اِذْ قَالَ لَهٗ رَبُّهٗٓ اَسْلِمْۙ قَالَ اَسْلَمْتُ لِرَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ١٣١
- idh
- إِذْ
- जब
- qāla
- قَالَ
- कहा
- lahu
- لَهُۥ
- उसको
- rabbuhu
- رَبُّهُۥٓ
- उसके रब ने
- aslim
- أَسْلِمْۖ
- फ़रमाबरदार हो जा
- qāla
- قَالَ
- उसने कहा
- aslamtu
- أَسْلَمْتُ
- मैं फ़रमाबरदार हो गया
- lirabbi
- لِرَبِّ
- रब के लिए
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- तमाम जहानों के
क्योंकि जब उससे रब ने कहा, 'मुस्लिम (आज्ञाकारी) हो जा।' उसने कहा, 'मैं सारे संसार के रब का मुस्लिम हो गया।' ([२] अल बकराह: 131)Tafseer (तफ़सीर )
وَوَصّٰى بِهَآ اِبْرٰهٖمُ بَنِيْهِ وَيَعْقُوْبُۗ يٰبَنِيَّ اِنَّ اللّٰهَ اصْطَفٰى لَكُمُ الدِّيْنَ فَلَا تَمُوْتُنَّ اِلَّا وَاَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ ۗ ١٣٢
- wawaṣṣā
- وَوَصَّىٰ
- और वसीयत की
- bihā
- بِهَآ
- उसकी
- ib'rāhīmu
- إِبْرَٰهِۦمُ
- इब्राहीम ने
- banīhi
- بَنِيهِ
- अपने बेटों को
- wayaʿqūbu
- وَيَعْقُوبُ
- और याक़ूब ने
- yābaniyya
- يَٰبَنِىَّ
- ऐ मेरे बेटो
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह ने
- iṣ'ṭafā
- ٱصْطَفَىٰ
- चुन लिया
- lakumu
- لَكُمُ
- तुम्हारे लिए
- l-dīna
- ٱلدِّينَ
- दीन को
- falā
- فَلَا
- पस तुम हरगिज़ ना मरना
- tamūtunna
- تَمُوتُنَّ
- पस तुम हरगिज़ ना मरना
- illā
- إِلَّا
- मगर
- wa-antum
- وَأَنتُم
- इस हाल में कि तुम
- mus'limūna
- مُّسْلِمُونَ
- मुसलमान हो
और इसी की वसीयत इबराहीम ने अपने बेटों को की और याक़ूब ने भी (अपनी सन्तानों को की) कि, 'ऐ मेरे बेटों! अल्लाह ने तुम्हारे लिए यही दीन (धर्म) चुना है, तो इस्लाम (ईश-आज्ञापालन) को अतिरिक्त किसी और दशा में तुम्हारी मृत्यु न हो।' ([२] अल बकराह: 132)Tafseer (तफ़सीर )
اَمْ كُنْتُمْ شُهَدَاۤءَ اِذْ حَضَرَ يَعْقُوْبَ الْمَوْتُۙ اِذْ قَالَ لِبَنِيْهِ مَا تَعْبُدُوْنَ مِنْۢ بَعْدِيْۗ قَالُوْا نَعْبُدُ اِلٰهَكَ وَاِلٰهَ اٰبَاۤىِٕكَ اِبْرٰهٖمَ وَاِسْمٰعِيْلَ وَاِسْحٰقَ اِلٰهًا وَّاحِدًاۚ وَنَحْنُ لَهٗ مُسْلِمُوْنَ ١٣٣
- am
- أَمْ
- क्या
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- shuhadāa
- شُهَدَآءَ
- मौजूद
- idh
- إِذْ
- जब
- ḥaḍara
- حَضَرَ
- आई
- yaʿqūba
- يَعْقُوبَ
- याक़ूब को
- l-mawtu
- ٱلْمَوْتُ
- मौत
- idh
- إِذْ
- जब
- qāla
- قَالَ
- उसने कहा
- libanīhi
- لِبَنِيهِ
- अपने बेटों से
- mā
- مَا
- किस की
- taʿbudūna
- تَعْبُدُونَ
- तुम इबादत करोगे
- min
- مِنۢ
- मेरे बाद
- baʿdī
- بَعْدِى
