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सूरा मरियम - Page: 8

Maryam

(मरयम)

७१

وَاِنْ مِّنْكُمْ اِلَّا وَارِدُهَا ۚ كَانَ عَلٰى رَبِّكَ حَتْمًا مَّقْضِيًّا ۚ ٧١

wa-in
وَإِن
और नहीं
minkum
مِّنكُمْ
तुम में से कोई
illā
إِلَّا
मगर
wāriduhā
وَارِدُهَاۚ
वारिद होने वाला है उस पर
kāna
كَانَ
है
ʿalā
عَلَىٰ
आपके रब पर
rabbika
رَبِّكَ
आपके रब पर
ḥatman
حَتْمًا
हतमी/लाज़िम
maqḍiyyan
مَّقْضِيًّا
तयशुदा फ़ैसला
तुममें से प्रत्येक को उसपर पहुँचना ही है। यह एक निश्चय पाई हुई बात है, जिसे पूरा करना तेरे रब के ज़िम्मे है। ([१९] मरियम: 71)
Tafseer (तफ़सीर )
७२

ثُمَّ نُنَجِّى الَّذِيْنَ اتَّقَوْا وَّنَذَرُ الظّٰلِمِيْنَ فِيْهَا جِثِيًّا ٧٢

thumma
ثُمَّ
फिर
nunajjī
نُنَجِّى
हम निजात देंगे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
ittaqaw
ٱتَّقَوا۟
तक़वा किया
wanadharu
وَّنَذَرُ
और हम छोड़ देंगे
l-ẓālimīna
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़लिमों को
fīhā
فِيهَا
उसमें
jithiyyan
جِثِيًّا
घुटनों के बल गिरा हुआ
फिर हम डर रखनेवालों को बचा लेंगे और ज़ालिमों को उसमें घुटनों के बल छोड़ देंगे ([१९] मरियम: 72)
Tafseer (तफ़सीर )
७३

وَاِذَا تُتْلٰى عَلَيْهِمْ اٰيٰتُنَا بَيِّنٰتٍ قَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓاۙ اَيُّ الْفَرِيْقَيْنِ خَيْرٌ مَّقَامًا وَّاَحْسَنُ نَدِيًّا ٧٣

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
tut'lā
تُتْلَىٰ
पढ़ी जाती हैं
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
āyātunā
ءَايَٰتُنَا
आयात हमारी
bayyinātin
بَيِّنَٰتٍ
वाज़ेह
qāla
قَالَ
कहते हैं
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
lilladhīna
لِلَّذِينَ
उनसे जो
āmanū
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए
ayyu
أَىُّ
कौन सा
l-farīqayni
ٱلْفَرِيقَيْنِ
दोनों फ़रीक़ों में से
khayrun
خَيْرٌ
बेहतर है
maqāman
مَّقَامًا
मक़ाम में
wa-aḥsanu
وَأَحْسَنُ
और ख़ूबतर
nadiyyan
نَدِيًّا
मजलिस में
जब उन्हें हमारी खुली हुई आयतें सुनाई जाती है तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे ईमान लानेवालों से कहते हैं, 'दोनों गिरोहों में स्थान की स्पष्ट से कौन उत्तम है और कौन मजलिस की दृष्टि से अधिक अच्छा है?' ([१९] मरियम: 73)
Tafseer (तफ़सीर )
७४

وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ هُمْ اَحْسَنُ اَثَاثًا وَّرِءْيًا ٧٤

wakam
وَكَمْ
और कितनी ही
ahlaknā
أَهْلَكْنَا
हलाक कर दीं हमने
qablahum
قَبْلَهُم
इनसे पहले
min
مِّن
उम्मतें
qarnin
قَرْنٍ
उम्मतें
hum
هُمْ
वो
aḥsanu
أَحْسَنُ
ज़्यादा अच्छे थे
athāthan
أَثَٰثًا
साज़ो सामान में
wari'yan
وَرِءْيًا
और नमूद व नुमाइश में
हालाँकि उनसे पहले हम कितनी ही नसलों को विनष्ट कर चुके है जो सामग्री और बाह्य भव्यता में इनसे कहीं अच्छी थीं! ([१९] मरियम: 74)
Tafseer (तफ़सीर )
७५

قُلْ مَنْ كَانَ فِى الضَّلٰلَةِ فَلْيَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمٰنُ مَدًّا ەۚ حَتّٰىٓ اِذَا رَاَوْا مَا يُوْعَدُوْنَ اِمَّا الْعَذَابَ وَاِمَّا السَّاعَةَ ۗفَسَيَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضْعَفُ جُنْدًا ٧٥

qul
قُلْ
कह दीजिए
man
مَن
जो कोई
kāna
كَانَ
है
فِى
गुमराही में
l-ḍalālati
ٱلضَّلَٰلَةِ
गुमराही में
falyamdud
فَلْيَمْدُدْ
पस ज़रूर ढील देता है
lahu
لَهُ
उसे
l-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान
maddan
مَدًّاۚ
ख़ूब ढील देना
ḥattā
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
idhā
إِذَا
जब
ra-aw
رَأَوْا۟
वो देख लेंगे
مَا
जो
yūʿadūna
يُوعَدُونَ
वो वादा किए जाते हैं
immā
إِمَّا
ख़्वाह
l-ʿadhāba
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब हो
wa-immā
وَإِمَّا
और ख़्वाह
l-sāʿata
ٱلسَّاعَةَ
क़यामत हो
fasayaʿlamūna
فَسَيَعْلَمُونَ
तो अनक़रीब वो जान लेंगे
man
مَنْ
कौन है
huwa
هُوَ
वो (जो)
sharrun
شَرٌّ
बेहतर है
makānan
مَّكَانًا
मक़ाम में
wa-aḍʿafu
وَأَضْعَفُ
और कमज़ोर तर
jundan
جُندًا
लश्कर के ऐतबार से
कह दो, 'जो गुमराही में पड़ा हुआ है उसके प्रति तो यही चाहिए कि रहमान उसकी रस्सी ख़ूब ढीली छोड़ दे, यहाँ तक कि जब ऐसे लोग उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है - चाहे यातना हो या क़ियामत की घड़ी - तो वे उस समय जान लेंगे कि अपने स्थान की स्पष्ट से कौन निकृष्ट और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमजोर है।' ([१९] मरियम: 75)
Tafseer (तफ़सीर )
७६

