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सूरा अल बकराह - Page: 26

Al-Baqarah

(गाय)

२५१

فَهَزَمُوْهُمْ بِاِذْنِ اللّٰهِ ۗوَقَتَلَ دَاوٗدُ جَالُوْتَ وَاٰتٰىهُ اللّٰهُ الْمُلْكَ وَالْحِكْمَةَ وَعَلَّمَهٗ مِمَّا يَشَاۤءُ ۗ وَلَوْلَا دَفْعُ اللّٰهِ النَّاسَ بَعْضَهُمْ بِبَعْضٍ لَّفَسَدَتِ الْاَرْضُ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ ذُوْ فَضْلٍ عَلَى الْعٰلَمِيْنَ ٢٥١

fahazamūhum
فَهَزَمُوهُم
तो उन्होंने शिकस्त दे दी उन्हें
bi-idh'ni
بِإِذْنِ
अल्लाह के इज़्न से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के इज़्न से
waqatala
وَقَتَلَ
और क़त्ल कर दिया
dāwūdu
دَاوُۥدُ
दाऊद ने
jālūta
جَالُوتَ
जालूत को
waātāhu
وَءَاتَىٰهُ
और अता की उसे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
l-mul'ka
ٱلْمُلْكَ
बादशाहत
wal-ḥik'mata
وَٱلْحِكْمَةَ
और हिकमत
waʿallamahu
وَعَلَّمَهُۥ
और उसने सिखाया उसे
mimmā
مِمَّا
उसमें से जो
yashāu
يَشَآءُۗ
उसने चाहा
walawlā
وَلَوْلَا
और अगर ना होता
dafʿu
دَفْعُ
हटा देना
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह का
l-nāsa
ٱلنَّاسَ
लोगों को
baʿḍahum
بَعْضَهُم
उनके बाज़ को
bibaʿḍin
بِبَعْضٍ
साथ बाज़ के
lafasadati
لَّفَسَدَتِ
अलबत्ता फ़साद फैल जाता
l-arḍu
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन में
walākinna
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
dhū
ذُو
फज़ल वाला है
faḍlin
فَضْلٍ
फज़ल वाला है
ʿalā
عَلَى
तमाम जहान वालों पर
l-ʿālamīna
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों पर
अन्ततः अल्लाह की अनुज्ञा से उन्होंने उनको पराजित कर दिया और दाऊद ने जालूत को क़त्ल कर दिया, और अल्लाह ने उसे राज्य और तत्वदर्शिता (हिकमत) प्रदान की, जो कुछ वह (दाऊद) चाहे, उससे उसको अवगत कराया। और यदि अल्लाह मनुष्यों के एक गिरोह को दूसरे गिरोह के द्वारा हटाता न रहता तो धरती की व्यवस्था बिगड़ जाती, किन्तु अल्लाह संसारवालों के लिए उदार अनुग्राही है ([२] अल बकराह: 251)
Tafseer (तफ़सीर )
२५२

تِلْكَ اٰيٰتُ اللّٰهِ نَتْلُوْهَا عَلَيْكَ بِالْحَقِّ ۗ وَاِنَّكَ لَمِنَ الْمُرْسَلِيْنَ ۔ ٢٥٢

til'ka
تِلْكَ
ये
āyātu
ءَايَٰتُ
आयात हैं
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
natlūhā
نَتْلُوهَا
हम पढ़ते हैं उन्हें
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّۚ
साथ हक़ के
wa-innaka
وَإِنَّكَ
और बेशक आप
lamina
لَمِنَ
अलबत्ता रसूलों में से हैं
l-mur'salīna
ٱلْمُرْسَلِينَ
अलबत्ता रसूलों में से हैं
ये अल्लाह की सच्ची आयतें है जो हम तुम्हें (सोद्देश्य) सुना रहे है और निश्चय ही तुम उन लोगों में से हो, जो रसूस बनाकर भेजे गए है ([२] अल बकराह: 252)
Tafseer (तफ़सीर )
२५३