- मेरे बाद
- qālū
- قَالُوا۟
- उन्होंने कहा
- naʿbudu
- نَعْبُدُ
- हम इबादत करेंगे
- ilāhaka
- إِلَٰهَكَ
- तेरे इलाह की
- wa-ilāha
- وَإِلَٰهَ
- और इलाह की
- ābāika
- ءَابَآئِكَ
- तेरे आबा ओ अजदाद के
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِۦمَ
- इब्राहीम
- wa-is'māʿīla
- وَإِسْمَٰعِيلَ
- और इस्माईल
- wa-is'ḥāqa
- وَإِسْحَٰقَ
- और इस्हाक़ के
- ilāhan
- إِلَٰهًا
- इलाह की
- wāḥidan
- وَٰحِدًا
- एक ही की
- wanaḥnu
- وَنَحْنُ
- और हम
- lahu
- لَهُۥ
- उसी के लिए
- mus'limūna
- مُسْلِمُونَ
- फ़रमाबरदार हैं
(क्या तुम इबराहीम के वसीयत करते समय मौजूद थे? या तुम मौजूद थे जब याक़ूब की मृत्यु का समय आया? जब उसने बेटों से कहा, 'तुम मेरे पश्चात किसकी इबादत करोगे?' उन्होंने कहा, 'हम आपके इष्ट-पूज्य और आपके पूर्वज इबराहीम और इसमाईल और इसहाक़ के इष्ट-पूज्य की बन्दगी करेंगे - जो अकेला इष्ट-पूज्य है, और हम उसी के आज्ञाकारी (मुस्लिम) हैं।' ([२] अल बकराह: 133)Tafseer (तफ़सीर )
تِلْكَ اُمَّةٌ قَدْ خَلَتْ ۚ لَهَا مَا كَسَبَتْ وَلَكُمْ مَّا كَسَبْتُمْ ۚ وَلَا تُسْـَٔلُوْنَ عَمَّا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ ١٣٤
- til'ka
- تِلْكَ
- ये
- ummatun
- أُمَّةٌ
- एक उम्मत थी
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- khalat
- خَلَتْۖ
- वो गुज़र गई
- lahā
- لَهَا
- उसके लिए है
- mā
- مَا
- जो
- kasabat
- كَسَبَتْ
- उसने कमाया
- walakum
- وَلَكُم
- और तुम्हारे लिए है
- mā
- مَّا
- जो
- kasabtum
- كَسَبْتُمْۖ
- कमाया तुमने
- walā
- وَلَا
- और ना
- tus'alūna
- تُسْـَٔلُونَ
- तुम सवाल किए जाओगे
- ʿammā
- عَمَّا
- उसके बारे में जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yaʿmalūna
- يَعْمَلُونَ
- वो अमल करते
वह एक गिरोह था जो गुज़र चुका, जो कुछ उसने कमाया वह उसका है, और जो कुछ तुमने कमाया वह तुम्हारा है। और जो कुछ वे करते रहे उसके विषय में तुमसे कोई पूछताछ न की जाएगी ([२] अल बकराह: 134)Tafseer (तफ़सीर )
وَقَالُوْا كُوْنُوْا هُوْدًا اَوْ نَصٰرٰى تَهْتَدُوْا ۗ قُلْ بَلْ مِلَّةَ اِبْرٰهٖمَ حَنِيْفًا ۗوَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِيْنَ ١٣٥
- waqālū
- وَقَالُوا۟
- और उन्होंने कहा
- kūnū
- كُونُوا۟
- हो जाओ
- hūdan
- هُودًا
- यहूदी
- aw
- أَوْ
- या
- naṣārā
- نَصَٰرَىٰ
- नस्रानी
- tahtadū
- تَهْتَدُوا۟ۗ
- तुम हिदायत पा लोगे
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- millata
- مِلَّةَ
- मिल्लत
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِۦمَ
