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सूरा मरियम - Page: 9

Maryam

(मरयम)

८१

وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اٰلِهَةً لِّيَكُوْنُوْا لَهُمْ عِزًّا ۙ ٨١

wa-ittakhadhū
وَٱتَّخَذُوا۟
और उन्होंने बना लिए
min
مِن
सिवाय
dūni
دُونِ
सिवाय
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
ālihatan
ءَالِهَةً
कुछ इलाह
liyakūnū
لِّيَكُونُوا۟
ताकि वो हों
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ʿizzan
عِزًّا
इज़्ज़त का सबब
और उन्होंने अल्लाह से इतर अपने कुछ पूज्य-प्रभु बना लिए है, ताकि वे उनके लिए शक्ति का कारण बनें। ([१९] मरियम: 81)
Tafseer (तफ़सीर )
८२

كَلَّا ۗسَيَكْفُرُوْنَ بِعِبَادَتِهِمْ وَيَكُوْنُوْنَ عَلَيْهِمْ ضِدًّا ࣖ ٨٢

kallā
كَلَّاۚ
हरगिज़ नहीं
sayakfurūna
سَيَكْفُرُونَ
अनक़रीब वो इन्कार करेंगे
biʿibādatihim
بِعِبَادَتِهِمْ
उनकी इबादत का
wayakūnūna
وَيَكُونُونَ
और वो हो जाऐंगे
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उनके
ḍiddan
ضِدًّا
मुख़ालिफ़
कुछ नहीं, ये उनकी बन्दगी का इनकार करेंगे और उनके विरोधी बन जाएँगे। - ([१९] मरियम: 82)
Tafseer (तफ़सीर )
८३

اَلَمْ تَرَ اَنَّآ اَرْسَلْنَا الشَّيٰطِيْنَ عَلَى الْكٰفِرِيْنَ تَؤُزُّهُمْ اَزًّا ۙ ٨٣

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
tara
تَرَ
आपने देखा
annā
أَنَّآ
बेशक हम
arsalnā
أَرْسَلْنَا
छोड़ रखा है हमने
l-shayāṭīna
ٱلشَّيَٰطِينَ
शैतानों को
ʿalā
عَلَى
काफ़िरों पर
l-kāfirīna
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों पर
ta-uzzuhum
تَؤُزُّهُمْ
वो उकसाते हैं उन्हें
azzan
أَزًّا
ख़ूब उकसाना
क्या तुमने देखा नहीं कि हमने शैतानों को छोड़ रखा है, जो इनकार करनेवालों पर नियुक्त है? ([१९] मरियम: 83)
Tafseer (तफ़सीर )
८४

فَلَا تَعْجَلْ عَلَيْهِمْۗ اِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمْ عَدًّا ۗ ٨٤

falā
فَلَا
तो ना
taʿjal
تَعْجَلْ
आप जल्दी कीजिए
ʿalayhim
عَلَيْهِمْۖ
उन पर
innamā
إِنَّمَا
बेशक
naʿuddu
نَعُدُّ
हम गिन रहे हैं
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ʿaddan
عَدًّا
ख़ूब गिनना
अतः तुम उनके लिए जल्दी न करो। हम तो बस उनके लिए (उनकी बातें) गिन रहे है ([१९] मरियम: 84)
Tafseer (तफ़सीर )
८५

يَوْمَ نَحْشُرُ الْمُتَّقِيْنَ اِلَى الرَّحْمٰنِ وَفْدًا ٨٥

yawma
يَوْمَ
जिस दिन
naḥshuru
نَحْشُرُ
हम इकट्ठा करेंगे
l-mutaqīna
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों को
ilā
إِلَى
तरफ़ रहमान के
l-raḥmāni
ٱلرَّحْمَٰنِ
तरफ़ रहमान के
wafdan
وَفْدًا
मेहमान बनाकर
याद करो जिस दिन हम डर रखनेवालों के सम्मानित गिरोह के रूप में रहमान के पास इकट्ठा करेंगे। ([१९] मरियम: 85)
Tafseer (तफ़सीर )
८६

وَنَسُوْقُ الْمُجْرِمِيْنَ اِلٰى جَهَنَّمَ وِرْدًا ۘ ٨٦

wanasūqu
وَنَسُوقُ
और हम हाँक ले जाऐंगे
l-muj'rimīna
ٱلْمُجْرِمِينَ
मुजरिमों को
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ जहन्नम के
jahannama
جَهَنَّمَ
तरफ़ जहन्नम के
wir'dan
وِرْدًا
सख़्त प्यासे
और अपराधियों को जहन्नम के घाट की ओर प्यासा हाँक ले जाएँगे। ([१९] मरियम: 86)
Tafseer (तफ़सीर )
८७

لَا يَمْلِكُوْنَ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۘ ٨٧

لَّا
ना वो मालिक होंगे
yamlikūna
يَمْلِكُونَ
ना वो मालिक होंगे
l-shafāʿata
ٱلشَّفَٰعَةَ
शफ़ाअत के
illā
إِلَّا
मगर
mani
مَنِ
जिसने
ittakhadha
ٱتَّخَذَ
ले लिया
ʿinda
عِندَ
रहमान से
l-raḥmāni
ٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान से
ʿahdan
عَهْدًا
कोई अहद
उन्हें सिफ़ारिश का अधिकार प्राप्त न होगा। सिवाय उसके, जिसने रहमान के यहाँ से अनुमोदन प्राप्त कर लिया हो ([१९] मरियम: 87)
Tafseer (तफ़सीर )
८८

وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمٰنُ وَلَدًا ۗ ٨٨

waqālū
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
ittakhadha
ٱتَّخَذَ
बना ली है
l-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान ने
waladan
وَلَدًا
कोई औलाद
वे कहते है, 'रहमान ने किसी को अपना बेटा बनाया है।' ([१९] मरियम: 88)
Tafseer (तफ़सीर )
८९

لَقَدْ جِئْتُمْ شَيْـًٔا اِدًّا ۙ ٨٩

laqad
لَّقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
ji'tum
جِئْتُمْ
लाए हो तुम
shayan
شَيْـًٔا
एक चीज़
iddan
إِدًّا
बहुत भारी
अत्यन्त भारी बात है, जो तुम घड़ लाए हो! ([१९] मरियम: 89)
Tafseer (तफ़सीर )
९०

تَكَادُ السَّمٰوٰتُ يَتَفَطَّرْنَ مِنْهُ وَتَنْشَقُّ الْاَرْضُ وَتَخِرُّ الْجِبَالُ هَدًّا ۙ ٩٠

takādu
تَكَادُ
क़रीब है
l-samāwātu
ٱلسَّمَٰوَٰتُ
आसमान
yatafaṭṭarna
يَتَفَطَّرْنَ
कि वो फट पड़ें
min'hu
مِنْهُ
उससे
watanshaqqu
وَتَنشَقُّ
और शक़ हो जाए
l-arḍu
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन
watakhirru
وَتَخِرُّ
और गिर पड़ें
l-jibālu
ٱلْجِبَالُ
पहाड़
haddan
هَدًّا
रेज़ा-रेज़ा होकर
निकट है कि आकाश इससे फट पड़े और धरती टुकड़े-टुकड़े हो जाए और पहाड़ धमाके के साथ गिर पड़े, ([१९] मरियम: 90)
Tafseer (तफ़सीर )