تِلْكَ الرُّسُلُ فَضَّلْنَا بَعْضَهُمْ عَلٰى بَعْضٍۘ مِنْهُمْ مَّنْ كَلَّمَ اللّٰهُ وَرَفَعَ بَعْضَهُمْ دَرَجٰتٍۗ وَاٰتَيْنَا عِيْسَى ابْنَ مَرْيَمَ الْبَيِّنٰتِ وَاَيَّدْنٰهُ بِرُوْحِ الْقُدُسِۗ وَلَوْ شَاۤءَ اللّٰهُ مَا اقْتَتَلَ الَّذِيْنَ مِنْۢ بَعْدِهِمْ مِّنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَتْهُمُ الْبَيِّنٰتُ وَلٰكِنِ اخْتَلَفُوْا فَمِنْهُمْ مَّنْ اٰمَنَ وَمِنْهُمْ مَّنْ كَفَرَ ۗوَلَوْ شَاۤءَ اللّٰهُ مَا اقْتَتَلُوْاۗ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ يَفْعَلُ مَا يُرِيْدُ ࣖ ٢٥٣

til'ka
تِلْكَ
ये
l-rusulu
ٱلرُّسُلُ
रसूल
faḍḍalnā
فَضَّلْنَا
फ़ज़ीलत दी हमने
baʿḍahum
بَعْضَهُمْ
उनके बाज़ को
ʿalā
عَلَىٰ
बाज़ पर
baʿḍin
بَعْضٍۘ
बाज़ पर
min'hum
مِّنْهُم
उनमें से बाज़ (वो हैं)
man
مَّن
जिनसे
kallama
كَلَّمَ
कलाम किया
l-lahu
ٱللَّهُۖ
अल्लाह ने
warafaʿa
وَرَفَعَ
और उसने बुलन्द किया
baʿḍahum
بَعْضَهُمْ
उनमें से बाज़ को
darajātin
دَرَجَٰتٍۚ
दरजात में
waātaynā
وَءَاتَيْنَا
और दीं हमने
ʿīsā
عِيسَى
ईसा
ib'na
ٱبْنَ
इब्ने मरियम को
maryama
مَرْيَمَ
इब्ने मरियम को
l-bayināti
ٱلْبَيِّنَٰتِ
वाज़ेह निशानियाँ
wa-ayyadnāhu
وَأَيَّدْنَٰهُ
और क़ुव्वत दी हमने उसे
birūḥi
بِرُوحِ
साथ रूहुल क़ुदुस के
l-qudusi
ٱلْقُدُسِۗ
साथ रूहुल क़ुदुस के
walaw
وَلَوْ
और अगर
shāa
شَآءَ
चाहता
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
مَا
ना
iq'tatala
ٱقْتَتَلَ
बाहम लड़ते
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
min
مِنۢ
थे उनके बाद
baʿdihim
بَعْدِهِم
थे उनके बाद
min
مِّنۢ
बाद
baʿdi
بَعْدِ
बाद
مَا
उसके जो
jāathumu
جَآءَتْهُمُ
आ गईं उनके पास
l-bayinātu
ٱلْبَيِّنَٰتُ
वाज़ेह निशानियाँ
walākini
وَلَٰكِنِ
और लेकिन
ikh'talafū
ٱخْتَلَفُوا۟
उन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
famin'hum
فَمِنْهُم
फिर उनमें से कोई है
man
مَّنْ
जो
āmana
ءَامَنَ
ईमान लाया
wamin'hum
وَمِنْهُم
और उनमें से कोई है
man
مَّن
जिसने
kafara
كَفَرَۚ
कुफ़्र किया
walaw
وَلَوْ
और अगर
shāa
شَآءَ
चाहता
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
مَا
ना
iq'tatalū
ٱقْتَتَلُوا۟
वो बाहम लड़ते
walākinna
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
yafʿalu
يَفْعَلُ
करता है
مَا
जो
yurīdu
يُرِيدُ
वो चाहता है
ये रसूल ऐसे हुए है कि इनमें हमने कुछ को कुछ पर श्रेष्ठता प्रदान की। इनमें कुछ से तो अल्लाह ने बातचीत की और इनमें से कुछ को दर्जों की स्पष्ट से उच्चता प्रदान की। और मरयम के बेटे ईसा को हमने खुली निशानियाँ दी और पवित्र आत्मा से उसकी सहायता की। और यदि अल्लाह चाहता तो वे लोग, जो उनके पश्चात हुए, खुली निशानियाँ पा लेने के बाद परस्पर न लड़ते। किन्तु वे विभेद में पड़ गए तो उनमें से कोई तो ईमान लाया और उनमें से किसी ने इनकार की नीति अपनाई। और यदि अल्लाह चाहता तो वे परस्पर न लड़ते, परन्तु अल्लाह जो चाहता है, करता है ([२] अल बकराह: 253)
Tafseer (तफ़सीर )
२५४