- इब्राहीम की
- ḥanīfan
- حَنِيفًاۖ
- जो यकसू था
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- kāna
- كَانَ
- था वो
- mina
- مِنَ
- मुशरिकीन में से
- l-mush'rikīna
- ٱلْمُشْرِكِينَ
- मुशरिकीन में से
वे कहते हैं, 'यहूदी या ईसाई हो जाओ तो मार्ग पर लोगे।' कहो, 'नहीं, बल्कि इबराहीम का पंथ अपनाओ जो एक (अल्लाह) का हो गया था, और वह बहुदेववादियों में से न था।' ([२] अल बकराह: 135)Tafseer (तफ़सीर )
قُوْلُوْٓا اٰمَنَّا بِاللّٰهِ وَمَآ اُنْزِلَ اِلَيْنَا وَمَآ اُنْزِلَ اِلٰٓى اِبْرٰهٖمَ وَاِسْمٰعِيْلَ وَاِسْحٰقَ وَيَعْقُوْبَ وَالْاَسْبَاطِ وَمَآ اُوْتِيَ مُوْسٰى وَعِيْسٰى وَمَآ اُوْتِيَ النَّبِيُّوْنَ مِنْ رَّبِّهِمْۚ لَا نُفَرِّقُ بَيْنَ اَحَدٍ مِّنْهُمْۖ وَنَحْنُ لَهٗ مُسْلِمُوْنَ ١٣٦
- qūlū
- قُولُوٓا۟
- कहो तुम
- āmannā
- ءَامَنَّا
- ईमान लाए हम
- bil-lahi
- بِٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- wamā
- وَمَآ
- और (उस पर) जो
- unzila
- أُنزِلَ
- नाज़िल किया गया
- ilaynā
- إِلَيْنَا
- तरफ़ हमारे
- wamā
- وَمَآ
- और जो
- unzila
- أُنزِلَ
- नाज़िल किया गया
- ilā
- إِلَىٰٓ
- तरफ़
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِۦمَ
- इब्राहीम के
- wa-is'māʿīla
- وَإِسْمَٰعِيلَ
- और इस्माईल
- wa-is'ḥāqa
- وَإِسْحَٰقَ
- और इस्हाक़
- wayaʿqūba
- وَيَعْقُوبَ
- और याक़ूब
- wal-asbāṭi
- وَٱلْأَسْبَاطِ
- और औलादे याक़ूब के
- wamā
- وَمَآ
- और जो
- ūtiya
- أُوتِىَ
- दिए गए
- mūsā
- مُوسَىٰ
- मूसा
- waʿīsā
- وَعِيسَىٰ
- और ईसा
- wamā
- وَمَآ
- और जो
- ūtiya
- أُوتِىَ
- दिए गए
- l-nabiyūna
- ٱلنَّبِيُّونَ
- तमाम अम्बिया
- min
- مِن
- अपने रब की तरफ़ से
- rabbihim
- رَّبِّهِمْ
- अपने रब की तरफ़ से
- lā
- لَا
- नहीं हम फ़र्क़ करते
- nufarriqu
- نُفَرِّقُ
- नहीं हम फ़र्क़ करते
- bayna
- بَيْنَ
- दर्मियान
- aḥadin
- أَحَدٍ
- किसी एक के
- min'hum
- مِّنْهُمْ
- उनमें से
- wanaḥnu
- وَنَحْنُ
- और हम
- lahu
- لَهُۥ
- उसी के लिए
- mus'limūna
- مُسْلِمُونَ
- फ़रमाबरदार हैं
कहो, 'हम ईमान लाए अल्लाह पर और उस चीज़ पर जो हमारी ओर से उतरी और जो इबराहीम और इसमाईल और इसहाक़ और याक़ूब और उसकी संतान की ओर उतरी, और जो मूसा और ईसा को मिली, और जो सभी नबियों को उनके रब की ओर से प्रदान की गई। हम उनमें से किसी के बीच अन्तर नहीं करते और हम केवल उसी के आज्ञाकारी हैं।' ([२] अल बकराह: 136)Tafseer (तफ़सीर )
