وَاِنْ مِّنْكُمْ اِلَّا وَارِدُهَا ۚ كَانَ عَلٰى رَبِّكَ حَتْمًا مَّقْضِيًّا ۚ ٧١
- wa-in
- وَإِن
- और नहीं
- minkum
- مِّنكُمْ
- तुम में से कोई
- illā
- إِلَّا
- मगर
- wāriduhā
- وَارِدُهَاۚ
- वारिद होने वाला है उस पर
- kāna
- كَانَ
- है
- ʿalā
- عَلَىٰ
- आपके रब पर
- rabbika
- رَبِّكَ
- आपके रब पर
- ḥatman
- حَتْمًا
- हतमी/लाज़िम
- maqḍiyyan
- مَّقْضِيًّا
- तयशुदा फ़ैसला
तुममें से प्रत्येक को उसपर पहुँचना ही है। यह एक निश्चय पाई हुई बात है, जिसे पूरा करना तेरे रब के ज़िम्मे है। ([१९] मरियम: 71)Tafseer (तफ़सीर )
ثُمَّ نُنَجِّى الَّذِيْنَ اتَّقَوْا وَّنَذَرُ الظّٰلِمِيْنَ فِيْهَا جِثِيًّا ٧٢
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- nunajjī
- نُنَجِّى
- हम निजात देंगे
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनको जिन्होंने
- ittaqaw
- ٱتَّقَوا۟
- तक़वा किया
- wanadharu
- وَّنَذَرُ
- और हम छोड़ देंगे
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- ज़लिमों को
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- jithiyyan
- جِثِيًّا
- घुटनों के बल गिरा हुआ
फिर हम डर रखनेवालों को बचा लेंगे और ज़ालिमों को उसमें घुटनों के बल छोड़ देंगे ([१९] मरियम: 72)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذَا تُتْلٰى عَلَيْهِمْ اٰيٰتُنَا بَيِّنٰتٍ قَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓاۙ اَيُّ الْفَرِيْقَيْنِ خَيْرٌ مَّقَامًا وَّاَحْسَنُ نَدِيًّا ٧٣
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- tut'lā
- تُتْلَىٰ
- पढ़ी जाती हैं
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- āyātunā
- ءَايَٰتُنَا
- आयात हमारी
- bayyinātin
- بَيِّنَٰتٍ
- वाज़ेह
- qāla
- قَالَ
- कहते हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- lilladhīna
- لِلَّذِينَ
- उनसे जो
- āmanū
- ءَامَنُوٓا۟
- ईमान लाए
- ayyu
- أَىُّ
- कौन सा
- l-farīqayni
- ٱلْفَرِيقَيْنِ
- दोनों फ़रीक़ों में से
- khayrun
- خَيْرٌ
- बेहतर है
- maqāman
- مَّقَامًا
- मक़ाम में
- wa-aḥsanu
- وَأَحْسَنُ
- और ख़ूबतर
- nadiyyan
- نَدِيًّا
- मजलिस में
जब उन्हें हमारी खुली हुई आयतें सुनाई जाती है तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे ईमान लानेवालों से कहते हैं, 'दोनों गिरोहों में स्थान की स्पष्ट से कौन उत्तम है और कौन मजलिस की दृष्टि से अधिक अच्छा है?' ([१९] मरियम: 73)Tafseer (तफ़सीर )
وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ هُمْ اَحْسَنُ اَثَاثًا وَّرِءْيًا ٧٤
- wakam
- وَكَمْ
- और कितनी ही
