशक वो
yaʿlamu
يَعْلَمُ
वो जानता है
l-sira
ٱلسِّرَّ
पोशीदा को
wa-akhfā
وَأَخْفَى
और ज़्यादा ख़ुफ़िया को
तुम चाहे बात पुकार कर कहो (या चुपके से), वह तो छिपी हुई और अत्यन्त गुप्त बात को भी जानता है ([२०] अत-तहा: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

اَللّٰهُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَۗ لَهُ الْاَسْمَاۤءُ الْحُسْنٰى ٨

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَۖ
वो ही
lahu
لَهُ
उसी के लिए हैं
l-asmāu
ٱلْأَسْمَآءُ
नाम
l-ḥus'nā
ٱلْحُسْنَىٰ
बहुत अच्छे
अल्लाह, कि उसके सिवा कोई पूज्य-प्रभू नहीं। उसके नाम बहुत ही अच्छे हैं। ([२०] अत-तहा: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

وَهَلْ اَتٰىكَ حَدِيْثُ مُوْسٰى ۘ ٩

wahal
وَهَلْ
और क्या
atāka
أَتَىٰكَ
आई आपके पास
ḥadīthu
حَدِيثُ
ख़बर
mūsā
مُوسَىٰٓ
मूसा की
क्या तुम्हें मूसा की भी ख़बर पहुँची? ([२०] अत-तहा: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

اِذْ رَاٰ نَارًا فَقَالَ لِاَهْلِهِ امْكُثُوْٓا اِنِّيْ اٰنَسْتُ نَارًا لَّعَلِّيْٓ اٰتِيْكُمْ مِّنْهَا بِقَبَسٍ اَوْ اَجِدُ عَلَى النَّارِ هُدًى ١٠

idh
إِذْ
जब
raā
رَءَا
उसने देखी
nāran
نَارًا
आग
faqāla
فَقَالَ
पस कहा
li-ahlihi
لِأَهْلِهِ
अपने घर वालों से
um'kuthū
ٱمْكُثُوٓا۟
ठहरो
innī
إِنِّىٓ
बेशक मैं
ānastu
ءَانَسْتُ
देखी है मैंने
nāran
نَارًا
एक आग
laʿallī
لَّعَلِّىٓ
शायद कि मैं
ātīkum
ءَاتِيكُم
मैं ले आऊँ तुम्हारे पास
min'hā
مِّنْهَا
उसमें से
biqabasin
بِقَبَسٍ
शोला/अंगारा
aw
أَوْ
या
ajidu
أَجِدُ
मैं पाऊँ
ʿalā
عَلَى
उस आग पर
l-nāri
ٱلنَّارِ
उस आग पर
hudan
هُدًى
रहनुमाई
जबकि उसने एक आग देखी तो उसने अपने घरवालों से कहा, 'ठहरो! मैंने एक आग देखी है। शायद कि तुम्हारे लिए उसमें से कोई अंगारा ले आऊँ या उस आग पर मैं मार्ग का पता पा लूँ।' ([२०] अत-तहा: 10)
Tafseer (तफ़सीर )