فَاِنْ اٰمَنُوْا بِمِثْلِ مَآ اٰمَنْتُمْ بِهٖ فَقَدِ اهْتَدَوْا ۚوَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنَّمَا هُمْ فِيْ شِقَاقٍۚ فَسَيَكْفِيْكَهُمُ اللّٰهُ ۚوَهُوَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُ ۗ ١٣٧
- fa-in
- فَإِنْ
- फिर अगर
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- वो ईमान ले आऐं
- bimith'li
- بِمِثْلِ
- जिस तरह
- mā
- مَآ
- जिस तरह
- āmantum
- ءَامَنتُم
- ईमान लाए तुम
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- faqadi
- فَقَدِ
- पस तहक़ीक़
- ih'tadaw
- ٱهْتَدَوا۟ۖ
- वो हिदायत पा गए
- wa-in
- وَّإِن
- और अगर
- tawallaw
- تَوَلَّوْا۟
- वो मुँह फेर लें
- fa-innamā
- فَإِنَّمَا
- तो बेशक
- hum
- هُمْ
- वो
- fī
- فِى
- इख़्तिलाफ़ में हैं
- shiqāqin
- شِقَاقٍۖ
- इख़्तिलाफ़ में हैं
- fasayakfīkahumu
- فَسَيَكْفِيكَهُمُ
- पस अनक़रीब काफ़ी होगा आपको उनसे
- l-lahu
- ٱللَّهُۚ
- अल्लाह
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- l-samīʿu
- ٱلسَّمِيعُ
- ख़ूब सुनने वाला है
- l-ʿalīmu
- ٱلْعَلِيمُ
- ख़ूब जानने वाला है
फिर यदि वे उसी तरह ईमान लाएँ जिस तरह तुम ईमान लाए हो, तो उन्होंने मार्ग पा लिया। और यदि वे मुँह मोड़े, तो फिर वही विरोध में पड़े हुए है। अतः तुम्हारी जगह स्वयं अल्लाह उनसे निबटने के लिए काफ़ी है; वह सब कुछ सुनता, जानता है ([२] अल बकराह: 137)Tafseer (तफ़सीर )
صِبْغَةَ اللّٰهِ ۚ وَمَنْ اَحْسَنُ مِنَ اللّٰهِ صِبْغَةً ۖ وَّنَحْنُ لَهٗ عٰبِدُوْنَ ١٣٨
- ṣib'ghata
- صِبْغَةَ
- रंग
- l-lahi
- ٱللَّهِۖ
- अल्लाह का
- waman
- وَمَنْ
- और कौन
- aḥsanu
- أَحْسَنُ
- ज़्यादा अच्छा है
- mina
- مِنَ
- अल्लाह से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह से
- ṣib'ghatan
- صِبْغَةًۖ
- रंग में
- wanaḥnu
- وَنَحْنُ
- और हम
- lahu
- لَهُۥ
- उसी की
- ʿābidūna
- عَٰبِدُونَ
- इबादत करने वाले हैं
(कहो,) 'अल्लाह का रंग ग्रहण करो, उसके रंग से अच्छा और किसका रंह हो सकता है? और हम तो उसी की बन्दगी करते हैं।' ([२] अल बकराह: 138)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ اَتُحَاۤجُّوْنَنَا فِى اللّٰهِ وَهُوَ رَبُّنَا وَرَبُّكُمْۚ وَلَنَآ اَعْمَالُنَا وَلَكُمْ اَعْمَالُكُمْۚ وَنَحْنُ لَهٗ مُخْلِصُوْنَ ۙ ١٣٩
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- atuḥājjūnanā
- أَتُحَآجُّونَنَا
- क्या तुम झगड़ा करते हो हमसे
- fī
- فِى
- अल्लाह के बारे में
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के बारे में
- wahuwa
- وَهُوَ
- हालाँकि वो
- rabbunā
- رَبُّنَا
- रब है हमारा
- warabbukum
