८१
وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اٰلِهَةً لِّيَكُوْنُوْا لَهُمْ عِزًّا ۙ ٨١
- wa-ittakhadhū
- وَٱتَّخَذُوا۟
- और उन्होंने बना लिए
- min
- مِن
- सिवाय
- dūni
- دُونِ
- सिवाय
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- ālihatan
- ءَالِهَةً
- कुछ इलाह
- liyakūnū
- لِّيَكُونُوا۟
- ताकि वो हों
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- ʿizzan
- عِزًّا
- इज़्ज़त का सबब
और उन्होंने अल्लाह से इतर अपने कुछ पूज्य-प्रभु बना लिए है, ताकि वे उनके लिए शक्ति का कारण बनें। ([१९] मरियम: 81)Tafseer (तफ़सीर )
८२
كَلَّا ۗسَيَكْفُرُوْنَ بِعِبَادَتِهِمْ وَيَكُوْنُوْنَ عَلَيْهِمْ ضِدًّا ࣖ ٨٢
- kallā
- كَلَّاۚ
- हरगिज़ नहीं
- sayakfurūna
- سَيَكْفُرُونَ
- अनक़रीब वो इन्कार करेंगे
- biʿibādatihim
- بِعِبَادَتِهِمْ
- उनकी इबादत का
- wayakūnūna
- وَيَكُونُونَ
- और वो हो जाऐंगे
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उनके
- ḍiddan
- ضِدًّا
- मुख़ालिफ़
कुछ नहीं, ये उनकी बन्दगी का इनकार करेंगे और उनके विरोधी बन जाएँगे। - ([१९] मरियम: 82)Tafseer (तफ़सीर )
८३
اَلَمْ تَرَ اَنَّآ اَرْسَلْنَا الشَّيٰطِيْنَ عَلَى الْكٰفِرِيْنَ تَؤُزُّهُمْ اَزًّا ۙ ٨٣
- alam
- أَلَمْ
- क्या नहीं
- tara
- تَرَ
- आपने देखा
- annā
- أَنَّآ
- बेशक हम
- arsalnā
- أَرْسَلْنَا
- छोड़ रखा है हमने
- l-shayāṭīna
- ٱلشَّيَٰطِينَ
- शैतानों को
- ʿalā
- عَلَى
- काफ़िरों पर
- l-kāfirīna
- ٱلْكَٰفِرِينَ
- काफ़िरों पर
- ta-uzzuhum
- تَؤُزُّهُمْ
- वो उकसाते हैं उन्हें
- azzan
- أَزًّا
- ख़ूब उकसाना
क्या तुमने देखा नहीं कि हमने शैतानों को छोड़ रखा है, जो इनकार करनेवालों पर नियुक्त है? ([१९] मरियम: 83)Tafseer (तफ़सीर )
८४
فَلَا تَعْجَلْ عَلَيْهِمْۗ اِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمْ عَدًّا ۗ ٨٤
- falā
- فَلَا
- तो ना
- taʿjal
- تَعْجَلْ
- आप जल्दी कीजिए
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْۖ
- उन पर
- innamā
- إِنَّمَا
- बेशक
- naʿuddu
- نَعُدُّ
- हम गिन रहे हैं
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- ʿaddan
- عَدًّا
- ख़ूब गिनना
अतः तुम उनके लिए जल्दी न करो। हम तो बस उनके लिए (उनकी बातें) गिन रहे है ([१९] मरियम: 84)Tafseer (तफ़सीर )
८५
يَوْمَ نَحْشُرُ الْمُتَّقِيْنَ اِلَى الرَّحْمٰنِ وَفْدًا ٨٥
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- naḥshuru
- نَحْشُرُ
- हम इकट्ठा करेंगे
- l-mutaqīna
- ٱلْمُتَّقِينَ
- मुत्तक़ी लोगों को
