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सूरा अल बकराह - Page: 21

Al-Baqarah

(गाय)

२०१

وَمِنْهُمْ مَّنْ يَّقُوْلُ رَبَّنَآ اٰتِنَا فِى الدُّنْيَا حَسَنَةً وَّفِى الْاٰخِرَةِ حَسَنَةً وَّقِنَا عَذَابَ النَّارِ ٢٠١

wamin'hum
وَمِنْهُم
और उनमें से कोई है
man
مَّن
जो
yaqūlu
يَقُولُ
कहता है
rabbanā
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
ātinā
ءَاتِنَا
दे हमें
فِى
दुनिया में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
ḥasanatan
حَسَنَةً
भलाई
wafī
وَفِى
और आख़िरत में
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
और आख़िरत में
ḥasanatan
حَسَنَةً
भलाई
waqinā
وَقِنَا
और बचा हमें
ʿadhāba
عَذَابَ
अज़ाब से
l-nāri
ٱلنَّارِ
आग के
और उनमें कोई ऐसा है जो कहता है, 'हमारे रब! हमें प्रदान कर दुनिया में भी अच्छी दशा और आख़िरत में भी अच्छा दशा, और हमें आग (जहन्नम) की यातना से बचा ले।' ([२] अल बकराह: 201)
Tafseer (तफ़सीर )
२०२

اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ نَصِيْبٌ مِّمَّا كَسَبُوْا ۗ وَاللّٰهُ سَرِيْعُ الْحِسَابِ ٢٠٢

ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
lahum
لَهُمْ
जिनके लिए
naṣībun
نَصِيبٌ
एक हिस्सा है
mimmā
مِّمَّا
उससे जो
kasabū
كَسَبُوا۟ۚ
उन्होंने कमाया
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
sarīʿu
سَرِيعُ
जल्द लेने वाला है
l-ḥisābi
ٱلْحِسَابِ
हिसाब
ऐसे ही लोग है कि उन्होंने जो कुछ कमाया है उसकी जिन्स का हिस्सा उनके लिए नियत है। और अल्लाह जल्द ही हिसाब चुकानेवाला है ([२] अल बकराह: 202)
Tafseer (तफ़सीर )
२०३

۞ وَاذْكُرُوا اللّٰهَ فِيْٓ اَيَّامٍ مَّعْدُوْدٰتٍ ۗ فَمَنْ تَعَجَّلَ فِيْ يَوْمَيْنِ فَلَآ اِثْمَ عَلَيْهِ ۚوَمَنْ تَاَخَّرَ فَلَآ اِثْمَ عَلَيْهِۙ لِمَنِ اتَّقٰىۗ وَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاعْلَمُوْٓا اَنَّكُمْ اِلَيْهِ تُحْشَرُوْنَ ٢٠٣

wa-udh'kurū
وَٱذْكُرُوا۟
और याद करो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह को
فِىٓ
दिनों में
ayyāmin
أَيَّامٍ
दिनों में
maʿdūdātin
مَّعْدُودَٰتٍۚ
गिने-चुने
faman
فَمَن
तो जो कोई
taʿajjala
تَعَجَّلَ
जल्दी करे
فِى
दो दिनों में
yawmayni
يَوْمَيْنِ
दो दिनों में
falā
فَلَآ
तो नहीं
ith'ma
إِثْمَ
कोई गुनाह
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
waman
وَمَن
और जो कोई
ta-akhara
تَأَخَّرَ
ताख़ीर करे
falā
فَلَآ
तो नहीं
ith'ma
إِثْمَ
कोई गुनाह
ʿalayhi
عَلَيْهِۚ
उस पर
limani
لِمَنِ
उसके लिए जो
ittaqā
ٱتَّقَىٰۗ
तक़वा करे
wa-ittaqū
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह से
wa-iʿ'lamū
وَٱعْلَمُوٓا۟
और जान लो
annakum
أَنَّكُمْ
बेशक तुम
ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसी के
tuḥ'sharūna
تُحْشَرُونَ
तुम इकट्ठे किए जाओगे
और अल्लाह की याद में गिनती के ये कुछ दिन व्यतीत करो। फिर जो कोई जल्दी करके दो ही दिन में कूच करे तो इसमें उसपर कोई गुनाह नहीं। और जो ठहरा रहे तो इसमें भी उसपर कोई गुनाह नहीं। यह उसके लिेए है जो अल्लाह का डर रखे। और अल्लाह का डर रखो और जान रखो कि उसी के पास तुम इकट्ठा होगे ([२] अल बकराह: 203)
Tafseer (तफ़सीर )
२०४

وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يُّعْجِبُكَ قَوْلُهٗ فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا وَيُشْهِدُ اللّٰهَ عَلٰى مَا فِيْ قَلْبِهٖ ۙ وَهُوَ اَلَدُّ الْخِصَامِ ٢٠٤

wamina
وَمِنَ
और लोगों में से कोई है
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
और लोगों में से कोई है
man
مَن
जो
yuʿ'jibuka
يُعْجِبُكَ
ख़ुश करती है आपको
qawluhu
قَوْلُهُۥ
बात उसकी
فِى
ज़िन्दगी में
l-ḥayati
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
wayush'hidu
وَيُشْهِدُ
और वो गवाह बनाता है
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह को
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
مَا
उसके जो
فِى
उसके दिल में है
qalbihi
قَلْبِهِۦ
उसके दिल में है
wahuwa
وَهُوَ
हालाँकि वो
aladdu
أَلَدُّ
सख़्त झगड़ालू है
l-khiṣāmi
ٱلْخِصَامِ
झगड़ा करने में
लोगों में कोई तो ऐसा है कि इस सांसारिक जीवन के विषय में उसकी बाते तुम्हें बहुत भाती है, उस (खोट) के बावजूद जो उसके दिल में होती है, वह अल्लाह को गवाह ठहराता है और झगड़े में वह बड़ा हठी है ([२] अल बकराह: 204)
Tafseer (तफ़सीर )
२०५

وَاِذَا تَوَلّٰى سَعٰى فِى الْاَرْضِ لِيُفْسِدَ فِيْهَا وَيُهْلِكَ الْحَرْثَ وَالنَّسْلَ ۗ وَ اللّٰهُ لَا يُحِبُّ الْفَسَادَ ٢٠٥

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
tawallā
تَوَلَّىٰ
वो मुँह मोड़ता है
saʿā
سَعَىٰ
वो कोशिश करता है
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
liyuf'sida
لِيُفْسِدَ
ताकि वो फ़साद करे
fīhā
فِيهَا
उसमें
wayuh'lika
وَيُهْلِكَ
और वो हलाक करे
l-ḥartha
ٱلْحَرْثَ
खेती
wal-nasla
وَٱلنَّسْلَۗ
और नस्ल को
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
لَا
नहीं वो पसंद करता
yuḥibbu
يُحِبُّ
नहीं वो पसंद करता
l-fasāda
ٱلْفَسَادَ
फ़साद को
और जब वह लौटता है, तो धरती में इसलिए दौड़-धूप करता है कि इसमें बिगाड़ पैदा करे और खेती और नस्ल को तबाह करे, जबकि अल्लाह बिगाड़ को पसन्द नहीं करता ([२] अल बकराह: 205)
Tafseer (तफ़सीर )
२०६

وَاِذَا قِيْلَ لَهُ اتَّقِ اللّٰهَ اَخَذَتْهُ الْعِزَّةُ بِالْاِثْمِ فَحَسْبُهٗ جَهَنَّمُ ۗ وَلَبِئْسَ الْمِهَادُ ٢٠٦

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
qīla
قِيلَ
कहा जाता है
lahu
لَهُ
उसे
ittaqi
ٱتَّقِ
डरो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह से
akhadhathu
أَخَذَتْهُ
आमादा करती है उसे
l-ʿizatu
ٱلْعِزَّةُ
इज़्ज़त
bil-ith'mi
بِٱلْإِثْمِۚ
गुनाह पर
faḥasbuhu
فَحَسْبُهُۥ
तो काफ़ी है उसे
jahannamu
جَهَنَّمُۚ
जहन्नम
walabi'sa
وَلَبِئْسَ
और अलबत्ता कितना बुरा है
l-mihādu
ٱلْمِهَادُ
ठिकाना
और जब उससे कहा जाता है, 'अल्लाह से डर', तो अहंकार उसे और गुनाह पर जमा देता है। अतः उसके लिए तो जहन्नम ही काफ़ी है, और वह बहुत-ही बुरी शय्या है! ([२] अल बकराह: 206)
Tafseer (तफ़सीर )
२०७

وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يَّشْرِيْ نَفْسَهُ ابْتِغَاۤءَ مَرْضَاتِ اللّٰهِ ۗوَاللّٰهُ رَءُوْفٌۢ بِالْعِبَادِ ٢٠٧

wamina
وَمِنَ
और लोगों में से कोई है
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
और लोगों में से कोई है
man
مَن
जो
yashrī
يَشْرِى
बेचता है
nafsahu
نَفْسَهُ
अपने नफ़्स को
ib'tighāa
ٱبْتِغَآءَ
चाहने के लिए
marḍāti
مَرْضَاتِ
रज़ा
l-lahi
ٱللَّهِۗ
अल्लाह की
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
raūfun
رَءُوفٌۢ
बहुत शफ़ीक़ है
bil-ʿibādi
بِٱلْعِبَادِ
बन्दों पर
और लोगों में वह भी है जो अल्लाह की प्रसन्नता के संसाधन की चाह में अपनी जान खता देता है। अल्लाह भी अपने ऐसे बन्दों के प्रति अत्यन्त करुणाशील है ([२] अल बकराह: 207)
Tafseer (तफ़सीर )
२०८