- وَرَبُّكُمْ
- और रब है तुम्हारा
- walanā
- وَلَنَآ
- और हमारे लिए हैं
- aʿmālunā
- أَعْمَٰلُنَا
- आमाल हमारे
- walakum
- وَلَكُمْ
- और तुम्हारे लिए हैं
- aʿmālukum
- أَعْمَٰلُكُمْ
- आमाल तुम्हारे
- wanaḥnu
- وَنَحْنُ
- और हम
- lahu
- لَهُۥ
- उसी के लिए
- mukh'liṣūna
- مُخْلِصُونَ
- मुख़लिस हैं
कहो, 'क्या तुम अल्लाह के विषय में हमसे झगड़ते हो, हालाँकि वही हमारा रब भी है, और तुम्हारा रब भी? और हमारे लिए हमारे कर्म हैं और तुम्हारे लिए तुम्हारे कर्म। और हम तो बस निरे उसी के है।' ([२] अल बकराह: 139)Tafseer (तफ़सीर )
اَمْ تَقُوْلُوْنَ اِنَّ اِبْرٰهٖمَ وَاِسْمٰعِيْلَ وَاِسْحٰقَ وَيَعْقُوْبَ وَالْاَسْبَاطَ كَانُوْا هُوْدًا اَوْ نَصٰرٰى ۗ قُلْ ءَاَنْتُمْ اَعْلَمُ اَمِ اللّٰهُ ۗ وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنْ كَتَمَ شَهَادَةً عِنْدَهٗ مِنَ اللّٰهِ ۗ وَمَا اللّٰهُ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ١٤٠
- am
- أَمْ
- या
- taqūlūna
- تَقُولُونَ
- तुम कहते हो
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِۦمَ
- इब्राहीम
- wa-is'māʿīla
- وَإِسْمَٰعِيلَ
- और इस्माईल
- wa-is'ḥāqa
- وَإِسْحَٰقَ
- और इस्हाक़
- wayaʿqūba
- وَيَعْقُوبَ
- और याक़ूब
- wal-asbāṭa
- وَٱلْأَسْبَاطَ
- और औलादे याक़ूब
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- hūdan
- هُودًا
- यहूदी
- aw
- أَوْ
- या
- naṣārā
- نَصَٰرَىٰۗ
- नस्रानी
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- a-antum
- ءَأَنتُمْ
- क्या तुम
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानते हो
- ami
- أَمِ
- या
- l-lahu
- ٱللَّهُۗ
- अल्लाह
- waman
- وَمَنْ
- और कौन
- aẓlamu
- أَظْلَمُ
- बड़ा ज़ालिम है
- mimman
- مِمَّن
- उससे जो
- katama
- كَتَمَ
- छुपाए
- shahādatan
- شَهَٰدَةً
- गवाही को
- ʿindahu
- عِندَهُۥ
- जो पास है उसके
- mina
- مِنَ
- अल्लाह की तरफ़ से
- l-lahi
- ٱللَّهِۗ
- अल्लाह की तरफ़ से
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- bighāfilin
- بِغَٰفِلٍ
- ग़ाफ़िल
- ʿammā
- عَمَّا
- उससे जो
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते हो
या तुम कहते हो कि इबराहीम और इसमाईल और इसहाक़ और याक़ूब और उनकी संतान सब के सब यहूदी या ईसाई थे? कहो, 'तुम अधिक जानते हो या अल्लाह? और उससे बढ़कर ज़ालिम कौन होगा, जिसके पास अल्लाह की ओर से आई हुई कोई गवाही हो, और वह उसे छिपाए? और जो कुछ तुम कर रहे हो, अल्लाह उससे बेखबर नहीं है।' ([२] अल बकराह: 140)Tafseer (तफ़सीर )