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَنْفِقُوْا مِمَّا رَزَقْنٰكُمْ مِّنْ قَبْلِ اَنْ يَّأْتِيَ يَوْمٌ لَّا بَيْعٌ فِيْهِ وَلَا خُلَّةٌ وَّلَا شَفَاعَةٌ ۗوَالْكٰفِرُوْنَ هُمُ الظّٰلِمُوْنَ ٢٥٤

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
anfiqū
أَنفِقُوا۟
ख़र्च करो
mimmā
مِمَّا
उसमें से जो
razaqnākum
رَزَقْنَٰكُم
रिज़्क़ दिया हमने तुम्हें
min
مِّن
इससे पहले
qabli
قَبْلِ
इससे पहले
an
أَن
कि
yatiya
يَأْتِىَ
आ जाए
yawmun
يَوْمٌ
वो दिन
لَّا
नहीं
bayʿun
بَيْعٌ
कोई ख़रीद व फ़रोख़्त
fīhi
فِيهِ
उसमें
walā
وَلَا
और ना
khullatun
خُلَّةٌ
कोई दोस्ती
walā
وَلَا
और ना
shafāʿatun
شَفَٰعَةٌۗ
कोई सिफ़ारिश
wal-kāfirūna
وَٱلْكَٰفِرُونَ
और जो काफ़िर हैं
humu
هُمُ
वो ही
l-ẓālimūna
ٱلظَّٰلِمُونَ
ज़ालिम हैं
ऐ ईमान लानेवालो! हमने जो कुछ तुम्हें प्रदान किया है उसमें से ख़र्च करो, इससे पहले कि वह दिन आ जाए जिसमें न कोई क्रय-विक्रय होगा और न कोई मित्रता होगी और न कोई सिफ़ारिश। ज़ालिम वही है, जिन्होंने इनकार की नीति अपनाई है ([२] अल बकराह: 254)
Tafseer (तफ़सीर )
२५५

اَللّٰهُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَۚ اَلْحَيُّ الْقَيُّوْمُ ەۚ لَا تَأْخُذُهٗ سِنَةٌ وَّلَا نَوْمٌۗ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ مَنْ ذَا الَّذِيْ يَشْفَعُ عِنْدَهٗٓ اِلَّا بِاِذْنِهٖۗ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْۚ وَلَا يُحِيْطُوْنَ بِشَيْءٍ مِّنْ عِلْمِهٖٓ اِلَّا بِمَا شَاۤءَۚ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَۚ وَلَا يَـُٔوْدُهٗ حِفْظُهُمَاۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيْمُ ٢٥٥