- ahlaknā
- أَهْلَكْنَا
- हलाक कर दीं हमने
- qablahum
- قَبْلَهُم
- इनसे पहले
- min
- مِّن
- उम्मतें
- qarnin
- قَرْنٍ
- उम्मतें
- hum
- هُمْ
- वो
- aḥsanu
- أَحْسَنُ
- ज़्यादा अच्छे थे
- athāthan
- أَثَٰثًا
- साज़ो सामान में
- wari'yan
- وَرِءْيًا
- और नमूद व नुमाइश में
हालाँकि उनसे पहले हम कितनी ही नसलों को विनष्ट कर चुके है जो सामग्री और बाह्य भव्यता में इनसे कहीं अच्छी थीं! ([१९] मरियम: 74)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ مَنْ كَانَ فِى الضَّلٰلَةِ فَلْيَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمٰنُ مَدًّا ەۚ حَتّٰىٓ اِذَا رَاَوْا مَا يُوْعَدُوْنَ اِمَّا الْعَذَابَ وَاِمَّا السَّاعَةَ ۗفَسَيَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضْعَفُ جُنْدًا ٧٥
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- man
- مَن
- जो कोई
- kāna
- كَانَ
- है
- fī
- فِى
- गुमराही में
- l-ḍalālati
- ٱلضَّلَٰلَةِ
- गुमराही में
- falyamdud
- فَلْيَمْدُدْ
- पस ज़रूर ढील देता है
- lahu
- لَهُ
- उसे
- l-raḥmānu
- ٱلرَّحْمَٰنُ
- रहमान
- maddan
- مَدًّاۚ
- ख़ूब ढील देना
- ḥattā
- حَتَّىٰٓ
- यहाँ तक कि
- idhā
- إِذَا
- जब
- ra-aw
- رَأَوْا۟
- वो देख लेंगे
- mā
- مَا
- जो
- yūʿadūna
- يُوعَدُونَ
- वो वादा किए जाते हैं
- immā
- إِمَّا
- ख़्वाह
- l-ʿadhāba
- ٱلْعَذَابَ
- अज़ाब हो
- wa-immā
- وَإِمَّا
- और ख़्वाह
- l-sāʿata
- ٱلسَّاعَةَ
- क़यामत हो
- fasayaʿlamūna
- فَسَيَعْلَمُونَ
- तो अनक़रीब वो जान लेंगे
- man
- مَنْ
- कौन है
- huwa
- هُوَ
- वो (जो)
- sharrun
- شَرٌّ
- बेहतर है
- makānan
- مَّكَانًا
- मक़ाम में
- wa-aḍʿafu
- وَأَضْعَفُ
- और कमज़ोर तर
- jundan
- جُندًا
- लश्कर के ऐतबार से
कह दो, 'जो गुमराही में पड़ा हुआ है उसके प्रति तो यही चाहिए कि रहमान उसकी रस्सी ख़ूब ढीली छोड़ दे, यहाँ तक कि जब ऐसे लोग उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है - चाहे यातना हो या क़ियामत की घड़ी - तो वे उस समय जान लेंगे कि अपने स्थान की स्पष्ट से कौन निकृष्ट और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमजोर है।' ([१९] मरियम: 75)Tafseer (तफ़सीर )
وَيَزِيْدُ اللّٰهُ الَّذِيْنَ اهْتَدَوْا هُدًىۗ وَالْبٰقِيٰتُ الصّٰلِحٰتُ خَيْرٌ عِنْدَ رَبِّكَ ثَوَابًا وَّخَيْرٌ مَّرَدًّا ٧٦
- wayazīdu
- وَيَزِيدُ
- और ज़्यादा करता है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनको जिन्होंने
- ih'tadaw
- ٱهْتَدَوْا۟
- हिदायत पाई
- hudan
- هُدًىۗ
- हिदायत में
- wal-bāqiyātu
- وَٱلْبَٰقِيَٰتُ
- और बाक़ी रहने वाली