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا ادْخُلُوْا فِى السِّلْمِ كَاۤفَّةً ۖوَّلَا تَتَّبِعُوْا خُطُوٰتِ الشَّيْطٰنِۗ اِنَّهٗ لَكُمْ عَدُوٌّ مُّبِيْنٌ ٢٠٨

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
ud'khulū
ٱدْخُلُوا۟
दाख़िल हो जाओ
فِى
इस्लाम में
l-sil'mi
ٱلسِّلْمِ
इस्लाम में
kāffatan
كَآفَّةً
पूरे के पूरे
walā
وَلَا
और ना
tattabiʿū
تَتَّبِعُوا۟
तुम पैरवी करो
khuṭuwāti
خُطُوَٰتِ
क़दमों की
l-shayṭāni
ٱلشَّيْطَٰنِۚ
शैतान के
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
lakum
لَكُمْ
तुम्हारा
ʿaduwwun
عَدُوٌّ
दुश्मन है
mubīnun
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला
ऐ ईमान लानेवालो! तुम सब इस्लाम में दाख़िल हो जाओ और शैतान के पदचिन्ह पर न चलो। वह तो तुम्हारा खुला हुआ शत्रु है ([२] अल बकराह: 208)
Tafseer (तफ़सीर )
२०९

فَاِنْ زَلَلْتُمْ مِّنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَتْكُمُ الْبَيِّنٰتُ فَاعْلَمُوْٓا اَنَّ اللّٰهَ عَزِيْزٌ حَكِيْمٌ ٢٠٩

fa-in
فَإِن
फिर अगर
zalaltum
زَلَلْتُم
फिसल जाओ तुम
min
مِّنۢ
बाद इसके
baʿdi
بَعْدِ
बाद इसके
مَا
जो
jāatkumu
جَآءَتْكُمُ
आ गईं तुम्हारे पास
l-bayinātu
ٱلْبَيِّنَٰتُ
वाज़ेह निशानियाँ
fa-iʿ'lamū
فَٱعْلَمُوٓا۟
तो जान लो
anna
أَنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
ḥakīmun
حَكِيمٌ
ख़ूब हिकमत वाला है
फिर यदि तुम उन स्पष्टा दलीलों के पश्चात भी, जो तुम्हारे पास आ चुकी है, फिसल गए, तो भली-भाँति जान रखो कि अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([२] अल बकराह: 209)
Tafseer (तफ़सीर )
२१०

هَلْ يَنْظُرُوْنَ اِلَّآ اَنْ يَّأْتِيَهُمُ اللّٰهُ فِيْ ظُلَلٍ مِّنَ الْغَمَامِ وَالْمَلٰۤىِٕكَةُ وَقُضِيَ الْاَمْرُ ۗ وَاِلَى اللّٰهِ تُرْجَعُ الْاُمُوْرُ ࣖ ٢١٠

hal
هَلْ
नहीं
yanẓurūna
يَنظُرُونَ
वो इन्तिज़ार कर रहे
illā
إِلَّآ
मगर
an
أَن
ये कि
yatiyahumu
يَأْتِيَهُمُ
आ जाए उनके पास
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
فِى
सायबानों में
ẓulalin
ظُلَلٍ
सायबानों में
mina
مِّنَ
बादलों के
l-ghamāmi
ٱلْغَمَامِ
बादलों के
wal-malāikatu
وَٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
और फ़रिश्ते
waquḍiya
وَقُضِىَ
और पूरा कर दिया जाए
l-amru
ٱلْأَمْرُۚ
काम
wa-ilā
وَإِلَى
और तरफ़
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह ही के
tur'jaʿu
تُرْجَعُ
लौटाए जाते है
l-umūru
ٱلْأُمُورُ
सब काम
क्या वे (इसराईल की सन्तान) बस इसकी प्रतीक्षा कर रहे है कि अल्लाह स्वयं ही बादलों की छायों में उनके सामने आ जाए और फ़रिश्ते भी, हालाँकि बात तय कर दी गई है? मामले तो अल्लाह ही की ओर लौटते है ([२] अल बकराह: 210)
Tafseer (तफ़सीर )