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَ
वो ही
l-ḥayu
ٱلْحَىُّ
ज़िन्दा है
l-qayūmu
ٱلْقَيُّومُۚ
क़ायम रखने वाला है
لَا
नहीं पकड़ती उसे
takhudhuhu
تَأْخُذُهُۥ
नहीं पकड़ती उसे
sinatun
سِنَةٌ
ऊँघ
walā
وَلَا
और ना
nawmun
نَوْمٌۚ
नीन्द
lahu
لَّهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
wamā
وَمَا
और जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِۗ
ज़मीन में है
man
مَن
कौन है
dhā
ذَا
वो जो
alladhī
ٱلَّذِى
वो जो
yashfaʿu
يَشْفَعُ
सिफ़ारिश करे
ʿindahu
عِندَهُۥٓ
उसके पास
illā
إِلَّا
मगर
bi-idh'nihi
بِإِذْنِهِۦۚ
उसके इज़्न से
yaʿlamu
يَعْلَمُ
वो जानता है
مَا
जो
bayna
بَيْنَ
दर्मियान है
aydīhim
أَيْدِيهِمْ
उनके हाथों के
wamā
وَمَا
और जो
khalfahum
خَلْفَهُمْۖ
उनके पीछे है
walā
وَلَا
और नहीं
yuḥīṭūna
يُحِيطُونَ
वो इहाता कर सकते
bishayin
بِشَىْءٍ
किसी चीज़ का
min
مِّنْ
उसके इल्म में से
ʿil'mihi
عِلْمِهِۦٓ
उसके इल्म में से
illā
إِلَّا
मगर
bimā
بِمَا
जो
shāa
شَآءَۚ
वो चाहे
wasiʿa
وَسِعَ
घेर रखा है
kur'siyyuhu
كُرْسِيُّهُ
उसकी कुर्सी ने
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَۖ
और ज़मीन को
walā
وَلَا
और नहीं
yaūduhu
يَـُٔودُهُۥ
थकाती उसे
ḥif'ẓuhumā
حِفْظُهُمَاۚ
हिफ़ाज़त उन दोनों की
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-ʿaliyu
ٱلْعَلِىُّ
बुलन्दतर है
l-ʿaẓīmu
ٱلْعَظِيمُ
बहुत बड़ा है
अल्लाह कि जिसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं, वह जीवन्त-सत्ता है, सबको सँभालने और क़ायम रखनेवाला है। उसे न ऊँघ लगती है और न निद्रा। उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। कौन है जो उसके यहाँ उसकी अनुमति के बिना सिफ़ारिश कर सके? वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है। और वे उसके ज्ञान में से किसी चीज़ पर हावी नहीं हो सकते, सिवाय उसके जो उसने चाहा। उसकी कुर्सी (प्रभुता) आकाशों और धरती को व्याप्त है और उनकी सुरक्षा उसके लिए तनिक भी भारी नहीं और वह उच्च, महान है ([२] अल बकराह: 255)
Tafseer (तफ़सीर )
२५६

لَآ اِكْرَاهَ فِى الدِّيْنِۗ قَدْ تَّبَيَّنَ الرُّشْدُ مِنَ الْغَيِّ ۚ فَمَنْ يَّكْفُرْ بِالطَّاغُوْتِ وَيُؤْمِنْۢ بِاللّٰهِ فَقَدِ اسْتَمْسَكَ بِالْعُرْوَةِ الْوُثْقٰى لَا انْفِصَامَ لَهَا ۗوَاللّٰهُ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌ ٢٥٦

لَآ
नहीं कोई जबर/ज़बरदस्ती
ik'rāha
إِكْرَاهَ
नहीं कोई जबर/ज़बरदस्ती
فِى
दीन में
l-dīni
ٱلدِّينِۖ
दीन में
qad
قَد
तहक़ीक़
tabayyana
تَّبَيَّنَ
वाज़ेह हो गई है
l-rush'du
ٱلرُّشْدُ
हिदायत
mina
مِنَ
गुमराही से
l-ghayi
ٱلْغَىِّۚ
गुमराही से
faman
فَمَن
तो जो कोई
yakfur
يَكْفُرْ
कुफ़्र करेगा
bil-ṭāghūti
بِٱلطَّٰغُوتِ
ताग़ूत का
wayu'min
وَيُؤْمِنۢ
और वो ईमान लाएगा
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
faqadi
فَقَدِ
पस तहक़ीक़
is'tamsaka
ٱسْتَمْسَكَ
उसने थाम लिया
bil-ʿur'wati
بِٱلْعُرْوَةِ
कड़ा
l-wuth'qā
ٱلْوُثْقَىٰ
मज़बूत
لَا
नहीं है कोई टूटना
infiṣāma
ٱنفِصَامَ
नहीं है कोई टूटना
lahā
لَهَاۗ
उसके लिए
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
samīʿun
سَمِيعٌ
ख़ूब सुनने वाला है
ʿalīmun
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है
धर्म के विषय में कोई ज़बरदस्ती नहीं। सही बात नासमझी की बात से अलग होकर स्पष्ट हो गई है। तो अब जो कोई बढ़े हुए सरकश को ठुकरा दे और अल्लाह पर ईमान लाए, उसने ऐसा मज़बूत सहारा थाम लिया जो कभी टूटनेवाला नहीं। अल्लाह सब कुछ सुनने, जाननेवाला है ([२] अल बकराह: 256)
Tafseer (तफ़सीर )
२५७