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ रहमान के
- l-raḥmāni
- ٱلرَّحْمَٰنِ
- तरफ़ रहमान के
- wafdan
- وَفْدًا
- मेहमान बनाकर
याद करो जिस दिन हम डर रखनेवालों के सम्मानित गिरोह के रूप में रहमान के पास इकट्ठा करेंगे। ([१९] मरियम: 85)Tafseer (तफ़सीर )
८६
وَنَسُوْقُ الْمُجْرِمِيْنَ اِلٰى جَهَنَّمَ وِرْدًا ۘ ٨٦
- wanasūqu
- وَنَسُوقُ
- और हम हाँक ले जाऐंगे
- l-muj'rimīna
- ٱلْمُجْرِمِينَ
- मुजरिमों को
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ जहन्नम के
- jahannama
- جَهَنَّمَ
- तरफ़ जहन्नम के
- wir'dan
- وِرْدًا
- सख़्त प्यासे
और अपराधियों को जहन्नम के घाट की ओर प्यासा हाँक ले जाएँगे। ([१९] मरियम: 86)Tafseer (तफ़सीर )
८७
لَا يَمْلِكُوْنَ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۘ ٨٧
- lā
- لَّا
- ना वो मालिक होंगे
- yamlikūna
- يَمْلِكُونَ
- ना वो मालिक होंगे
- l-shafāʿata
- ٱلشَّفَٰعَةَ
- शफ़ाअत के
- illā
- إِلَّا
- मगर
- mani
- مَنِ
- जिसने
- ittakhadha
- ٱتَّخَذَ
- ले लिया
- ʿinda
- عِندَ
- रहमान से
- l-raḥmāni
- ٱلرَّحْمَٰنِ
- रहमान से
- ʿahdan
- عَهْدًا
- कोई अहद
उन्हें सिफ़ारिश का अधिकार प्राप्त न होगा। सिवाय उसके, जिसने रहमान के यहाँ से अनुमोदन प्राप्त कर लिया हो ([१९] मरियम: 87)Tafseer (तफ़सीर )
८८
وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمٰنُ وَلَدًا ۗ ٨٨
- waqālū
- وَقَالُوا۟
- और उन्होंने कहा
- ittakhadha
- ٱتَّخَذَ
- बना ली है
- l-raḥmānu
- ٱلرَّحْمَٰنُ
- रहमान ने
- waladan
- وَلَدًا
- कोई औलाद
वे कहते है, 'रहमान ने किसी को अपना बेटा बनाया है।' ([१९] मरियम: 88)Tafseer (तफ़सीर )
८९
لَقَدْ جِئْتُمْ شَيْـًٔا اِدًّا ۙ ٨٩
- laqad
- لَّقَدْ
- अलबत्ता तहक़ीक़
- ji'tum
- جِئْتُمْ
- लाए हो तुम
- shayan
- شَيْـًٔا
- एक चीज़
- iddan
- إِدًّا
- बहुत भारी
अत्यन्त भारी बात है, जो तुम घड़ लाए हो! ([१९] मरियम: 89)Tafseer (तफ़सीर )
९०
تَكَادُ السَّمٰوٰتُ يَتَفَطَّرْنَ مِنْهُ وَتَنْشَقُّ الْاَرْضُ وَتَخِرُّ الْجِبَالُ هَدًّا ۙ ٩٠
- takādu
- تَكَادُ
- क़रीब है
- l-samāwātu
- ٱلسَّمَٰوَٰتُ
- आसमान
- yatafaṭṭarna
- يَتَفَطَّرْنَ
- कि वो फट पड़ें
- min'hu
- مِنْهُ
- उससे
- watanshaqqu
- وَتَنشَقُّ
- और शक़ हो जाए
- l-arḍu
- ٱلْأَرْضُ
- ज़मीन
- watakhirru
- وَتَخِرُّ
- और गिर पड़ें
- l-jibālu
- ٱلْجِبَالُ
- पहाड़
- haddan
- هَدًّا
- रेज़ा-रेज़ा होकर
निकट है कि आकाश इससे फट पड़े और धरती टुकड़े-टुकड़े हो जाए और पहाड़ धमाके के साथ गिर पड़े, ([१९] मरियम: 90)Tafseer (तफ़सीर )