- l-ṣāliḥātu
- ٱلصَّٰلِحَٰتُ
- नेकियाँ
- khayrun
- خَيْرٌ
- बेहतर हैं
- ʿinda
- عِندَ
- नज़दीक
- rabbika
- رَبِّكَ
- आपके रब के
- thawāban
- ثَوَابًا
- सवाब में
- wakhayrun
- وَخَيْرٌ
- और बेहतर हैं
- maraddan
- مَّرَدًّا
- अंजाम में
और जिन लोगों ने मार्ग पा लिया है, अल्लाह उनके मार्गदर्शन में अभिवृद्धि प्रदान करता है और शेष रहनेवाली नेकियाँ ही तुम्हारे रब के यहाँ बदले और अन्तिम परिणाम की स्पष्ट से उत्तम है ([१९] मरियम: 76)Tafseer (तफ़सीर )
اَفَرَاَيْتَ الَّذِيْ كَفَرَ بِاٰيٰتِنَا وَقَالَ لَاُوْتَيَنَّ مَالًا وَّوَلَدًا ۗ ٧٧
- afara-ayta
- أَفَرَءَيْتَ
- क्या फिर देखा आपने
- alladhī
- ٱلَّذِى
- उसे जिसने
- kafara
- كَفَرَ
- कुफ़्र किया
- biāyātinā
- بِـَٔايَٰتِنَا
- साथ हमारी आयात के
- waqāla
- وَقَالَ
- और कहा
- laūtayanna
- لَأُوتَيَنَّ
- अलबत्ता मैं ज़रूर दिया जाऊँगा
- mālan
- مَالًا
- माल
- wawaladan
- وَوَلَدًا
- और औलाद
फिर क्या तुमने उस व्यक्ति को देखा जिसने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, 'मुझे तो अवश्य ही धन और सन्तान मिलने को है?' ([१९] मरियम: 77)Tafseer (तफ़सीर )
اَطَّلَعَ الْغَيْبَ اَمِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۙ ٧٨
- aṭṭalaʿa
- أَطَّلَعَ
- क्या वो मुत्तला हो गया है
- l-ghayba
- ٱلْغَيْبَ
- ग़ैब पर
- ami
- أَمِ
- या
- ittakhadha
- ٱتَّخَذَ
- उसने ले रखा है
- ʿinda
- عِندَ
- रहमान के यहाँ
- l-raḥmāni
- ٱلرَّحْمَٰنِ
- रहमान के यहाँ
- ʿahdan
- عَهْدًا
- कोई अहद
क्या उसने परोक्ष को झाँककर देख लिया है, या रहमान से कोई वचन ले रखा है? ([१९] मरियम: 78)Tafseer (तफ़सीर )
كَلَّاۗ سَنَكْتُبُ مَا يَقُوْلُ وَنَمُدُّ لَهٗ مِنَ الْعَذَابِ مَدًّا ۙ ٧٩
- kallā
- كَلَّاۚ
- हरगिज़ नहीं
- sanaktubu
- سَنَكْتُبُ
- अनक़रीब हम लिख लेंगे
- mā
- مَا
- जो
- yaqūlu
- يَقُولُ
- वो कहता है
- wanamuddu
- وَنَمُدُّ
- और हम बढ़ाते जाऐंगे
- lahu
- لَهُۥ
- उसके लिए
- mina
- مِنَ
- अज़ाब में से
- l-ʿadhābi
- ٱلْعَذَابِ
- अज़ाब में से
- maddan
- مَدًّا
- बढ़ाना
कदापि नहीं, हम लिखेंगे जो कुछ वह कहता है और उसके लिए हम यातना को दीर्घ करते चले जाएँगे। ([१९] मरियम: 79)Tafseer (तफ़सीर )
وَّنَرِثُهٗ مَا يَقُوْلُ وَيَأْتِيْنَا فَرْدًا ٨٠
- wanarithuhu
- وَنَرِثُهُۥ
- और हम वारिस होंगे उसके
- mā
- مَا
- जो
- yaqūlu
- يَقُولُ
- वो कहता है
- wayatīnā
- وَيَأْتِينَا
- और वो आएगा हमारे पास
- fardan
- فَرْدًا
- अकेला
औऱ जो कुछ वह बताता है उसके वारिस हम होंगे और वह अकेला ही हमारे पास आएगा ([१९] मरियम: 80)Tafseer (तफ़सीर )