اَللّٰهُ وَلِيُّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا يُخْرِجُهُمْ مِّنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِۗ وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اَوْلِيَاۤؤُهُمُ الطَّاغُوْتُ يُخْرِجُوْنَهُمْ مِّنَ النُّوْرِ اِلَى الظُّلُمٰتِۗ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِۚ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ࣖ ٢٥٧

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
waliyyu
وَلِىُّ
दोस्त है
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनका जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
yukh'rijuhum
يُخْرِجُهُم
वो निकालता है उन्हें
mina
مِّنَ
अँधेरों से
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों से
ilā
إِلَى
तरफ़ नूर के
l-nūri
ٱلنُّورِۖ
तरफ़ नूर के
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
awliyāuhumu
أَوْلِيَآؤُهُمُ
दोस्त उनके
l-ṭāghūtu
ٱلطَّٰغُوتُ
ताग़ूत हैं
yukh'rijūnahum
يُخْرِجُونَهُم
वो निकालते है उन्हें
mina
مِّنَ
नूर से
l-nūri
ٱلنُّورِ
नूर से
ilā
إِلَى
तरफ़ अँधेरों के
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِۗ
तरफ़ अँधेरों के
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
aṣḥābu
أَصْحَٰبُ
साथी
l-nāri
ٱلنَّارِۖ
आग के
hum
هُمْ
वो
fīhā
فِيهَا
उसमें
khālidūna
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं
जो लोग ईमान लाते है, अल्लाह उनका रक्षक और सहायक है। वह उन्हें अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाता है। रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया तो उनके संरक्षक बढ़े हुए सरकश है। वे उन्हें प्रकाश से निकालकर अँधेरों की ओर ले जाते है। वही आग (जहन्नम) में पड़नेवाले है। वे उसी में सदैव रहेंगे ([२] अल बकराह: 257)
Tafseer (तफ़सीर )
२५८

اَلَمْ تَرَ اِلَى الَّذِيْ حَاۤجَّ اِبْرٰهٖمَ فِيْ رَبِّهٖٓ اَنْ اٰتٰىهُ اللّٰهُ الْمُلْكَ ۘ اِذْ قَالَ اِبْرٰهٖمُ رَبِّيَ الَّذِيْ يُحْيٖ وَيُمِيْتُۙ قَالَ اَنَا۠ اُحْيٖ وَاُمِيْتُ ۗ قَالَ اِبْرٰهٖمُ فَاِنَّ اللّٰهَ يَأْتِيْ بِالشَّمْسِ مِنَ الْمَشْرِقِ فَأْتِ بِهَا مِنَ الْمَغْرِبِ فَبُهِتَ الَّذِيْ كَفَرَ ۗوَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَۚ ٢٥٨