وَيَزِيْدُ اللّٰهُ الَّذِيْنَ اهْتَدَوْا هُدًىۗ وَالْبٰقِيٰتُ الصّٰلِحٰتُ خَيْرٌ عِنْدَ رَبِّكَ ثَوَابًا وَّخَيْرٌ مَّرَدًّا ٧٦

wayazīdu
وَيَزِيدُ
और ज़्यादा करता है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
ih'tadaw
ٱهْتَدَوْا۟
हिदायत पाई
hudan
هُدًىۗ
हिदायत में
wal-bāqiyātu
وَٱلْبَٰقِيَٰتُ
और बाक़ी रहने वाली
l-ṣāliḥātu
ٱلصَّٰلِحَٰتُ
नेकियाँ
khayrun
خَيْرٌ
बेहतर हैं
ʿinda
عِندَ
नज़दीक
rabbika
رَبِّكَ
आपके रब के
thawāban
ثَوَابًا
सवाब में
wakhayrun
وَخَيْرٌ
और बेहतर हैं
maraddan
مَّرَدًّا
अंजाम में
और जिन लोगों ने मार्ग पा लिया है, अल्लाह उनके मार्गदर्शन में अभिवृद्धि प्रदान करता है और शेष रहनेवाली नेकियाँ ही तुम्हारे रब के यहाँ बदले और अन्तिम परिणाम की स्पष्ट से उत्तम है ([१९] मरियम: 76)
Tafseer (तफ़सीर )
७७

اَفَرَاَيْتَ الَّذِيْ كَفَرَ بِاٰيٰتِنَا وَقَالَ لَاُوْتَيَنَّ مَالًا وَّوَلَدًا ۗ ٧٧

afara-ayta
أَفَرَءَيْتَ
क्या फिर देखा आपने
alladhī
ٱلَّذِى
उसे जिसने
kafara
كَفَرَ
कुफ़्र किया
biāyātinā
بِـَٔايَٰتِنَا
साथ हमारी आयात के
waqāla
وَقَالَ
और कहा
laūtayanna
لَأُوتَيَنَّ
अलबत्ता मैं ज़रूर दिया जाऊँगा
mālan
مَالًا
माल
wawaladan
وَوَلَدًا
और औलाद
फिर क्या तुमने उस व्यक्ति को देखा जिसने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, 'मुझे तो अवश्य ही धन और सन्तान मिलने को है?' ([१९] मरियम: 77)
Tafseer (तफ़सीर )
७८

اَطَّلَعَ الْغَيْبَ اَمِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۙ ٧٨

aṭṭalaʿa
أَطَّلَعَ
क्या वो मुत्तला हो गया है
l-ghayba
ٱلْغَيْبَ
ग़ैब पर
ami
أَمِ
या
ittakhadha
ٱتَّخَذَ
उसने ले रखा है
ʿinda
عِندَ
रहमान के यहाँ
l-raḥmāni
ٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान के यहाँ
ʿahdan
عَهْدًا
कोई अहद
क्या उसने परोक्ष को झाँककर देख लिया है, या रहमान से कोई वचन ले रखा है? ([१९] मरियम: 78)
Tafseer (तफ़सीर )
७९

كَلَّاۗ سَنَكْتُبُ مَا يَقُوْلُ وَنَمُدُّ لَهٗ مِنَ الْعَذَابِ مَدًّا ۙ ٧٩

kallā
كَلَّاۚ
हरगिज़ नहीं
sanaktubu
سَنَكْتُبُ
अनक़रीब हम लिख लेंगे
مَا
जो
yaqūlu
يَقُولُ
वो कहता है
wanamuddu
وَنَمُدُّ
और हम बढ़ाते जाऐंगे
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
mina
مِنَ
अज़ाब में से
l-ʿadhābi
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में से
maddan
مَدًّا
बढ़ाना
कदापि नहीं, हम लिखेंगे जो कुछ वह कहता है और उसके लिए हम यातना को दीर्घ करते चले जाएँगे। ([१९] मरियम: 79)
Tafseer (तफ़सीर )
८०

وَّنَرِثُهٗ مَا يَقُوْلُ وَيَأْتِيْنَا فَرْدًا ٨٠

wanarithuhu
وَنَرِثُهُۥ
और हम वारिस होंगे उसके
مَا
जो
yaqūlu
يَقُولُ
वो कहता है
wayatīnā
وَيَأْتِينَا
और वो आएगा हमारे पास
fardan
فَرْدًا
अकेला
औऱ जो कुछ वह बताता है उसके वारिस हम होंगे और वह अकेला ही हमारे पास आएगा ([१९] मरियम: 80)
Tafseer (तफ़सीर )