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
tara
تَرَ
आपने देखा
ilā
إِلَى
तरफ़ उसके जिसने
alladhī
ٱلَّذِى
तरफ़ उसके जिसने
ḥājja
حَآجَّ
झगड़ा किया
ib'rāhīma
إِبْرَٰهِۦمَ
इब्राहीम से
فِى
उसके रब के बारे में
rabbihi
رَبِّهِۦٓ
उसके रब के बारे में
an
أَنْ
कि
ātāhu
ءَاتَىٰهُ
अता की उसे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
l-mul'ka
ٱلْمُلْكَ
बादशाहत
idh
إِذْ
जब
qāla
قَالَ
कहा
ib'rāhīmu
إِبْرَٰهِۦمُ
इब्राहीम ने
rabbiya
رَبِّىَ
मेरा रब
alladhī
ٱلَّذِى
वो है जो
yuḥ'yī
يُحْىِۦ
ज़िन्दा करता है
wayumītu
وَيُمِيتُ
और वो मौत देता है
qāla
قَالَ
उसने कहा
anā
أَنَا۠
मैं
uḥ'yī
أُحْىِۦ
मैं ज़िन्दा करता हूँ
wa-umītu
وَأُمِيتُۖ
और मैं मौत देता हूँ
qāla
قَالَ
कहा
ib'rāhīmu
إِبْرَٰهِۦمُ
इब्राहीम ने
fa-inna
فَإِنَّ
पस बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
yatī
يَأْتِى
लाता है
bil-shamsi
بِٱلشَّمْسِ
सूरज को
mina
مِنَ
मशरिक़ से
l-mashriqi
ٱلْمَشْرِقِ
मशरिक़ से
fati
فَأْتِ
पस तुम ले आओ
bihā
بِهَا
उसे
mina
مِنَ
मग़रिब से
l-maghribi
ٱلْمَغْرِبِ
मग़रिब से
fabuhita
فَبُهِتَ
पस मबहूत रह गया
alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
kafara
كَفَرَۗ
कुफ़्र किया था
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
لَا
नहीं वो हिदायत देता
yahdī
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
l-qawma
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
l-ẓālimīna
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं
क्या तुमने उनको नहीं देखा, जिसने इबराहीम से उसके 'रब' के सिलसिले में झगड़ा किया था, इस कारण कि अल्लाह ने उसको राज्य दे रखा था? जब इबराहीम ने कहा, 'मेरा 'रब' वह है जो जिलाता और मारता है।' उसने कहा, 'मैं भी तो जिलाता और मारता हूँ।' इबराहीम ने कहा, 'अच्छा तो अल्लाह सूर्य को पूरब से लाता है, तो तू उसे पश्चिम से ले आ।' इसपर वह अधर्मी चकित रह गया। अल्लाह ज़ालिम लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता ([२] अल बकराह: 258)
Tafseer (तफ़सीर )
२५९

اَوْ كَالَّذِيْ مَرَّ عَلٰى قَرْيَةٍ وَّهِيَ خَاوِيَةٌ عَلٰى عُرُوْشِهَاۚ قَالَ اَنّٰى يُحْيٖ هٰذِهِ اللّٰهُ بَعْدَ مَوْتِهَا ۚ فَاَمَاتَهُ اللّٰهُ مِائَةَ عَامٍ ثُمَّ بَعَثَهٗ ۗ قَالَ كَمْ لَبِثْتَ ۗ قَالَ لَبِثْتُ يَوْمًا اَوْ بَعْضَ يَوْمٍۗ قَالَ بَلْ لَّبِثْتَ مِائَةَ عَامٍ فَانْظُرْ اِلٰى طَعَامِكَ وَشَرَابِكَ لَمْ يَتَسَنَّهْ ۚ وَانْظُرْ اِلٰى حِمَارِكَۗ وَلِنَجْعَلَكَ اٰيَةً لِّلنَّاسِ وَانْظُرْ اِلَى الْعِظَامِ كَيْفَ نُنْشِزُهَا ثُمَّ نَكْسُوْهَا لَحْمًا ۗ فَلَمَّا تَبَيَّنَ لَهٗ ۙ قَالَ اَعْلَمُ اَنَّ اللّٰهَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ٢٥٩

aw
أَوْ
या
ka-alladhī
كَٱلَّذِى
मानिन्द उसके जो
marra
مَرَّ
गुज़रा
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
qaryatin
قَرْيَةٍ
एक बस्ती के
wahiya
وَهِىَ
और वो
khāwiyatun
خَاوِيَةٌ
गिरी हुई थी
ʿalā
عَلَىٰ
अपनी छतों पर
ʿurūshihā
عُرُوشِهَا
अपनी छतों पर
qāla
قَالَ
उसने कहा
annā
أَنَّىٰ
किस तरह
yuḥ'yī
يُحْىِۦ
ज़िन्दा करेगा
hādhihi
هَٰذِهِ
इसको
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
baʿda
بَعْدَ
बाद
mawtihā
مَوْتِهَاۖ
इसकी मौत के
fa-amātahu
فَأَمَاتَهُ
तो मौत दे दी उसे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
mi-ata
مِا۟ئَةَ
सौ
ʿāmin
عَامٍ
साल
thumma
ثُمَّ
फिर
baʿathahu
بَعَثَهُۥۖ
उसने उठाया उसे
qāla
قَالَ
फ़रमाया
kam
كَمْ
कितना (अरसा)
labith'ta
لَبِثْتَۖ
ठहरे रहे तुम
qāla
قَالَ
उसने कहा
labith'tu
لَبِثْتُ
ठहरा रहा मैं
yawman
يَوْمًا
एक दिन
aw
أَوْ
या
baʿḍa
بَعْضَ
कुछ हिस्सा
yawmin
يَوْمٍۖ
दिन का
qāla
قَالَ
फ़रमाया
bal
بَل
बल्कि
labith'ta
لَّبِثْتَ
ठहरे रहे तुम
mi-ata
مِا۟ئَةَ
सौ
ʿāmin
عَامٍ
साल
fa-unẓur
فَٱنظُرْ
पस देखो
ilā
إِلَىٰ
तरफ़
ṭaʿāmika
طَعَامِكَ
अपने खाने के
washarābika
وَشَرَابِكَ
और अपने पीने के
lam
لَمْ
नहीं
yatasannah
يَتَسَنَّهْۖ
बासी हुआ वो
wa-unẓur
وَٱنظُرْ
और देखो
ilā
إِلَىٰ
तरफ़
ḥimārika
حِمَارِكَ
अपने गधे के
walinajʿalaka
وَلِنَجْعَلَكَ
और ताकि हम बना दें तुम्हें
āyatan
ءَايَةً
एक निशानी
lilnnāsi
لِّلنَّاسِۖ
लोगों के लिए
wa-unẓur
وَٱنظُرْ
और देखो
ilā
إِلَى
तरफ़
l-ʿiẓāmi
ٱلْعِظَامِ
हड्डियों के
kayfa
كَيْفَ
किस तरह
nunshizuhā
نُنشِزُهَا
हम उठा कर जोड़ते हैं उन्हें
thumma
ثُمَّ
फिर
naksūhā
نَكْسُوهَا
हम पहनाते हैं उन्हें
laḥman
لَحْمًاۚ
गोश्त
falammā
فَلَمَّا
फिर जब
tabayyana
تَبَيَّنَ
वाज़ेह हो गया
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
qāla
قَالَ
उसने कहा
aʿlamu
أَعْلَمُ
मैं जानता हूँ
anna
أَنَّ
कि बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
kulli
كُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ के
qadīrun
قَدِيرٌ
बहुत क़ादिर है
या उस जैसे (व्यक्ति) को नहीं देखा, जिसका एक ऐसी बस्ती पर से गुज़र हुआ, जो अपनी छतों के बल गिरी हुई थी। उसने कहा, 'अल्लाह इसके विनष्ट हो जाने के पश्चात इसे किस प्रकार जीवन प्रदान करेगा?' तो अल्लाह ने उसे सौ वर्ष की मृत्यु दे दी, फिर उसे उठा खड़ा किया। कहा, 'तू कितनी अवधि तक इस अवस्था नें रहा।' उसने कहा, 'मैं एक या दिन का कुछ हिस्सा रहा।' कहा, 'नहीं, बल्कि तू सौ वर्ष रहा है। अब अपने खाने और पीने की चीज़ों को देख ले, उन पर समय का कोई प्रभाव नहीं, और अपने गधे को भी देख, और यह इसलिए कह रहे है ताकि हम तुझे लोगों के लिए एक निशानी बना दें और हड्डियों को देख कि किस प्रकार हम उन्हें उभारते है, फिर, उनपर माँस चढ़ाते है।' तो जब वास्तविकता उस पर प्रकट हो गई तो वह पुकार उठा, ' मैं जानता हूँ कि अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है।' ([२] अल बकराह: 259)
Tafseer (तफ़सीर )
२६०

وَاِذْ قَالَ اِبْرٰهٖمُ رَبِّ اَرِنِيْ كَيْفَ تُحْيِ الْمَوْتٰىۗ قَالَ اَوَلَمْ تُؤْمِنْ ۗقَالَ بَلٰى وَلٰكِنْ لِّيَطْمَىِٕنَّ قَلْبِيْ ۗقَالَ فَخُذْ اَرْبَعَةً مِّنَ الطَّيْرِفَصُرْهُنَّ اِلَيْكَ ثُمَّ اجْعَلْ عَلٰى كُلِّ جَبَلٍ مِّنْهُنَّ جُزْءًا ثُمَّ ادْعُهُنَّ يَأْتِيْنَكَ سَعْيًا ۗوَاعْلَمْ اَنَّ اللّٰهَ عَزِيْزٌحَكِيْمٌ ࣖ ٢٦٠

wa-idh
وَإِذْ
और जब
qāla
قَالَ
कहा
ib'rāhīmu
إِبْرَٰهِۦمُ
इब्राहीम ने
rabbi
رَبِّ
ऐ मेरे रब
arinī
أَرِنِى
दिखा मुझे
kayfa
كَيْفَ
किस तरह
tuḥ'yī
تُحْىِ
तू ज़िन्दा करेगा
l-mawtā
ٱلْمَوْتَىٰۖ
मुर्दों को
qāla
قَالَ
फ़रमाया
awalam
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
tu'min
تُؤْمِنۖ
तुम ईमान रखते
qāla
قَالَ
उसने कहा
balā
بَلَىٰ
क्यों नहीं
walākin
وَلَٰكِن
और लेकिन
liyaṭma-inna
لِّيَطْمَئِنَّ
ताकि मुत्मईन हो जाए
qalbī
قَلْبِىۖ
दिल मेरा
qāla
قَالَ
फ़रमाया
fakhudh
فَخُذْ
पस ले लो
arbaʿatan
أَرْبَعَةً
चार
mina
مِّنَ
परिन्दों में से
l-ṭayri
ٱلطَّيْرِ
परिन्दों में से
faṣur'hunna
فَصُرْهُنَّ
फिर माइल करो उन्हें
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ अपने
thumma
ثُمَّ
फिर
ij'ʿal
ٱجْعَلْ
रख दो
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
kulli
كُلِّ
हर
jabalin
جَبَلٍ
पहाड़ के
min'hunna
مِّنْهُنَّ
उनमें से
juz'an
جُزْءًا
एक हिस्सा
thumma
ثُمَّ
फिर
ud'ʿuhunna
ٱدْعُهُنَّ
बुलाओ उन्हें
yatīnaka
يَأْتِينَكَ
वो आ जाऐंगे तेरे पास
saʿyan
سَعْيًاۚ
दौड़ते हुए
wa-iʿ'lam
وَٱعْلَمْ
और जान लो
anna
أَنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
ḥakīmun
حَكِيمٌ
ख़ूब हिकमत वाला है
और याद करो जब इबराहीम ने कहा, 'ऐ मेरे रब! मुझे दिखा दे, तू मुर्दों को कैसे जीवित करेगा?' कहा,' क्या तुझे विश्वास नहीं?' उसने कहा,'क्यों नहीं, किन्तु निवेदन इसलिए है कि मेरा दिल संतुष्ट हो जाए।' कहा, 'अच्छा, तो चार पक्षी ले, फिर उन्हें अपने साथ भली-भाँति हिला-मिला से, फिर उनमें से प्रत्येक को एक-एक पर्वत पर रख दे, फिर उनको पुकार, वे तेरे पास लपककर आएँगे। और जान ले कि अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है।' ([२] अल बकराह: 260)
Tafseer (तफ़सीर )